जेफ जाइंट्स बन सकते हैं व्हाइट हाउस के अगले चीफ ऑफ स्टाफ

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अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन जल्द ही जेफ जाइंट्स को व्हाइट हाउस का अगला चीफ ऑफ स्टाफ बना सकते हैं। जेफ जाइंट्स मौजूदा चीफ ऑफ स्टाफ रोन क्लेन की जगह लेंगे, जो जल्द ही रिटायर होने वाले हैं। बता दें कि जेफ जाइंट्स इससे पहले कोरोना महामारी के दौरान कॉर्डिनेटर की भूमिका निभा चुके हैं। उन्हीं के नेतृत्व में कोविड के खिलाफ बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन प्रोग्राम चलाया गया था।

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कोविड महामारी का सफलतापूर्वक कॉर्डिनेशन करने के बाद जेफ जाइंट्स ने बीते साल अप्रैल में व्हाइट हाउस छोड़ दिया था। हालांकि बीते दिनों अमेरिका में हुए मध्याविधि चुनाव के बाद रोन क्लेन की मदद के लिए उनकी व्हाइट हाउस में वापसी हुई थी। हाल के समय में रोन क्लेन ने जेफ जाइंट्स को कई जिम्मेदारियां दी थी, उसके बाद से ही जाइंट्स की चीफ ऑफ स्टाफ के पद का दावेदार बनने की चर्चाएं चल रहीं थी।

जेफ जाइंट्स की व्हाइट हाउस में चीफ ऑफ स्टाफ पद पर नियुक्ति ऐसे वक्त हो रही है, जब जो बाइडेन सरकार ने सत्ता में दो साल पूरे कर लिए हैं। साथ ही जो बाइडेन के घर पर खूफिया दस्तावेज मिलने के बाद से अमेरिकी राष्ट्रपति विपक्ष के निशाने पर भी हैं। वॉशिंगटन डीसी के निवासी जेफ जाइंट्स ने ड्यूक यूनिवर्सिटी से स्नातक की पढ़ाई की है। जेन्ट्स के पास निजी सेक्टर में काम करने का लंबा अनुभव है। साल 2009 में पहली बार उन्होंने बराक ओबामा सरकार के प्रशासन में काम किया।

 

मार्च 2014 से लेकर जनवरी 2017 तक जेन्ट्स नेशनल इकोनॉमिक काउंसिल के निदेशक पद पर रहे। साल 2021 में जो बाइडेन सरकार के सत्ता में आने के बाद उनकी एक बार फिर अमेरिकी प्रशासन में वापसी हुई।

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Norovirus: जानें क्या हैं लक्षण और कैसे करें बचाव

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देश में कोरोना वायरस के मामलों में लगातार कमी हो रही है। इस बीच केरल में एक नए वायरस के संक्रमण ने टेंशन बढ़ा दी है। राज्य में नोरोवायरस के पांच मामलों की पुष्टि हुई है। तीन बच्चों का अभी इलाज चल रहा है। केरल के एर्नाकुलम जिले में एक स्कूल में 63 बच्चे को अचानक उल्टी और डायरिया की शिकायत हुई। संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्राइवेट स्कूल को अगले दो-तीन दिन बंद रखने का फैसला किया गया है। खास बात है कि बच्चों के अलावा कुछ पैरंट्स में भी इस बीमारी के लक्षण देखने को मिले हैं।

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नोरोवायरस क्या है और कैसे फैलता है?

नोरोवायरस एक बेहद ही संक्रामक वायरस है। नोरोवायरस को विंटर वोमिटिंग बग के नाम से भी जाना जाता है। नोवोवायरस संक्रमण में व्यक्ति को तेज उल्टी और डायरिया होता है। कई लोग नोरोवायरस को ‘द स्टमक फ्लू’ भी कहते हैं। हालांकि, इसका फ्लू या इंफ्लूएंजा से कुछ भी लेना देना नहीं है। यह एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आने पर तेजी से फैलता है। इसके अलावा यह दूषित भोजन से भी फैलता है। इस संक्रामक वायरस का असर दो दिन से लेकर 6 दिन तक रहता है।

 

नोरोवायरस संक्रमण फैलने का कारण

  • दूषित पानी पीने से।
  • दूषित भोजन खाने से।
  • दूषित जगह या वस्तु के संपर्क में आने के बाद मुंह पर हाथ लगाने से
  • नोरोवायरस से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से

 

किसे है सबसे अधिक खतरा

 

