रूस ने भारतीय कामगारों के लिए 10 लाख नौकरियों के अवसर खोले

पारंपरिक गंतव्यों जैसे ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा में आप्रवासन नियम सख़्त होने के बीच, रूस भारतीय कामगारों के लिए नया रोज़गार केंद्र बनकर उभर रहा है। भारत और रूस दोनों के आधिकारिक बयानों के अनुसार, 2025 के अंत तक लगभग 10 लाख भारतीय रूस में काम कर सकते हैं। इनकी सबसे अधिक ज़रूरत निर्माण (Construction), मशीनरी, वस्त्र (Textiles) और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में है, जहाँ मज़दूरों की भारी कमी है।

कुशल भारतीय मज़दूरों की बढ़ती मांग

भारत–रूस मानव संसाधन साझेदारी
भारत के रूस में राजदूत विनय कुमार ने बताया कि दूतावास गतिविधियों में तेज़ी आई है, जो रूस जाने वाले भारतीय कामगारों की बढ़ती संख्या को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि रूसी कंपनियाँ भारतीयों को स्थानीय श्रम कानूनों और कोटा प्रणाली के अंतर्गत नियुक्त कर रही हैं।

  • शुरुआती भर्ती निर्माण और वस्त्र क्षेत्र में हुई

  • अब यह दायरा मशीनरी और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे उच्च-स्तरीय उद्योगों तक बढ़ रहा है

  • भर्ती प्रक्रिया रूसी आप्रवासन कोटे के तहत हो रही है

येकातेरिनबुर्ग में नया भारतीय वाणिज्य दूतावास

बढ़ते वाणिज्य दूतावास कार्यभार को संभालने के लिए, स्वेर्दलोव्स्क क्षेत्र की राजधानी, जो एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र है, येकातेरिनबर्ग में एक नया भारतीय महावाणिज्य दूतावास खोला जाएगा। यह विस्तार न केवल बढ़ते प्रवासन का संकेत देता है, बल्कि कार्यबल गतिशीलता में गहरे द्विपक्षीय सहयोग का भी संकेत देता है।

शुरुआती नियुक्तियाँ और भविष्य का श्रम पूर्वानुमान

  • भारतीय मज़दूरों का रूस आगमन 2024 में शुरू हुआ

  • कालिनिनग्राद के “ज़ा रोडिनु” (Za Rodinu) फिश प्रोसेसिंग प्लांट ने शुरुआती भर्तियाँ कीं

  • रूस का श्रम मंत्रालय मानता है कि 2030 तक 31 लाख कामगारों की कमी होगी

इस कमी को पूरा करने के लिए रूस ने योजना बनाई है—

  • 2025 में विदेशी कामगारों के कोटे को 1.5 गुना बढ़ाना

  • 2.3 लाख योग्य विदेशी पेशेवरों को 2025 में प्रवेश की अनुमति देना

इससे भारतीय इंजीनियरों, मैन्युफैक्चरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स और निर्माण क्षेत्र के कामगारों के लिए विदेशी रोज़गार के नए अवसर बनेंगे।

वाणिज्य दूतावास सेवाओं का विस्तार

जैसे-जैसे भारतीय प्रवासियों की संख्या बढ़ेगी, वैसे-वैसे इन सेवाओं की ज़रूरत भी बढ़ेगी—

  • पासपोर्ट नवीनीकरण और विस्तार

  • जन्म पंजीकरण और दस्तावेज़ीकरण

  • खोए हुए पासपोर्ट में मदद और कानूनी सहायता

ये सेवाएँ रूस में बढ़ती भारतीय आबादी की सुरक्षा और कानूनी सहयोग सुनिश्चित करने के लिए बेहद अहम होंगी।

FIDE विश्व कप 2025 का आयोजन गोवा में होगा

भारत वैश्विक शतरंज में अपनी तेज़ी से बढ़ती ताक़त को और मज़बूत करने जा रहा है, क्योंकि गोवा में 30 अक्तूबर से 27 नवंबर 2025 तक फिडे वर्ल्ड कप (FIDE World Cup) 2025 का आयोजन होगा। यह प्रतिष्ठित प्रतियोगिता अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ (FIDE) द्वारा आयोजित की जा रही है, जिसमें 90 से अधिक देशों के 206 शीर्ष खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। विजेताओं के लिए 20 लाख डॉलर (लगभग ₹166 करोड़) की पुरस्कार राशि और 2026 कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में 3 स्थान दांव पर होंगे।

टूर्नामेंट का प्रारूप और संरचना

हाई-स्टेक्स नॉकआउट प्रारूप
फिडे वर्ल्ड कप 2025 आठ राउंड वाले नॉकआउट प्रारूप में खेला जाएगा। हर मुकाबले में शामिल होगा—

  • दो क्लासिकल गेम्स

  • ज़रूरत पड़ने पर रैपिड और ब्लिट्ज टाई-ब्रेकर्स

शीर्ष 50 सीडेड खिलाड़ियों को दूसरे राउंड में बाई (bye) मिलेगी, जिससे उन्हें रणनीतिक बढ़त मिलेगी।

