44वां भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला पुरस्कारों के साथ संपन्न हुआ

नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित 44वें भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले (IITF) 2025 का समापन एक शानदार पुरस्कार वितरण समारोह के साथ हुआ। भारत व्यापार संवर्धन संगठन (ITPO) द्वारा आयोजित यह दो सप्ताह का मेला “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” थीम पर आधारित था, जिसने नवाचार, समावेशन और भारत के औद्योगिक एवं सांस्कृतिक वैभव का भव्य प्रदर्शन किया।

भारत के विभिन्न राज्यों, मंत्रालयों, सार्वजनिक उपक्रमों, विदेशी प्रदर्शकों और निजी कंपनियों की भागीदारी वाले इस मेले में 18 लाख से अधिक आगंतुक आए, जो इसे देश का सबसे प्रतिष्ठित व्यापार और सांस्कृतिक आयोजन सिद्ध करता है।

मुख्य पुरस्कार

1. पार्टनर स्टेट श्रेणी

  • स्वर्ण: राजस्थान

  • रजत: बिहार

  • कांस्य: उत्तर प्रदेश

  • विशेष प्रशंसा: महाराष्ट्र

2. फोकस स्टेट श्रेणी

  • स्वर्ण: झारखंड

3. राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेश श्रेणी

  • स्वर्ण: ओडिशा

  • रजत: मध्य प्रदेश

  • कांस्य: पुडुचेरी

  • प्रशंसा: दिल्ली, गोवा, कर्नाटक

4. थीमेटिक प्रस्तुति (राज्यों द्वारा)

  • स्वर्ण: मेघालय

  • रजत: केरल

  • कांस्य: आंध्र प्रदेश

  • प्रशंसा: छत्तीसगढ़, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा

5. स्वच्छ पवेलियन (स्वच्छ भारत अभियान)

  • स्वर्ण: हरियाणा

  • रजत: पंजाब

  • कांस्य: असम

  • प्रशंसा: अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, उत्तराखंड, तमिलनाडु

मंत्रालयों, पीएसयू और कमोडिटी बोर्ड सम्मान

मंत्रालय एवं सरकारी विभाग

  • स्वर्ण: रक्षा मंत्रालय

  • रजत: खान मंत्रालय

  • कांस्य: रेलवे मंत्रालय

  • प्रशंसा: आयुष मंत्रालय, विद्युत मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय (सरस आजीविका मेला)

मंत्रालय, PSUs एवं PSBs

  • स्वर्ण: एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया

  • रजत: नेशनल ई-गवर्नेंस डिवीजन (NeGD)

  • कांस्य: भारतीय खाद्य निगम (FCI)

  • प्रशंसा: वस्त्र मंत्रालय, भारतीय स्टेट बैंक (SBI), एलआईसी

कमोडिटी बोर्ड

  • स्वर्ण: टी बोर्ड इंडिया

  • रजत: स्पाइस बोर्ड इंडिया

  • कांस्य: कॉयर बोर्ड

  • प्रशंसा: राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड, नारियल विकास बोर्ड, राष्ट्रीय जूट बोर्ड

सार्वजनिक संचार व जन-जागरूकता श्रेणी

  • स्वर्ण: करदाता सेवा महानिदेशालय

  • रजत: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय

  • कांस्य: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT)

  • प्रशंसा: भारत के रजिस्ट्रार जनरल एवं जनगणना आयुक्त, सेबी, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय

एम्पावरिंग इंडिया (मंत्रालय एवं विभाग)

  • स्वर्ण: कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय

  • रजत: MSME मंत्रालय

  • कांस्य: NBCC (इंडिया) लिमिटेड

  • प्रशंसा: सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय, कोल इंडिया लिमिटेड, नैफेड

विदेशी पवेलियन व निजी क्षेत्र

विदेशी पवेलियन

  • स्वर्ण: थाईलैंड (Thai SMEs Exporter Association)

  • रजत: ईरान (Dorna Seyd Makran)

  • कांस्य: दुबई (Al Rawdha General Trading LLC)

  • प्रशंसा: कोरिया (Es Korea), तुर्की (Tillo Hediyelik), तिब्बती वाणिज्य मंडल

निजी क्षेत्र

  • स्वर्ण: आरडीएम केयर (AYUR)

  • रजत: डेयरी इंडिया प्रा. लि. (Ananda)

  • कांस्य: यूनाइटेड एकता इंजीनियरिंग उद्योग प्राइवेट लिमिटेड, मित्तल इलेक्ट्रॉनिक्स (सुजाता)

  • प्रशंसा: जूही आर्ट्स, कुबेर एसेंशियल्स, पंसारी इंडस्ट्रीज, रोमाना हर्बलकेयर, श्री श्याम तिल पट्टी

खाद्य एवं वेंडिंग श्रेणियाँ

फूड स्टॉल

  • स्वर्ण: बंसल फूड एंड बेवरेजेज

  • रजत: रोहिल्या फ़ूड प्राइवेट लिमिटेड

  • कांस्य: दाना पानी

  • प्रशंसा: विनायक एंटरप्राइजेज (साड्डा पंजाबी), मदर डेयरी

वेंडिंग पॉइंट्स

  • स्वर्ण: दाना पानी

  • रजत: गठ बंधन फार्म्स

  • कांस्य: बंसल फूड्स एंड बेवरेजेज

समापन संदेश

आईटीपीओ के प्रबंध निदेशक डॉ. नीरज खरवाल ने मेले की उत्साही भागीदारी की प्रशंसा करते हुए कहा कि IITF 2025 ने “भारत की रचनात्मकता, क्षमता और नवाचार शक्ति” को शानदार रूप से प्रदर्शित किया।