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हर साल नोरोवायरस के दुनियाभर में 68 करोड़ मामले सामने आते हैं। खास बात है कि इसमें से 20 करोड़ संक्रमित 5 साल से कम उम्र के बच्चे होते हैं। इस बीमारी से दुनियाभर में हर साल करीब दो लाख लोगों की मौत होती है। मरने वालों में बच्चों की संख्या लगभग 50 हजार होती है।

क्या हैं इस बीमारी के लक्षण

 

  • उल्टी
  • डायरिया
  • जी मिचलाना
  • पेट में दर्द या मरोड़ उठना
  • हल्का बुखार
  • सिरदर्द और बदन दर्द

 

नोरोवायरस का इलाज

 

नोरोवायरस को लेकर कोई विशेष ट्रीटमेंट नहीं है। इस संक्रमण में डॉक्टर रोगी को अधिक से अधिक लिक्विड लेने की सलाह देते हैं। इस बीमारी में शरीर में पानी की कमी होने से रोकने पर जोर होता है। इसके अलावा आराम करने की सलाह दी जाती है।

 

लक्षण कितने दिनों में दिखते हैं?

सीडीसी के मुताबिक, नोरोवायरस पेट या आंतों की सूजन का कारण बनता है। इसे तीव्र आंत्रशोथ के रूप में जाना जाता है। लक्षण आमतौर पर वायरस के संपर्क में आने के 12 से 48 घंटे बाद दिखाई देते हैं। ज्यादातर लोग नोरोवायरस बीमारी से एक से तीन दिनों के भीतर ठीक हो जाते हैं।

 

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ओडिशा का अस्का थाना बना देश का नंबर वन पुलिस स्टेशन

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राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर, नई दिल्ली में आयोजित डीजीएसपी/आईजीएसपी सम्मेलन 2022 के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने ओडिशा के गंजम जिले के अस्का पुलिस थाने को नंबर एक पुलिस थाना के रूप में पुरस्कृत किया। ये पुरस्कार नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर में DGP/IG सम्मेलन-2022 के दौरान बांटे गए। विज्ञप्ति में कहा गया कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने आसिका पुलिस स्टेशन के प्रभारी निरीक्षक प्रशांत कुमार साहू को प्रशस्ति पत्र के साथ प्रतिष्ठित पुरस्कार देकर सम्मानित किया।

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मुख्य बिंदु

 

  • वर्ष 2022 की पुलिस थानों की वार्षिक रैंकिंग में अस्का थाने को यह खिताब मिला।
  • इस अवसर पर अस्का थाना प्रभारी निरीक्षक प्रशांत कुमार साहू को गृह मंत्री द्वारा प्रशस्ति पत्र के साथ प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किया गया।
  • ओडिशा के गंजम जिले के ही गंगापुर पुलिस स्टेशन को दूसरे सर्वश्रेष्ठ पुलिस स्टेशन का पुरस्कार दिया गया है I
  • उत्तराखंड के चंपावत जिले के बनबसा थाने को तीसरा सर्वश्रेष्ठ स्टेशन चुना गया है I
  • सदर बाजार पुलिस स्टेशन को वर्ष 2021 में सर्वश्रेष्ठ पुलिस स्टेशन चुना गया था I जब की गंगापुर थाने को दूसरे सर्वश्रेष्ठ पुलिस स्टेशन का पुरस्कार दिया गया था I
  • देश भर में पुलिस स्टेशनों की रैंकिंग गृह मंत्रालय द्वारा एक वार्षिक अभ्यास है। रैंक का निर्णय 165 विभिन्न मापदंडों जैसे अपराध दर, जांच और मामलों के निपटान, बुनियादी ढांचे और सार्वजनिक सेवा के वितरण के आधार पर होता है।

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ब्राजील सरकार ने यानोमामी में मेडिकल इमरजेंसी की घोषणा की

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हाल ही में ब्राजील में सरकार ने सोने के अवैध खनन और कुपोषण जनित परिस्थितियों में फैली बीमारियों से बच्‍चों की मौत की खबरों के बीच यानोमामी क्षेत्र में चिकित्‍सा-आपात स्थिति की घोषणा की है। राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा की सरकार ने कहा था कि इस घोषणा का उद्देश्य यानोमामी लोगों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना है।

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मुख्य बिंदु

 