गोवा: रणनीतिक और खूबसूरत मेज़बान

क्यों चुना गया गोवा?
फिडे ने गोवा को केवल उसकी प्राकृतिक सुंदरता और जीवंत संस्कृति के कारण नहीं चुना, बल्कि इसलिए भी कि यह राज्य वैश्विक शतरंज समुदाय में तेजी से उभर रहा है

  • आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर

  • पर्यटन आकर्षण

  • बेहतरीन कनेक्टिविटी

इन्हीं कारणों से यह अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों के लिए एक आदर्श स्थल माना गया है। यह आयोजन हज़ारों प्रशंसकों को आकर्षित करेगा, स्पोर्ट्स टूरिज़्म को बढ़ावा देगा, और भारत की शतरंज क्षमता पर वैश्विक रोशनी डालेगा।

भारत का शतरंज पुनर्जागरण

हाल की उपलब्धियाँ

  • डी. गुकेश : सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन बने

  • भारत की राष्ट्रीय टीमों ने 2024 शतरंज ओलंपियाड (ओपन और महिला वर्ग) दोनों में खिताब जीता

  • दिव्या देशमुख : 2024 महिला वर्ल्ड कप विजेता

  • भारत अब लगातार शीर्ष वैश्विक शतरंज शक्तियों में गिना जा रहा है

इन उपलब्धियों ने भारत को शतरंज की दुनिया में शीर्ष स्थान दिलाया है, और यही कारण है कि भारत इस फिडे फ्लैगशिप इवेंट का मेज़बान बनने के लिए बिल्कुल उपयुक्त है।

भारतीय शतरंज के लिए एक मील का पत्थर

राष्ट्रीय गर्व और वैश्विक मंच
अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (AICF) के अध्यक्ष नितिन नारंग ने वर्ल्ड कप को “भारतीय शतरंज के लिए एक मील का पत्थर” बताया और कहा कि यह आयोजन भारत की शतरंज संस्कृति और उसकी वैश्विक नेतृत्व क्षमता को दर्शाएगा।

इसमें 90 से अधिक देशों की भागीदारी होगी, जो इसे इतिहास के सबसे चर्चित शतरंज आयोजनों में से एक बनाएगी और भारत की नई पीढ़ी के खिलाड़ियों को प्रेरित करेगी।

इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक को 2025 में ₹134 करोड़ का मुनाफा

इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) ने मौजूदा वित्तीय वर्ष में ₹134 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज कर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। बैंक का ग्राहक आधार 12 करोड़ को पार कर चुका है, जबकि वार्षिक राजस्व ₹2,000 करोड़ से अधिक हो गया है। पिछले दो वर्षों में बैंक ने 60–70% की सीएजीआर (CAGR) दर्ज की है, जिससे यह भारत में वित्तीय समावेशन और डिजिटल बैंकिंग सेवाओं का प्रमुख चालक बनता जा रहा है।

डिजिटल विस्तार और अंतिम छोर तक पहुंच

मुख्य प्राथमिकताएँ
समीक्षा बैठक में तीन केंद्रीय स्तंभों पर जोर दिया गया—

  • विश्वास : डाक वित्तीय सेवाओं की नींव

  • लास्ट-माइल डिलीवरी : भारत पोस्ट के विशाल नेटवर्क के माध्यम से

  • डिजिटल सशक्तिकरण : हर नागरिक के लिए सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करना

ये स्तंभ बैंक के उस विज़न का हिस्सा हैं जो अवित्तीय और अर्ध-वित्तीय आबादी तक पहुंच बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

विकास के आँकड़े और प्रदर्शन की झलक

मजबूत वित्तीय परिणाम

  • ताज़ा वित्तीय वर्ष में लाभ: ₹134 करोड़

  • वार्षिक राजस्व: ₹2,000 करोड़ से अधिक

  • वृद्धि दर: 2023–2025 के बीच 60–70% CAGR

ये आँकड़े दिखाते हैं कि आईपीपीबी एक लोक सेवा मंच से स्वावलंबी डिजिटल बैंक में परिवर्तित हो चुका है, जो सेवा और वित्तीय स्थिरता दोनों में संतुलन साध रहा है।

लगातार बढ़ता ग्राहक आधार

12 करोड़ ग्राहकों के साथ, आईपीपीबी का पैमाना भारत के किसी भी पेमेंट्स बैंक से कहीं बड़ा है। इसे विशेष रूप से ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में सफलता मिली है।

मुख्य सेवाएँ जिनमें तेजी आई—

  • छोटी बचत योजनाएँ और पेंशन भुगतान

  • सरकार-से-नागरिक (G2C) लाभ अंतरण

  • ग्रामीण खातों का डिजिटलीकरण

समावेशी डिजिटल बैंकिंग का मॉडल

भारत पोस्ट नेटवर्क का लाभ
IPPB की सबसे बड़ी ताक़त उसका 1.55 लाख डाकघरों का नेटवर्क है, जिनमें से अधिकतर गाँवों और टियर-3 कस्बों में हैं। इस डोरस्टेप सेवा मॉडल से उन लोगों तक भी बैंकिंग पहुँचती है जिनके पास इंटरनेट या स्मार्टफोन नहीं है।

