हिताची इंडिया ने एन वेणु को अपना प्रबंध निदेशक नियुक्त किया

हिताची इंडिया ने घोषणा की है कि एन वेणु 2 जून 2025 से कंपनी के नए प्रबंध निदेशक (एमडी) बनेंगे। यह प्रमुख नेतृत्व परिवर्तन भरत कौशल की पदोन्नति के बाद हुआ है, जो 1 अप्रैल 2025 से हिताची इंडिया के कार्यकारी अध्यक्ष बन जाएंगे।

भरत कौशल का प्रमोशन

भरत कौशल, जो हिटाची इंडिया के पहले भारतीय मैनेजिंग डायरेक्टर रहे हैं, अब उन्हें हिटाची इंडिया के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन के पद पर पदोन्नत किया गया है। वह हिटाची लिमिटेड में कॉर्पोरेट ऑफिसर भी हैं। भारत में हिटाची के विकास में उनके नेतृत्व की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही है।

एन वेणु की वर्तमान जिम्मेदारियाँ

एन वेणु पहले से ही कंपनी में कई अहम पदों पर कार्यरत हैं। वह हिटाची एनर्जी इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ हैं, साथ ही दक्षिण एशिया क्षेत्र के हिटाची एनर्जी के प्रमुख भी हैं। अब जून 2025 से, वह हिटाची इंडिया के एमडी का अतिरिक्त दायित्व भी संभालेंगे।

विकास और नवाचार पर केंद्रित

हिटाची इंडिया के एमडी के रूप में एन वेणु का मुख्य लक्ष्य भारत में कंपनी की उपस्थिति को और मजबूत करना है। वे हिटाची की नई प्रबंधन योजना ‘Inspire 2027’ को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएंगे, जो डिजिटल तकनीक और नवाचार के माध्यम से विकास पर केंद्रित है। इसके साथ ही, वे भारत में हिटाची समूह की लगभग 28 कंपनियों को एकजुट करने का प्रयास करेंगे ताकि ग्राहकों को और अधिक मूल्य प्रदान किया जा सके।

भारत के लिए हिटाची की दृष्टि

हिटाची भारत को व्यापार के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण देश मानती है। कंपनी रेलवे, डिजिटल सेवाओं, ऊर्जा, वित्तीय समावेशन, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं जैसे क्षेत्रों में तेजी से विस्तार कर रही है। भरत कौशल ने कहा कि वेणु की नियुक्ति यह दिखाती है कि भारत को हिटाची के वैश्विक कारोबार का एक मुख्य केंद्र बनाने की प्रतिबद्धता कितनी मजबूत है।

वेणु की पृष्ठभूमि और उपलब्धियाँ

एन वेणु के पास लगभग 40 वर्षों का कार्य अनुभव है। 2019 से वे हिटाची एनर्जी इंडिया का नेतृत्व कर रहे हैं और कंपनी के तेज विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। वे 2024-25 में CII (कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री) के कर्नाटक चैप्टर के चेयरमैन भी रहे हैं।

उन्होंने NIT वारंगल से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, IIM अहमदाबाद, ISB हैदराबाद, और IMD स्विट्ज़रलैंड से प्रबंधन की पढ़ाई की है।

महेंद्र गुर्जर ने स्विट्जरलैंड में विश्व पैरा एथलेटिक्स ग्रैंड प्रिक्स में विश्व रिकॉर्ड बनाया

भारत के महेंद्र गुर्जर ने स्विट्जरलैंड में नॉटविल वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स ग्रैंड प्रिक्स में पुरुषों की भाला फेंक F42 श्रेणी में विश्व रिकॉर्ड बनाकर देश को गौरवान्वित किया। 27 वर्षीय एथलीट ने अपनी प्रतिभा और दृढ़ संकल्प को साबित करते हुए रिकॉर्ड तोड़ थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता।

विश्व रिकॉर्ड थ्रो

महेन्द्र गुर्जर ने अपने तीसरे प्रयास में 61.17 मीटर का भाला फेंक कर विश्व रिकॉर्ड बना दिया। इससे पहले उनके पहले दो थ्रो 56.11 मीटर और 55.51 मीटर के थे। रिकॉर्ड बनाने के बाद उन्होंने तीन और थ्रो किए, जिनकी दूरी क्रमशः 58.54 मीटर, 57.54 मीटर और 58.07 मीटर रही। उन्होंने यह रिकॉर्ड तोड़कर ब्राज़ील के रॉबर्टो फ्लोरिआनी ईडनिल्सन द्वारा वर्ष 2022 में बनाए गए 59.19 मीटर के पिछले विश्व रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया।

F42 श्रेणी क्या है?

