प्रसिद्ध वैज्ञानिक और सीएसआईआर के पूर्व निदेशक दामोदरन का निधन

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प्रसिद्ध वैज्ञानिक और वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के पूर्व निदेशक ए. डी. दामोदरन का शुक्रवार को निधन हो गया। वह 87 वर्ष के थे। परमाणु वैज्ञानिक दामोदरन के परिवार में पत्नी ई. एम. मलाथी, एक बेटा और एक बेटी हैं। मलाथी केरल के पहले मुख्यमंत्री और वामपंथी नेता दिवंगत ई. एम. एस. नंबूदरीपाद की बेटी हैं।

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केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि देश ने एक ऐसे वैज्ञानिक को खो दिया है जो परमाणु विज्ञान में विशेषज्ञता रखते थे। मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा कि वह देश के प्रमुख परमाणु विज्ञान और अनुसंधान संस्थानों से जुड़े रहे थे। उन्होंने केरल की लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) सरकार के साथ विभिन्न स्तरों पर सलाहाकार के तौर पर काम किया था। विजयन ने कहा कि दामोदरन ने नंबूदरीपाद की राजनीति का अनुसरण किया और अपने लेखन में इसे प्रतिबिंबित किया।

 

दामोदरन ने बाद में 1985 में सीएसआईआर के निदेशक के रूप में पदभार संभाला। उन्होंने युवा वैज्ञानिकों को सीएसआईआर में शामिल करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और इस प्रकार संस्थान की प्रोफाइल को बढ़ाया। उन्होंने केलट्रॉन के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया था।

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सरकार ने अल्पसंख्यक छात्रों के लिए चलने वाली ‘पढ़ो परदेश’ योजना बंद की

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अल्पसंख्यक मंत्रालय की तरफ से अल्पसंख्यक छात्रों को दी जाने वाली ‘पढ़ो परदेश स्कीम’ को बंद कर दिया गया है। मंत्रालय ने विदेश में पढ़ाई के लिए एजुकेशन लोन पर लगने वाले ब्याज पर सब्सिडी देने वाली इस योजना को बंद कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, इंडियन बैंक एसोसिएशन द्वारा पिछले महीने सभी बैंकों को 2022-23 से ‘पढ़ो परदेश ब्याज सब्सिडी योजना’ को बंद करने के बारे में सूचित किया गया था। अब तक यह योजना नामित नोडल बैंक केनरा बैंक के जरिए से चलाई जा रही थी। एसोसिएशन द्वारा बैंकों को दी गई जानकारी के मुताबिक, मौजूदा गाइडलाइंस का पालन करते हुए पढ़ो परदेश योजना के तहत 31 मार्च, 2022 तक के मौजूदा लाभार्थियों को स्कीम की अवधि खत्म होने तक ब्याज पर सब्सिडी का लाभ मिलता रहेगा।

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पढ़ो परदेश योजना के बारे में

 

जून 2006 में प्रधानमंत्री के 15 प्वाइंट प्रोग्राम के तहत पढ़ो परदेश योजना को पेश किया गया था। उस समय भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह थे। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, योजना का मकसद अल्पसंख्यक समुदायों के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों से आने वाले मेधावी छात्रों को ब्याज सब्सिडी प्रदान करना है। योजना के तहत छात्रों को विदेश में हायर एजुकेशन हासिल करने का मौका मिल सके। इससे उनके रोजगार हासिल करने के मौके भी बढ़ जाएंगे। इस योजना के तहत अल्पसंख्यक छात्रों को विदेश में मास्टर, एमफिल और पीएचडी स्तर की शिक्षा हासिल करने का मौका मिलता था।

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अडाणी समूह करेगा हाइड्रोजन-चालित ट्रक का विकास

