भारत ने 2025–26 के लिए एशियन प्रोडक्टिविटी ऑर्गेनाइजेशन (APO) की अध्यक्षता संभाली

भारत ने एशियन प्रोडक्टिविटी ऑर्गेनाइजेशन (APO) की 2025–26 कार्यकाल के लिए अध्यक्षता ग्रहण कर ली है। यह जिम्मेदारी जकार्ता, इंडोनेशिया में 20–22 मई 2025 के बीच आयोजित 67वीं गवर्निंग बॉडी मीटिंग (GBM) के दौरान सौंपी गई। इस अवसर पर भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व श्री अमरदीप सिंह भाटिया, सचिव, DPIIT और भारत के APO निदेशक ने किया। यह भारत की क्षेत्रीय उत्पादकता और नवाचार एजेंडों में बढ़ती भूमिका को दर्शाता है।

क्यों है यह चर्चा में?

भारत ने 67वीं गवर्निंग बॉडी मीटिंग के दौरान आधिकारिक रूप से APO की अध्यक्षता ग्रहण की, जो एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सतत विकास, डिजिटल परिवर्तन और नवाचार को बढ़ावा देने की उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह भारत के वैश्विक उत्पादकता नेतृत्व की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

मुख्य बिंदु:

  • इवेंट: APO की 67वीं गवर्निंग बॉडी मीटिंग

  • स्थान: जकार्ता, इंडोनेशिया

  • तिथि: 20–22 मई 2025

  • अध्यक्षता कार्यकाल: 2025–2026

  • भारत का प्रतिनिधित्व: श्री अमरदीप सिंह भाटिया, सचिव, DPIIT

भारत की अध्यक्षता के उद्देश्य:

  • APO विजन 2030 के क्रियान्वयन को मजबूत बनाना

  • ग्रीन प्रोडक्टिविटी 2.0 को सतत विकास के ढांचे के रूप में विस्तार देना

  • क्षेत्रीय सहयोग को प्रोत्साहन देना, जैसे:

    • डिजिटल परिवर्तन

    • नवाचार

    • उद्यमिता

    • समावेशिता और परिणाम आधारित कार्यक्रम

APO का परिचय:

  • स्थापना: 1961

  • मुख्यालय: टोक्यो, जापान

  • सदस्य देश: 21 (भारत, जापान, इंडोनेशिया, ईरान, कोरिया, वियतनाम आदि)

  • उद्देश्य: एशिया-प्रशांत क्षेत्र में उत्पादकता वृद्धि के लिए सहयोग और क्षमता निर्माण

APO में भारत की भूमिका:

  • संस्थापक सदस्य और सक्रिय भागीदार

  • नेशनल प्रोडक्टिविटी काउंसिल (NPC) के माध्यम से प्रशिक्षण व कार्यक्रमों का संचालन

  • प्रमुख क्षेत्रों में योगदान:

    • MSMEs के लिए इंडस्ट्री 4.0

    • ग्रीन प्रोडक्टिविटी मॉडल

    • हर साल 100+ भारतीय पेशेवरों को APO कार्यक्रमों के तहत प्रशिक्षण

रणनीतिक महत्व:

  • भारत की अध्यक्षता उसके वैश्विक उत्पादकता केंद्र बनने के विजन से मेल खाती है

  • यह विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में सतत और तकनीक-आधारित विकास को समर्थन देता है

  • भारत की नीति निर्माण और क्षेत्रीय शासन में भूमिका को सशक्त करता है

सारांश तथ्य:

बिंदु विवरण
चर्चा में क्यों? भारत ने APO की 2025–26 अध्यक्षता संभाली
आयोजन APO की 67वीं गवर्निंग बॉडी मीटिंग
स्थान जकार्ता, इंडोनेशिया
भारत का प्रतिनिधि श्री अमरदीप सिंह भाटिया, सचिव, DPIIT
मुख्य थीम नवाचार, सतत विकास, डिजिटल परिवर्तन
APO विजन विजन 2030, ग्रीन प्रोडक्टिविटी 2.0
भारत का योगदान NPC, MSME परियोजनाएँ, क्षमता निर्माण
सदस्य देश 21 (भारत, जापान, ईरान, वियतनाम आदि)

iGOT कर्मयोगी ने पार किया 1 करोड़ उपयोगकर्ताओं का आंकड़ा: डिजिटल सिविल सेवा प्रशिक्षण में ऐतिहासिक उपलब्धि

iGOT कर्मयोगी प्लेटफॉर्म, जो भारत के सिविल सेवकों के लिए अग्रणी डिजिटल लर्निंग पोर्टल है, ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है — इस पर 1 करोड़ से अधिक पंजीकृत उपयोगकर्ता हो चुके हैं। यह पहल कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के नेतृत्व में चलाई जा रही है और यह सरकार की डिजिटल गवर्नेंस, क्षमता निर्माण और जन-केंद्रित नौकरशाही के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

क्यों है खबर में?