F42 श्रेणी उन पैरा एथलीट्स के लिए होती है जिन्हें एक पैर में मध्यम स्तर की शारीरिक असुविधा होती है। इस श्रेणी के खिलाड़ी आमतौर पर फील्ड स्पर्धाओं जैसे जैवलिन थ्रो और लॉन्ग जंप में भाग लेते हैं।

संयुक्त स्पर्धा में भागीदारी

महेंद्र गुर्जर ने एक संयुक्त प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था, जिसमें F40, F57, F63 और F64 जैसी विभिन्न श्रेणियों के एथलीट्स ने भाग लिया। यह भले ही एक मिश्रित श्रेणी की प्रतियोगिता थी, लेकिन उन्होंने F42 वर्ग में स्वर्ण पदक जीता और इसी श्रेणी में विश्व रिकॉर्ड भी बनाया।

लॉन्ग जंप में दूसरा गोल्ड

यह ग्रां प्री में महेंद्र गुर्जर का दूसरा स्वर्ण पदक था। 23 मई को उन्होंने लॉन्ग जंप T42 स्पर्धा में 5.59 मीटर की छलांग लगाकर स्वर्ण पदक जीता।

यह उनका लॉन्ग जंप में पहला मुकाबला था, और इस स्वर्ण के साथ वे इस श्रेणी में एशिया में नंबर एक पर पहुंच गए हैं।

F42 प्रमुख खेलों में शामिल नहीं

दुख की बात है कि F42 श्रेणी को 2023 हांगझो पैरा एशियन गेम्स में शामिल नहीं किया गया था और यह 2024 पेरिस पैरालंपिक में भी नहीं होगी।

सुमित अंतिल ने भी जीता गोल्ड

एक और भारतीय एथलीट सुमित अंतिल ने भी शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने F64 वर्ग में 72.35 मीटर के थ्रो के साथ जैवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक जीता।

F64 श्रेणी उन एथलीट्स के लिए होती है जिनके एक या दोनों पैरों में मूवमेंट की समस्या होती है या जिनके पैर आंशिक या पूर्ण रूप से नहीं होते।

ड्रूल्स बनी भारत की पहली पेट फूड यूनिकॉर्न

बेंगलुरु की पेट फूड कंपनी Drools अब आधिकारिक रूप से यूनिकॉर्न बन गई है, यानी इसका मूल्यांकन 1 अरब डॉलर (लगभग ₹8,300 करोड़) से अधिक हो गया है। यह मुकाम तब हासिल हुआ जब स्विट्ज़रलैंड की मशहूर कंपनी Nestle ने Drools में अल्पांश हिस्सेदारी खरीद ली।

Nestle की भूमिका

Nestle ने इस निवेश की पुष्टि की है, लेकिन यह भी स्पष्ट किया है कि Drools स्वतंत्र रूप से काम करती रहेगी और अपने सभी फैसले खुद लेगी। सौदे की रकम का खुलासा नहीं किया गया है। इस साझेदारी का उद्देश्य Drools को आर्थिक समर्थन देना है, जबकि कंपनी की मौजूदा टीम और रणनीति को बरकरार रखा जाएगा।

2025 की चौथी यूनिकॉर्न कंपनी

Drools इस साल भारत की चौथी यूनिकॉर्न कंपनी बन गई है। इससे पहले:

  • जनवरी में Deeptech स्टार्टअप Netradyne

  • अप्रैल में डिजिटल पेमेंट कंपनी Juspay

  • और मई में लॉजिस्टिक्स प्लेटफॉर्म Porter ने यह दर्जा प्राप्त किया था।

Drools की यह उपलब्धि भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए एक और बड़ी कामयाबी है।

भारत का पालतू देखभाल बाज़ार तेजी से बढ़ रहा है

भारत में पालतू जानवरों से जुड़ा उद्योग बहुत तेजी से बढ़ रहा है। खासकर शहरी युवाओं के बीच पालतू जानवरों को पालने का चलन बढ़ा है और वे उनके भोजन, ग्रूमिंग और स्वास्थ्य पर ज्यादा खर्च कर रहे हैं। यह ट्रेंड बढ़ती आय, छोटे परिवारों और पालतुओं को परिवार का हिस्सा मानने की सोच के कारण देखने को मिल रहा है।

यह उद्योग हर साल 20% से अधिक की दर से बढ़ रहा है और 2026 तक इसका मूल्य $1.15 अरब डॉलर (लगभग ₹9,500 करोड़) तक पहुंचने की उम्मीद है।

Drools: एक भारतीय सफलता की कहानी

Drools की शुरुआत 2010 में हुई थी और आज यह भारत के सबसे बड़े पेट फूड ब्रांड्स में से एक बन चुकी है। इसे लग्ज़री समूह LVMH से जुड़े L Catterton नामक निवेशक से समर्थन मिला। 2023 में Drools ने $60 मिलियन का निवेश हासिल किया जिससे उत्पादन और वितरण व्यवस्था को बेहतर बनाया गया।

Drools का मुकाबला अंतरराष्ट्रीय कंपनी Mars PetCare और भारतीय ब्रांड Heads Up for Tails जैसे बड़े नामों से होता है।

Nestle का निवेश क्यों महत्वपूर्ण है?