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अडाणी समूह (Adani Group) ने कहा कि वह खनन क्षेत्र से जुड़े परिवहन और लॉजिस्टिक के लिए हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाले ट्रकों को तैनात करेगा। एशिया के सर्वाधिक अमीर व्यक्ति गौतम अडाणी की अगुवाई वाले समूह ने एक बयान में कहा कि अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (Adani Enterprises Limited) ने खनन लॉजिस्टिक एवं परिवहन के लिए हाइड्रोजन-चालित ट्रक के विकास की एक पायलट परियोजना शुरू करने का समझौता किया है। यह समझौता अशोक लेलैंड (Ashok Leyland) और बलार्ड पावर (Ballard power) के साथ किया गया है।

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इस साझेदारी में एशिया के पहले हाइड्रोजन-चालित खनन ट्रक का विकास किया जाएगा। इस परियोजना की अगुवाई अडाणी एंटरप्राइजेज करेगी जबकि कनाडा की कंपनी बलार्ड पावर हाइड्रोजन से चलने वाले इंजन की आपूर्ति करेगी। दुनिया में वाणिज्यिक वाहनों की अग्रणी विनिर्माता अशोक लेलैंड इस ट्रक का प्लेटफॉर्म मुहैया कराने के साथ तकनीकी समर्थन देगी।

 

अडाणी समूह ने कहा कि हाइड्रोजन से चलने वाले इस खनन ट्रक को भारत में वर्ष 2023 में ही पेश किए जाने की योजना है। एईएल के निदेशक एवं अडाणी नेचुरल रिसोर्सेज के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विनय प्रकाश ने कहा कि यह महत्वाकांक्षी हरित हाइड्रोजन परियोजना भारत के भावी ऊर्जा आत्म-निर्भरता की दिशा में एक सशक्त संकल्प है।

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एनसीईआरटी ने भारत का पहला राष्ट्रीय मूल्यांकन नियामक “पारख” लॉन्च किया

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नेशनल काउंसिल फॉर एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने भारत का पहला राष्ट्रीय मूल्यांकन नियामक, PARAKH जारी किया है, जो देश में सभी मान्यता प्राप्त स्कूल बोर्डों के लिए छात्र मूल्यांकन और मूल्यांकन के लिए मानदंड, मानक और दिशानिर्देश स्थापित करने पर काम करेगा।

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पारख नियामक का उद्देश्य विभिन्न राज्य बोर्डों के साथ नामांकित छात्रों के अंकों में असमानताओं को दूर करने में मदद के लिए सभी बोर्डों के लिए मूल्यांकन दिशानिर्देश स्थापित करना है। पारख समग्र विकास के लिए प्रदर्शन मूल्यांकन, समीक्षा और ज्ञान के विश्लेषण के लिए खड़ा है। यह एनसीईआरटी के शिक्षा सर्वेक्षण प्रभाग के भीतर स्थापित किया गया है।

 

प्रमुख बिंदु

  • पारख को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के कार्यान्वयन के एक भाग के रूप में लॉन्च किया गया है।
  • इसने नए मूल्यांकन पैटर्न और नवीनतम शोध के बारे में स्कूल बोर्डों को सलाह देने और उनके बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक मानक-सेटिंग निकाय की परिकल्पना की है।
  • पारख तीन प्रमुख मूल्यांकन क्षेत्रों में काम करेगा जिनमें बड़े पैमाने पर मूल्यांकन, स्कूल-आधारित आकलन और परीक्षा सुधार शामिल हैं।
  • यह शिक्षार्थियों के बीच शैक्षणिक मानकों के संदर्भ में भारत में मान्यता प्राप्त स्कूल बोर्डों में एक समानता लाने पर काम करेगा।
  • पारख मूल्यांकन और मूल्यांकन के क्षेत्र में काम कर रहे राज्य शिक्षा निदेशालयों, राज्य, शिक्षा बोर्डों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ मिलकर काम करेगा।
  • पिछले साल सितंबर में एनसीईआरटी ने पारख की स्थापना में मदद के लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) आमंत्रित किया था।
  • पारख राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (एनएएस) सहित बड़े पैमाने पर आकलन करने के लिए जिम्मेदार होगा।
  • यह केंद्र अंतर्राष्ट्रीय मूल्यांकन जैसे प्रोग्राम फॉर इंटरनेशनल स्टूडेंट असेसमेंट (PISA), ट्रेंड्स इन इंटरनेशनल मैथमेटिक्स एंड साइंस स्टडी (TIMSS) और प्रोग्रेस इन इंटरनेशनल रीडिंग लिटरेसी स्टडी (PIRLS) में भारत की भागीदारी का प्रबंधन भी करेगा।

