RBI ने 19 भारतीय शहरों में मुद्रास्फीति सर्वेक्षण शुरू किया

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने सितंबर 2025 के लिए अपने गृहस्थियों की मुद्रास्फीति अपेक्षा सर्वेक्षण (Inflation Expectations Survey of Households – IESH) का नया दौर शुरू किया है। यह सर्वेक्षण भारत के 19 शहरों में किया जा रहा है। यह तिमाही सर्वेक्षण आम जनता की मौजूदा और भविष्य की कीमतों की धारणा को समझने के लिए किया जाता है और भारत की मौद्रिक नीति ढांचे के लिए बेहद अहम इनपुट प्रदान करता है।

सर्वेक्षण का उद्देश्य और दायरा

मुद्रास्फीति की अपेक्षाओं को समझना
इस सर्वेक्षण के ज़रिए RBI यह आकलन करता है कि गृहस्थियाँ कीमतों के बारे में क्या सोचती हैं, जैसे:

  • मौजूदा मुद्रास्फीति का स्तर

  • अगले तीन महीनों और अगले एक वर्ष की अनुमानित मुद्रास्फीति

  • सामान्य वस्तुओं और विशिष्ट उत्पाद श्रेणियों में कीमतों में बदलाव

गुणात्मक और मात्रात्मक दोनों प्रकार की प्रतिक्रियाओं के आधार पर यह सर्वेक्षण जमीनी स्तर पर मुद्रास्फीति की प्रवृत्तियों को समझने का महत्वपूर्ण उपकरण है।

सर्वेक्षण क्षेत्र और डेटा संग्रह की पद्धति

विविध क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व
19 शहर चुने गए हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • मेट्रो शहर: मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, बेंगलुरु, कोलकाता, हैदराबाद

  • राज्य की राजधानियाँ और अन्य: अहमदाबाद, भोपाल, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, गुवाहाटी, जयपुर, जम्मू, लखनऊ, नागपुर, पटना, रायपुर, रांची, तिरुवनंतपुरम

डेटा संग्रह कैसे होगा

  • मुंबई स्थित एक एजेंसी को घर-घर जाकर डेटा संग्रह की ज़िम्मेदारी दी गई है

  • चयनित गृहस्थियों से सीधे संपर्क किया जाएगा

  • साथ ही, RBI की वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन भागीदारी का विकल्प भी उपलब्ध है

नीति और नागरिकों के लिए महत्व

मौद्रिक नीति के लिए इनपुट

  • RBI इस डेटा का इस्तेमाल मुद्रास्फीति-लक्ष्यीकरण रणनीति को परिष्कृत करने में करता है।

  • इससे ब्याज दरें तय करने और व्यापक मैक़्रो-आर्थिक वातावरण को आकार देने में मदद मिलती है।

  • गृहस्थियों की अपेक्षाओं से उपभोक्ता व्यवहार का अनुमान लगाने और नीतिगत उपकरणों को उसी अनुसार समायोजित करने में सुविधा होती है।

दैनिक जीवन पर असर
गृहस्थियों से इन श्रेणियों में कीमतों की धारणा पूछी जाती है:

  • आवश्यक वस्तुएँ – भोजन, ईंधन, दवाइयाँ

  • सेवाएँ – परिवहन, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा

  • सामान्य जीवनयापन की लागत

ये जानकारियाँ केवल सांख्यिकीय सूचकांकों से परे जाकर जमीनी स्तर पर मुद्रास्फीति की वास्तविक तस्वीर सामने लाती हैं।

नयारा एनर्जी ने तैमूर अबसगुलिएव को नया सीईओ नियुक्त किया

नायरा एनर्जी (Nayara Energy), जो भारत की प्रमुख निजी तेल रिफाइनिंग कंपनियों में से एक है, ने तेमुर अबसगुलिएव (Teymur Abasguliyev) को अपना नया मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) नियुक्त किया है। यह निर्णय हाल ही में कंपनी पर लगे यूरोपीय संघ (EU) के प्रतिबंधों और उसके चलते हुए शीर्ष यूरोपीय अधिकारियों के इस्तीफ़ों के बाद लिया गया।

नेतृत्व परिवर्तन और प्रतिबंधों की पृष्ठभूमि

  • यूरोपीय संघ ने रूस पर लगाए गए 18वें चरण के प्रतिबंधों में नायरा एनर्जी को भी शामिल किया, क्योंकि इसका संबंध रूस की सरकारी तेल कंपनी रोसनेफ्ट (Rosneft) से है, जिसके पास कंपनी की 49.13% हिस्सेदारी है।