21 मई 2025 को कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने घोषणा की कि iGOT कर्मयोगी पोर्टल पर 1 करोड़ से अधिक पंजीकरण हो चुके हैं। जनवरी 2023 में यह संख्या मात्र 3 लाख थी — यानी दो वर्षों में 30 गुना वृद्धि हुई है। यह उपलब्धि भारत के सिविल सेवकों में डिजिटल लर्निंग की बढ़ती स्वीकार्यता को दर्शाती है।

पृष्ठभूमि

  • iGOT कर्मयोगी का पूर्ण रूप है: Integrated Government Online Training

  • यह पोर्टल Mission Karmayogi के तहत शुरू किया गया था।

  • इसे राष्ट्रीय सिविल सेवा क्षमता निर्माण कार्यक्रम (NPCSCB) के अंतर्गत लॉन्च किया गया।

  • उद्देश्य: भारत में कुशल, व्यावसायिक और भविष्य-तैयार सिविल सेवाएं विकसित करना।

मुख्य उपलब्धियाँ

  • 1 करोड़+ पंजीकृत उपयोगकर्ता, जिनमें से 60% राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों से हैं

  • शीर्ष 5 राज्य: बिहार, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश

  • 3.1 करोड़+ प्रमाण पत्र जारी

  • 3.8 करोड़+ लर्निंग ऑवर्स पूरे

प्लेटफॉर्म की विशेषताएँ

  • 2,400+ पाठ्यक्रम, 16 भाषाओं में उपलब्ध

  • 200+ कंटेंट पार्टनर्स: केंद्रीय/राज्य मंत्रालय, प्रशिक्षण संस्थान, सिविल सोसायटी और शैक्षणिक संस्थान

  • Karmayogi Competency Model (KCM) पर आधारित, जो भारतीय परंपरा और ज्ञान पर केंद्रित है

रणनीतिक उद्देश्य

  • हर सिविल सेवक को व्यक्तिगत और जीवन भर की सीख से सशक्त बनाना

  • शासन क्षमता में निरंतर सुधार लाना

  • डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देना

  • अंतरराष्ट्रीय सहयोग, कैरिबियन देशों समेत कई राष्ट्रों की रुचि

भविष्य की योजना

  • क्षेत्रीय भाषाओं में और अधिक पाठ्यक्रम जोड़ना

  • AI और उभरती तकनीकों से कोर्स क्वालिटी और यूजर एक्सपीरियंस को बेहतर बनाना

  • नए कंटेंट पार्टनर जोड़ना और पोर्टल की पहुँच बढ़ाना

सारांश (Static + Current)

बिंदु विवरण
खबर में क्यों? iGOT कर्मयोगी पोर्टल ने 1 करोड़ उपयोगकर्ताओं का आंकड़ा पार किया
लॉन्च के अंतर्गत मिशन कर्मयोगी, NPCSCB
कुल उपयोगकर्ता (मई 2025) 1 करोड़ से अधिक
वृद्धि जनवरी 2023 में 3 लाख से 30 गुना बढ़ोतरी
शीर्ष 5 राज्य बिहार, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश
कुल पाठ्यक्रम 2,400+ (16 भाषाओं में)
जारी प्रमाणपत्र 3.1 करोड़+
संरेखित मॉडल Karmayogi Competency Model (KCM)
वैश्विक सहयोग कैरिबियन देशों सहित अन्य देशों की रुचि

iGOT Karmayogi Crosses 1 Crore Users: A Milestone in Digital Civil Services Training_11.1

राष्ट्रपति मुर्मू ने वीरता और साहस के लिए 39 वीरता पुरस्कार प्रदान किए

22 मई 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, जो भारतीय सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर हैं, ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित डिफेंस इन्वेस्टिचर सेरेमनी के दौरान 39 वीरता पुरस्कार प्रदान किए। ये पुरस्कार भारतीय सेना, नौसेना, वायुसेना, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs), और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों को आतंकवाद विरोधी और उग्रवाद रोधी अभियानों में असाधारण साहस दिखाने के लिए दिए गए।

क्यों है खबर में?

यह आयोजन चर्चा में है क्योंकि यह भारत के प्रतिष्ठित शांतिकालीन वीरता पुरस्कारों से सम्मानित होने का प्रतीक है, जो उन कर्मियों को सम्मानित करता है जिन्होंने खतरे का सामना करते हुए असाधारण साहस और प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया है। जम्मू-कश्मीर और उत्तर-पूर्व जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में जारी आतंकवाद विरोधी अभियानों के बीच यह सम्मान विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।

प्रमुख बिंदु:

  • कुल पुरस्कार: 39

    • कीर्ति चक्र: 6 (4 मरणोपरांत)

    • शौर्य चक्र: 33 (7 मरणोपरांत)

  • सम्मानित बल: भारतीय सेना, वायुसेना, नौसेना, CRPF, असम राइफल्स, J&K पुलिस, सीमा सड़क संगठन (BRO)

  • मुख्य अभियान क्षेत्र: जम्मू-कश्मीर, उत्तर-पूर्व, समुद्री क्षेत्र, वामपंथी उग्रवाद प्रभावित इलाके

कीर्ति चक्र:

  • स्थान: दूसरा सर्वोच्च शांतिकालीन वीरता पुरस्कार (अशोक चक्र के बाद)

  • प्रदान का कारण: युद्ध क्षेत्र से दूर अत्यंत वीरता के कार्य

  • सम्मानित अधिकारी:

    • जीवित: मेजर मल्ला राम गोपाल नायडू, मेजर मंजीत (भारतीय सेना)

    • मरणोपरांत: कर्नल मनप्रीत सिंह, डीएसपी हुमायूं मुजम्मिल भट, रायफलमैन रवि कुमार

शौर्य चक्र:

  • स्थान: तीसरा सर्वोच्च शांतिकालीन वीरता पुरस्कार

  • प्रदान का कारण: आतंरिक सुरक्षा, आतंकवाद-रोधी अभियानों में बहादुरी

  • सम्मानित अधिकारी:

    • जीवित: स्क्वाड्रन लीडर दीपक कुमार (IAF), विंग कमांडर वर्नन डी. कीन, मेजर विजय वर्मा, निरीक्षक जेफ्री ह्मिंगछुल्लो (CRPF)

    • मरणोपरांत: मेजर आशिष धोन्चक, सिपाही प्रदीप सिंह, कांस्टेबल देवन सी

 

ऑपरेशनल पृष्ठभूमि:

  • जम्मू-कश्मीर और उत्तर-पूर्व: आतंकियों को मार गिराना, हथियार जब्त करना

  • नौसेना: समुद्री लुटेरों के खिलाफ मिशन, रेस्क्यू ऑपरेशन

  • वायुसेना: आपातकालीन लैंडिंग, संसाधनों की रक्षा

  • CAPFs: माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में अभियान, बंधक मुक्त कराना

 

महत्वपूर्ण तथ्य:

  • कीर्ति चक्र: अशोक चक्र के बाद दूसरा सर्वोच्च शांतिकालीन वीरता पुरस्कार

  • शौर्य चक्र: आतंकवाद व उग्रवाद रोधी अभियानों में आमतौर पर दिया जाता है

  • डिफेंस इन्वेस्टिचर सेरेमनी: साल में दो बार राष्ट्रपति भवन में आयोजित होती है

महत्व:

  • राष्ट्र के साहस, निष्ठा और सेवा के मूल्यों को बढ़ावा देता है

  • सशस्त्र बलों और आंतरिक सुरक्षा बलों के मनोबल को ऊंचा करता है

  • जन मान्यता से भावी पीढ़ियों में साहस और कर्तव्यनिष्ठा की प्रेरणा मिलती है

 

सारांश (Static + Current):

बिंदु विवरण
खबर में क्यों? राष्ट्रपति मुर्मू ने 39 वीरता पुरस्कार प्रदान किए
घटना डिफेंस इन्वेस्टिचर सेरेमनी, 22 मई 2025
अध्यक्षता राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
कीर्ति चक्र 6 (2 जीवित, 4 मरणोपरांत)
शौर्य चक्र 33 (26 जीवित, 7 मरणोपरांत)
सम्मानित बल सेना, नौसेना, वायुसेना, CRPF, असम राइफल्स, J&K पुलिस, BRO
मुख्य क्षेत्र जम्मू-कश्मीर, उत्तर-पूर्व, समुद्री क्षेत्र, नक्सल प्रभावित इलाके
उद्देश्य शांतिकाल में असाधारण बहादुरी को मान्यता देना

President Murmu Confers 39 Gallantry Awards for Bravery and Valour_11.1

प्रसूति फिस्टुला समाप्ति के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस 2025: 23 मई 2025

प्रत्येक वर्ष 23 मई को मनाया जाने वाला प्रसूति फिस्टुला समाप्ति के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस एक वैश्विक आह्वान है — जिसका उद्देश्य महिलाओं और बच्चियों को प्रसव से जुड़ी इस गंभीर लेकिन पूरी तरह से रोकी जा सकने वाली स्वास्थ्य समस्या से मुक्ति दिलाना है।

थीम 2025: Her Health, Her Right: Shaping a Future without Fistula यानि “उसका स्वास्थ्य, उसका अधिकार: फिस्टुला रहित भविष्य का निर्माण” — इस वर्ष की थीम महिलाओं और बच्चियों को गुणवत्तापूर्ण यौन और प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करने की आवश्यकता को उजागर करती है। प्रसूति फिस्टुला का बना रहना, लैंगिक और स्वास्थ्य सेवाओं में गहराई से जमी असमानताओं को दर्शाता है, जो विशेष रूप से गरीब और हाशिए पर जीने वाली आबादी को प्रभावित करता है।

प्रसूति फिस्टुला: एक मूक त्रासदी

  • प्रसूति फिस्टुला एक गंभीर चिकित्सा स्थिति है, जो आमतौर पर लंबे समय तक चले बाधित प्रसव के कारण होती है, जब समय पर चिकित्सा सहायता नहीं मिल पाती।

  • इसमें जन्म नली और मूत्राशय या मलाशय के बीच छेद हो जाता है, जिससे लगातार मूत्र या मल रिसता रहता है।

  • इसके दुष्परिणाम केवल शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक और सामाजिक भी होते हैं — जैसे संक्रमण, बांझपन, सामाजिक बहिष्कार, शर्मिंदगी और अत्यधिक गरीबी।

वैश्विक संकट

  • यह रोग पूरी तरह से रोके और ठीक किए जाने योग्य है, फिर भी दुनियाभर में करीब 5 लाख महिलाएं और बच्चियां इससे पीड़ित हैं — विशेष रूप से अफ्रीका, एशिया, अरब देशों, लैटिन अमेरिका और कैरेबियाई क्षेत्र में।

  • यह स्थिति स्वास्थ्य सेवाओं की कमी, गरीबी और लैंगिक असमानता की सीधी निशानी है। हर साल इसके नए मामले सामने आते हैं।

UNFPA और फिस्टुला समाप्ति अभियान

  • संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) ने 2003 में Global Campaign to End Fistula की शुरुआत की थी।