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अजंता-एलोरा फिल्म समारोह में ‘नानेरा’ को मिला ‘गोल्डन कैलाश’ पुरस्कार

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राजस्थानी फिल्म ‘नानेरा’ (नानाजी का घर) मुख्य किरदार मनीष के इर्द-गिर्द घूमती है। मनीष के पिता की मौत के बाद उसके जीवन का फैसला उसके मामा लेने लगते हैं। कहानी के मुख्य पात्र मनीष की जिंदगी उस वक्त नया मोड़ लेती है, जब वह अपनी रिश्ते की बहन के साथ प्रेम करने लगता है। इसकी वजह से उसका परिवार खुद को मुसीबत में पाता है।

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विज्ञप्ति में कहा गया है कि ‘नानेरा’ को सर्वश्रेष्ठ निर्देशक, सर्वश्रेष्ठ पटकथा, सर्वश्रेष्ठ संपादन का पुरस्कार भी मिला है। विज्ञप्ति के अनुसार, एफआईपीआरईएससीआई भारत के निर्णायक मंडल के सदस्य एन विद्याशंकर ने पुरस्कार की घोषणा की। सर्वश्रेष्ठ फिल्म के पुरस्कार के तहत ‘नानेरा’ को एक ट्रॉफी और एक लाख रुपये नकद दिये गये। फिल्म महोत्सव के आठवें संस्करण का आयोजन 11 से 15 जनवरी तक औरंगाबाद में किया गया।

इसके अलावा, कन्नड़ फिल्म ‘कोली इसरू’ (चिकन करी) की कलाकार अक्षता पांडवपुरा ने सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार और सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार जीता है। यह फिल्म गांव की एक युवा मां के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसमें एक मां अपनी बेटी की चिकन करी खाने की इच्छा को किसी भी तरह पूरा करना चाहती है।

 

इसी फिल्म महोत्सव में जीतू कमल को बांग्ला फिल्म ‘अपराजितो’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिला। फिल्म में कमल ने भारतीय सिनेमा के दिग्गज सत्यजीत रे की भूमिका निभाई है। फिल्म में उन्होंने सत्यजीत रे के निर्देशन में 1955 में बनी पहली फिल्म ‘पाथेर पंचाली’ से लेकर उनके आगे तक के सफर को दिखाया है। इस पांच दिवसीय फिल्म महोत्सव में 55 फिल्में प्रदर्शित की गईं। कोविड महामारी के कारण दो साल के अंतराल के बाद इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

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कोल्लम भारत का पहला संविधान साक्षर जिला बना

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केरल का कोल्लम जिला देश का पहला संविधान साक्षर जिला बन गया है। इसकी घोषणा 15 जनवरी को केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कोल्लम में वित्त मंत्री केएन बालगोपाल की अध्यक्षता में एक समारोह में की। जिले की यह उपलब्धि देश के कानूनों और नागरिकों के अधिकारों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए कोल्लम जिला पंचायत, जिला योजना समिति और केरल स्थानीय प्रशासन संस्थान (केएलए) द्वारा संयुक्त रूप से शुरू किए गए सात महीने लंबे संविधान साक्षरता अभियान का परिणाम है।