  • इसी वजह से CEO अलेस्सांद्रो डेस डोरिडेस और पाँच अन्य यूरोपीय अधिकारियों को, अपनी राष्ट्रीयता के कारण, पद छोड़ना पड़ा। इनमें संचालन और सुरक्षा प्रभागों के निदेशक व उपाध्यक्ष भी शामिल थे।

  • कंपनी ने इन प्रतिबंधों को अन्यायपूर्ण बताते हुए कहा है कि यह भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए ख़तरा है।

नए CEO: तेमुर अबसगुलिएव का प्रोफ़ाइल

  • राष्ट्रीयता: अज़रबैजान

  • शिक्षा: बाकू स्टेट यूनिवर्सिटी

  • करियर उपलब्धियाँ:

    • प्राइसवाटरहाउसकूपर्स (PwC) में 1996–2013 तक कार्यरत

    • 2013 से SOCAR Turkiye Enerji A.Ş. के मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO)

    • ऊर्जा वित्त और रणनीतिक योजना में व्यापक अनुभव

  • नायरा एनर्जी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने उनकी नियुक्ति को मंज़ूरी दी है। यह कंपनी के लिए इस कठिन समय में नेतृत्व स्थिरता लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

नायरा एनर्जी: भारत के तेल क्षेत्र में रणनीतिक भूमिका

  • रिफाइनरी संचालन: गुजरात के वडिनार में 2 करोड़ टन प्रति वर्ष क्षमता वाली रिफाइनरी, जो भारत की सबसे बड़ी निजी रिफाइनरियों में से एक है।

  • रिटेल नेटवर्क: पूरे भारत में 6,750 से अधिक पेट्रोल पंप संचालित करती है।

  • मालिकाना ढांचा:

    • रोसनेफ्ट (Rosneft) – 49.13%

    • केसानी एंटरप्राइजेज (Kesani Enterprises) – 49.13% (जिसमें यूनाइटेड कैपिटल पार्टनर्स (रूस) और हारा कैपिटल सार्ल – मारेतेरा ग्रुप होल्डिंग शामिल हैं)

यह संरचना भारत के ऊर्जा क्षेत्र में गहरे रूसी निवेश संबंधों को दर्शाती है, जो मौजूदा भू-राजनीतिक तनावों के कारण अधिक निगरानी में हैं।

सुजुकी 2031 तक भारत में ₹70,000 करोड़ का निवेश करेगी

सुज़ुकी मोटर कॉरपोरेशन ने भारत में अगले पाँच से छह वर्षों में 70,000 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की है। यह कदम विश्व के तीसरे सबसे बड़े ऑटोमोबाइल बाज़ार के प्रति कंपनी की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को मज़बूत करता है। यह घोषणा सुज़ुकी के अध्यक्ष तोशिहिरो सुज़ुकी ने गुजरात के हंसलपुर संयंत्र में मारुति सुज़ुकी की पहली इलेक्ट्रिक एसयूवी ई-विटारा (e-Vitara) के शुभारंभ अवसर पर की। यह भारत की हरित गतिशीलता (Green Mobility) की दिशा में एक अहम पड़ाव माना जा रहा है।

भारत के ऑटो भविष्य को गति देगा 70,000 करोड़ का निवेश

निवेश मुख्य रूप से इन क्षेत्रों में किया जाएगा—

  • गुजरात संयंत्र की उत्पादन क्षमता का विस्तार

  • नई कार मॉडलों की लॉन्चिंग, विशेषकर इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों की

  • 100 से अधिक वैश्विक बाज़ारों में EV निर्यात

  • भारत को एक वैश्विक ऑटोमोबाइल विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करना

गुजरात संयंत्र को 10 लाख यूनिट्स की वार्षिक क्षमता तक बढ़ाया जाएगा, जिससे यह दुनिया के सबसे बड़े EV उत्पादन केंद्रों में शामिल हो जाएगा।

आत्मनिर्भर भारत और स्थानीयकरण पर ज़ोर

बैटरी इलेक्ट्रोड उत्पादन शुरू

ई-विटारा लॉन्च के साथ ही सुज़ुकी ने गुजरात स्थित TDS लिथियम-आयन बैटरी संयंत्र (टोशिबा और डेंसो के साथ संयुक्त उद्यम) में हाइब्रिड बैटरी इलेक्ट्रोड उत्पादन भी शुरू किया। अब बैटरियों का असेंबली कार्य भारत में होगा और केवल कच्चा माल व सेमीकंडक्टर आयात किए जाएंगे।