  • यह अभियान सर्जरी, मानसिक-सामाजिक सहायता और पुनर्वास के माध्यम से फिस्टुला के इलाज व रोकथाम पर केंद्रित है।

  • पिछले 20 वर्षों में इस अभियान ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाया, समुदाय में जागरूकता फैलाई, और पीड़ितों की आवाज़ को मंच दिया।

  • हालांकि 2030 तक इसे समाप्त करने के लक्ष्य को पाने के लिए अब प्रयासों को तेज़ करना होगा।

2025 की थीम का महत्व: “Her Health, Her Right”

  • यह थीम इस बात पर ज़ोर देती है कि यौन और प्रजनन स्वास्थ्य मौलिक मानव अधिकार हैं।

  • फिस्टुला को समाप्त करने के लिए बाल विवाह, खराब मातृ देखभाल, और लैंगिक भेदभाव जैसी समस्याओं की जड़ पर काम करना होगा।

  • नीति-निर्माण में पीड़ित महिलाओं को भागीदारी देनी चाहिए और सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील, समावेशी और अधिकार-आधारित स्वास्थ्य प्रणालियों में निवेश बढ़ाना होगा।

  • सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता, महिला नेता, और युवा कार्यकर्ता इस परिवर्तन के महत्वपूर्ण वाहक हैं।

आगे की राह: एक सामूहिक प्रयास

  • प्रसूति फिस्टुला का उन्मूलन यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज (UHC) और सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के लक्ष्यों के अनुरूप है।

  • सरकारों, नागरिक समाज और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को मिलकर काम करना होगा ताकि कोई भी महिला या बच्ची गुणवत्तापूर्ण मातृ स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित न रह जाए

  • महिलाओं को अपने शरीर और स्वास्थ्य से जुड़े निर्णय खुद लेने में सक्षम बनाना न केवल एक स्वास्थ्य प्राथमिकता है, बल्कि एक नैतिक और सामाजिक दायित्व भी है।

International Day to End Obstetric Fistula 2025_11.1

‘द डायरी ऑफ ए क्रिकेटर’स वाइफ’ — चेतेश्वर पुजारा की पत्नी पूजा पुजारा की कलम से जीवन की अनकही कहानी

एक दुर्लभ और भावनात्मक संस्मरण ‘द डायरी ऑफ ए क्रिकेटर’s वाइफ’ में भारतीय क्रिकेट टीम के अनुभवी खिलाड़ी चेतेश्वर पुजारा की पत्नी पूजा पुजारा ने एक राष्ट्रीय खेल आइकन की जीवनसंगिनी होने के व्यक्तिगत पहलुओं को संवेदनशीलता से उजागर किया है। यह पुस्तक क्रिकेट के मैदान से नहीं, बल्कि दर्शक दीर्घा और घर की चारदीवारी से जुड़े उन भावनात्मक उतार-चढ़ाव और परदे के पीछे की चुनौतियों को दर्शाती है, जो भारतीय क्रिकेट जगत का अभिन्न हिस्सा हैं।

क्यों है चर्चा में?

हार्पर कॉलिंस इंडिया द्वारा प्रकाशित इस संस्मरण को हाल ही में रिलीज़ किया गया है और यह अपने ईमानदार अंदाज़ व अनोखे दृष्टिकोण के लिए सुर्खियाँ बटोर रहा है। यह किताब उस मोड़ के बाद आई है जब 2023 वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार के बाद चेतेश्वर पुजारा को टेस्ट टीम से बाहर कर दिया गया था — यही वह क्षण था जिसने पूजा को अपनी भावनाओं को शब्दों में ढालने की प्रेरणा दी।

पुस्तक का विवरण

  • शीर्षक: द डायरी ऑफ ए क्रिकेटर’स वाइफ

  • लेखिका: पूजा पुजारा

  • प्रकाशक: हार्पर कॉलिंस इंडिया

  • पृष्ठ संख्या: 318

  • कीमत: ₹425

  • उपलब्धता: amazon.in पर

पुस्तक का उद्देश्य

  • एक राष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी की जीवनसंगिनी होने के भावनात्मक सफर को सामने लाना।

  • क्रिकेटरों के परिवारों द्वारा किए गए संघर्षों और बलिदानों को मानवीय दृष्टिकोण से प्रस्तुत करना।

  • यह दिखाना कि कैसे सार्वजनिक आलोचना और मीडिया का दबाव खिलाड़ियों और उनके परिवारों के निजी जीवन को प्रभावित करता है।

मुख्य विषय

  • 2023 के डब्ल्यूटीसी फाइनल के बाद चेतेश्वर के टीम से बाहर होने का भावनात्मक प्रभाव।

  • रोज़ाना की चुनौतियाँ – उम्मीदें, मीडिया दबाव और समाज की प्रतिक्रियाएँ।

  • एक मार्मिक घटना जब पूजा ने चेतेश्वर की टेस्ट सीरीज़ के दौरान उनके पिता की तबीयत बिगड़ने की खबर उनसे छिपाई

चेतेश्वर पुजारा का परिचय

  • टेस्ट करियर: 103 टेस्ट, 7,195 रन।

  • 2018-19 में ऑस्ट्रेलिया में भारत की पहली टेस्ट सीरीज़ जीत के नायक।

  • धैर्य, संयम और पारंपरिक तकनीक के लिए जाने जाते हैं।

  • 2023 डब्ल्यूटीसी के बाद 35 वर्ष की आयु में टीम से बाहर कर दिए गए

सार्वजनिक प्रतिक्रिया और व्यक्तिगत दृष्टिकोण

  • पूजा ने चेतेश्वर के बाहर होने पर नाराज़गी और पीड़ा को खुलकर साझा किया।

  • वहीं चेतेश्वर ने संयम से कहा – “मैं चयनित होऊँ या नहीं, मैं शांति में हूँ।”