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संविधान की मूल बातों के बारे में केरल के कोल्लम जिले के निवासियों को शिक्षित करने के लिए यह अभियान शुरू किया गया है। इसका उद्देश्य कोल्लम जिले को संवैधानिक रूप से साक्षर जिला बनाना है। इस अभियान के तहत जिले के सात लाख से अधिक परिवारों को संविधान के मूल सिद्धांतों पर शिक्षित किया जा रहा है।

 

अभियान के हिस्से के रूप में, कोल्लम की 10 वर्ष से अधिक आयु की पूरी आबादी को संविधान की प्रस्तावना और दस्तावेज़ की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, इसके मूल सिद्धांतों, नागरिकों के मौलिक अधिकारों और कानूनी उपायों के बारे में बताया गया है।अभियान के तहत प्रत्येक नगर पालिका से लगभग 20 से 25 व्यक्तियों और प्रत्येक ग्राम पंचायत से 10 से 15 व्यक्तियों को प्रशिक्षण के लिए चुना जाता है और उन्हें सीनेटर कहा जाता है।

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पेटीएम बैंक को भारत बिल पेमेंट ऑपरेटिंग यूनिट के रूप में काम करने हेतु आरबीआई की मंजूरी मिली

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पेटीएम पेमेंट बैंक (Paytm Payments Bank) ने कहा कि उसे भारत बिल पेमेंट ऑपरेटिंग यूनिट ( Bharat Bill Payment Operating Unit) के रूप में काम करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से मंजूरी मिल गई है। भारत बिल भुगतान प्रणाल पेमेंट सिस्टम (Bharat Bill Payment System) यानी बीबीपीएस (BBPS) के तहत भारत बिल पेमेंट ऑपरेटिंग यूनिट यानी बीबीपीओयू (BBPOU) को बिजली, फोन, डीटीएच, पानी, गैस बीमा, लोन चुकाने, फास्टैग रिचार्ज, एजुकेशन फीस, क्रेडिट कार्ड बिल और मुंसिपल टैक्स पेमेंट करने की सुविधा देने की इजाजत मिलती है।

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बीबीपीएस (BBPS) का स्वामित्व भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) के पास है। अब तक पेटीएम पेमेंट बैंक लिमिटेड (PPBL) आरबीआई (RBI) से सैद्धांतिक मंजूरी के तहत इस तरह की सेवाएं दे रहा था। कंपनी ने एक बयान में कहा कि पीपीबीएल को भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (Payment and Settlement Systems Act 2007) के तहत बिल पेमेंट ऑपरेटिंग यूनिट (BBPOU) के रूप में काम करने के लिए आरबीआई से अंतिम मंजूरी मिल गई है।

 

देश की डिजिटल पेमेंट एंड फाइनेंशियल सर्विस कंपनी पेटीएम (Paytm) का दिसंबर, 2022 में लोन डिसबर्समेंट (Loan Disbursement) चार गुना हो गया। पेटीएम को ऑपरेट करने वाली कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड (One97 Communications Limited) ने दिसंबर 2022 में 3,665 करोड़ रुपये मूल्य के 37 लाख लोन वितरित किए। यह सालाना आधार पर 330 प्रतिशत अधिक है।

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भारत ने क्यूबा को पेंटावेलेंट टीकों की 12,500 खुराक दान करने की घोषणा की

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भारत ने क्यूबा को पेंटावेलेंट टीकों की 12,500 खुराक दान करने की घोषणा की है। विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने क्यूबा की अपनी आधिकारिक यात्रा के दौरान इसकी घोषणा की। यह क्यूबा की उनकी पहली यात्रा थी। विदेश मंत्रालय (MEA) द्वारा जारी बयान के अनुसार, अपनी यात्रा के दौरान, मीनाक्षी लेखी ने क्यूबा के राष्ट्रपति मिगुएल डियाज-कैनेल के साथ बैठक की और द्विपक्षीय महत्व और राजनीतिक और आर्थिक सहयोग के मामलों पर चर्चा की। पेंटावेलेंट वैक्सीन बच्चे को 5 जानलेवा बीमारियों – डिप्थीरिया, पर्टुसिस, टेटनस, हेपेटाइटिस बी और हिब से सुरक्षा प्रदान करता है।