  • आपातकाल घोषणा का उद्देश्‍य यानोमामी के लोगों के लिए उन स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं को बहाल करना है जो पिछली सरकार के कार्यकाल में ठप्‍प हो गईं थी।
  • बोलसनारो के राष्ट्रपति पद के चार वर्षों में, 570 यानोमामी बच्चों की मृत्यु ठीक होने वाली बीमारियों से हुई जिसमें मुख्य रूप से कुपोषण के साथ-साथ मलेरिया, डायरिया और वाइल्डकैट गोल्ड माइनर्स द्वारा उपयोग किए जाने वाले पारे के कारण हुई।
  • सरकार ने यानोमामी में खाद्य पैकेजों की घोषणा की जहां लगभग 26,000 यानोमामी वर्षावन और उष्णकटिबंधीय सवाना के एक क्षेत्र में रहते हैं।
  • योनोमामी क्षेत्र कई दशकों से सोने का अवैध खनन करने वाले गिरोहों का शिकार रहा है।

 

यानोमामी जनजातियों के बारे में

 

  • इन्हें दक्षिण अमेरिकी भारतीय भी कहा जाता है।
  • ये दक्षिणी वेनेज़ुएला में ओरिनोको नदी बेसिन के दूरस्थ जंगल में रहते हैं और उत्तरी ब्राजील में अमेज़ॅन नदी बेसिन के सबसे उत्तरी भाग में रहते हैं।
  • वे छोटे, बिखरे हुए, अर्ध-स्थायी गांवों में रहते हैं, ज़िरियाना भाषा बोलते हैं और शिकार करते हैं।
  • इनकी जनसंख्या लगभग 26,000 है।
  • यानोमामी लोगों के भूमि अधिकारों को सुरक्षित करने वाले ब्राजील के एक नेता डेवी कोपेनावा को राइट लाइवलीहुड अवार्ड-2019 से सम्मानित किया गया, जिसे स्वीडन का वैकल्पिक नोबेल पुरस्कार भी कहा जाता है।

 

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आर विष्णु प्रसाद वर्ष 2022 के सबसे प्रतिष्ठित वैज्ञानिक के रूप में सम्मानित

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आर विष्णु प्रसाद को सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में वर्ष 2022 के सबसे प्रतिष्ठित वैज्ञानिक सम्मान के तहत इंडियन अचीवर्स अवार्ड से सम्मानित किया। आर विष्णु प्रसाद के नाम पर 69 पेटेंट दर्ज हैं। यह पुरस्कार संस्कृति, विज्ञान, खेल और नवाचार सहित विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रदान किया जाता है।

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विज्ञान भवन में आयोजित सम्मान समारोह में पूर्व सीजेआई न्यायमूर्ति केजी बालकृष्णन और पूर्व न्यायाधीश ज्ञान सुधा मिश्रा सहित कई प्रतिष्ठित हस्तियों ने भाग लिया। स्मार्ट शहरों, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, बड़े स्तर पर जल के शोधन, स्वच्छ भारत अभियान में योगदान देने वाले विष्णु प्रसाद का चयन न्यायमूर्ति ज्ञान सुधा मिश्रा की अध्यक्षता वाली एक जूरी ने किया था।

 

बता दें, उनके अलावा परमवीर चक्र सूबेदार मेजर संजय कुमार, हॉकी खिलाड़ी दिवंगत मेजर ध्यानचंद, फिल्म अभिनेत्री श्रुति हासन, पद्म श्री आलोक मेहता, पेशेवर मुक्केबाज विजेंद्र सिंह, ओलंपिक एथलीट और पद्म श्री सुधा सिंह, राष्ट्रीय पैरालंपिक कोच सत्यनारायण, आईपीएस यशस्वी यादव, टी-सीरीज के अध्यक्ष और एमडी भूषण कुमार और द कश्मीर फाइल्स अभिनेता दर्शन कुमार समेत 31 लोगों को इंडियन अचीवर्स अवार्ड से सम्मानित किया गया।

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SEBI ने म्यूनिसिपल बॉन्ड पर जारी किया इनफॉर्मेशनल डेटाबेस

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सेबी ने स्थानीय निकायों की तरफ से जारी होने वाले म्यूनिसिपल बॉन्ड के बारे में एक सूचनात्मक डेटाबेस (ब्योरा) जारी किया है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने हाल ही में एक बयान में कहा कि बॉन्ड बाजार के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए 20-21 जनवरी को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में म्यूनिसिपल बॉन्ड पर यह डेटाबेस जारी किया गया।