किताब का महत्व

  • क्रिकेट खिलाड़ियों की पत्नियों (WAGs) के जीवन में झाँकने का दुर्लभ अवसर प्रदान करती है।

  • खिलाड़ियों के परिवारों और उनकी चुपचाप दी जाने वाली ताकत की सराहना करने के लिए प्रेरित करती है।

  • भारतीय क्रिकेट साहित्य में एक नई, स्त्री दृष्टिकोण से जुड़ी हुई आवाज़ जोड़ती है।

सारांश

विषय विवरण
क्यों चर्चा में? ‘द डायरी ऑफ ए क्रिकेटर’स वाइफ’ — जीवन के उस पक्ष पर जो पिच से दूर है
पुस्तक का नाम द डायरी ऑफ ए क्रिकेटर’स वाइफ
लेखिका पूजा पुजारा
विषयवस्तु चेतेश्वर पुजारा की पत्नी के रूप में जीवन
प्रकाशक हार्पर कॉलिंस इंडिया
लेखन की प्रेरणा WTC 2023 के बाद पुजारा का टीम से बाहर होना

"The Diary of a Cricketer's Wife: Puja Pujara's Honest Take on Life Beyond the Pitch"_11.1

असम ने लॉन्च की क्षेत्रीय भाषा में भारत की पहली AI न्यूज़ एंकर ‘अंकिता’

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा द्वारा पेश की गई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-संचालित न्यूज़ एंकर ‘अंकिता’ के लॉन्च के साथ असम ने डिजिटल गवर्नेंस के एक नए युग में कदम रखा है। असमिया में कैबिनेट मीटिंग के मुख्य अंश प्रस्तुत करने के लिए डिज़ाइन की गई, अंकिता राज्य में अपनी तरह की पहली पहल है, जो भारतीय सार्वजनिक संचार में AI की बढ़ती भूमिका की ओर ध्यान आकर्षित करती है।

चर्चा में क्यों?

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने 15 मई, 2025 को, सोशल मीडिया के माध्यम से असमिया में कैबिनेट मीटिंग के मुख्य अंश प्रस्तुत करने के लिए भारत की पहली क्षेत्रीय भाषा की AI न्यूज़ एंकर, अंकिता का अनावरण किया। यह नवाचार शासन और मीडिया में AI उपकरणों के बढ़ते उपयोग को दर्शाता है, जबकि मानव रोजगार के लिए इसके निहितार्थों पर बहस को जन्म देता है।

मुख्य बिंदु

  • अंकिता एक AI-संचालित वर्चुअल एंकर है जो असमिया में अपडेट देने में सक्षम है.
  • उन्होंने असम कैबिनेट की नवीनतम बैठक के मुख्य अंश प्रस्तुत करके अपनी शुरुआत की.

 

शामिल निर्णयों में शामिल हैं

  • डिब्रूगढ़ हवाई अड्डे का नाम बदलकर भूपेन हजारिका के नाम पर रखना.
  • चाय बागान श्रमिकों के लिए समय अनुदान की स्वीकृति.
  • सीएम सरमा के आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर एक वीडियो के माध्यम से पेश किया गया.

उद्देश्य और लक्ष्य

  • सार्वजनिक संचार को अधिक कुशल और सुसंगत बनाकर ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देना.
  • क्षेत्रीय भाषा में आधिकारिक अपडेट प्रदान करके पारदर्शिता बढ़ाना.
  • असम के डिजिटल परिवर्तन और शासन में नवाचार को प्रदर्शित करना.

पृष्ठभूमि

  • एआई एंकर अपनी दक्षता और लागत प्रभावशीलता के लिए वैश्विक मीडिया में लोकप्रियता प्राप्त कर रहे हैं.
  • चीन, दक्षिण कोरिया और कई अन्य देशों ने पहले भी एआई एंकर का उपयोग किया है, लेकिन क्षेत्रीय भाषा शासन संचार के लिए यह भारत में पहली बार है.

सार्वजनिक प्रतिक्रिया

  • समर्थन: कई लोगों ने प्रौद्योगिकी और नवाचार को अपनाने के लिए राज्य की प्रशंसा की.
  • आलोचना: एआई प्रस्तुति में नौकरी छूटने और मानवीय सहानुभूति की कमी पर चिंता.

कोंकण रेलवे का भारतीय रेलवे में होगा विलय: जानिए क्या है इसके मायने?

महाराष्ट्र सरकार ने कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड (KRCL) के भारतीय रेलवे में लंबे समय से लंबित विलय को आधिकारिक रूप से मंजूरी दे दी है, जिससे इस महत्वपूर्ण तटीय रेल मार्ग के पूर्ण एकीकरण का मार्ग प्रशस्त हो गया है। इसके साथ ही, सभी शेयरधारक राज्यों- गोवा, कर्नाटक, केरल और अब महाराष्ट्र- ने विलय का समर्थन किया है, जिससे यह सुनिश्चित हो गया है कि दर्शनीय और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कोंकण मार्ग भारत के राष्ट्रीय रेलवे नेटवर्क का पूर्ण रूप से हिस्सा बन जाएगा।

खबरों में क्यों?