ले. कर्नल हर्ष कोंडिल्या ने प्रतिभागियों को मिले सकारात्मक व्यवसायिक अवसरों की सराहना की और सभी प्रतिभागियों व आगंतुकों को धन्यवाद दिया।

भारतीय सेना ने चाणक्य रक्षा संवाद 2025 की मेज़बानी की

भारतीय सेना ने 27–28 नवंबर को नई दिल्ली में चाणक्य डिफेंस डायलॉग (Chanakya Defence Dialogue – CDD) 2025 का तीसरा संस्करण आयोजित किया। यह कार्यक्रम भारत की बदलती सुरक्षा आवश्यकताओं और वैश्विक रक्षा रुझानों के अनुरूप अपनी रक्षा रणनीति को रूपांतरित करने की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।

थीम: “Reform to Transform: सशक्त, सुरक्षित और विकसित भारत”

डायलॉग में सैन्य नेतृत्व, रणनीतिक विशेषज्ञों, राजनयिकों, शिक्षाविदों, युवाओं और निजी क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने भारत की सुरक्षा चुनौतियों और दीर्घकालिक रक्षा रूपांतरण पर विचार-विमर्श किया।

मुख्य बिंदु व चर्चाएँ

1. दूरदर्शी उद्घाटन

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उन्होंने भारतीय सेना की पेशेवर दक्षता की सराहना करते हुए पारंपरिक युद्ध, शांति स्थापना, मानवीय सहायता, साइबर और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में तैयार रहने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि तकनीकी बदलावों और उभरते खतरों के दौर में सेनाओं को फुर्तीला, अनुकूलनीय और बहु-क्षेत्रीय (multidimensional) होना होगा।

2. सेना प्रमुख की 2047 तक की रोडमैप घोषणा

सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने भारतीय सेना को 2047 तक आधुनिक, एकीकृत और भविष्य-उन्मुख बल में बदलने के लिए तीन-चरणीय रूपांतरण रणनीति प्रस्तुत की।

तीन चरणों का विवरण

Phase 1: 2032 तक

  • तेज़ी से पुनर्गठन

  • सिद्धांत (doctrinal) सुधार

  • नई प्रौद्योगिकियों का तीव्र समेकन

Phase 2: 2037 तक

  • इन सुधारों का स्थायी संस्थागत ढांचे में समावेश

  • परिचालनिक (operational) तालमेल और एकीकरण में वृद्धि

Phase 3: 2047 तक

  • पूर्ण डिजिटलाइजेशन

  • आत्मनिर्भर, चपल और उन्नत सेना

  • विकसित भारत 2047 के लक्ष्यों के अनुरूप सैन्य क्षमता

Static Facts / स्थिर तथ्य

  • कार्यक्रम: चाणक्य डिफेंस डायलॉग 2025

  • आयोजक: भारतीय सेना

  • स्थान: मानेकशॉ केंद्र, नई दिल्ली

  • तिथियाँ: 27–28 नवंबर 2025

  • थीम: Reform to Transform — सशक्त, सुरक्षित और विकसित भारत

  • सेना प्रमुख: जनरल उपेन्द्र द्विवेदी

एशियन पेंट्स बना भारतीय क्रिकेट का ‘ऑफिशियल कलर पार्टनर’, जानें सबकुछ

एशियन पेंट्स जो भारत की प्रमुख पेंट और डेकोर ब्रांड है उन्होंने BCCI के साथ बड़े स्तर की डील साइन की है। एशियन पेंट्स अब अगले तीन साल तक बोर्ड के लिए ‘ऑफिशियल कलर पार्टनर’ के रूप में काम करेगी। इस डील में भारत में खेले जाने वाले सभी मेंस, वूमेंस और घरेलू क्रिकेट के 110 से अधिक मुकाबले शामिल होंगे। इस कंपनी का उद्देश्य क्रिकेट के हर रंग में 1.4 अरब भारतीयों को जोड़ना है। यह सहयोग उस बढ़ते रुझान का संकेत है जहाँ पेंट और होम डेकोर जैसे गैर-पारंपरिक सेक्टर भी क्रिकेट के विशाल प्लेटफॉर्म का उपयोग कर रहे हैं ताकि देशभर के करोड़ों प्रशंसकों तक पहुंच बनाई जा सके।

साझेदारी में क्या शामिल है

  • अवधि: 3 वर्ष

  • कवरेज: 110 मैच

    • पुरुषों, महिलाओं और भारत में खेले जाने वाले घरेलू मुकाबले

मुख्य दायरा

  • ऑन-ग्राउंड एक्टिवेशन

  • डिजिटल फैन कैंपेन

  • स्टेडियमों में ब्रांडिंग और फैन एंगेजमेंट

कुछ खास फीचर

  • एशियन पेंट्स कलर कैम:
    स्टेडियम में मौजूद “सबसे रंगीन फैंस” को कैप्चर करने वाला क्रिएटिव डिजिटल एक्टिवेशन, जो मैचों में मनोरंजन और ब्रांड की पहचान दोनों को बढ़ाएगा।

  • कलर काउंटडाउन:
    मैचों से जुड़ी रंग व सजावट की ट्रेंडिंग थीम्स को दर्शाने वाला विशेष सेगमेंट, जो ब्रांड के कोर बिज़नेस को क्रिकेट मनोरंजन से जोड़ता है।

डील का महत्व

1. ब्रांड सिनेर्जी

एशियन पेंट्स का ‘रंग और सजावट’ वाला मुख्य ब्रांड संदेश क्रिकेट के भावनात्मक और उत्साहपूर्ण माहौल के साथ बेहतरीन तालमेल बनाता है।