Nestle दुनिया भर में अपने पेट फूड ब्रांड Purina के लिए जानी जाती है, लेकिन भारत में इसका प्रभाव अब तक सीमित रहा है। Drools में निवेश करके Nestle ने भारतीय बाजार में बिना सीधा संचालन बदले एंट्री पा ली है।

इस साझेदारी से Drools को Nestle के वैश्विक अनुभव और व्यावसायिक रणनीतियों से सीखने का भी अवसर मिलेगा।

पालतू देखभाल उद्योग में बढ़ती प्रतिस्पर्धा

Nestle अकेली कंपनी नहीं है जो भारत के पालतू देखभाल क्षेत्र में रुचि दिखा रही है। Godrej Consumer Products भी अब इस क्षेत्र में सक्रिय हो चुकी है। विशेषज्ञों का मानना है कि जो कभी एक नीश मार्केट था, वह अब मुख्यधारा का एक आकर्षक व्यापार क्षेत्र बनता जा रहा है।

भारतीय क्रिकेटर शुभमन गिल को ओकले का ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया गया

भारतीय टेस्ट टीम के नए कप्तान शुभमन गिल ने अब अपने क्रिकेट गियर में स्टाइल का तड़का भी लगा दिया है। वे अब मशहूर सनग्लास कंपनी Oakley के ब्रांड एंबेसडर बन गए हैं। यह साझेदारी Oakley की नई कैंपेन “Artifacts from the Future” के तहत की गई है। सिर्फ 25 वर्ष की उम्र में गिल अपनी शांत और सटीक बल्लेबाज़ी के लिए जाने जाते हैं, और अब वे अपने स्टाइलिश सनग्लासेज़ को लेकर भी चर्चा में हैं।

शुभमन गिल को क्यों चुना गया?

शुभमन गिल अपनी शानदार बल्लेबाज़ी, शांत स्वभाव और सभी फॉर्मेट में मजबूत प्रदर्शन के लिए जाने जाते हैं। वे अपनी मेहनत और समर्पण के कारण आज की युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणास्रोत बन चुके हैं। Oakley ने उन्हें अपना ब्रांड एंबेसडर इसलिए चुना क्योंकि गिल में वही गुण हैं जो Oakley के मूल्यों से मेल खाते हैं — जुनून, प्रगति और उत्कृष्ट प्रदर्शन

शुभमन गिल की प्रतिक्रिया

शुभमन गिल ने Oakley का हिस्सा बनने पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि Oakley उनकी क्रिकेट यात्रा का हमेशा से एक अहम हिस्सा रहा है — जब भी वह मैदान पर उतरे, Oakley उनके साथ रहा। उन्होंने यह भी कहा कि Oakley के मूल्य उनके क्रिकेट के सपनों और मेहनत से मेल खाते हैं।

Oakley का इस साझेदारी पर संदेश

Oakley के सीनियर ब्रांड बिजनेस मैनेजर साहिल जिंदल ने कहा कि Oakley खेल और खिलाड़ियों से गहराई से जुड़ा हुआ ब्रांड है। उन्होंने कहा कि शुभमन गिल का कभी हार न मानने वाला रवैया और खेल के प्रति प्यार, Oakley की असली भावना को दर्शाता है।

Oakley से जुड़े अन्य प्रसिद्ध खिलाड़ी

शुभमन गिल अब Oakley के साथ जुड़ने वाले विश्व प्रसिद्ध खिलाड़ियों की सूची में शामिल हो गए हैं। इनमें शामिल हैं:

  • किलियन एम्बाप्पे (फुटबॉल)

  • डेमियन लिलार्ड (बास्केटबॉल)

  • पैट्रिक महोम्स II (अमेरिकन फुटबॉल)

“आर्टिफैक्ट्स फ्रॉम द फ्यूचर” कैंपेन के बारे में

Oakley के इस नए कैंपेन के जरिए ब्रांड के 50 साल पूरे होने का जश्न मनाया जा रहा है। यह अभियान भविष्य की प्रेरणा से तैयार किए गए नए चश्मों की डिज़ाइनों को पेश करता है जैसे कि प्लांटरिस (Plantaris), लेटरालिस (Lateralis) और मैसेटर (Masseter)। यह नई स्टाइल पुरानी यादों और नई सोच का मिश्रण है, जो दिखाता है कि Oakley कैसे विकसित हो रहा है और आगे बढ़ रहा है। इस कलेक्शन को मई में लॉन्च किया जाना है।