23 मई, 2025 को, यह बताया गया कि महाराष्ट्र की मंजूरी ने KRCL के भारतीय रेलवे में विलय की अंतिम बाधा को दूर कर दिया है। यह विलय ऐसे समय में हुआ है जब KRCL वित्तीय कठिनाइयों का सामना कर रहा है और उसे बुनियादी ढांचे और परिचालन सहायता की आवश्यकता है। केंद्र ने महाराष्ट्र की शर्तों पर सहमति व्यक्त की है, जिसमें “कोंकण रेलवे” नाम को बनाए रखना और राज्य के ₹394 करोड़ के शुरुआती निवेश की प्रतिपूर्ति करना शामिल है।

कोंकण रेलवे की पृष्ठभूमि

  • रेल मंत्रालय के तहत एक विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) के रूप में 1990 में स्थापित
  • जनवरी 1998 से परिचालन में है
  • कुल मार्ग की लंबाई: 741 किमी, जो रोहा (महाराष्ट्र) को मंगलुरु (कर्नाटक) और आगे केरल से जोड़ता है.
  • प्राकृतिक सुंदरता, जटिल भूभाग (91 सुरंगें और 2,000 से अधिक पुल) और तटीय संपर्क के लिए रणनीतिक महत्व के लिए जाना जाता है.

KRCL का शेयरधारिता पैटर्न

  • भारत सरकार: 51%
  • महाराष्ट्र: 22%
  • कर्नाटक: 15%
  • गोवा: 6%
  • केरल: 6%

विलय के पीछे कारण

  • सीमित राजस्व और उच्च रखरखाव लागत के कारण केआरसीएल वित्तीय संकट का सामना कर रहा है.
  • “स्टैंडअलोन मॉडल” अस्थिर हो गया है.
  • विलय से भारतीय रेलवे के बड़े निवेश पूल, बुनियादी ढांचे और विशेषज्ञता तक पहुँच की अनुमति मिलेगी.

महाराष्ट्र की शर्तें

  • विलय के बाद भी “कोंकण रेलवे” नाम बरकरार रखा जाना चाहिए.
  • महाराष्ट्र के पिछले निवेशों के लिए केंद्र सरकार द्वारा ₹394 करोड़ की प्रतिपूर्ति की जाएगी.
  • दोनों शर्तों को केंद्र सरकार ने स्वीकार कर लिया है.

विलय के लाभ

यात्रियों के लिए

  • संपर्क में वृद्धि और व्यापक भारतीय रेलवे नेटवर्क के साथ एकीकरण.
  • मानकीकृत बुकिंग, किराया प्रणाली और शिकायत निवारण.
  • सेवा की गुणवत्ता, ट्रेन की आवृत्ति और सुरक्षा में सुधार.

क्षेत्र के लिए

  • स्थानीय अर्थव्यवस्था, पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा.
  • नई रेलवे परियोजनाओं और संपर्क विस्तार के लिए प्रोत्साहन.

KRCL कर्मचारियों के लिए

  • एकीकरण के दौरान पदानुक्रम और सेवा संरचनाओं का पुनर्गठन अपेक्षित है.

Konkan Railway Set to Merge with Indian Railways: What It Means_11.1

जो रूट बने सबसे तेज 13,000 टेस्ट रन बनाने वाले खिलाड़ी

इंग्लैंड के प्रमुख बल्लेबाज जो रूट ने टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज 13,000 रन बनाने वाले खिलाड़ी बनकर क्रिकेट इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया है। यह उल्लेखनीय उपलब्धि 22 मई, 2025 को ट्रेंट ब्रिज में जिम्बाब्वे के खिलाफ इंग्लैंड के एकमात्र टेस्ट के दौरान हासिल हुई। रूट की 34 रनों की पारी ने उन्हें दिग्गज जैक कैलिस से आगे कर दिया, जो उनके शानदार करियर का एक और यादगार अध्याय है।

चर्चा में क्यों?

जो रूट ने हाल ही में महज 153 मैचों में 13,000 टेस्ट रन बनाने का बड़ा मील का पत्थर हासिल किया, जिसके चकते दक्षिण अफ्रीका के महान जैक कैलिस (159 मैच) के लंबे समय से चले आ रहे रिकॉर्ड को तोड़ने में सक्षम बनाता है. यह उपलब्धि न केवल रूट की निरंतरता और उत्कृष्टता को रेखांकित करती है, बल्कि उन्हें क्रिकेट के सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में भी शामिल करती है। यह रिकॉर्ड इंग्लैंड के जिम्बाब्वे के खिलाफ मैच के दौरान बनाया गया था, जिसने खेल जगत में वैश्विक सुर्खियाँ बटोरीं.

