American Express पर लगी पाबंदियों को RBI ने हटाया

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अमेरिकन एक्‍सप्रेस पर लगी पाबंदियों को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हटा दिया है। अब अमेरिकन एक्‍सप्रेस अपने कार्ड नेटवर्क पर नए घरेलू ग्राहक जोड़ सकेगी। आरबीआइ ने कहा कि अमेरिकन एक्सप्रेस की ओर से भुगतान प्रणाली आंकड़ों के भंडारण पर निर्देशों का अनुपालन संतोषजनक पाए जाने के मद्देनजर नए घरेलू ग्राहकों को जोड़ने पर लगाए गए प्रतिबंधों को तत्काल प्रभाव से हटा लिया गया है। आरबीआइ ने 1 मई, 2021 से प्रभाव में आए भुगतान प्रणाली के डेटा स्‍टोरेज को लेकर जारी निर्देशों का अनुपालन नहीं करने को लेकर अमेरिकन एक्सप्रेस बैंकिंग कॉरपोरेशन पर पाबंदी लगाई थी।

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आरबीआइ ने अप्रैल 2018 में सभी भुगतान प्रणाली प्रदाताओं को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि वे भुगतान व्यवस्था से संबंधित अपने सभी आंकड़े भारत में ही रखें। साथ ही उन्हें इस बारे में अनुपालन को लेकर केंद्रीय बैंक को सूचना भी देनी थी और निदेशक मंडल से मंजूरी प्राप्त ‘सिस्टम ऑडिट रिपोर्ट’ निर्धारित समयसीमा के भीतर जमा करनी थी।

अमेरिकन एक्‍सप्रेस बैंकिंग कॉर्प एक पेमेंट सिस्‍अम ऑपरेटर है जिसे पेमेंट एंड सेटलमेंट एक्‍ट, 2007 के तहत देश में कार्ड नेटवर्क के परिचालन के प्राधिकृत है। आपको बता दें कि इस साल जून में Mastercard पर लगाई गई पाबंदियों को भी भारतीय रिजर्व बैंक ने हटा दिया था। मास्‍टरकार्ड पर जुलाई 2021 में प्रतिबंध लगाया गया था।

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Integration with New tax site completed by Kotak Mahindra Bank_80.1

पीएम मोदी ने मोहाली में किया होमी भाभा कैंसर अस्पताल का उद्घाटन

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोहाली के मुल्लांपुर में होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर का उद्घाटन किया। उनके साथ पंजाब के सीएम भगवंत मान भी मौजूद रहे। इसके बाद कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि यह हॉस्पिटल देश की बेहतर हो रही स्वास्थ्य सुविधाओं का प्रतिबिंब है। इस सेंटर से पंजाब और हरियाणा के साथ हिमाचल प्रदेश के लोगों को भी लाभ मिलेगा।

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पीएम मोदी ने कहा कि देश में हेल्थकेयर के ऐसे सिस्टम की जरूरत थी, जो गरीब से गरीब व्यक्ति की चिंता करे। अच्छे हेल्थकेयर सिस्टम का मतलब सिर्फ चारदीवारी बनाना नहीं है। हेल्थकेयर केंद्र सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में है। हेल्थ सेक्टर में जितना काम 7-8 साल में हुआ, उतना पिछले 70 साल में भी नहीं हुआ। 2014 से पहले 400 से भी कम मेडिकल कॉलेज थे। बीते 8 सालों में 200 से ज्यादा मेडिकल कॉलेज बनाए गए हैं। पीएम ने कहा कि 6 मोर्चों पर केंद्र रिकॉर्ड निवेश कर रहा है।

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Border dispute agreement struck between Arunachal Pradesh and Assam_80.1

योगी सरकार लखनऊ में लगाएगी देश की पहली नाइट सफारी

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों को बड़ा उपहार दिया है। योगी सरकार सिंगापुर की तर्ज पर देश का पहला नाईट सफारी और जैव विविधता पार्क राजधानी लखनऊ में बनाएगी। देश में 13 ओपन डे सफारी हैं, लेकिन एक भी नाईट सफारी नहीं है। इस बारे में पर्यटन और संस्कृति मंत्री ने बताया कि सिंगापुर की विश्व की पहली नाईट सफारी की तर्ज पर 2027.46 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैले कुकरैल वन क्षेत्र में 350 एकड़ में नाईट सफारी विकसित की जाएगी और 150 एकड़ में प्राणी उद्यान बनाया जाएगा। 