2. बीसीसीआई की बढ़ती स्पॉन्सरशिप लिस्ट

एशियन पेंट्स अब कैम्पा, एसबीआई लाइफ और एटमबर्ग टेक्नोलॉजीज जैसे पार्टनर्स की सूची में शामिल हो गया है। इससे पता चलता है कि क्रिकेट अभी भी भारत में सबसे मजबूत मार्केटिंग प्लेटफॉर्म है।

3. कंज्यूमर कनेक्ट

एक अरब से अधिक फॉलोअर्स वाले इस खेल के जरिए एशियन पेंट्स विभिन्न वर्गों—शहरी गृहस्वामियों से लेकर युवा, ट्रेंड-प्रेमी दर्शकों—तक प्रत्यक्ष रूप से पहुंच बनाएगा।

स्थिर तथ्य (Static Facts)

  • ब्रांड: एशियन पेंट्स

  • डील प्रकार: टीम इंडिया का आधिकारिक कलर पार्टनर

  • अवधि: 3 वर्ष (2025–2028)

  • कुल मैच: 110 (पुरुष, महिला व घरेलू)

  • बीसीसीआई पार्टनर्स: कैम्पा, एसबीआई लाइफ, एटमबर्ग आदि

  • मुख्य कैंपेन तत्व: एशियन पेंट्स कलर कैम, कलर काउंटडाउन

2025-26 में भारत की अर्थव्यवस्था 6.6% की दर से बढ़ेगी: IMF

भारत की आर्थिक गति ने विश्व भर के पर्यवेक्षकों को लगातार प्रभावित किया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने वित्त वर्ष 2025–26 के लिए भारत की GDP वृद्धि दर 6.6% रहने का अनुमान लगाया है। यह अनुमान FY 2024–25 की 6.5% वृद्धि और FY 2025–26 की पहली तिमाही (Q1) में दर्ज 7.8% की मजबूत GDP वृद्धि के बाद सामने आया है। यह आकलन IMF की भारत के लिए जारी वार्षिक आर्टिकल IV परामर्श रिपोर्ट में दिया गया है।

वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और बढ़ते व्यापार तनावों के बावजूद, मजबूत घरेलू मांग, रणनीतिक सुधारों और सुदृढ़ नीतिगत ढांचे के कारण भारत प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज़ी से बढ़ने वाले देशों में शामिल रहेगा।

GST सुधारों से बाहरी व्यापार दबावों का प्रभाव कम होगा

IMF रिपोर्ट के अनुसार, माल और सेवा कर (GST) सुधारों ने भारत की वित्तीय स्थिरता को मजबूत किया है और बाहरी झटकों, विशेष रूप से अमेरिका द्वारा कुछ आयातों पर लगाए गए 50% शुल्क के प्रभाव को संतुलित करने में मदद करेंगे।

GST अनुपालन में सुधार, कर आधार का विस्तार, और केंद्र–राज्य समन्वय ने राजकोषीय ढांचे को स्थिर बनाया है। इन सुधारों से भारत घरेलू ताकत के बल पर विकास के मार्ग पर आगे बढ़ने में सक्षम होगा।

वैश्विक चुनौतियों के बीच घरेलू मजबूती

हालाँकि वैश्विक व्यापार में मंदी, भू-राजनीतिक तनाव और उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में ऊँची ब्याज दरें जोखिम बनी हुई हैं, फिर भी भारत की वृद्धि निम्न तत्वों से प्रेरित होगी:

  • बढ़ती उपभोक्ता मांग

  • सार्वजनिक क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचा निवेश

  • डिजिटल परिवर्तन

  • अर्थव्यवस्था का औपचारिकरण

  • GST व आयकर डिजिटलाइजेशन के कारण बेहतर कर संग्रह

FY 2025–26 की पहली तिमाही के 7.8% विकास आँकड़े यह दर्शाते हैं कि भारत की आंतरिक आर्थिक क्षमता मजबूत है। यदि संरचनात्मक बाधाओं को दूर किया जाए, तो आने वाली तिमाहियाँ भी बेहतर प्रदर्शन कर सकती हैं।

IMF की सलाह: दीर्घकालिक विकास के लिए संरचनात्मक सुधार आवश्यक

IMF ने जोर देकर कहा कि भारत को उन्नत अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में बढ़ने के लिए व्यापक संरचनात्मक सुधारों को जारी रखना होगा। इनमें शामिल हैं:

  • श्रम बाजार में अधिक लचीलापन और व्यवसाय सुगमता

  • भूमि अधिग्रहण सुधार

  • शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में सुधार

  • आधुनिक कार्यबल के अनुरूप स्किलिंग पहल

  • MSMEs के लिए बेहतर क्रेडिट उपलब्धता हेतु वित्तीय क्षेत्र का गहन विकास

ये सुधार भारत की संभावित वृद्धि दर को बढ़ाएँगे और दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करेंगे।

मुख्य बिंदु (Key Takeaways)

  • IMF ने FY 2025–26 के लिए भारत की GDP वृद्धि दर 6.6% अनुमानित की है।

  • FY 2025–26 की पहली तिमाही में 7.8% GDP वृद्धि दर्ज की गई।

  • GST सुधार भारत को अमेरिका के 50% शुल्क प्रभाव से निपटने में मदद कर रहे हैं।

  • घरेलू मांग, बुनियादी ढाँचे और डिजिटलाइजेशन से आर्थिक वृद्धि को समर्थन मिल रहा है।

  • श्रम, भूमि, शिक्षा, स्वास्थ्य और वित्तीय क्षेत्रों में संरचनात्मक सुधारों की आवश्यकता बनी हुई है।

