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प्रसूति फिस्टुला समाप्ति के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस 2025: 23 मई 2025

प्रत्येक वर्ष 23 मई को मनाया जाने वाला प्रसूति फिस्टुला समाप्ति के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस एक वैश्विक आह्वान है — जिसका उद्देश्य महिलाओं और बच्चियों को प्रसव से जुड़ी इस गंभीर लेकिन पूरी तरह से रोकी जा सकने वाली स्वास्थ्य समस्या से मुक्ति दिलाना है।

थीम 2025: Her Health, Her Right: Shaping a Future without Fistula यानि “उसका स्वास्थ्य, उसका अधिकार: फिस्टुला रहित भविष्य का निर्माण” — इस वर्ष की थीम महिलाओं और बच्चियों को गुणवत्तापूर्ण यौन और प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करने की आवश्यकता को उजागर करती है। प्रसूति फिस्टुला का बना रहना, लैंगिक और स्वास्थ्य सेवाओं में गहराई से जमी असमानताओं को दर्शाता है, जो विशेष रूप से गरीब और हाशिए पर जीने वाली आबादी को प्रभावित करता है।

प्रसूति फिस्टुला: एक मूक त्रासदी

  • प्रसूति फिस्टुला एक गंभीर चिकित्सा स्थिति है, जो आमतौर पर लंबे समय तक चले बाधित प्रसव के कारण होती है, जब समय पर चिकित्सा सहायता नहीं मिल पाती।

  • इसमें जन्म नली और मूत्राशय या मलाशय के बीच छेद हो जाता है, जिससे लगातार मूत्र या मल रिसता रहता है।

  • इसके दुष्परिणाम केवल शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक और सामाजिक भी होते हैं — जैसे संक्रमण, बांझपन, सामाजिक बहिष्कार, शर्मिंदगी और अत्यधिक गरीबी।

वैश्विक संकट

  • यह रोग पूरी तरह से रोके और ठीक किए जाने योग्य है, फिर भी दुनियाभर में करीब 5 लाख महिलाएं और बच्चियां इससे पीड़ित हैं — विशेष रूप से अफ्रीका, एशिया, अरब देशों, लैटिन अमेरिका और कैरेबियाई क्षेत्र में।

  • यह स्थिति स्वास्थ्य सेवाओं की कमी, गरीबी और लैंगिक असमानता की सीधी निशानी है। हर साल इसके नए मामले सामने आते हैं।

UNFPA और फिस्टुला समाप्ति अभियान

  • संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) ने 2003 में Global Campaign to End Fistula की शुरुआत की थी।

  • यह अभियान सर्जरी, मानसिक-सामाजिक सहायता और पुनर्वास के माध्यम से फिस्टुला के इलाज व रोकथाम पर केंद्रित है।

  • पिछले 20 वर्षों में इस अभियान ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाया, समुदाय में जागरूकता फैलाई, और पीड़ितों की आवाज़ को मंच दिया।

  • हालांकि 2030 तक इसे समाप्त करने के लक्ष्य को पाने के लिए अब प्रयासों को तेज़ करना होगा।

2025 की थीम का महत्व: “Her Health, Her Right”

  • यह थीम इस बात पर ज़ोर देती है कि यौन और प्रजनन स्वास्थ्य मौलिक मानव अधिकार हैं।

  • फिस्टुला को समाप्त करने के लिए बाल विवाह, खराब मातृ देखभाल, और लैंगिक भेदभाव जैसी समस्याओं की जड़ पर काम करना होगा।

  • नीति-निर्माण में पीड़ित महिलाओं को भागीदारी देनी चाहिए और सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील, समावेशी और अधिकार-आधारित स्वास्थ्य प्रणालियों में निवेश बढ़ाना होगा।

  • सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता, महिला नेता, और युवा कार्यकर्ता इस परिवर्तन के महत्वपूर्ण वाहक हैं।

आगे की राह: एक सामूहिक प्रयास

  • प्रसूति फिस्टुला का उन्मूलन यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज (UHC) और सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के लक्ष्यों के अनुरूप है।

  • सरकारों, नागरिक समाज और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को मिलकर काम करना होगा ताकि कोई भी महिला या बच्ची गुणवत्तापूर्ण मातृ स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित न रह जाए

  • महिलाओं को अपने शरीर और स्वास्थ्य से जुड़े निर्णय खुद लेने में सक्षम बनाना न केवल एक स्वास्थ्य प्राथमिकता है, बल्कि एक नैतिक और सामाजिक दायित्व भी है।

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प्रसूति फिस्टुला समाप्ति के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस 2025: 23 मई 2025 |_4.1
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