सुज़ुकी ने आत्मनिर्भर भारत के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और कार्बन न्यूट्रैलिटी हेतु बहु-ईंधन रणनीति पर ज़ोर दिया, जिसमें शामिल हैं—

  • बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (BEVs)

  • स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड्स

  • एथनॉल आधारित फ्लेक्स-फ्यूल कारें

  • कंप्रेस्ड बायोगैस (CBG) वाहन

भारत: सुज़ुकी का सबसे बड़ा बाज़ार

भारत, बिक्री और राजस्व दोनों के लिहाज़ से, सुज़ुकी का सबसे बड़ा वैश्विक बाज़ार है। इसकी सहायक कंपनी मारुति सुज़ुकी पहले से ही भारत की शीर्ष कार निर्माता है। कंपनी भारत में अब तक 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश कर चुकी है और 11 लाख से अधिक प्रत्यक्ष नौकरियाँ उत्पन्न कर चुकी है।

नया निवेश यह साबित करता है कि सुज़ुकी भारत की विकसित होती ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में अपनी अग्रणी स्थिति बरकरार रखते हुए ‘विकसित भारत’ और नेट-ज़ीरो उत्सर्जन जैसे राष्ट्रीय लक्ष्यों को पूरा करने में साझेदार बनी रहेगी।

आर अश्विन ने अचानक लिया IPL से संन्यास

भारत के महान ऑफ़ स्पिनर और बेहतरीन क्रिकेटिंग दिमाग़ों में से एक रविचंद्रन अश्विन ने आधिकारिक रूप से इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) से संन्यास ले लिया है। 2025 में आख़िरी बार चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) की ओर से खेलने वाले अश्विन के इस ऐलान के साथ एक शानदार घरेलू T20 करियर का अध्याय समाप्त हो गया। अंतरराष्ट्रीय और IPL क्रिकेट से विदाई लेने के बाद अब अश्विन का अगला लक्ष्य वैश्विक T20 लीगों में हिस्सा लेना है, जिसका अवसर केवल भारतीय क्रिकेट से संन्यास के बाद ही संभव हुआ है।

एक शानदार IPL अध्याय का अंत

  • अश्विन ने 2009 में IPL पदार्पण किया और कुल 221 मैच खेले।

  • उन्होंने CSK, पंजाब किंग्स, दिल्ली कैपिटल्स और राजस्थान रॉयल्स जैसी कई फ्रेंचाइज़ियों का प्रतिनिधित्व किया।

  • IPL करियर आँकड़े:

    • 187 विकेट

    • इकॉनमी रेट: 7.20

    • सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ी: 4/34

  • गेंदबाज़ी के अलावा बल्लेबाज़ी से भी योगदान:

    • 833 रन

    • सर्वाधिक स्कोर: 50

    • स्ट्राइक रेट: 118.15

बीसीसीआई नीति से जुड़ा निर्णय

  • बीसीसीआई के नियमों के अनुसार, भारतीय खिलाड़ी तभी विदेशी T20 लीगों में खेल सकते हैं जब वे अंतरराष्ट्रीय और IPL—दोनों से संन्यास ले लें।

  • अश्विन ने दिसंबर 2024 में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी (ऑस्ट्रेलिया) के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से विदाई ली थी।

भारतीय क्रिकेट को भावपूर्ण विदाई

अश्विन ने आभार जताया—

  • सभी IPL फ्रेंचाइज़ियों का, जिनका वे हिस्सा रहे

  • BCCI और IPL का, जिन्होंने उनके करियर को आकार दिया

  • और उन करोड़ों प्रशंसकों का, जिन्होंने वर्षों तक बिना शर्त समर्थन किया

गृहम हाउसिंग पूर्व सिटी बैंकर अर्जुन चौधरी को सीईओ नियुक्त करेगी

गृहुम हाउसिंग फ़ाइनेंस, जो कि TPG समर्थित मॉर्टगेज ऋणदाता है, अपने नए प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (MD & CEO) के रूप में अरजुन चौधरी की नियुक्ति करने जा रहा है। अरजुन चौधरी पूर्व में सिटीबैंक और एक्सिस बैंक में वरिष्ठ पदों पर कार्य कर चुके हैं। यह नियुक्ति वर्तमान MD & CEO मनीष जायसवाल के त्यागपत्र के बाद हो रही है, जिनका कार्यकाल 31 अगस्त को समाप्त होगा। हालांकि, वे 31 दिसंबर तक सलाहकार की भूमिका में जुड़े रहेंगे।