महाराणा प्रताप जयंती 2025: राजपूत योद्धा राजा की विरासत का सम्मान

महाराणा प्रताप जयंती 2025 भारत के सबसे प्रतिष्ठित योद्धा राजाओं में से एक — मेवाड़ के महाराणा प्रताप सिंह — की 485वीं जयंती के रूप में मनाई जा रही है। उनकी अटूट आत्मा, प्रखर देशभक्ति और मुगल सम्राट अकबर के खिलाफ उनके ऐतिहासिक प्रतिरोध के लिए उन्हें जाना जाता है। यह दिन राजस्थान सहित भारत के कई हिस्सों में ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।

महाराणा प्रताप जयंती 2025 की तिथि
महाराणा प्रताप का जन्म हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया को हुआ था। वर्ष 2025 में यह पावन तिथि गुरुवार, 29 मई 2025 को पड़ रही है।

महाराणा प्रताप जयंती कैलेंडर विवरण:

कार्यक्रम तिथि एवं समय
महाराणा प्रताप जयंती गुरुवार, 29 मई 2025
तृतीया तिथि प्रारंभ 29 मई 2025, रात 01:54 बजे
तृतीया तिथि समाप्ति 29 मई 2025, रात 11:18 बजे
जन्मजयन्ती 485वीं

राजा कुमारी ने रचा इतिहास, AMA जीतने वाली पहली भारतीय मूल की कलाकार बनीं

भारतीय-अमेरिकी रैपर और गायिका-गीतकार राजा कुमारी ने इतिहास रच दिया है, क्योंकि वह अमेरिकन म्यूज़िक अवॉर्ड (AMA) जीतने वाली पहली भारतीय मूल की संगीतकार बन गई हैं। यह प्रतिष्ठित सम्मान उन्हें 27 मई 2025 को लॉस एंजेलिस में आयोजित 51वें AMA समारोह में प्रदान किया गया। उन्हें यह पुरस्कार ‘आर्केन लीग ऑफ लीजेंड्स: सीज़न 2’ साउंडट्रैक में उनके योगदान के लिए मिला।

राजा कुमारी को “फेवरेट साउंडट्रैक” श्रेणी में सम्मानित किया गया, जहाँ उनका दमदार और विधाओं की सीमाएं तोड़ने वाला गाना ‘रेनेगेड (वी नेवर रन)’ व्यापक सराहना पाकर विजयी रहा।

गाने के बारे में: एक वैश्विक सहयोग

पुरस्कार विजेता ट्रैक ‘रेनेगेड (वी नेवर रन)’ एक ज़बरदस्त गीत है जिसे तीन अंतरराष्ट्रीय कलाकारों के सहयोग से तैयार किया गया है:

  • राजा कुमारी (भारत/अमेरिका)

  • स्टेफलन डॉन (यूके)

  • जरीना डी मार्को (डोमिनिकन रिपब्लिक/ब्राज़ील)

यह गीत चर्चित सीरीज़ ‘आर्केन: लीग ऑफ लीजेंड्स – सीज़न 2’ में शामिल है, जो लोकप्रिय वीडियो गेम फ्रैंचाइज़ी पर आधारित है।

सांस्कृतिक प्रतिनिधित्व और संगीत का कमाल

PTI को दिए गए एक इंटरव्यू में राजा कुमारी ने बताया कि आर्केन की टीम ने उनसे संपर्क किया क्योंकि इस सीज़न में एक भारतीय किरदार को दिखाया गया था। वे ऐसी आवाज़ चाहते थे जो भारतीय संस्कृति का प्रतिनिधित्व कर सके और साथ ही जोश और ऊर्जा से भरपूर म्यूज़िक दे सके—और यही वह शैली है जिसमें राजा कुमारी ने अपनी अलग पहचान बनाई है।

अप्रत्याशित सफलता और वैश्विक प्रभाव

राजा कुमारी ने स्वीकार किया कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि यह गाना इतनी ज़बरदस्त सफलता हासिल करेगा। मूल रूप से केवल सीरीज़ के लिए रिकॉर्ड किया गया ‘रेनेगेड’ अचानक ही वैश्विक चार्ट्स पर छा गया।

वैश्विक कलाकार होने की सोच को मज़बूती

ऐसे समय में जब कुमारी यह सोच रही थीं कि शायद किसी एक ही संगीत शैली से जुड़ कर रहना ही व्यवसायिक सफलता का रास्ता है, AMA पुरस्कार ने उनकी इस सोच को नई दिशा दी और यह साबित किया कि वैश्विक दृष्टिकोण रखना भी सफल हो सकता है।

सरहदों से परे एक जीत

राजा कुमारी की AMA में जीत सिर्फ़ उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है—यह सांस्कृतिक प्रतिनिधित्व, संगीत में महिलाओं की भूमिका और वैश्विक भारतीय प्रवासियों के लिए भी एक महत्वपूर्ण जीत है। एक ऐसी कलाकार के रूप में जो हिप-हॉप, भारतीय शास्त्रीय संगीत और पॉप को बेहतरीन ढंग से जोड़ती हैं, कुमारी लगातार सीमाएं तोड़ रही हैं और दुनिया भर के दक्षिण एशियाई संगीतकारों के लिए नए रास्ते खोल रही हैं।