विकास को बढ़ाने वाली प्रमुख सेवाएँ

  • आधार-आधारित भुगतान प्रणाली (AePS)

  • वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के लिए डोरस्टेप बैंकिंग

  • डिजिटल मनी ट्रांसफर और बिल भुगतान समाधान

ये सेवाएँ डिजिटल सुविधा और भौतिक पहुँच को मिलाकर एक फिजिटल (Phygital) इकोसिस्टम तैयार करती हैं।

मीराबाई चानू ने 2025 राष्ट्रमंडल भारोत्तोलन में स्वर्ण पदक जीता

भारतीय भारोत्तोलन की दिग्गज खिलाड़ी मीराबाई चानू ने अहमदाबाद में आयोजित 2025 राष्ट्रमंडल भारोत्तोलन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी काबिलियत साबित की है। यह जीत प्रतिस्पर्धी भारोत्तोलन में उनकी ज़बरदस्त वापसी का प्रतीक है, और उनके गौरवशाली करियर में एक और शानदार अध्याय जोड़ रही है।

अहमदाबाद में रिकॉर्डतोड़ प्रदर्शन

दमदार प्रदर्शन
महिलाओं की 48 किलोग्राम वर्ग में मीराबाई ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल 193 किलोग्राम भार उठाया और सभी मौजूदा कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप रिकॉर्ड तोड़ दिए।

  • स्नैच: 84 किग्रा

  • क्लीन एंड जर्क: 109 किग्रा

  • कुल भार: 193 किग्रा

इन तीनों ही लिफ्टों ने नया चैंपियनशिप रिकॉर्ड बनाया और मीराबाई की अद्वितीय लय और दबदबे को दर्शाया।

ग्लासगो 2026 में सीधी जगह पक्की

इस स्वर्ण पदक का महत्व केवल रिकॉर्ड और पदक तक सीमित नहीं है। इस जीत के साथ मीराबाई ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2026 (ग्लासगो) के लिए सीधा क्वालिफिकेशन हासिल कर लिया। इससे उन्हें ओलंपिक की तैयारी पर पहले से ध्यान केंद्रित करने का मौका मिलेगा और आने वाली वैश्विक प्रतियोगिताओं के लिए उनकी स्थिति और मजबूत होगी।

शानदार वापसी का संकेत

प्रतिस्पर्धी मंच पर वापसी
संक्षिप्त अंतराल के बाद यह स्वर्ण पदक मीराबाई की प्रतिस्पर्धी वापसी का प्रतीक है। यह जीत साबित करती है कि वे अभी भी भारत की सबसे भरोसेमंद और सशक्त खिलाड़ियों में से एक हैं। उनकी लचीलापन, निरंतरता और समर्पण आज भी नई पीढ़ी के वेटलिफ्टर्स को प्रेरित कर रहे हैं।

उत्कृष्टता की विरासत को आगे बढ़ाते हुए

मीराबाई की यह उपलब्धि उनके लंबे उपलब्धियों की सूची में एक और कीमती रत्न जोड़ती है—

  • टोक्यो ओलंपिक 2020 में रजत पदक

  • कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 और 2022 में स्वर्ण पदक

  • 48 किग्रा और 49 किग्रा वर्ग में कई अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड और खिताब

अहमदाबाद में उनकी यह जीत न केवल भारत की वेटलिफ्टिंग स्थिति को मजबूत करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि मीराबाई चानू अब भी भारतीय खेलों की सबसे चमकदार सितारों में से एक हैं।

तीन दिनी खेल एवं फिटनेस जन आंदोलन के रूप में मनाया जाएगा राष्ट्रीय खेल दिवस 2025

भारत वर्ष 2025 का राष्ट्रीय खेल दिवस 29 अगस्त से 31 अगस्त तक तीन दिवसीय राष्ट्रीय फिटनेस और खेल आंदोलन के रूप में मनाने जा रहा है। यह आयोजन खेल मंत्री मनसुख मांडविया के नेतृत्व में आयोजित होगा। यह अभियान हॉकी के महानायक मेजर ध्यानचंद को समर्पित है और इसका उद्देश्य पूरे देश में फिट इंडिया मिशन के माध्यम से शारीरिक गतिविधि, सामुदायिक सहभागिता और खेल भावना को प्रोत्साहित करना है।

ध्यानचंद को श्रद्धांजलि और भारतीय खेल भावना

एक महानायक का सम्मान
हर वर्ष 29 अगस्त को मनाया जाने वाला राष्ट्रीय खेल दिवस, हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की जयंती पर उनके सम्मान में आयोजित किया जाता है। वर्ष 2012 से यह दिन एक राष्ट्रीय आयोजन बन गया है और 2019 में फिट इंडिया मूवमेंट की शुरुआत भी इसी मंच से हुई थी। इस वर्ष इसे तीन दिनों तक विस्तारित कर इसे और अधिक व्यापक और सहभागी बनाया जा रहा है।