IGF ने भारतीय ब्रांड्स को ग्लोबल बनाने के लिए $250 मिलियन का फंड लॉन्च किया

भारतीय ब्रांडों को वैश्विक मंच पर मजबूत पहचान दिलाने के उद्देश्य से इंडिया ग्लोबल फ़ोरम (IGF) ने 250 मिलियन डॉलर का एक विशेष फंड लॉन्च किया है। दुबई में आयोजित IGF Middle East 2025 में घोषित यह फंड भारतीय उपभोक्ता व औद्योगिक कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्रवेश और विस्तार में मदद करेगा।

यह कदम भारत–यूएई सहयोग, आर्थिक कूटनीति और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में भारत की गहरी भागीदारी को नई गति देगा। दुबई को इस पहल का केंद्र बनाया गया है, जहाँ से भारतीय ब्रांडों को पूंजी, लॉजिस्टिक्स और वैश्विक निवेशकों तक पहुंच प्रदान की जाएगी।

IGF के 250 मिलियन डॉलर फंड की प्रमुख विशेषताएँ

  • उद्देश्य: भारतीय ब्रांडों को वैश्विक बाजारों में प्रवेश और विस्तार में सहायता करना; दुबई को लॉन्चपैड बनाना।

  • फंड आकार: 250 मिलियन डॉलर, जिसमें Ved Family Office और Ananta Capital सहित निजी निवेशकों का समर्थन।

  • लॉन्च अवसर: IGF Middle East 2025 (दुबई) में अनावरण — भारत–यूएई नवाचार एवं व्यापार साझेदारी पर केंद्रित।

  • फोकस सेक्टर:

    • खाद्य एवं पेय (F&B)

    • उपभोक्ता उत्पाद

    • रसायन

    • ऑटोमोबाइल

    • एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग

    • औद्योगिक उत्पाद

कैसे मिलेगा समर्थन?

  • वैश्विक बाजारों के लिए तैयार करने हेतु एक्सेलेरेटर कार्यक्रम

  • निवेशकों, साझेदारों और संभावित ग्राहकों तक कस्टमाइज़्ड पहुँच

  • DP World की दुबई स्थित लॉजिस्टिक प्रणाली का उपयोग

  • ब्रांडिंग, अनुपालन (Compliance) और वैश्विक नियमों को समझने में सहायता

रणनीतिक महत्व: यह फंड क्यों खास है?

1. वैश्विक विस्तार को गति

भारतीय ब्रांड घरेलू बाजार से निकलकर वैश्विक पहचान बना सकेंगे।

2. भारत–यूएई संबंधों को मजबूती

CEPA जैसे समझौतों और PM मोदी की 2015 UAE यात्रा से बने मजबूत रिश्तों को नया आयाम।

3. बाज़ार विविधीकरण

मध्य पूर्व, अफ्रीका, यूरोप और अन्य क्षेत्रों में नए बाज़ारों तक पहुंच, पारंपरिक निर्यात निर्भरता में कमी।

4. MSMEs को लाभ

छोटी व मध्यम कंपनियों को वैश्विक प्रवेश बाधाओं से निपटने में मजबूत समर्थन।

5. दुबई — वैश्विक प्रवेश द्वार

उत्तम कनेक्टिविटी, नियामकीय सुगमता और निवेश नेटवर्क से तेज़ अंतरराष्ट्रीय विस्तार संभव।

अपेक्षित परिणाम

  • लक्षित क्षेत्रों में निर्यात प्रदर्शन में वृद्धि

  • भारत में ग्लोबली कॉम्पिटिटिव ब्रांड्स का निर्माण

  • विदेशी निवेश प्रवाह में बढ़ोतरी

  • भारत–यूएई व्यापार गलियारे की मजबूती

  • नए रोजगार और R&D में निवेश में बढ़ोतरी

किन चुनौतियों पर नज़र रखनी होगी?

  • वैश्विक गुणवत्ता मानकों को पूरा करने की क्षमता

  • नवाचार और प्रतिस्पर्धा बनाए रखना

  • फंड वितरण में पारदर्शिता

  • भू-राजनीतिक तनाव, मुद्रा उतार-चढ़ाव और वैश्विक मांग जैसे बाहरी जोखिम

स्टैटिक जानकारी 

  • लॉन्च संस्था: इंडिया ग्लोबल फ़ोरम (IGF)

  • फंड आकार: 250 मिलियन डॉलर

  • वर्ष / आयोजन: 2025, IGF Middle East (दुबई)

  • मुख्य उद्देश्य: भारतीय ब्रांडों के वैश्विक विस्तार को समर्थन

  • लक्षित सेक्टर: F&B, रसायन, ऑटो, मैन्युफैक्चरिंग, उपभोक्ता उत्पाद

  • केंद्र: दुबई (DP World की लॉजिस्टिक्स सहायता)

IFFI 2025: गोवा के मुख्‍यमंत्री ने फिल्‍म निर्माता के. वैकुंठ के सम्‍मान में स्‍मारक डाक टिकट जारी किया

भारतीय सिनेमा की विरासत को सम्मानित करने वाले इस भावपूर्ण क्षण में, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने 56वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) में वरिष्ठ सिनेमैटोग्राफर और फ़िल्ममेकर के. वैकुंठ के सम्मान में एक स्मारक डाक टिकट जारी किया। यह आयोजन पनजी, गोवा में हुआ और भारतीय सिनेमा में पाँच दशकों तक चले वैकुंठ के अमूल्य योगदान को औपचारिक रूप से श्रद्धांजलि दी गई।