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क्‍यूबा के कार्यवाहक विदेश मंत्री गेरार्डो पेनालवर पोर्टल के साथ बातचीत में श्रीमती लेखी ने आपसी हितों के मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। दोनों पक्षों ने विकास सहायता कार्यक्रम, व्‍यापार और निवेश, ऊर्जा, आपदा प्रबन्‍धन, संस्‍कृति, स्‍वास्‍थ्‍य और फार्मा, आयुष तथा जैव प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ाने की इच्‍छा जताई। दोनों पक्षों ने अंतर्राष्‍ट्रीय मोटा अनाज वर्ष 2023 और जलवायु परिवर्तन तथा सतत विकास पर भी चर्चा की।

 

सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे:

 

  • क्यूबा की राजधानी: हवाना;
  • क्यूबा मुद्रा: क्यूबा पेसो;
  • क्यूबा के राष्ट्रपति: मिगुएल डियाज़-कैनेल;
  • क्यूबा महाद्वीप: उत्तरी अमेरिका।

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जेम्स वेब का अंतरिक्ष में नया कारनामा, पहली बार खोजा पृथ्वी जैसा ग्रह

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जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप अपने लॉन्चिंग के बाद से ही लगातार शानदार काम कर रहा है। टेलीस्कोप ने पहली बार सौर मंडल के बाहर एक ग्रह खोजा है। सौर मंडल के बाहर स्थित खगोलीय पिंड LHS 475 b लगभग पृथ्वी के आकार का है। यह पृथ्वी की ही तरह एक चट्टानी ग्रह है, जो धरती से 41 प्रकाश वर्ष दूर ऑक्टंस तारामंडल में है। नासा के ट्रांसिटिंग एक्सोप्लैनेट सर्वे सैटेलाइट या TESS के डेटा को देख कर माना जा रहा था कि यह एक ग्रह हो सकता है।

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मैरीलैंड के लॉरेल में जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी एप्लाइड फिजिक्स लेबोरेटरी में स्टाफ एस्ट्रोनॉमर केविन स्टीवेन्सन और पोस्टडॉक्टोरल फेलो जैकब लस्टिग-येगर के नेतृत्व में शोधकर्ताओं की एक टीम ने वेब का इस्तेमाल कर LHS 475 b का अवलोकन किया। यह ग्रह अपने तारे के सामने से गुजरा तब शोधकर्ताओं ने इसकी रोशनी में गिरावट दर्ज की। येगर ने एक बयान में कहा कि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि वहां एक ग्रह मौजूद है। वेब टेलीस्कोप के डेटा ने इसकी पुष्टि की है।

 

धरती से ज्यादा गर्म है ग्रह

खगोलविदों के पास अब गर्मियों में फिर से ग्रह का निरीक्षण करने और संभावित वातावरण का पता लगाने का एक मौका होगा। टेलीस्कोप ने पता लगाया है कि यह ग्रह हमारे ग्रह से कई सौ डिग्री ज्यादा गर्म है। यानी यह इंसानों के रहने लायक नहीं है। अगर शोधकर्ताओं को इस पर किसी तरह का बादल मिलता है तो यह लगभग शुक्र ग्रह कि तरह होगा।

 

क्या है जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप?