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मुख्य बिंदु

  • विश्व स्तरीय सुविधाओं के तहत नाईट सफारी में स्थानीय गाइड के साथ ट्रेन की सवारी और जीप की सवारी भी की जा सकेगी। 
  • इसके अतिरिक्त कैनोपी वाक, कैंपिंग गतिविधि, माउंटेन बाइक ट्रैक, दीवार पर्वतारोहण, ट्री टॉप रेस्टोरेंट, नेचर ट्रेल और फूड कोर्ट आदि सुविधाएं विकसित की जाएंगीं। 
  • नाईट सफारी में भव्य प्रवेश द्वार, व्याख्या केंद्र, बटरफ्लाई इंटरप्रिटेशन सेंटर बनाया जाएगा। इसके अलावा 75 एकड़ में तेंदुआ सफारी, 60 एकड़ में भालू सफारी और 75 एकड़ में टाइगर सफारी बनाने की योजना है।
  • वन्य जीवों को बाड़े में न रखकर खुले आकाश में केटल ग्रिड में रखे जाएंगे। यह एक ओपन एयर निशाचर चिड़ियाघर होगा, जो केवल रात में खुलेगा। 
  • सफारी में रात में जानवरों के लिए चंद्रमा की रोशनी की नकल करते हुए मंद प्रकाश की व्यवस्था की जाएगी। दिन में पर्यटकों के लिए आधुनिक थीम पार्क बनाया जाएगा।  
  • प्राणि उद्यान और नाईट सफारी की स्थापना में मौजूदा वनस्पति और जीवों को यथासम्भव प्रभावित न करते हुए, अधिक से अधिक ऐसे खुले क्षेत्र, जो वर्तमान में उपयोग में नहीं हैं, उनका ही प्रयोग किया जाएगा। 
  • कुकरैल वन क्षेत्र जहां-जहां बाहरी क्षेत्र और मार्ग से जुड़ा है, वहां चार लेन के मार्गों का निर्माण किया जाएगा, जिससे वहां आने वाले पर्यटकों को कोई असुविधा न हो।

2023 की पहली तिमाही में भारतीय जीडीपी 12-13% बढ़ने की उम्मीद: ICRA

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आईसीआरए (ICRA) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दोहरे अंकों में 13 प्रतिशत पर बढ़ने की उम्मीद है। एक तरफ जहां पूरी दुनियां मंदी की आशंका से जूझ रही हैं ऐसे में यह देश की अर्थव्यवस्था के लिए बड़ी राहत की खबर है।

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वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही में मूल मूल्य पर ग्रॉस वैल्यू एडेड (जीवीए) 12.6 फीसदी रहने का अनुमान है, जो पहले 3.9 फीसदी था। आईसीआरए को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही में सेक्टोरल ग्रोथ सर्विस सेक्टर (प्लस 17-19 प्रतिशत) और वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही में प्लस5.5 प्रतिशत होगी, इसके बाद उद्योग (प्लस 9-11 प्रतिशत (प्लस 1.3 प्रतिशत) होगा।

आईसीआरए की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने एक विज्ञप्ति में कहा, “वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही में भारत के जीडीपी विस्तार होने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में भारत कोविड-19 की दूसरी लहर से निपटने के साथ-साथ व्यापक टीकाकरण अभियान को संचालित करने में भी कामयाब रहा है।

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भारत में 2025 तक होंगे 1.8 लाख किमी. राजमार्ग, 1.2 लाख किमी. रेलवे लाइन

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देश में राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई 2025 तक 1.8 लाख किलोमीटर पर पहुंच जाएगी। वहीं इस दौरान रेलवे लाइन 1.2 लाख किलोमीटर हो जाएगी। यह अनुमान बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज इंडिया की एक रिपोर्ट में लगाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में जितने राष्ट्रीय राजमार्ग और रेलवे लाइन 2025 में खत्म होने जा रहे दशक के दौरान बनाई जाएंगी, वह 1950 से 2015 के बीच किए गए संचयी निर्माण से कहीं अधिक होगा।