भारतीय सिनेमा के दृश्य-शिल्पी: के. वैकुंठ

  • मुख्यमंत्री सावंत ने कार्यक्रम में कहा कि के. वैकुंठ “वे कलाकार थे जिनके कैमरे ने क्लासिक भारतीय सिनेमा की दृश्य-भाषा को आकार दिया।”
  • उन्होंने बताया कि वैकुंठ का काम केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं था—उन्होंने भारतीय कहानी कहने की भव्यता और पात्रों की भावनात्मक गहराई दोनों को समान कुशलता से कैद किया।
  • उनकी सिनेमैटिक शैली चमकदार दृश्य सौंदर्य और मानवीय संवेदनाओं के संतुलन के लिए जानी जाती है।
  • गोवा के फिल्म-हब बनने से बहुत पहले ही वैकुंठ भारतीय सिनेमा में महत्वपूर्ण पहचान बना चुके थे, जिससे उनका योगदान और भी ज्यादा अर्थपूर्ण हो जाता है।

‘गोवा मार्चेस ऑन’ की स्क्रीनिंग: एक भूली-बिसरी धरोहर

कार्यक्रम की भावनात्मक गहराई बढ़ाने के लिए के. वैकुंठ की 1977 की डॉक्यूमेंट्री ‘Goa Marches On’ की विशेष स्क्रीनिंग की गई।
फिल्म ने गोवा के सांस्कृतिक विकास के दौर को सूक्ष्म दृष्टि से दर्शाया, जिससे युवा दर्शकों और अनुभवी सिने-प्रेमियों को वैकुंठ की गहरी समझ और कलात्मक दृष्टि देखने का अवसर मिला।

यह डॉक्यूमेंट्री वैकुंठ के गोवा से गहरे जुड़ाव की भी याद दिलाती है—एक ऐसा प्रदेश जो आज विश्वस्तरीय फिल्म फेस्टिवल की मेजबानी करता है, पर कभी फिल्म दुनिया की मुख्यधारा से दूर था।

पाँच दशकों की रचनात्मक यात्रा: 35+ फ़िल्में और अनगिनत डॉक्यूमेंट्री

अपने 50+ सालों के करियर में के. वैकुंठ ने:

  • 35 से अधिक फीचर फिल्मों

  • अनेक विज्ञापनों

  • और कई डॉक्यूमेंट्री फिल्मों

पर काम किया।

वे इन प्रसिद्ध फिल्मों से जुड़े रहे:

  • मेरे अपने

  • बंधन

  • मौसम

  • राज़

  • परिचय

इन फिल्मों की व्यावसायिक सफलता से आगे, उनका सौंदर्यबोध और भावनात्मक गहराई वैकुंठ की सिनेमैटोग्राफी से और समृद्ध हुई।

एक महान कलाकार की विरासत

के. वैकुंठ का 9 फ़रवरी 2003 को निधन हुआ, परंतु उनकी कला आज भी नई पीढ़ी के फिल्मकारों को प्रेरित करती है। उनके सम्मान में जारी किया गया स्मारक डाक टिकट उनके योगदान की आधिकारिक और सांस्कृतिक मान्यता को दर्शाता है। IFFI जैसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर यह सम्मान अतीत की महान विरासत को वर्तमान की रचनात्मक आकांक्षाओं से जोड़ देता है—यही के. वैकुंठ की स्थायी धरोहर है।

भरतनाट्यम की मशहूर नृत्यांगना कुमारी कमला का निधन

भारतीय शास्त्रीय नृत्य की दुनिया ने एक महान विभूति को खो दिया है। प्रसिद्ध भरतनाट्यम नर्तकी कुमारी कमला — जिन्हें कमला लक्ष्मीनारायणन या बेबी कमला के नाम से भी जाना जाता है — का 91 वर्ष की आयु में कैलिफोर्निया (अमेरिका) में निधन हो गया। एक बाल प्रतिभा से लेकर विश्वप्रसिद्ध कलाकार और अध्यापिका बनने तक की उनकी यात्रा भरतनाट्यम के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज है। उनका जीवन भारतीय नृत्य परंपराओं के एक महत्वपूर्ण परिवर्तन — सदीर से भरतनाट्यम के रूपांतरण — का जीवंत प्रमाण था।

सदीर से भरतनाट्यम: नृत्य परंपरा का नवजागरण

  • कमला उन कुछ कलाकारों में थीं जो मंदिरों में प्रचलित सदीर नृत्य से लेकर मंच-उपयुक्त आधुनिक भरतनाट्यम के विकास की ऐतिहासिक प्रक्रिया की साक्षी रहीं।

  • प्रसिद्ध गुरु वझुवूर रमैय्या पिल्लै की शिष्या होने के कारण उन्होंने वझुवूर बानी की कोमलता, नज़ाकत, लयबद्धता और भावाभिव्यक्ति को उच्चतम स्तर तक साधा।

  • कमला के शुरुआती प्रदर्शनों ने उनकी लय पर अद्भुत पकड़, भावपूर्ण प्रस्तुतियों और मंच पर असाधारण नियंत्रण को उजागर किया।

करियर की महत्वपूर्ण झलकियाँ और वैश्विक प्रभाव

  • बहुत कम उम्र से नृत्य आरंभ करने के कारण उन्हें “बेबी कमला” के नाम से ख्याति मिली।

  • उन्होंने भारत और विदेशों में प्रतिष्ठित मंचों पर प्रदर्शन किए—विशेषकर नेहरू युग के सांस्कृतिक दौरों में वे भारत की सांस्कृतिक दूत बनीं।