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इस डेटाबेस में म्यूनिसिपल बॉन्ड के बारे में तमाम जानकारियां एवं आंकड़े उपलब्ध कराए गए हैं। इसमें सेबी की तरफ से म्यूनिसिपल बॉन्ड के बारे में समय-समय पर जारी निर्देशों एवं परिपत्रों का भी विवरण दिया गया है। इस मौके पर सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने ढांचागत विकास और राष्ट्र-निर्माण में म्यूनिसिपल बॉन्ड की भूमिका पर प्रकाश डाला। इस कार्यक्रम में आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय, नगर निगमों, शेयर बाजारों, क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों और मर्चेंट बैंकरों जैसे विभिन्न हितधारकों ने शिरकत की।

 

म्युनिसिपल बांड के बारे में:

 

म्यूनिसिपल बॉन्ड (मुनि) राजमार्गों, पुलों या स्कूलों के निर्माण सहित अपने पूंजीगत व्यय को वित्तपोषित करने के लिए राज्य, नगर पालिका या काउंटी द्वारा जारी ऋण सुरक्षा है। मुनि बांड के माध्यम से, एक नगर निगम व्यक्तियों या संस्थानों से धन जुटाता है और एक निर्दिष्ट ब्याज राशि का भुगतान करने का वादा करता है और एक विशिष्ट परिपक्वता तिथि पर मूल राशि वापस करता है। ये ज्यादातर संघीय करों और अधिकांश राज्य और स्थानीय करों से मुक्त हैं, जो उन्हें विशेष रूप से उच्च आयकर ब्रैकेट वाले लोगों के लिए आकर्षक बनाते हैं।

 

म्यूनिसिपल बॉन्ड मार्केट का महत्व:

 

म्युनिसिपल बॉन्ड शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) को बजटीय परियोजनाओं को पूरा करने के लिए राजस्व जुटाने में मदद कर सकते हैं क्योंकि संपत्ति कर नगरपालिका राजस्व का एकमात्र प्रमुख स्रोत है। भारत के बड़े शहरों और कस्बों के चरमराते बुनियादी ढांचे को अपग्रेड करने के लिए म्युनिसिपल बॉन्ड मार्केट का विकास महत्वपूर्ण है। स्मार्ट सिटीज और अमृत जैसी केंद्र की पालतू परियोजनाओं की सफलता के लिए नगरपालिका निकायों की आत्मनिर्भर होने की क्षमता भी महत्वपूर्ण है।

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सरकार ने नकद-तटस्थ सौदे में आरबीआई के साथ बॉन्ड स्विच किए

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केंद्रीय बैंक ने कहा कि भारत सरकार ने 2024 में भारत के रिजर्व बैंक से परिपक्व होने वाले बॉन्ड को वापस खरीदा, जबकि 2032 में इसी तरह की क्वांटम के लायक बांड भी जारी किया। लेन -देन में रिजर्व बैंक से वित्त वर्ष 2014/25 में एक सुरक्षा परिपक्वता वापस खरीदना और लेन -देन नकद तटस्थ बनाने के लिए बराबर बाजार मूल्य के लिए ताजा सुरक्षा जारी करना शामिल है। लेन -देन वित्तीय बेंचमार्क इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (FBIL) की कीमतों का उपयोग करके किया गया था।

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आरबीआई-सरकार के नकद तटस्थ सौदे के बारे में अधिक जानकारी:

 

सरकार ने 2024 में परिपक्व होने वाले 226.10 बिलियन रुपये ($2.78 बिलियन) के 6.18% बॉन्ड को 98.62 रुपये की कीमत पर वापस खरीद लिया, जबकि इसने आरबीआई को 106.05 रुपये में 210.26 बिलियन रुपये के 8.28% 2032 बॉन्ड जारी किए। इस स्विच से पहले, नई दिल्ली ने इस वित्तीय वर्ष में 820 बिलियन रुपये से अधिक मूल्य के बॉन्ड को स्विच किया था, जो उसके 1 ट्रिलियन रुपये के लक्ष्य से कम था।

 

इस लेन-देन की आवश्यकता

 

भारत के वित्त वर्ष के लिए अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए आरबीआई के साथ बॉन्ड स्विच नीलामी करने की संभावना है। भारत सरकार अपने दायित्व प्रोफाइल को सुगम बनाने के साथ-साथ बाजार के विकास के उद्देश्य से रूपांतरण कर रही है।

 

कैश न्यूट्रल क्या है

 