जो रूट की उपलब्धि की मुख्य बातें

  • माइलस्टोन हासिल किया: 13,000 टेस्ट रन
  • मैच विवरण: इंग्लैंड बनाम जिम्बाब्वे, एकमात्र टेस्ट, 22 मई, 2025, ट्रेंट ब्रिज में
  • आवश्यक पारी: 153
  • पिछला रिकॉर्ड धारक: जैक्स कैलिस (159 पारी)
  • मैच में बनाए गए रन: 34 (44 गेंदों पर)
  • आउट हुए: ब्लेसिंग मुजरबानी

क्रिकेट का सफ़र और महत्व

इंग्लैंड के भरोसेमंद मध्यक्रम के मुख्य खिलाड़ी जो रूट एक दशक से भी ज़्यादा समय से राष्ट्रीय टीम की आधारशिला रहे हैं। 2012 में अपने पदार्पण के बाद से, रूट ने,

  • विभिन्न परिस्थितियों में तकनीकी कौशल और स्वभाव का प्रदर्शन किया
  • 2017 से 2022 तक इंग्लैंड के कप्तान के रूप में भूमिका निभाई
  • एशेज श्रृंखला, घरेलू जीत और विदेशी दौरों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई
  • 30+ टेस्ट शतक बनाए (मई 2025 तक)
  • यह मील का पत्थर केवल संख्याओं के बारे में नहीं है – यह रूट की आधुनिक समय के महान खिलाड़ी के रूप में स्थिति की पुष्टि करता है, उनकी अनुकूलन क्षमता, दीर्घायु और मानसिक शक्ति को दर्शाता है।

प्रभाव और विरासत

रूट की उपलब्धि का वैश्विक महत्व है,

  • अपनी निरंतरता और क्लास से दुनिया भर के उभरते क्रिकेटरों को प्रेरित करता है
  • टेस्ट क्रिकेट में इंग्लैंड की विरासत को बढ़ाता है, कुक और बॉथम जैसे महान खिलाड़ियों के साथ एक और नाम रखता है
  • T20 के वर्चस्व वाले युग में पारंपरिक प्रारूप पर अधिक ध्यान देने के लिए प्रोत्साहित करता है

Joe Root Becomes Fastest to 13,000 Test Runs: A Historic Milestone in Cricket_11.1

BRICS बैंक एनडीबी ने अल्जीरिया को बनाया नया सदस्य

अल्जीरिया ने 19 मई 2025 को औपचारिक रूप से न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) की सदस्यता ग्रहण कर ली है — यह संस्था BRICS देशों द्वारा स्थापित की गई थी। यह कदम न केवल सतत विकास के प्रति अल्जीरिया की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि यह NDB की संस्थापक सदस्यों से परे उसके वैश्विक विस्तार को भी रेखांकित करता है।

क्यों है खबरों में?

अल्जीरिया ने 19 मई 2025 को अपनी सदस्यता के लिए औपचारिक दस्तावेज जमा किए और प्रक्रिया पूरी की। 22 मई 2025 को शंघाई मुख्यालय वाले बैंक द्वारा इस घोषणा की गई। यह घटना वैश्विक बुनियादी ढांचा और विकास वित्तपोषण में सहभागिता बढ़ाने की दिशा में NDB के मिशन में एक नया मील का पत्थर है।

NDB के मुख्य उद्देश्य:

  • बुनियादी ढांचे और सतत विकास परियोजनाओं के लिए संसाधनों को जुटाना।

  • IMF और विश्व बैंक जैसी पश्चिम-प्रधान संस्थाओं के विकल्प के रूप में वित्तीय समाधान उपलब्ध कराना।

  • दक्षिण-दक्षिण सहयोग और वैश्विक साझेदारी को सुदृढ़ करना।

NDB के बारे में:

  • स्थापना: 2015 में BRICS देशों (ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) द्वारा।

  • मुख्यालय: शंघाई, चीन।

  • अब तक 40 अरब डॉलर से अधिक की 120+ परियोजनाओं को स्वीकृति।

  • मुख्य क्षेत्र: स्वच्छ ऊर्जा, जल और स्वच्छता, परिवहन, डिजिटल बुनियादी ढांचा, पर्यावरण संरक्षण।

  • नेतृत्व: अध्यक्षता और उपाध्यक्षता ब्रिक्स देशों के बीच घूर्णन पर आधारित।

  • वर्तमान अध्यक्ष: दिलमा रूसेफ़ (ब्राज़ील की पूर्व राष्ट्रपति)।

अल्जीरिया का महत्व:

  • उत्तर अफ्रीका में स्थित, यूरोप और उप-सहारा अफ्रीका तक पहुंच।

  • प्राकृतिक संसाधनों और ऊर्जा भंडार से समृद्ध।

  • रणनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण और विकास की अपार संभावनाओं वाला देश।

नेताओं के बयान:

  • दिलमा रूसेफ़ (अध्यक्ष, NDB): “अल्जीरिया हमारे लिए रणनीतिक मूल्य लाता है और वैश्विक स्तर पर NDB की भूमिका को सुदृढ़ करेगा।”

  • अब्देलकरीम बौज़ेरद (वित्त मंत्री, अल्जीरिया): “सदस्यता अल्जीरिया के इस विश्वास को दर्शाती है कि NDB वैश्विक विकास और आर्थिक लचीलापन बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है।”

सारांश/स्थायी जानकारी विवरण
क्यों है खबरों में? अल्जीरिया BRICS के न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) का नया सदस्य बना है
सदस्यता की तिथि 19 मई, 2025
संस्था न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB)
स्थापना 2015 में BRICS देशों द्वारा
वर्तमान अध्यक्ष दिलमा रूसेफ़ (ब्राज़ील)
अब तक स्वीकृत परियोजनाएँ 120+ परियोजनाएँ (लगभग 40 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य की)
प्रमुख क्षेत्र बुनियादी ढांचा, स्वच्छ ऊर्जा, जल, परिवहन, डिजिटल विकास

केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में क्रांतिकारी बदलाव के लिए लॉन्च किए — डिपो दर्पण पोर्टल, अन्न मित्र ऐप और अन्न सहायता

केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामले मंत्री श्री प्रह्लाद जोशी ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में क्रांतिकारी बदलाव के लिए तीन डिजिटल प्लेटफॉर्म लॉन्च किए — डिपो दर्पण पोर्टल, अन्न मित्र ऐप और अन्न सहायता मंच। ये प्लेटफॉर्म पारदर्शिता, दक्षता और नागरिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू किए गए हैं, जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत 81 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को प्रभावित करेंगे।

समाचार में क्यों?