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मुख्य बिंदु

  • रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025 तक राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लंबाई 1.8 लाख किलोमीटर तक पहुंचने का अनुमान है, वहीं रेलवे लाइन निर्माण 1.2 लाख किलोमीटर तक होने की उम्मीद है।
  • वर्ष 1950 से 2015 के बीच देश में केवल 4,000 किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण हुआ जिसे मिलाकर 2015 में कुल लंबाई 77,000 किलोमीटर तक पहुंची। 
  • हालांकि, इनके 2025 तक 1.8 लाख किलोमीटर को पार कर जाने की उम्मीद है यानी दस वर्षों की अवधि में राजमार्गों की कुल लंबाई दोगुना से अधिक होने का अनुमान है।
  • रिपोर्ट में रेलवे नेटवर्क के बारे में कहा गया कि 1950 तक देश में केवल 10,000 किलोमीटर की रेलवे लाइन बिछी थी जो 2015 में 63,000 किलोमीटर तक पहुंच गई और 2025 तक इसके 1.2 लाख किलोमीटर तक पहुंच जाने का अनुमान है।
  • इसमें बताया गया कि 1995 में देश में बंदरगाह क्षमता महज 777 एमटीपीए थी जो 2015 में बढ़कर 1,911 एमटीपीए हो गई और 2025 तक इसके दोगुने से भी अधिक 3,000 एमटीपीए होने की उम्मीद है।

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जर्मनी में हाइड्रोजन ट्रेन की पहली रेल सेवा शुरू

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जर्मन अधिकारियों ने हाइड्रोजन से चलने वाली यात्री ट्रेनों का दुनिया का पहला बेड़ा लॉन्च किया, जो 15 डीजल ट्रेनों की जगह ले रहा है, जो पहले लोअर सैक्सोनी राज्य में गैर-विद्युतीकृत पटरियों पर संचालित होती थीं। सप्लाई चेन की दिक्कतों के बावजूद जर्मनी ने हरित रेल सेवा की ओर बड़ा कदम उठाया है। फ्रांस की कंपनी एल्सटॉम से मिली 14 ट्रेनों के साथ जर्मन राज्य लोअर सैक्सनी में यह सेवा शुरू की गई है। हैंबर्ग के पास कुक्सहाफेन से ब्रेमरहाफेन, ब्रेमरफोएर्डे और बुक्सटेहुडे तक 100 किलोमीटर लंबी रेल लाइन पर सिर्फ हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन का सफर शुरू किया गया है।

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हाइड्रोजन ट्रेन रेल क्षेत्र को कार्बनुक्त करने की दिशा में बहुत बड़ी संभावनायें ले कर आया है। इसके जरिये जलवायु को प्रदूषित करने वाली डीजल इंजनों से छुटकारा पाया जा सकता है। जर्मनी में अब भी 20 फीसदी यात्रायें डीजल इंजनों के जरिये होती हैं। परिवहन का शून्य उत्सर्जन वाला तरीका कही जा रहीं हाइड्रोजन ट्रेन वातारण में मौजूद ऑक्सीजन को छत पर लगे फ्यूल सेल के जरिये हाइड्रोजन के साथ मिलाती हैं। इसके नतीजे में पैदा हुई बिजली ट्रेन खींचती है।

ईंधन के रूप में हाइड्रोजन पर सिर्फ रेल सवा की ही नजर नहीं है। सड़क पर चलने वाली गाड़ियों से लेकर, विमान और स्टील  या केमिकल जैसे भारी उद्योग भी कार्बन उत्सर्जन घटाने के लिये हाइड्रोजन की तरफ देख रहे हैं। जर्मनी ने 2020 में सात अरब यूरो की महत्वाकांछी योजना का एलान किया था जिससे कि एक दशक के भीतर देश हाइड्रोजन तकनीक में अगुवा बन जायेगा।

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एंजेला मर्केल ने शरणार्थियों के स्वागत के प्रयास के लिए जीता यूनेस्को शांति पुरस्कार