कैश न्यूट्रल शब्द एक निवेश रणनीति को संदर्भित करता है जिसमें एक निवेश पोर्टफोलियो में प्रतिभूतियों की बिक्री और खरीद शामिल होती है जिसके परिणामस्वरूप शून्य शुद्ध नकदी होती है। नकद-तटस्थ रणनीति में बिक्री और खरीद प्रभावी रूप से एक दूसरे को रद्द कर देते हैं। पोर्टफोलियो को कैश न्यूट्रल रखने का मतलब हर समय निवेश में पूरी तरह से पूंजी लगाना है।

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भारतीय रिजर्व बैंक का कहना है कि सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड पर कोई विदेशी निवेश कैप नहीं है

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भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि भारत सरकार द्वारा जारी सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड में विदेशी निवेश पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। केंद्रीय बैंक ने एक अधिसूचना में कहा कि ऐसी प्रतिभूतियों को पूरी तरह से सुलभ मार्ग के तहत निर्दिष्ट प्रतिभूतियों के रूप में गिना जाएगा। आरबीआई ने इस महीने की शुरुआत में दो किश्तों में 160 अरब रुपये (1.93 अरब डॉलर) के सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड की नीलामी की घोषणा की थी।

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सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड का महत्व:

  • SGrBs को समान मूल्य नीलामी के माध्यम से जारी किया जाएगा।
  • बिक्री के लिए अधिसूचित राशि का 5% खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित होगा।
  • SGrB द्वितीयक बाजार में व्यापार के लिए पात्र होंगे।
  • SGrBs को SLR उद्देश्य के लिए योग्य निवेश माना जाएगा।

 

सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड के लाभ:

  • SGrBs जारी करने से अर्थव्यवस्था की कार्बन तीव्रता को कम करने के उद्देश्य से सार्वजनिक क्षेत्र की परियोजनाओं में तैनाती के लिए संभावित निवेशकों से अपेक्षित वित्त का दोहन करने में सरकार को समर्थन मिलने की उम्मीद है।
  • SGrB ढांचे के तहत जारी किए गए बॉन्ड में निवेशक परियोजना से संबंधित कोई जोखिम नहीं उठाते हैं।
  • केंद्र 2005 के स्तर से 2030 तक अपने सकल घरेलू उत्पाद की उत्सर्जन तीव्रता को 45% तक कम करने के लिए प्रतिबद्ध है, और 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन-आधारित ऊर्जा संसाधनों से लगभग 50% संचयी विद्युत शक्ति स्थापित क्षमता प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।

 

क्या हैं ग्रीन बॉन्ड?

ग्रीन बॉन्ड किसी भी संस्था या कॉरपोरेट्स कंपनी द्वारा जारी किए बॉन्ड होते हैं, इसका उद्देश्य पर्यावरण की दृष्टि से चल रही परियोजनाओं के लिए पैसा जुटाना है। केंद्र सरकार ने देश में ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर को फाइनेंस करने के लिए घरेलू बाजार से पैसा जुटाने की योजना बनाई है। इसके लिए नवंबर 2022 में एक सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड फ्रेमवर्क तैयार किया गया था। इस बॉन्ड से जुटाई जाने वाली राशि का इस्तेमाल देश की अर्थव्यवस्था को कम कार्बन उत्सर्जन वाले प्रोजेक्ट के विकास में खर्च की जाएगी।

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आईसीसी ने साल 2022 की सर्वश्रेष्ठ पुरुष और महिला टी20 टीमों का ऐलान किया

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अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने पुरुष और महिला क्रिकेट दोनों के लिए साल 2022 की टी20I टीम ऑफ द ईयर का एलान कर दिया। इस टीम में दुनियाभर के वह खिलाड़ी शामिल हैं, जिन्होंने पिछले साल गेंद और बल्ले के साथ अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया। आईसीसी ने पुरुष और महिला दोनों टीमों में 11 खिलाड़ियों को चुना है और दोनों टीमों में भारत के तीन-तीन खिलाड़ी जगह बनाने में सफल रहे हैं। टीम में तीन खिलाड़ियों को जगह मिली है। ये तीन खिलाड़ी विराट कोहली (Virat Kohli), सूर्यकुमार यादव (SuryaKumar Yadav)और हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) हैं वहीं महिला टीम में स्मृति मंधाना, रिचा घोष, दीप्ति शर्मा और रेणुका सिंह को मौका मिला है।