थीम: “एक घंटा, खेल के मैदान में”

2025 के अभियान का केंद्रीय संदेश है — “एक घंटा, खेल के मैदान में”, जिसके तहत नागरिकों से प्रतिदिन कम से कम 60 मिनट किसी न किसी शारीरिक गतिविधि में शामिल होने का आह्वान किया गया है। इसका उद्देश्य जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों पर नियंत्रण, मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना और स्वस्थ दिनचर्या विकसित करना है।

राष्ट्रव्यापी सहभागिता और कार्यक्रम की मुख्य झलकियाँ

विस्तृत भागीदारी
अभियान में 35 करोड़ से अधिक प्रतिभागियों के शामिल होने की उम्मीद है। इसमें छात्र, युवा क्लब, पंचायतें, कॉरपोरेट जगत, और खेल संगठन जैसे भारतीय ओलंपिक संघ, भारतीय पैरालंपिक समिति और भारतीय खेल प्राधिकरण सम्मिलित होंगे। कार्यक्रम स्कूलों, बस्तियों, पार्कों और सार्वजनिक स्थलों पर “हर गली, हर मैदान, खेले सारा हिंदुस्तान” के नारे के साथ आयोजित किए जाएंगे।

खिलाड़ियों की भागीदारी
प्रमुख खिलाड़ी जैसे प्रणव सूर्मा, सुमित अंतिल, भवानी देवी, श्रेयसी सिंह और विष्णु सरवाणन अपने-अपने गृह नगरों और प्रशिक्षण स्थलों से स्थानीय समुदायों को प्रेरित करेंगे। वहीं अभिनव बिंद्रा, सुनील छेत्री, पी.वी. सिंधु, मीराबाई चानू, मणिका बत्रा और मुरली श्रीशंकर जैसे सितारे भी लोगों से सक्रिय भागीदारी का आह्वान कर रहे हैं।

तीन दिवसीय कार्यक्रम की संरचना

29 अगस्त (पहला दिन)
मेजर ध्यानचंद को श्रद्धांजलि, उसके बाद फिट इंडिया संकल्प और सभी स्थलों पर एक घंटे के खेल आयोजन।

30 अगस्त (दूसरा दिन)
वाद-विवाद, कार्यशालाएँ और प्रतियोगिताएँ, जिनमें पारंपरिक खेल (खो-खो, कबड्डी) और आधुनिक खेल (वॉलीबॉल, बोरी दौड़, रस्साकशी) शामिल होंगे।

31 अगस्त (तीसरा दिन)
फिट इंडिया संडे ऑन साइकिल — साइकिलिंग को दैनिक आदत बनाने के लिए, जिससे कम-कार्बन और स्वस्थ परिवहन को बढ़ावा मिले।

समावेशी और सभी आयु वर्गों के लिए गतिविधियाँ

  • बच्चे: पारंपरिक और टीम खेलों में भाग लेंगे।

  • युवा: इंटर-स्कूल और इंटर-कॉलेज खेल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेंगे।

  • वरिष्ठ नागरिक: योग, फिटनेस वॉक और सामुदायिक खेलों से जुड़ेंगे।

  • साइकिल रैलियाँ और वेलनेस ड्राइव्स: पर्यावरण हितैषी व्यायाम पद्धतियों को प्रोत्साहन।

शैक्षणिक संस्थानों को फिट इंडिया मोबाइल ऐप का उपयोग कर प्रतिभागियों की सहभागिता का वास्तविक समय पर आँकड़ा रखने के लिए प्रोत्साहित किया गया है।

नवाचार और आर्थिक प्रोत्साहन

खेल निर्माण पर राष्ट्रीय सम्मेलन
आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने हेतु खेल निर्माण पर राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, जिसमें खेल क्षेत्र में स्थानीय नवाचार और उद्यमिता को प्रोत्साहित किया जाएगा।

कार्बन बचत प्रोत्साहन
फिट इंडिया ऐप में नया कार्बन सेविंग्स फीचर जोड़ा गया है, जो साइकिलिंग और पैदल चलने जैसी सतत आदतों को अपनाने वाले नागरिकों को प्रोत्साहन देगा, जिससे व्यक्तिगत स्वास्थ्य और पर्यावरणीय जिम्मेदारी को एक साथ जोड़ा जा सकेगा।