  • जीवन के बाद के वर्षों में अमेरिका में बसकर उन्होंने नृत्य संस्थानों की स्थापना की और भारतीय प्रवासी समुदाय में भरतनाट्यम को लोकप्रिय बनाया।

  • भरतनाट्यम की शास्त्रीय शुद्धता और भावपूर्ण अभिव्यक्ति उनकी शैली की पहचान थी।

सम्मान और राष्ट्रीय पहचान

कुमारी कमला को उनकी अतुलनीय कला के लिए अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले:

  • पद्म भूषण (1970) — भारत का उच्च नागरिक सम्मान

  • संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार (1968) — संगीत, नाटक और नृत्य के क्षेत्र का सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान

  • US National Heritage Fellowship — अमेरिका में भारतीय नृत्य को बढ़ावा देने के लिए दिया गया सर्वोच्च सम्मान

भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने कहा कि उन्होंने सात दशकों से अधिक समय तक भरतनाट्यम के संरक्षण और प्रसार में अप्रतिम योगदान दिया।

उनकी विरासत का महत्व

  • उनका जाना केवल एक महान कलाकार का निधन नहीं, बल्कि भारतीय सांस्कृतिक पुनर्जागरण के एक जीवित दस्तावेज़ का खो जाना है।

  • उन्होंने पारंपरिक और आधुनिक दोनों रूपों में भरतनाट्यम को नई ऊँचाइयाँ दीं।

  • अमेरिका में उनके कार्य ने भारतीय नृत्य को वैश्विक पहचान दिलाई।

  • एक गुरु के रूप में उन्होंने अनुशासन, तकनीक और नृत्य-भक्ति के मूल्य सिखाए और उनके शिष्य आज विश्वभर में उनके नाम को आगे बढ़ा रहे हैं।

मुख्य स्थिर तथ्य 

नाम: कमला लक्ष्मीनारायणन
लोकप्रिय नाम: कुमारी कमला / बेबी कमला
आयु: 91 वर्ष
निधन स्थान: कैलिफोर्निया, अमेरिका
प्रमुख गुरु: वझुवूर रमैय्या पिल्लै
नृत्य शैली: भरतनाट्यम (वझुवूर बानी)

प्रमुख पुरस्कार:

  • पद्म भूषण (1970)

  • संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार (1968)

प्रधानमंत्री मोदी ने विक्रम-I रॉकेट और स्काईरूट के इन्फिनिटी कैंपस का शुभारंभ किया

भारत के निजी अंतरिक्ष क्षेत्र को बड़ी गति देते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 नवंबर 2025 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्काईरूट एयरोस्पेस के ‘इन्फिनिटी कैंपस’ का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कंपनी के पहले ऑर्बिटल लॉन्च व्हीकल विक्रम-I का भी अनावरण किया। यह क्षण न केवल स्काईरूट एयरोस्पेस के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ, बल्कि भारत के उस विज़न के लिए भी महत्वपूर्ण है जिसमें स्टार्टअप और निजी कंपनियाँ वैश्विक अंतरिक्ष नवाचार के केंद्र में हों।

विक्रम-I: भारतीय निजी अंतरिक्ष क्षेत्र का ऐतिहासिक कदम

  • विक्रम-I का नाम भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक डॉ. विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है।

  • यह देश का पहला निजी तौर पर विकसित ऑर्बिटल रॉकेट है।

  • सबऑर्बिटल रॉकेटों के विपरीत, विक्रम-I छोटे उपग्रहों को लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में स्थापित करने में सक्षम है, जो भारत को तेजी से बढ़ते वैश्विक सैटेलाइट लॉन्च बाज़ार में प्रतिस्पर्धी बढ़त देता है।

  • यह उपलब्धि विक्रम-S (नवंबर 2022) की सफलता के बाद आई है, जो भारत का पहला निजी सबऑर्बिटल रॉकेट था।

स्काईरूट का इन्फिनिटी कैंपस: भारत की अत्याधुनिक स्पेस सुविधा

  • हैदराबाद स्थित यह 2,00,000 वर्ग फुट का अत्याधुनिक परिसर लॉन्च व्हीकल के डिज़ाइन, इंटीग्रेशन और टेस्टिंग—सभी प्रक्रियाओं के लिए तैयार है।

  • स्काईरूट का लक्ष्य है हर महीने एक ऑर्बिटल रॉकेट का निर्माण करना, जिससे भारत की लॉन्च क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि होगी।

  • यह सुविधा भारत की नई अंतरिक्ष नीति के अनुरूप निजी क्षेत्र की सहभागिता को बढ़ावा देती है।

पीएम मोदी का संदेश: भारत का भविष्य अंतरिक्ष में

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के युवा इंजीनियरों, कोडर्स और वैज्ञानिकों की नवाचार क्षमता की सराहना की। उन्होंने कहा—

“स्काईरूट का इन्फिनिटी कैंपस भारत की नई सोच, नवाचार और युवा शक्ति का प्रतीक है।”

उन्होंने बताया कि भारत में 300 से अधिक अंतरिक्ष स्टार्टअप अब देश के अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र को नई दिशा और गति दे रहे हैं।

स्काईरूट की स्थापना और दृष्टि

  • स्काईरूट एयरोस्पेस की स्थापना पवन चंदना और भारत डाका ने की थी—दोनों IIT स्नातक और पूर्व ISRO वैज्ञानिक।

  • उनका मिशन है:

    • अंतरिक्ष तक पहुंच को सरल और सस्ती बनाना

    • लॉन्च लागत कम करना

    • लचीले और स्केलेबल लॉन्च सिस्टम विकसित करना

  • इन्फिनिटी कैंपस भविष्य में व्यावसायिक, वैज्ञानिक और रणनीतिक सभी प्रकार के मिशनों का केंद्र बनेगा।