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पूर्व जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल को शरणार्थियों का स्वागत करने के उनके प्रयासों के लिए 2022 के यूनेस्को शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। जूरी के अध्यक्ष और 2018 के नोबेल शांति पुरस्कार विजेता डेनिस मुकवेगे ने कहा, जूरी के सभी सदस्य 2015 में सीरिया, इराक, अफगानिस्तान और इरिट्रिया से 1.2 मिलियन से अधिक शरणार्थियों का स्वागत करने के उनके साहसी निर्णय से प्रभावित हुए थे। यह वह विरासत है जिसे उन्होंने छोड़ दिया है।

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सम्मान का नाम आइवरी कोस्ट के पूर्व राष्ट्रपति के नाम पर रखा गया है। आधिकारिक तौर पर फेलिक्स हौफौएट-बोगेन-यूनेस्को शांति पुरस्कार कहा जाता है। यह 1989 से प्रत्येक वर्ष उन व्यक्तियों, संगठनों या संस्थानों को प्रदान किया जाता है जिन्होंने शांति को बढ़ावा देने, शोध करने या सुरक्षित करने के लिए विशेष प्रयास किए हैं। चांसलर के रूप में चार बार सेवा देने के बाद पिछले साल राजनीति छोड़ चुकीं मर्केल को यह पुरस्कार कब दिया जाएगा, यह अभी तय नहीं हुआ है।

सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य:

  • यूनेस्को की स्थापना: 16 नवंबर 1945;
  • यूनेस्को मुख्यालय: पेरिस, फ्रांस;
  • यूनेस्को के सदस्य: 193 देश;
  • यूनेस्को प्रमुख: ऑड्रे अज़ोले।

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सिडबी और टाटा पावर के टीपीआरएमजी ने हरित उद्यमियों का समर्थन करने के लिए सहयोग किया

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देश भर में 1,000 हरित ऊर्जा व्यवसाय बनाने के लिए, भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) और TP Renewable Microgrid Ltd (TPRMG), टाटा पावर की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, ने मिलकर हरित ऊर्जा व्यवसाय कार्यक्रम शुरू किया है। यह परियोजना देश भर में स्थायी व्यापार मॉडल को बढ़ावा देगी, जिसके परिणामस्वरूप ग्रामीण उद्यमियों का सशक्तिकरण होगा।

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सिडबी और टीपीआरएमजी: प्रमुख बिंदु

सिडबी ग्रामीण उद्यमियों की फर्मों को शुरू करने या विकसित करने के लिए वित्तपोषण (ऋण) की सुविधा के लिए अपनी प्रयास योजना या भागीदार बैंकों के माध्यम से क्रेडिट कनेक्शन का भी समर्थन करेगा।

टीपीआरएमजी इन ग्रामीण उद्यमों को उच्च गुणवत्ता, उचित मूल्य, भरोसेमंद और हरित ऊर्जा (सौर, पवन और बायोगैस) की आपूर्ति करने के लिए अपने वर्तमान माइक्रोग्रिड नेटवर्क के साथ-साथ नए क्षेत्रों में योग्य उद्यमियों की पहचान करेगा।

टीपीआरएमजी ग्रामीण फर्मों को ऊर्जा उपयोग और संरक्षण को अधिकतम करने के लिए हरित ऊर्जा विकल्प और तकनीकी जानकारी भी प्रदान करेगा। इस संबंध के पीछे प्रेरक तत्व सिडबी का एम्पावरिंग एमएसएमई अभियान और टाटा पावर का “सस्टेनेबल इज एटेनेबल” कार्यक्रम है।

टीपीआरएमजी के बारे में:

टीपीआरएमजी के माध्यम से, टाटा पावर दुनिया के सबसे बड़े माइक्रोग्रिड कार्यक्रमों में से एक का प्रबंधन करता है और एक ऊर्जा भंडारण प्रणाली के साथ एक ऑफ-ग्रिड सौर उत्पादन सुविधा चलाता है जो देश के ग्रामीण क्षेत्रों को बिजली प्रदान करता है। निकट भविष्य में, व्यवसाय 10,000 माइक्रोग्रिड तैनात करने का इरादा रखता है। 200 से अधिक माइक्रोग्रिड स्थापित किए गए हैं, जिनमें से अधिकांश उत्तर प्रदेश और बिहार में पाए जाते हैं। इसके अतिरिक्त, ओडिशा में एक पायलट माइक्रोग्रिड कार्यक्रम का परीक्षण किया जा रहा है।