भारत निर्वाचन आयोग – शक्तियां और कार्य

भारत निर्वाचन आयोग (ECI) भारतीय संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत स्थापित एक संवैधानिक निकाय है। इसका दायित्व देश में स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराना है। यह आयोग वर्ष 1950 में गठित किया गया था और तब से अब तक इसने भारत — जो विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है — में लोकतांत्रिक व्यवस्था को मज़बूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रारंभ में निर्वाचन आयोग एक एकल-सदस्यीय निकाय था जिसमें केवल मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) होते थे, लेकिन वर्ष 1993 से यह एक बहु-सदस्यीय निकाय के रूप में कार्य कर रहा है जिसमें एक मुख्य निर्वाचन आयुक्त और दो निर्वाचन आयुक्त शामिल होते हैं।

संरचना (Composition of ECI)

  • आयोग में मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) और दो निर्वाचन आयुक्त (ECs) होते हैं।

  • इनकी नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।

  • कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु, इनमें से जो पहले पूरा हो, तक होता है।

  • सभी आयुक्तों के समान अधिकार होते हैं और निर्णय बहुमत से लिए जाते हैं।

  • मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) को केवल सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश की तरह प्रक्रिया अपनाकर ही हटाया जा सकता है, जिससे उसकी स्वतंत्रता सुनिश्चित होती है।

निर्वाचन आयोग की शक्तियाँ (Powers of ECI)

निर्वाचन आयोग को चुनावों की शुचिता सुनिश्चित करने के लिए व्यापक शक्तियाँ दी गई हैं:

  1. चुनावों का पर्यवेक्षण और नियंत्रण – अनुच्छेद 324 के तहत संसद, राज्य विधानसभाओं और राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति के चुनाव कराने का सर्वोच्च अधिकार।

  2. आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct – MCC) – चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों के आचरण को नियंत्रित करना।

  3. सलाहकारी शक्तियाँ – राष्ट्रपति या राज्यपाल को सांसदों और विधायकों की अयोग्यता से संबंधित मामलों में परामर्श देना (संविधान और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के अंतर्गत)।

  4. अर्ध-न्यायिक शक्तियाँ – राजनीतिक दलों की मान्यता और चुनाव चिह्न आवंटन से जुड़े विवादों का निपटारा।

  5. अनुशासनात्मक शक्तियाँ – चुनाव नियम तोड़ने पर दलों और प्रत्याशियों को चेतावनी देना, फटकारना या उनकी मान्यता रद्द करना।

  6. आपात शक्तियाँ – यदि हिंसा, प्राकृतिक आपदा या अन्य अनियमितताओं के कारण चुनाव कराना संभव न हो, तो चुनाव स्थगित या रद्द करना।

निर्वाचन आयोग के कार्य (Functions of ECI)

  1. चुनावों का आयोजन – लोकसभा, राज्यसभा, राज्य विधानसभाओं, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव कराना।

  2. मतदाता सूची तैयार करना – मतदाता सूची की तैयारी, संशोधन और अद्यतन कराना।

  3. राजनीतिक दलों का पंजीकरण – राजनीतिक दलों को मान्यता देना और चुनाव चिह्न आवंटित करना।

  4. चुनावी खर्च की निगरानी – प्रत्याशियों के खर्च पर नज़र रखना ताकि धनबल का दुरुपयोग न हो।

  5. स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करना – पर्यवेक्षकों की नियुक्ति, ईवीएम और अब वीवीपैट मशीनों का उपयोग कर पारदर्शिता लाना।

  6. मतदाता शिक्षा और जागरूकताSVEEP (Systematic Voters’ Education and Electoral Participation) जैसे अभियान चलाकर मतदान प्रतिशत बढ़ाना।

  7. प्रौद्योगिकी का उपयोग – ईवीएम, ऑनलाइन मतदाता पंजीकरण और डिजिटल पहल के माध्यम से चुनावों को सुचारु बनाना।

जीडीपी, जीएनपी, एनएनपी और प्रति व्यक्ति आय के बीच अंतर

किसी देश की आर्थिक वृद्धि को समझने के लिए GDP, GNP, NNP और प्रति व्यक्ति आय जैसे शब्दों का ज्ञान आवश्यक है। ये शब्द सुनने में समान लगते हैं, लेकिन इनका अर्थ अलग-अलग है।

1. सकल घरेलू उत्पाद (GDP – Gross Domestic Product)

परिभाषा: किसी देश की सीमाओं के भीतर एक निश्चित अवधि (आमतौर पर एक वर्ष) में उत्पादित सभी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं का कुल मौद्रिक मूल्य।
मुख्य बिंदु: इसमें देश के भीतर हुआ उत्पादन शामिल होता है, चाहे वह भारतीय नागरिकों द्वारा किया गया हो या विदेशियों द्वारा।
उदाहरण: यदि कोई जापानी कंपनी भारत में कार बनाती है, तो वह भारत के GDP में शामिल होगी।

2. सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNP – Gross National Product)

परिभाषा: किसी देश के नागरिकों द्वारा (देश के भीतर और विदेश में) एक वर्ष में उत्पादित सभी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं का कुल मौद्रिक मूल्य।
मुख्य बिंदु:

GNP = GDP + विदेश से भारतीयों की आय – भारत में विदेशियों की आय\text{GNP = GDP + विदेश से भारतीयों की आय – भारत में विदेशियों की आय}