मुख्य बिंदु (Key Takeaways)

  • पीएम मोदी ने 27 नवंबर 2025 को स्काईरूट के इन्फिनिटी कैंपस का उद्घाटन और विक्रम-I का अनावरण किया।

  • 2 लाख वर्ग फुट का यह केंद्र हर महीने एक ऑर्बिटल रॉकेट बना सकता है।

  • विक्रम-I भारत का पहला निजी ऑर्बिटल रॉकेट है; विक्रम-S के बाद अगला बड़ा कदम।

  • स्काईरूट की स्थापना ISRO वैज्ञानिक पवन चंदना और भारत डाका ने की।

  • भारत में अब 300+ स्पेस स्टार्टअप अंतरिक्ष क्षेत्र को नई गति दे रहे हैं।

CBDT ने ‘NUDGE’ कैंपेन शुरू किया

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने करदाताओं को आयकर रिपोर्टिंग में स्वैच्छिक अनुपालन (voluntary compliance) के लिए प्रोत्साहित करने हेतु ‘NUDGE’ नामक नया जन-जागरूकता अभियान शुरू किया है। इसका पूरा नाम है Non-intrusive Usage of Data to Guide and Enable, जिसका उद्देश्य बिना हस्तक्षेप किए उपलब्ध डेटा का उपयोग करके करदाताओं को सही दिशा में मार्गदर्शन देना है। यह अभियान विशेष रूप से करदाताओं से अपने आयकर रिटर्न (ITR) की दोबारा समीक्षा और आवश्यकता पड़ने पर संशोधन करने का आग्रह करता है, खासकर Schedule FA (Foreign Assets) और Foreign Source Income (FSI) के प्रकटीकरण से संबंधित विवरणों पर। यह कदम वैश्विक स्तर पर सीमा-पार लेनदेन और विदेशी संपत्ति रिपोर्टिंग पर बढ़ती निगरानी के बीच उठाया गया है, ताकि भारत अंतरराष्ट्रीय वित्तीय पारदर्शिता मानकों के अनुरूप आगे बढ़ सके।

NUDGE अभियान क्या है?

NUDGE अभियान, जो तुरंत प्रभाव से शुरू किया गया है, एक डेटा-आधारित, गैर-हस्तक्षेपकारी (non-intrusive) अनुपालन पहल है। इसके तहत आयकर विभाग पहले से उपलब्ध और चिन्हित जानकारी का उपयोग करके करदाताओं को उनके दाखिल किए गए रिटर्न में संभावित गलतियों या छूटे हुए विवरणों की याद दिलाएगा। कल से CBDT करदाताओं को SMS और ईमेल अलर्ट भेजना शुरू करेगा, जिनमें उनसे अनुरोध किया जाएगा कि वे स्वेच्छा से अपने रिटर्न की सत्यापन, संशोधन या सुधार करें—और यह प्रक्रिया अगले महीने के अंत तक पूरी कर लें।

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है: किसी भी कानूनी या दंडात्मक कार्रवाई से पहले करदाताओं को स्वयं-सुधार का अवसर देना।

मुख्य फोकस: विदेशी परिसंपत्तियाँ और आय

NUDGE अभियान का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है ITR में Schedule FA और FSI से संबंधित जानकारी की सटीकता बढ़ाना। इसमें शामिल हैं:

  • विदेशी बैंक खाते

  • विदेश में संपत्ति (property ownership)

  • विदेशी प्रतिभूतियाँ (securities), ट्रस्ट आदि

  • विदेशी स्रोतों से आय — जैसे निवेश, नौकरी या अन्य कमाई

यदि इन विवरणों में कोई गलती या कमी रहती है, तो करदाता पर Black Money (Undisclosed Foreign Income and Assets) Act, 2015 के तहत भारी दंड लग सकता है। इसलिए यह अभियान करदाताओं के लिए पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।

अभियान का महत्व

पिछले कुछ वर्षों में भारत ने विदेशी आय और विदेशों में छिपाई गई संपत्तियों पर कर नियमों को काफी सख्त किया है।

CRS (Common Reporting Standard) जैसी वैश्विक सूचना-साझा व्यवस्था के तहत भारत को अब अन्य देशों से विस्तृत वित्तीय जानकारी स्वतः मिलती है।

NUDGE अभियान CBDT की टेक्नोलॉजी-आधारित, डेटा-ड्रिवन रणनीति का हिस्सा है, जहाँ फोकस तत्काल दंड की बजाय सहज और स्वैच्छिक अनुपालन पर है।

यह सरकार की उस नीति के अनुरूप है जिसमें अनुपालन को सरल, पारदर्शी और दबाव-रहित बनाया जा रहा है, ताकि राजस्व जवाबदेही बढ़े और प्रवर्तन बोझ कम हो।

करदाताओं को क्या करना चाहिए?

CBDT ने विशेष रूप से उन करदाताओं को सलाह दी है जिनके पास विदेशी संपत्तियाँ या विदेशी आय है कि वे—

  • अपनी रजिस्टर्ड ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर चेक करें

  • आयकर पोर्टल में लॉग इन करके अपने ITR की सभी जानकारी की दोबारा जाँच करें

  • यदि कोई गलती या अनुपालन कमी है, तो तुरंत ITR संशोधित (revised) करें

  • यह प्रक्रिया अगले महीने के अंत तक पूरी कर लें, ताकि किसी दंड या कानूनी कार्रवाई से बच सकें

ध्यान देने योग्य बात:
करदाता धारा 139(5) के तहत अपना रिटर्न संशोधित कर सकते हैं, बशर्ते यह समयसीमा के भीतर किया जाए और किसी जांच (scrutiny) की कार्यवाही शुरू न हुई हो।

Nominal GDP और Real GDP में क्या अंतर है?