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पुरुषों की टी20 टीम में भारत से तीन, इंग्लैंड और पाकिस्तान से दो-दो और न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, श्रीलंका और आयरलैंड से एक-एक खिलाड़ी शामिल है। जोस बटलर, जिन्होंने पिछले नवंबर में ऑस्ट्रेलिया में टी20 विश्व कप में इंग्लैंड की टीम को चैंपियन बनाया था, उन्हें टीम का कप्तान बनाया गया है।

 

कोहली ने 2022 में फॉर्म में वापसी करते हुए एशिया कप में शानदार प्रदर्शन किया है जहां वह पांच मैच में 276 रन के साथ दूसरे सबसे सफल बल्लेबाज रहे। उन्होंने अफगानिस्तान के खिलाफ शतक के साथ अंतरराष्ट्रीय शतक के लगभग तीन साल के सूखे को खत्म किया। मेलबर्न में पाकिस्तान के खिलाफ टी20 विश्व कप में टीम के पहले मैच में उन्होंने नाबाद 82 रन की पारी खेली जो टी20 अंतरराष्ट्रीय के इतिहास की सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक है।

 

2022 के लिए आईसीसी की पुरुषों की टीम

जोस बटलर (कप्तान-विकेटकीपर), मोहम्मद रिजवान, विराट कोहली, सूर्यकुमार यादव, ग्लेन फिलिप्स, सिकंदर रजा, हार्दिक पांड्या, सैम करन, वनिन्दू हसरंगा, हारिस रऊफ, जोशुआ लिटिल।

 

2022 के लिए आईसीसी की महिलाओं की टीम

 

स्मृति मंधाना, बेथ मूनी, सोफी डिवाइन (कप्तान), ऐश गार्डनर, ताहलिया मैक्ग्राथ, निदा डार, दीप्ति शर्मा, ऋचा घोष (विकेटकीपर), सोफी एक्लेस्टोन, इनोका राणावीरा, रेणुका सिंह।

 

सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे:

 

  • आईसीसी की स्थापना: 15 जून 1909;
  • आईसीसी अध्यक्ष: ग्रेग बार्कले;
  • आईसीसी सीईओ: ज्योफ एलार्डिस;
  • आईसीसी मुख्यालय: दुबई, संयुक्त अरब अमीरात।

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National Girl Child Day 2023: जानें कब और कैसे हुई थी इसकी शुरुआत

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राष्ट्रीय बालिका दिवस (National Girl Child Day) भारत में हर साल 24 जनवरी को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य लड़कियों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक बनाना है। राष्ट्रीय बालिका दिवस लड़कियों की शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के लक्ष्यों के प्रति जागरूकता (Girl Child Day) लाता है। हर साल राष्ट्रीय बालिका दिवस की थीम अलग होती है।

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बालिका दिवस मनाने का उद्देश्य

यह दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य देश की लड़कियों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। हमारे समाज लड़कियों को लड़कों की अपेक्षा कम आंका जाता है। उन्हें पढ़ने के अवसर नहीं मिलते, वक्त से पहले शादी करा दी जाती है और फिर बच्चे की जिम्मेदारी। उन्हें अपने सम्मान और अधिकार के लिए भी लड़ना पड़ता है। तो इस दिन को लड़कियों के साथ ही समाज को भी शिक्षित और जागरूक करने का प्रयास किया जाता है। इस दिन हर साल राज्य सरकारें अपने-अपने प्रदेश में कई तरह के कार्यक्रम का आयोजन करती हैं।

 

क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय बालिका दिवस ?

 

राष्ट्रीय बालिका दिवस (Girl Child Day) मनाने का उद्देश्य भारत में लड़कियों को समर्थन और अवसर प्रदान करना है। राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने का उद्देश्य लड़कियों को उनके अधिकारों और शिक्षा के प्रति संवेदनशील बनाने के साथ-साथ स्वास्थ्य और पोषण के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। राष्ट्रीय बालिका दिवस लड़कियों और लोगों को कन्या भ्रूण हत्या और लैंगिक असमानता से लेकर यौन शोषण तक के मुद्दों के बारे में जागरूक करने के लिए मनाया जाता है।

 

राष्ट्रीय बालिका दिवस का इतिहास

 

राष्ट्रीय बालिका दिवस पहली बार भारत में 24 जनवरी 2008 को मनाया गया था। महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय बालिका दिवस की शुरुआत की गई थी। इंदिरा गांधी ने 24 जनवरी 1966 को भारत की पहली महिला प्रधान मंत्री के रूप में शपथ ली थी। इसलिए, भारतीय इतिहास, महिला सशक्तीकरण और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में चुना गया था।

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