उदाहरण: एक भारतीय इंजीनियर यदि अमेरिका में काम कर रहा है तो उसकी आय भारत के GNP में गिनी जाएगी, लेकिन GDP में नहीं।

3. शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNP – Net National Product)

परिभाषा: GNP से पूँजीगत साधनों (मशीनरी आदि) के मूल्यह्रास (Depreciation) को घटाने के बाद प्राप्त राशि।
सूत्र:

NNP = GNP – मूल्यह्रास\text{NNP = GNP – मूल्यह्रास}

मुख्य बिंदु: यह देश की वास्तविक शुद्ध आय दर्शाता है।
उदाहरण: यदि किसी फैक्ट्री में मशीनें घिस जाती हैं, तो उनकी लागत घटाकर जो आय निकलती है वही NNP कहलाती है।

4. प्रति व्यक्ति आय (Per Capita Income – PCI)

परिभाषा: एक वर्ष में किसी देश के प्रत्येक नागरिक की औसत आय।
सूत्र:

प्रति व्यक्ति आय = राष्ट्रीय आय ÷ जनसंख्या\text{प्रति व्यक्ति आय = राष्ट्रीय आय ÷ जनसंख्या}

मुख्य बिंदु: इसका उपयोग विभिन्न देशों में जीवन-स्तर की तुलना करने के लिए किया जाता है।
उदाहरण: यदि भारत की राष्ट्रीय आय $3 ट्रिलियन है और जनसंख्या 1.4 अरब है, तो PCI ≈ $2143 होगी।

त्वरित तुलना तालिका (Quick Comparison Table)

अवधारणा क्या मापता है सूत्र / फोकस उदाहरण
GDP देश की सीमाओं के भीतर वस्तुओं और सेवाओं का मूल्य घरेलू उत्पादन भारत में विदेशी कंपनियों का उत्पादन गिना जाएगा
GNP देश के नागरिकों का उत्पादन (देश और विदेश दोनों) GDP + (विदेश से आय – विदेशियों की आय) विदेश में काम कर रहा भारतीय शामिल होगा
NNP मूल्यह्रास घटाने के बाद की शुद्ध आय GNP – मूल्यह्रास वास्तविक राष्ट्रीय आय
प्रति व्यक्ति आय (PCI) प्रत्येक नागरिक की औसत आय राष्ट्रीय आय ÷ जनसंख्या जीवन-स्तर की तुलना के लिए उपयोगी

प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात में ई-विटारा और बैटरी संयंत्र का शुभारंभ किया

भारत के स्वच्छ ऊर्जा मिशन को बड़ा प्रोत्साहन देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के हांसलपुर में कई हरित गतिशीलता (ग्रीन मोबिलिटी) पहलों का उद्घाटन किया। यह अवसर देश के सतत परिवहन की दिशा में एक अहम पड़ाव साबित हुआ। इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी विशेषता रही मारुति सुज़ुकी की “ई-विटारा (e VITARA)” का शुभारंभ — यह एक भारत में निर्मित बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (BEV) है जिसे 100 से अधिक देशों में निर्यात किया जाएगा। इसके साथ ही घरेलू हाइब्रिड बैटरी इलेक्ट्रोड निर्माण की भी शुरुआत की गई।

भारत की वैश्विक हरित गतिशीलता की छलांग

ई-विटारा का शुभारंभ : मेड इन इंडिया, मेड फॉर द वर्ल्ड
मारुति सुज़ुकी द्वारा विकसित यह ई-विटारा न केवल तकनीकी नवाचार का प्रतीक है, बल्कि भारत की निर्माण क्षमता (मैन्युफैक्चरिंग स्ट्रेंथ) का भी ऐलान है। यह इलेक्ट्रिक वाहन यूरोप और जापान सहित वैश्विक बाज़ारों के लिए बनाया गया है। यह पहल भारत को विद्युत वाहनों के निर्यात केंद्र के रूप में स्थापित करेगी और “मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड” के संदेश को मज़बूत करेगी।

बैटरी इलेक्ट्रोड का स्थानीय उत्पादन

लॉन्च के साथ ही गुजरात स्थित TDS लिथियम-आयन बैटरी प्लांट (टोशिबा, डेंसो और सुज़ुकी का संयुक्त उपक्रम) में हाइब्रिड बैटरी इलेक्ट्रोड का घरेलू उत्पादन भी शुरू हुआ।

  • इससे आयात पर निर्भरता घटेगी

  • बैटरी मूल्य का 80% से अधिक हिस्सा भारत में ही निर्मित होगा

  • स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भर भारत की नींव और मजबूत होगी

भारत को विनिर्माण महाशक्ति बनाने की दिशा में

नीतिगत समर्थन और अवसंरचना विस्तार
प्रधानमंत्री ने बताया कि बीते एक दशक में भारत ने निर्माण क्षेत्र को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए—

  • उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना

  • औद्योगिक कॉरिडोर

  • लॉजिस्टिक्स पार्क
    जैसी पहलें लागू की हैं।

सेमीकंडक्टर और खनिज रणनीति
भारत अब छह सेमीकंडक्टर संयंत्र स्थापित करने जा रहा है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन की घोषणा की, जिसके तहत 1,200 खनिज अन्वेषण अभियानों को अंजाम दिया जाएगा। इसमें दुर्लभ पृथ्वी तत्व जैसे संसाधनों पर ध्यान दिया जाएगा, जो ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।

भारत-जापान साझेदारी : रणनीतिक सहयोग

मारुति से आधुनिक उद्योग तक
प्रधानमंत्री ने कहा कि जापान का भारत पर विश्वास और दोनों देशों की सांस्कृतिक निकटता ही मारुति सुज़ुकी जैसे दीर्घकालिक उपक्रमों की सफलता का आधार है। Vibrant Gujarat Summit से शुरू हुई यह साझेदारी अब बैटरी तकनीक और सेमीकंडक्टर जैसे उन्नत क्षेत्रों तक पहुँच चुकी है।

जन-से-जन और प्रतिभा आदान-प्रदान
भारत जापान के साथ जन-स्तर पर संबंधों को भी मज़बूत कर रहा है। इसके लिए—

  • भाषा शिक्षा

  • युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम

  • कौशल साझा पहलें
    प्रोत्साहित की जा रही हैं। प्रधानमंत्री ने मारुति सुज़ुकी जैसी कंपनियों को इन संबंधों को और गहरा करने में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया।

अब हर साल 23 सितंबर को मनाया जाएगा आयुर्वेद दिवस

भारत की पारंपरिक चिकित्सा ज्ञान को वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए भारत सरकार ने घोषणा की है कि अब से प्रत्येक वर्ष 23 सितम्बर को आयुर्वेद दिवस मनाया जाएगा। यह व्यवस्था वर्ष 2025 से लागू होगी और इसके साथ ही अब तक प्रचलित धन्वंतरि जयंती पर आयुर्वेद दिवस मनाने की परंपरा समाप्त हो जाएगी। वर्ष 2025 के लिए तय की गई थीम “जन और धरती के लिए आयुर्वेद” है, जो यह संदेश देती है कि आयुर्वेद केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पर्यावरणीय संतुलन और धरती की समग्र भलाई के लिए भी समान रूप से प्रासंगिक है।

ऐतिहासिक बदलाव : स्थायी तिथि 23 सितम्बर

2016 में आयुर्वेद दिवस की शुरुआत धन्वंतरि जयंती पर हुई थी। लेकिन अब मार्च 2025 में जारी राजपत्र अधिसूचना के तहत 23 सितम्बर को स्थायी तिथि घोषित कर दिया गया है।
इसका उद्देश्य है—

  • आयुर्वेद को स्थायी वैश्विक पहचान देना

  • अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समान रूप से आयोजन सुनिश्चित करना

  • व्यापक जनभागीदारी और प्रचार-प्रसार को प्रोत्साहित करना

थीम 2025 : “जन और धरती के लिए आयुर्वेद”

केंद्रीय मंत्री श्री प्रतापराव जाधव द्वारा घोषित इस वर्ष की थीम—
Ayurveda for People & Planet
यह आयुर्वेद को केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य तक सीमित नहीं रखता, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन और धरती के संरक्षण से भी जोड़ता है।

वैश्विक आंदोलन और संस्थागत समर्थन

वैश्विक पहुँच (2016 से अब तक)

  • 2016 में शुरू हुआ आयुर्वेद दिवस अब एक वैश्विक आंदोलन बन चुका है।

  • वर्ष 2024 में यह दिवस करीब 150 देशों में मनाया गया।

  • राष्ट्रीय सैंपल सर्वे (NSSO) की पहली सर्वे रिपोर्ट ने भी दिखाया कि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में आयुर्वेद सबसे ज़्यादा इस्तेमाल की जाने वाली चिकित्सा पद्धति है।

संस्थागत उपलब्धियाँ (2024)

  • अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA), नई दिल्ली के द्वितीय चरण का उद्घाटन

  • आयुर्वेद के चार उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना

  • “देश का प्रकृति परीक्षण अभियान” की शुरुआत

  • स्वास्थ्य क्षेत्र में ₹12,850 करोड़ का निवेश

ये कदम आयुर्वेद के शोध, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को नए स्तर पर ले जाने की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

समकालीन संदर्भ में आयुर्वेद

आधुनिक चुनौतियों का समाधान
आयुर्वेद दिवस 2025 इस पर बल देगा कि आयुर्वेद आज की गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान कर सकता है, जैसे—

  • जीवनशैली विकार: मोटापा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप

  • तनाव और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ

  • पर्यावरणीय क्षरण और जलवायु परिवर्तन से जुड़ी बीमारियाँ

इस वर्ष की थीम व्यक्तिगत स्वास्थ्य और पर्यावरणीय स्थिरता दोनों को जोड़ते हुए आयुर्वेद को प्रकृति-सम्मत, निवारक स्वास्थ्य प्रणाली के रूप में प्रस्तुत करती है।