 

यह टेलीस्कोप नासा, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) और कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी के बीच एक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का परिणाम है जिसे दिसंबर 2021 में लॉन्च किया गया था। यह वर्तमान में अंतरिक्ष में एक बिंदु पर है जिसे सूर्य-पृथ्वी L2 लैग्रेंज बिंदु के रूप में जाना जाता है, जो सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की कक्षा से लगभग 1.5 मिलियन किमी दूर है। लैग्रेंज प्वाइंट 2 पृथ्वी-सूर्य प्रणाली के कक्षीय तल के पाँच बिंदुओं में से एक है। इसका नाम इतालवी- फ्रांसीसी गणितज्ञ जोसेफी-लुई लैग्रेंज के नाम पर रखा गया।

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वित्त वर्ष 2023 के लिए भारत का राजकोषीय घाटा 17.5 लाख करोड़ रुपये: SBI

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वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आगामी भारतीय बजट घटती मुद्रास्फीति के वैश्विक माहौल के बीच राजकोषीय समेकन के रोडमैप का पालन करना सरकार के लिए एक चुनौतीपूर्ण होगा। भारतीय स्टेट बैंक के एक शीर्ष अर्थशास्त्री ने एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि भारत के लिए, यह नाममात्र सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) संख्या को 10 प्रतिशत से काफी अधिक निर्धारित करना मुश्किल बना सकता है, जिसमें अपस्फीति लगभग 3.5 प्रतिशत है। लेकिन इसका मतलब यह भी हो सकता है कि लगभग 6.2 प्रतिशत की अनुमानित जीडीपी वृद्धि से अधिक हो।

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भारतीय स्टेट बैंक ने यह भी कहा कि वित्त वर्ष 2023 के लिए भारत सरकार का राजकोषीय घाटा लगभग 17.5 लाख करोड़ रुपये होगा। एसबीआई की ग्रुप चीफ आर्थिक सलाहकार डॉ. सौम्य कांति घोष के अनुसार, वित्त वर्ष 2023 के लिए, सरकार की कुल प्राप्तियां बजट अनुमानों (बीई) से लगभग 2.3 लाख करोड़ रुपये, उच्च प्रत्यक्ष कर प्राप्तियों (लगभग 2.2 लाख करोड़ रुपये), उच्च जीएसटी प्राप्तियों (95,000 करोड़ रुपये) के कारण अधिक होंगी, लेकिन कम लाभांश (लगभग 40,000 करोड़ रुपये), उपकर का कम ईंधन कर शुद्ध (30,000 करोड़ रुपये) और कम विनिवेश प्राप्तियां (लगभग 15,000-20,000 करोड़ रुपये) होंगी।

 

घोष ने रिपोर्ट में कहा कि वित्त वर्ष 2024 के संबंध में सरकार का खर्च वित्त वर्ष 2023 के अनुमानों की तुलना में लगभग 8.2 प्रतिशत बढ़कर 46 लाख करोड़ रुपये होने की संभावना है। सब्सिडी बिल जो वित्त वर्ष 2023 में काफी बढ़ गया था, वित्त वर्ष 2024 में लगभग 3.8-4 लाख करोड़ रुपये कम होने का अनुमान है और पूंजीगत व्यय 12 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है।

 

रिपोर्ट के अनुसार, इस प्रकार, वित्त वर्ष 2024 के लिए राजकोषीय घाटा लगभग 17.95 लाख करोड़ रुपये या वित्त वर्ष 2024 में जीडीपी का 6 प्रतिशत अनुमानित है, जिसके परिणामस्वरूप चालू वित्त वर्ष से 40 बीपीएस का राजकोषीय समेकन हुआ है। केंद्र से हायर टैक्स डेवॉल्यूशन के साथ, राज्यों को वित्त वर्ष 2023 में लगभग 8 लाख करोड़ रुपये उधार लेने की संभावना है, जो पहले के अनुमान से कम है।

 

रिपोर्ट के अनुसार, “जहां तक उधार लेने का सवाल है, हमारा मानना है कि वित्त वर्ष 2024 में केंद्र की शुद्ध बाजार उधारी लगभग 11.7 लाख करोड़ रुपये और 4.4 लाख करोड़ रुपये के पुनर्भुगतान के साथ, सकल उधारी 16.1 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद है। हमारा मानना है कि लगभग 50,000 करोड़ रुपये के स्विच की भी घोषणा होने की संभावना है।”

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