सकल घरेलू उत्पाद (GDP) किसी देश के आर्थिक प्रदर्शन को मापने के लिए इस्तेमाल होने वाला सबसे महत्वपूर्ण सूचक है। लगभग सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में समानुपाती (Nominal) GDP और वास्तविक (Real) GDP से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं, इसलिए इनके बीच का अंतर सरल भाषा में समझना बहुत उपयोगी है। यह लेख दोनों अवधारणाओं, उनके सूत्रों और मुद्रास्फीति (Inflation) के प्रभाव को समझाता है।

GDP क्या है? 

GDP किसी देश में एक वर्ष के दौरान उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य को दर्शाता है। इससे पता चलता है कि अर्थव्यवस्था कितनी बड़ी है और कितनी तेज़ी से बढ़ रही है। लेकिन जब कीमतें मुद्रास्फीति या अपस्फीति के कारण बदलती हैं, तो GDP मापना कठिन हो जाता है। यही वजह है कि Nominal GDP और Real GDP का उपयोग किया जाता है।

Nominal GDP क्या है?

Nominal GDP किसी देश में एक वर्ष में उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं का कुल मूल्य है, जिसकी गणना वर्तमान बाज़ार कीमतों पर की जाती है। यानी इसमें मुद्रास्फीति का प्रभाव शामिल होता है

मुख्य बिंदु

  • वर्तमान वर्ष की कीमतों से गणना की जाती है

  • आर्थिक वृद्धि दिखाता है, लेकिन उच्च मुद्रास्फीति के समय भ्रमित कर सकता है

  • कीमतें बढ़ने पर आमतौर पर अधिक दिखाई देता है

उदाहरण

यदि 2024 में एक देश 100 किलो चावल का उत्पादन करता है और कीमत ₹50 प्रति किलो है—
Nominal GDP = 100 × 50 = ₹5,000

यदि अगले वर्ष कीमत ₹60 हो जाती है और उत्पादन वही रहता है—
Nominal GDP = 100 × 60 = ₹6,000

यह वृद्धि उत्पादन नहीं, बल्कि कीमत बढ़ने के कारण है।

Real GDP क्या है?

Real GDP किसी देश में उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं का कुल मूल्य है, जिसकी गणना एक स्थिर (base year) कीमत पर की जाती है। यानी इसमें मुद्रास्फीति का प्रभाव हटाया जाता है और वास्तविक उत्पादन वृद्धि दिखाई देती है।

मुख्य बिंदु

  • आधार वर्ष की कीमतों से गणना की जाती है

  • आर्थिक वृद्धि की अधिक सटीक तुलना करता है

  • अर्थशास्त्रियों और सरकारी एजेंसियों द्वारा पसंद किया जाता है

उदाहरण

उसी चावल उदाहरण में, यदि आधार वर्ष की कीमत ₹50 है—
Real GDP = 100 × 50 = ₹5,000 (दोनों वर्षों में)

कोई वृद्धि नहीं → क्योंकि उत्पादन में बदलाव नहीं हुआ।

Nominal GDP और Real GDP में अंतर

  1. कीमतों का प्रभाव

    • Nominal GDP: मुद्रास्फीति शामिल

    • Real GDP: मुद्रास्फीति हटाई जाती है

  2. सटीकता

    • Nominal GDP: उच्च मुद्रास्फीति में भ्रामक

    • Real GDP: वास्तविक आर्थिक वृद्धि दिखाता है

  3. उपयोगिता

    • Nominal GDP: वर्तमान आर्थिक आकार मापने के लिए

    • Real GDP: समय के साथ वास्तविक वृद्धि मापने के लिए

  4. सूत्र

    • Nominal GDP = मूल्य × मात्रा (वर्तमान वर्ष)

    • Real GDP = मूल्य × मात्रा (आधार वर्ष)

GDP Deflator क्या है?

Nominal GDP को Real GDP में परिवर्तित करने के लिए GDP Deflator का उपयोग किया जाता है।

सूत्र

GDP Deflator = (Nominal GDP / Real GDP) × 100

GDP Deflator यदि 100 से ऊपर हो → मतलब मुद्रास्फीति है।

परीक्षाओं में Real GDP क्यों अधिक महत्वपूर्ण है?

सरकारी परीक्षाएँ Real GDP पर ज़ोर देती हैं क्योंकि यह—

  • वास्तविक उत्पादन वृद्धि दिखाता है

  • कर, सब्सिडी, निवेश जैसी नीतियों के प्रभाव को मापने में मदद करता है

  • अर्थव्यवस्था के वास्तविक प्रदर्शन को दर्शाता है

Nominal GDP कीमत बढ़ने पर भी बढ़ सकता है, लेकिन Real GDP सच दिखाता है

भारत कौन-सा GDP उपयोग करता है?

भारत आर्थिक विकास मापने के लिए Real GDP को प्रमुख संकेतक मानता है।
वर्तमान आधार वर्ष: 2011–12

सारणी: Nominal GDP बनाम Real GDP

विशेषता Nominal GDP Real GDP
प्रयुक्त कीमतें वर्तमान कीमतें स्थिर (आधार वर्ष) कीमतें
मुद्रास्फीति का प्रभाव शामिल हटाया हुआ
सटीकता कम अधिक
उपयोग आर्थिक आकार मापने के लिए आर्थिक वृद्धि मापने के लिए

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