बॉलीवुड अभिनेत्री श्रद्धा कपूर को यूरेका फोर्ब्स का ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया गया

यूरेका फोर्ब्स लिमिटेड, जो भारत के स्वास्थ्य और स्वच्छता क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित नाम है, ने अपनी वैक्यूम क्लीनर रेंज के लिए लोकप्रिय अभिनेत्री श्रद्धा कपूर को ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया है। स्वच्छ और स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने की दिशा में यह साझेदारी एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। 40 वर्षों से अधिक के अनुभव के साथ, यूरेका फोर्ब्स भारतीय घरों के लिए भरोसेमंद स्वच्छता समाधान प्रदान करता आ रहा है। श्रद्धा कपूर की युवाओं में लोकप्रियता और उनकी हेल्दी लाइफस्टाइल कंपनी के मूल्यों से मेल खाती है, जिससे यह साझेदारी देशभर में स्वच्छ और स्मार्ट जीवन जीने की सोच को मजबूत करेगी।

क्यों चुनी गईं श्रद्धा कपूर?

श्रद्धा कपूर एक युवाओं की आइकन हैं, जिन्हें उनकी स्वस्थ जीवनशैली और समझदारी से लिए गए फैसलों के लिए जाना जाता है। यूरेका फोर्ब्स का मानना है कि श्रद्धा उनके ब्रांड मूल्यों के साथ पूरी तरह मेल खाती हैं। शहरी और युवा भारतीयों के बीच उनकी लोकप्रियता कंपनी को स्वच्छता और स्मार्ट जीवनशैली को महत्व देने वाले नए ग्राहकों तक पहुँचने में मदद करेगी।

वैक्यूम क्लीनर में नई तकनीक

यूरेका फोर्ब्स ने हाल ही में फ़ोर्ब्स स्मार्टक्लीन रोबोटिक वैक्यूम क्लीनर लॉन्च किए हैं। ये मशीनें शक्तिशाली सक्शन क्षमता और वेट मैपिंग जैसी सुविधाओं से लैस हैं। ये आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) द्वारा संचालित हैं और इनमें LiDAR तकनीक का उपयोग होता है, जिससे ये ज्यादा सटीकता और आसानी से सफाई कर सकती हैं। ये रोबोटिक क्लीनर घर की सफाई को आसान और अधिक प्रभावी बनाते हैं।

श्रद्धा कपूर के विचार

श्रद्धा कपूर ने यूरेका फोर्ब्स से जुड़ने पर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि स्वच्छ घर का होना अच्छे स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। उन्होंने स्मार्टक्लीन उत्पादों की स्मार्टनेस, उपयोगिता और आधुनिकता की सराहना की और उम्मीद जताई कि अधिक से अधिक लोग इस तरह के उपयोगी सफाई उपकरण अपनाएँगे।

कंपनी का नजरिया

यूरेका फोर्ब्स लिमिटेड के चीफ़ ग्रोथ ऑफिसर अनुराग कुमार ने कहा कि श्रद्धा स्मार्ट और जागरूक जीवनशैली का प्रतीक हैं, जो कंपनी की सोच से मेल खाती है। उन्होंने बताया कि यूरेका फोर्ब्स हमेशा से उन्नत और उपयोग में आसान सफाई उत्पाद बनाने पर जोर देता आया है। इस नई साझेदारी के ज़रिए कंपनी आधुनिक परिवारों के और करीब आने की उम्मीद करती है।

ग्राहक केंद्रित नवाचार

यूरेका फोर्ब्स हमेशा अपने ग्राहकों को प्राथमिकता देता है। भारतीय घरों की बदलती जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कंपनी लगातार अपने उत्पादों में सुधार करती रहती है। रोबोटिक वैक्यूम क्लीनर से लेकर डीप-क्लीनिंग मशीनों तक, इसके उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला समय के साथ विकसित होती रहती है, जिससे यूरेका फोर्ब्स घरेलू स्वच्छता समाधान में अग्रणी बना हुआ है।

भारत ने ई-हंसा की योजना का अनावरण किया: स्वदेशी हरित विमानन में एक बड़ा परिवर्तनकारी कदम

भारत ने एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए ई-हंसा (E-HANSA) — अगली पीढ़ी का दो-सीटर इलेक्ट्रिक ट्रेनर विमान — के विकास की घोषणा की है। यह घोषणा केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेन्द्र सिंह ने शीर्ष विज्ञान अधिकारियों के साथ हुई एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में की।