आयुर्वेद दिवस 2025 के कार्यक्रम

  • आयुर्वेदिक स्वास्थ्य सिद्धांतों पर जन-जागरूकता अभियान

  • विद्यालयों और महाविद्यालयों में युवा सहभागिता कार्यक्रम

  • मुफ़्त स्वास्थ्य परामर्श और पंचकर्म सत्र

  • अंतरराष्ट्रीय सेमिनार (आयुष संस्थानों द्वारा)

इन गतिविधियों का उद्देश्य केवल पर्व मनाना ही नहीं, बल्कि जनभागीदारी बढ़ाना और ज्ञान का व्यापक प्रसार करना है।

NHAI ने टोल कर्मचारियों के बच्चों के लिए ‘प्रोजेक्ट आरोहण’ शुरू किया

समावेशी शिक्षा और सामाजिक समानता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने टोल प्लाज़ा कर्मचारियों के बच्चों की शैक्षिक आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए ‘प्रोजेक्ट आरोहण’ शुरू किया है। वर्टिस इन्फ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट के सहयोग से शुरू की गई इस पहल का उद्देश्य भारत भर में आर्थिक रूप से कमज़ोर और हाशिए पर पड़े समुदायों के छात्रों के लिए वित्तीय और सामाजिक बाधाओं को दूर करना है।

समान शिक्षा का दृष्टिकोण

शुभारंभ और उद्देश्य
यह परियोजना नई दिल्ली स्थित NHAI मुख्यालय में चेयरमैन श्री संतोष कुमार यादव द्वारा लॉन्च की गई। ‘प्रोजेक्ट आरोहण’ उन परिवारों के लिए समर्पित है जो भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों पर काम करते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य है—

  • निम्न आय वर्ग की लड़कियों

  • प्रथम पीढ़ी के शिक्षार्थियों

  • अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक समुदायों के विद्यार्थियों

को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक समान अवसर दिलाना। यह पहल केवल शिक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि भारत के भविष्य के निर्माता तैयार करने का एक प्रयास भी है।

‘प्रोजेक्ट आरोहण’ की प्रमुख विशेषताएँ

कार्यान्वयन और वित्तपोषण
इस योजना को SMEC ट्रस्ट के भारत केयर्स द्वारा लागू किया जाएगा। इसका पहला चरण जुलाई 2025 से मार्च 2026 तक चलेगा, जिसके लिए ₹1 करोड़ की राशि आवंटित की गई है।

  • 500 छात्र (कक्षा 11 से स्नातक अंतिम वर्ष तक) – प्रत्येक को ₹12,000 प्रतिवर्ष

  • 50 मेधावी छात्र (स्नातकोत्तर या उच्च शिक्षा) – प्रत्येक को ₹50,000

छात्रवृत्ति से आगे : समग्र सहयोग

यह पहल केवल आर्थिक मदद तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें शामिल हैं—

  • संरचित मेंटरशिप प्रोग्राम

  • कौशल विकास कार्यशालाएँ

  • करियर मार्गदर्शन और उद्यमिता सहयोग

इसका उद्देश्य है आत्मविश्वासी, सक्षम और करियर-रेडी युवाओं का निर्माण।

निष्पक्ष पहुँच और पारदर्शी चयन

आवेदन और चयन प्रक्रिया
पूरी आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन होगी, जिसमें निम्न दस्तावेज़ प्रस्तुत करने होंगे—

  • शैक्षणिक प्रमाणपत्र

  • आय प्रमाणपत्र

  • जाति प्रमाणपत्र

  • वैध पहचान पत्र

एक व्यवस्थित और पारदर्शी चयन प्रक्रिया अपनाई जाएगी। साथ ही, नवीनीकरण व्यवस्था भी होगी ताकि योग्य छात्र लगातार अपनी शिक्षा जारी रख सकें।

ढाँचागत विकास के साथ मानव पूँजी निर्माण

सामाजिक परिवर्तन की साझेदारी
यह कार्यक्रम केवल भौतिक अवसंरचना ही नहीं, बल्कि मानव संसाधन और क्षमता निर्माण पर भी बल देता है। शिक्षा और मेंटरशिप में निवेश से परिवारों, समुदायों और स्थानीय अर्थव्यवस्था में सकारात्मक बदलाव लाने की परिकल्पना है।

देशव्यापी पहुँच

चूँकि टोल प्लाज़ा भारत के विशाल राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क पर फैले हुए हैं, इसलिए ‘प्रोजेक्ट आरोहण’ का लाभ एक बड़े और अक्सर उपेक्षित कार्यबल को मिलेगा। इसका दीर्घकालिक प्रभाव छात्रों को अपने भविष्य को संवारने के अवसर देकर एक सशक्त और आत्मनिर्भर पीढ़ी का निर्माण करना होगा।

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