सिडबी और टीपीआरएमजी: महत्वपूर्ण तथ्य

  • सीईओ और एमडी, टाटा पावर: प्रवीर सिन्हा
  • सीएमडी सिडबी: शिवसुब्रमण्यम रामनन

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पाम तेल की खेती को बढ़ावा देने हेतु गोदरेज एग्रोवेट का तीन पूर्वोत्तर राज्यों के साथ समझौता

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कृषि कारोबार कंपनी गोदरेज एग्रोवेट ने पाम तेल की खेती को बढ़ावा देने के लिए असम, मणिपुर और त्रिपुरा सरकार के साथ समझौता किया है। कंपनी ने पूर्वोत्तर के इन तीन राज्यों में पाम तेल के विकास और संवर्धन के लिए राष्ट्रीय खाद्य तेल ऑयल पाम मिशन के तहत समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये हैं। भारत पाम तेल का शुद्ध आयातक देश है।

मुख्य बिंदु

  • गोदरेज एग्रोवेट के प्रबंध निदेशक ने कहा कि यह समझौता उत्पादन के सतत विकास के माध्यम से भारत के तेल मिशन में मुख्य स्रोत बनने की दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा है।
  • समझौते के मुताबिक, कंपनी को क्षेत्र में पाम तेल की खेती के विकास और संवर्धन के लिए इन तीन राज्यों में भूमि आवंटित की जाएगी।
  • गोदरेज एग्रोवेट वर्तमान में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, ओड़िशा, गोवा, महाराष्ट्र और मिजोरम में पाम तेल की खेती कर रही है।
  • गौरतलब है कि सरकार ने अगस्त 2021 में 11,040 करोड़ रुपये के नियोजित खर्च के साथ राष्ट्रीय खाद्य तेल ऑयल पाम मिशन शुरू किया था।
  • इस मिशन के अंतर्गत, सरकार ने उत्तर पूर्व क्षेत्र और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर विशेष ध्यान देते हुए 2025-26 तक पाम तेल की खेती के तहत क्षेत्र को 10 लाख हेक्टेयर और 2029-30 तक 16.7 लाख हेक्टेयर तक बढ़ाने की परिकल्पना की है।

ओणम महोत्सव 2022: जाने इसका इतिहास और महत्व

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ओणम का त्‍योहार (Onam Festival 2022) दक्षिण भारत में खासकर केरल में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। ओणम को खासतौर पर खेतों में फसल की अच्छी उपज के लिए मनाया जाता है। ओणम को मनाने के पीछे एक पौराणिक मान्यता है। कहा जाता है कि केरल में महाबली नाम का एक असुर राजा था। उसके आदर सत्कार में ही ओणम त्योहार मनाया जाता है।

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ओणम पर्व का खेती और किसानों से गहरा संबंध है। किसान अपने फसलों की सुरक्षा और अच्छी उपज के लिए श्रावण देवता और पुष्पदेवी की आराधना करते हैं। फसल पकने की खुशी लोगों के मन में एक नई उम्मीद और विश्वास जगाती है। ओणम मुख्यत: केरल, तमिलनाडु समेत दक्षिण भारत के राज्यों में मनाया जाता है। मलयालम सौर कैलेंडर के आधार पर ओणम चिंगम माह में मनाते हैं। इस साल ओणम का त्योहार 08 सितंबर दिन गुरुवार को मनाया जाएगा।

क्यों मनाते हैं ओणम का त्योहार?

ओणम का त्योहार भगवान विष्णु के वामन अवतार और राजा बलि के दोबारा पृथ्वी पर आने के उत्सव में मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि राजा बलि हर साल ओणम के समय पाताल लोक से पृथ्वी पर आते हैं। पाताल से पृथ्वी लोक की यात्रा के उपलक्ष्य में ओणम का त्योहार मनाते हैं। वामन अवतार के समय भगवान विष्णु ने दान में तीन पग भूमि लेकर अपने भक्त बलि को पाताल लोक का राजा बना दिया था। ऐसी मान्यता है कि ओणम के दिन राजा बलि अपनी प्रजा से मिलने के लिए पृथ्वी पर आते हैं और उनके घरों में जाते हैं। इसके उपलक्ष्य में लोग अपने घरों की सजावट करते हैं और अपने राजा के आगमन की तैयारी करते हैं।

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