ई-हंसा: भारत का स्वदेशी इलेक्ट्रिक विमान

ई-हंसा विमान को राष्ट्रीय एयरोस्पेस प्रयोगशालाओं (NAL), बेंगलुरु द्वारा विकसित किया जा रहा है, जो वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) की एक संस्था है। यह विमान HANSA-3 नेक्स्ट जनरेशन (NG) कार्यक्रम का हिस्सा है और इसका उद्देश्य विदेशी ट्रेनर विमानों की तुलना में कम लागत (लगभग ₹2 करोड़) में प्रशिक्षु पायलटों को एक स्वदेशी विकल्प प्रदान करना है।

रणनीतिक महत्व: हरित ऊर्जा और पायलट प्रशिक्षण

यह पहल भारत के हरित उड्डयन विजन को साकार करती है, जो उड्डयन क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन को कम करने और स्वच्छ ऊर्जा आधारित प्रणालियों को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। ई-हंसा पायलट प्रशिक्षण के क्षेत्र में सस्ते और टिकाऊ प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराएगा।

आरएंडडी में सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ावा

बैठक के दौरान डॉ. सिंह ने स्वदेशी तकनीकों के व्यावसायीकरण पर बल दिया और DBT-BIRAC तथा IN-SPACe जैसे सफल मॉडल अपनाकर राष्ट्रीय अनुसंधान विकास निगम (NRDC) को मजबूत सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) के लिए निर्देश दिए।

तकनीक हस्तांतरण, कारोबार में सुगमता और “वसुधैव कुटुंबकम”

डॉ. सिंह ने कहा कि तकनीक हस्तांतरण की प्रक्रियाएं मानकीकृत (standardized) की जानी चाहिए और विज्ञान क्षेत्र में इनोवेशन और कारोबार को प्रोत्साहन मिलना चाहिए। उन्होंने वैश्विक विज्ञान साझेदारियों को “वसुधैव कुटुंबकम” की भावना के साथ बढ़ावा देने की आवश्यकता भी जताई।

इसरो की उपलब्धियों की सराहना: स्पैडेक्स और ऑपरेशन सिंदूर

डॉ. सिंह ने इसरो (ISRO) को दो बड़ी उपलब्धियों के लिए बधाई दी:

  • स्पैडेक्स (SPADEX) मिशन की सफलता, जो गगनयान मिशन के लिए डॉकिन्ग और अनडॉकिन्ग क्षमताओं को दर्शाता है।

  • ऑपरेशन सिंदूर, जिसे राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली।

उन्होंने बताया कि इसरो अब 40 केंद्रीय मंत्रालयों और 28 राज्य सरकारों के साथ सहयोग कर राष्ट्रीय विकास में बड़ी भूमिका निभा रहा है।

एक्सिओम अंतरिक्ष मिशन और सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण अनुसंधान

एक अन्य महत्वपूर्ण घोषणा में डॉ. सिंह ने बताया कि ग्रुप कैप्टन सुभाष शुक्ला भारत की ओर से Axiom Space Mission में भाग लेंगे, जहाँ वे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर 7 सूक्ष्मगुरुत्व प्रयोग करेंगे।

क्षेत्रीय चिंतन शिविर: समन्वित विज्ञान योजना की दिशा में

डॉ. सिंह ने देशभर में क्षेत्रीय चिंतन शिविरों के आयोजन का आह्वान किया, जिसकी शुरुआत हाल ही में NIOT चेन्नई में हुई। इन शिविरों में प्रमुख वैज्ञानिक विभाग भाग लेंगे:

  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST)

  • जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT)

  • वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR)

  • भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO)

  • पृथ्वी विज्ञान विभाग

  • परमाणु ऊर्जा विभाग

इसका उद्देश्य सहयोगात्मक और अंतर्विषयक विज्ञान योजना को बढ़ावा देना है।

बायोमैन्युफैक्चरिंग और वैश्विक प्रतिभा संपर्क

भारत की बायोमैन्युफैक्चरिंग और अनुसंधान एवं विकास (R&D) क्षमताओं को बढ़ाने के उद्देश्य से, डॉ. जितेन्द्र सिंह ने एक नई पहल “वैश्विक विज्ञान प्रतिभा पुल (Global Science Talent Bridge)” का प्रस्ताव रखा है, जिसका लक्ष्य दुनिया भर के शीर्ष वैज्ञानिकों और नवप्रवर्तकों को भारत में आकर्षित करना है।

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि CSIR प्रयोगशालाओं को छात्रों के लिए खोले जाने पर जो उत्साह देखा गया, वह सराहनीय है। हालाँकि, सुरक्षा कारणों से यह कार्यक्रम अस्थायी रूप से रोक दिया गया था, लेकिन इसे जल्द ही फिर से शुरू किया जाएगा।

वैश्विक विज्ञान सहयोग में वृद्धि

भारत की वैश्विक वैज्ञानिक कूटनीति लगातार मजबूत हो रही है। डॉ. सिंह ने बताया कि स्विट्ज़रलैंड और इटली ने भारत के साथ द्विपक्षीय विज्ञान केंद्र स्थापित करने में रुचि दिखाई है। यह पहल इंडो-फ्रेंच और इंडो-जर्मन विज्ञान सहयोगों की तर्ज पर होगी, जो पहले से ही सफलतापूर्वक कार्य कर रहे हैं।