इन प्लेटफॉर्म्स का शुभारंभ भारत की कल्याणकारी वितरण प्रणाली को डिजिटाइज़ और सुव्यवस्थित करने के मिशन में एक महत्वपूर्ण कदम है। इन टूल्स का उद्देश्य प्रणाली में मौजूद अक्षमताओं को कम करना, संचालन की निगरानी को मजबूत करना और सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के विशाल नेटवर्क में रीयल-टाइम शिकायत निवारण को सक्षम बनाना है, जिसमें 5.38 लाख से अधिक उचित मूल्य की दुकानें शामिल हैं।

उद्देश्य और लक्ष्य 

  • गोदामों और खाद्यान्न वितरण प्रणाली में डिजिटलीकरण और पारदर्शिता बढ़ाना।

  • PDS से जुड़े हितधारकों को सशक्त बनाना और समयबद्ध शिकायत निवारण सुनिश्चित करना।

  • प्रक्रिया की दक्षता बढ़ाना, नुकसानों को कम करना और भंडारण निगमों की आय को बढ़ाना।

डिपो दर्पण पोर्टल

  • यह भारतीय खाद्य निगम (FCI) और केंद्रीय भंडारण निगम (CWC) के डिपो के लिए स्व-मूल्यांकन और निगरानी उपकरण है।

मूल्यांकन बिंदु,

  • इन्फ्रास्ट्रक्चर: सुरक्षा, स्थिरता, वैधानिक अनुपालन
  • संचालन: अधिभोग, दक्षता, लाभप्रदता
  • तकनीकी उपयोग: IoT सेंसर, CCTV, लाइव वीडियो फीड के माध्यम से रीयल-टाइम डेटा और विश्लेषण

संभावित बचत:

  • FCI डिपो: ₹275 करोड़
  • CWC वेयरहाउस: ₹140 करोड़

बजट आवंटन:

  • CWC उन्नयन: ₹280 करोड़

  • FCI आधुनिकीकरण: ₹1,000 करोड़

अन्न मित्र ऐप

PDS के फील्ड स्तर के हितधारकों को सशक्त बनाने वाला मोबाइल ऐप।

  • उचित मूल्य दुकान (FPS) डीलर स्टॉक की ट्रैकिंग कर सकते हैं और अलर्ट प्राप्त कर सकते हैं।
  • DFSO अधिकारी FPS के प्रदर्शन की निगरानी कर सकते हैं।
  • खाद्य निरीक्षक जियो-टैग्ड निरीक्षण कर सकते हैं।
  • पायलट राज्य: असम, उत्तराखंड, त्रिपुरा, पंजाब
  • भाषाएं: हिंदी और अंग्रेज़ी में उपलब्ध.

अन्न सहायता मंच

  • एक उन्नत शिकायत निवारण प्रणाली

  • उपलब्ध माध्यम: WhatsApp, IVRS, और स्वचालित वाक् पहचान (ASR)।

  • पायलट राज्य: गुजरात, झारखंड, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश

  • भाषाएं: हिंदी, गुजराती, तेलुगु, बांग्ला, अंग्रेज़ी.

पृष्ठभूमि और महत्व

  • भारत के पास दुनिया की सबसे बड़ी खाद्यान्न वितरण प्रणाली है।
  • 80 करोड़ से अधिक लोग PMGKAY के तहत खाद्यान्न प्राप्त कर रहे हैं।
  • घरेलू खाद्य व्यय में 50% की गिरावट दर्ज हुई है, जो खाद्य सुरक्षा में सुधार को दर्शाता है।
  • यह पहल डिजिटल इंडिया, विकसित भारत और वन नेशन वन राशन कार्ड जैसे अभियानों से जुड़ी हुई है।

सारांश / स्थिर जानकारी

विषय विवरण
समाचार में क्यों? डिपो दर्पण और अन्न प्लेटफॉर्म्स PDS की निगरानी और शिकायत निवारण में क्रांति लाएंगे
लॉन्च किया श्री प्रह्लाद जोशी, केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामले मंत्री
लॉन्च किए गए प्लेटफॉर्म डिपो दर्पण, अन्न मित्र (मोबाइल ऐप), अन्न सहायता (शिकायत प्रणाली)
लक्षित उपयोगकर्ता FCI, CWC, FPS डीलर, DFSO, खाद्य निरीक्षक, PMGKAY लाभार्थी
मुख्य उद्देश्य पारदर्शिता, दक्षता, डिजिटल सशक्तिकरण, शिकायत निवारण
पायलट राज्य (अन्न मित्र) असम, उत्तराखंड, त्रिपुरा, पंजाब
पायलट राज्य (अन्न सहायता) गुजरात, झारखंड, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश
बजट आवंटन ₹1,000 करोड़ (FCI), ₹280 करोड़ (CWC)

Depot Darpan & Anna Platforms to Revolutionize PDS Monitoring and Grievance Redressal_11.1

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