असम का नागशंकर मंदिर कछुआ संरक्षण के लिए आधुनिक मंदिर बना

पूर्वोत्तर असम के बिश्वनाथ जिले में स्थित नागशंकर मंदिर को कछुओं के संरक्षण के लिए आदर्श मंदिर का दर्जा दिया गया है। यह सम्मान 23 मई, 2025 को विश्व कछुआ दिवस पर आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान दिया गया। इस कार्यक्रम में कछुओं के संरक्षण में मंदिर के महत्वपूर्ण कार्य का जश्न मनाया गया, जिनका असम की संस्कृति में गहरा सम्मान है।

नागशंकर में विश्व कछुआ दिवस का आयोजन

विश्व कछुआ दिवस के अवसर पर नागशंकर मंदिर में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें कई संगठनों ने भाग लिया। इसमें काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, असम राज्य चिड़ियाघर, नागशंकर मंदिर समिति, चायदुर कॉलेज, और संरक्षण से जुड़ी संस्थाएं जैसे टर्टल सर्वाइवल अलायंस (TSA) फाउंडेशन इंडिया, आरण्यक तथा हेल्प अर्थ शामिल थे। इस कार्यक्रम में स्थानीय विधायक पद्मा हजारिका ने मंदिर की कछुआ संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका को औपचारिक रूप से मान्यता दी। आयोजन के दौरान लोगों ने कछुओं पर आधारित गीत गाए और मीठे पानी के विभिन्न कछुओं की पहचान में मदद करने वाली एक विशेष पुस्तिका का विमोचन किया गया।

सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व

असम में कछुओं को पवित्र माना जाता है और उन्हें भगवान विष्णु का रूप माना जाता है। राज्य के कई मंदिरों के तालाब समय के साथ-साथ कछुओं के लिए सुरक्षित आश्रय स्थल बन गए हैं। नागशंकर मंदिर इस परंपरा का एक उत्तम उदाहरण है। अब इस मंदिर को संरक्षण विशेषज्ञों, विशेषकर TSA फाउंडेशन, का सहयोग प्राप्त है।

समुदाय का सहयोग और ‘कासो मित्र’

इस कार्यक्रम में उन स्थानीय लोगों को भी सम्मानित किया गया जिन्हें “कासो मित्र” यानी कछुआ मित्र कहा जाता है। ये समुदाय सदस्य क्षेत्र में कछुओं की सुरक्षा में सक्रिय भूमिका निभाते हैं। अंजलि दास, जो महिलाओं के एक बुनकर समूह ‘कासो सखी’ की अध्यक्ष हैं, ने बताया कि कछुए तालाबों और नदियों में सड़े-गले जीवों को खाकर जल को साफ करते हैं। उनका समूह कछुओं की डिज़ाइन वाले हथकरघा उत्पाद भी बनाता है ताकि लोगों में जागरूकता फैलाई जा सके।

नागशंकर मंदिर में संरक्षित कछुओं की प्रजातियाँ
नागशंकर मंदिर में 13 प्रजातियों के मीठे पानी के कछुओं का संरक्षण किया जाता है। इनमें शामिल हैं:

  1. ब्लैक सॉफ्टशेल टर्टल (Black Softshell Turtle) – अति संकटग्रस्त

  2. असम रूफ्ड टर्टल (Assam Roofed Turtle) – अति संकटग्रस्त

  3. इंडियन सॉफ्टशेल टर्टल (Indian Softshell Turtle) – संकटग्रस्त

  4. पीकॉक सॉफ्टशेल टर्टल (Peacock Softshell Turtle) – संकटग्रस्त

  5. इंडियन नैरो-हेडेड सॉफ्टशेल टर्टल (Indian Narrow-Headed Softshell Turtle) – संकटग्रस्त

  6. स्पॉटेड पोंड टर्टल (Spotted Pond Turtle) – संकटग्रस्त

  7. ट्राइकारिनेट हिल टर्टल (Tricarinate Hill Turtle) – संकटग्रस्त

  8. इंडियन फ्लैपशेल टर्टल (Indian Flapshell Turtle) – संवेदनशील

  9. इंडियन रूफ्ड टर्टल (Indian Roofed Turtle) – संवेदनशील

  10. ब्राउन रूफ्ड टर्टल (Brown Roofed Turtle) – लगभग संकटग्रस्त

  11. ब्राउन रूफ्ड टर्टल – लगभग संकटग्रस्त (दोहराया गया नाम)

  12. असम लीफ टर्टल (Assam Leaf Turtle) – लगभग संकटग्रस्त

  13. इंडियन टेंट टर्टल (Indian Tent Turtle) – न्यूनतम चिंता

  14. इंडियन ब्लैक टर्टल (Indian Black Turtle) – न्यूनतम चिंता

इन वर्गीकरणों को अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) की रेड लिस्ट के आधार पर तय किया गया है, जो यह दर्शाती है कि कौन-सी प्रजातियाँ कितनी संकट में हैं।

Tata-Airbus कर्नाटक में स्थापित करेगी भारत की पहली निजी हेलीकॉप्टर असेंबली लाइन

भारत की विमानन विनिर्माण क्षमताएं और भी अधिक बढ़ने वाली हैं, क्योंकि टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) और यूरोपीय एयरोस्पेस दिग्गज एयरबस ने देश की पहली निजी स्वामित्व वाली हेलीकॉप्टर फाइनल असेंबली लाइन (एफएएल) स्थापित करने के लिए हाथ मिलाया है। इस रणनीतिक कदम से भारत वैश्विक एयरोस्पेस मानचित्र पर आ गया है, जिससे स्वदेशी रक्षा और विमानन विनिर्माण केंद्र बनने की इसकी महत्वाकांक्षा को बल मिला है।

‘मेक इन इंडिया’ के लिए मील का पत्थर

भारत की एविएशन निर्माण क्षमताओं को एक नई ऊँचाई मिलने जा रही है। टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) और यूरोपीय एयरोस्पेस दिग्गज एयरबस के बीच समझौते के तहत देश की पहली निजी क्षेत्र की हेलीकॉप्टर फाइनल असेम्बली लाइन (FAL) स्थापित की जाएगी।

  • यह संयंत्र एयरबस H125 हेलीकॉप्टर बनाएगा – जो एक बहुउपयोगी और ऊंचे तापमान व ऊंचाई में प्रदर्शन के लिए प्रसिद्ध हल्का हेलीकॉप्टर है।

  • यह दुनिया का चौथा H125 असेम्बली प्लांट होगा – फ्रांस, अमेरिका, और ब्राज़ील के बाद।

कर्नाटक क्यों बना पहली पसंद?

कर्नाटक ने गुजरात, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश जैसी अन्य दावेदारों को पछाड़ते हुए परियोजना को अपने राज्य में लाने में सफलता हासिल की। कारण:

  • बेंगलुरु के पास होने के कारण तकनीकी और लॉजिस्टिक लाभ

  • कोलार के वेमगल औद्योगिक क्षेत्र में पहले से मौजूद बुनियादी ढांचा

  • राज्य सरकार द्वारा दिए गए प्रोत्साहन जैसे भूमि सब्सिडी और पूंजी सहायता

  • हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) की उपस्थिति और प्रशिक्षित एयरोस्पेस कार्यबल

उत्पादन और भविष्य की योजनाएं

  • प्रारंभ में संयंत्र की उत्पादन क्षमता 10 H125 हेलीकॉप्टर प्रति वर्ष होगी।

  • भविष्य में बढ़ती मांग और निर्यात अवसरों के अनुसार उत्पादन में विस्तार किया जाएगा।

  • भारत में नागरिक विमानन, गृह सुरक्षा, और रक्षा आवश्यकताओं की बढ़ती ज़रूरतों के कारण घरेलू बाजार में भारी मांग की संभावना है।

H125 हेलीकॉप्टर का उपयोग इन क्षेत्रों में होता है:

  • पर्यटन एवं VIP परिवहन

  • मेडिकल इमरजेंसी सेवाएं (EMS)

  • कानून व्यवस्था और पुलिसिंग

  • खोज और बचाव कार्य

  • औद्योगिक एवं यूटिलिटी सेवाएं

परियोजना का रणनीतिक महत्व

यह साझेदारी भारत के निजी क्षेत्र की बढ़ती भूमिका को दर्शाती है, जो अब तक HAL और DRDO जैसे सार्वजनिक उपक्रमों पर निर्भर था।

प्रमुख रणनीतिक लाभ:

  • प्रमुख एयरोस्पेस पुर्जों का स्वदेशी उत्पादन

  • कर्नाटक में उच्च-कुशल रोजगार के अवसर

  • एयरोस्पेस क्षेत्र में निर्यात प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी

  • भारत–यूरोप औद्योगिक सहयोग को बल

भारत की रक्षा और नागरिक विमानन प्रणाली को बढ़ावा

भारत के $5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को देखते हुए, यह निवेश औद्योगिक आधार को सशक्त करने में मदद करेगा।

  • तकनीक हस्तांतरण, कौशल विकास, और स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला के निर्माण से एक मजबूत एयरोस्पेस इकोसिस्टम तैयार होगा।

  • यह संयंत्र पहाड़ी और दूरदराज़ क्षेत्रों में छोटे वर्सेटाइल एयरक्राफ्ट की मांग को पूरा करने में मदद करेगा।

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