नेतृत्व में बदलाव: मनीष जायसवाल से अरजुन चौधरी तक

गृहुम ने 21 अगस्त को स्टॉक एक्सचेंज नोटिस के माध्यम से जायसवाल के इस्तीफ़े की जानकारी दी थी और जल्द ही उत्तराधिकारी के नाम की घोषणा करने की बात कही थी। चौधरी की नियुक्ति के साथ कंपनी संकेत दे रही है कि अब उसका ध्यान कम आय वाले आवास क्षेत्रों (Low-Income Housing Segments) तक पहुंच बढ़ाने पर होगा।

अरजुन चौधरी का अनुभव

चौधरी वित्तीय क्षेत्र में दो दशकों से अधिक का अनुभव रखते हैं, जिसमें शामिल है—

  • सिटीबैंक में वरिष्ठ भूमिकाएँ, विशेषकर रिटेल बैंकिंग में

  • एक्सिस बैंक में दो वर्षों से अधिक समय तक हेड ऑफ रिटेल लेंडिंग और क्रेडिट कार्ड्स

  • हाल ही में उन्होंने “उद्यमशील महत्वाकांक्षाओं” को आगे बढ़ाने के लिए पद छोड़ा था, अब वे गृहुम की नेतृत्व जिम्मेदारी संभालेंगे

रणनीतिक दिशा और नेतृत्व का महत्व

TPG और गृहुम के बोर्ड का मानना है कि चौधरी की विशेषज्ञता रिटेल क्रेडिट, जोखिम प्रबंधन और क्रेडिट असेसमेंट में है, जो कंपनी के मिशन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। गृहुम का लक्ष्य है—

  • ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में ऋण पहुंच बढ़ाना

  • डिजिटल क्रेडिट डिलीवरी सिस्टम को मजबूत करना

  • अनौपचारिक क्षेत्र के उधारकर्ताओं के लिए जोखिम-समायोजित ऋण मॉडल विकसित करना

उद्योग में व्यापक बदलाव

गृहुम के साथ-साथ आवास वित्त क्षेत्र में अन्य अहम बदलाव भी हो रहे हैं—

  • गिरीश कौसगी, जो PNB हाउसिंग फ़ाइनेंस के MD हैं, जल्द ही IIFL होम फ़ाइनेंस में CEO के रूप में जुड़ेंगे

  • मोनू रात्रा, जो पहले IIFL के CEO थे, उन्होंने नए करियर अवसरों की खोज के लिए पद छोड़ा

  • कौसगी 28 अक्टूबर तक PNB हाउसिंग के साथ बने रहेंगे ताकि संक्रमण सुचारू रूप से हो सके

ये परिवर्तन दर्शाते हैं कि सस्ते आवास वित्त बाज़ार (Affordable Housing Finance Market) में प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है और यह क्षेत्र सरकारी नीतिगत समर्थन तथा बढ़ती मांग के चलते तेज़ी से विस्तार की ओर अग्रसर है।

रूस ने भारतीय कामगारों के लिए 10 लाख नौकरियों के अवसर खोले

पारंपरिक गंतव्यों जैसे ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा में आप्रवासन नियम सख़्त होने के बीच, रूस भारतीय कामगारों के लिए नया रोज़गार केंद्र बनकर उभर रहा है। भारत और रूस दोनों के आधिकारिक बयानों के अनुसार, 2025 के अंत तक लगभग 10 लाख भारतीय रूस में काम कर सकते हैं। इनकी सबसे अधिक ज़रूरत निर्माण (Construction), मशीनरी, वस्त्र (Textiles) और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में है, जहाँ मज़दूरों की भारी कमी है।

कुशल भारतीय मज़दूरों की बढ़ती मांग

भारत–रूस मानव संसाधन साझेदारी
भारत के रूस में राजदूत विनय कुमार ने बताया कि दूतावास गतिविधियों में तेज़ी आई है, जो रूस जाने वाले भारतीय कामगारों की बढ़ती संख्या को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि रूसी कंपनियाँ भारतीयों को स्थानीय श्रम कानूनों और कोटा प्रणाली के अंतर्गत नियुक्त कर रही हैं।

  • शुरुआती भर्ती निर्माण और वस्त्र क्षेत्र में हुई

  • अब यह दायरा मशीनरी और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे उच्च-स्तरीय उद्योगों तक बढ़ रहा है

  • भर्ती प्रक्रिया रूसी आप्रवासन कोटे के तहत हो रही है

येकातेरिनबुर्ग में नया भारतीय वाणिज्य दूतावास

बढ़ते वाणिज्य दूतावास कार्यभार को संभालने के लिए, स्वेर्दलोव्स्क क्षेत्र की राजधानी, जो एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र है, येकातेरिनबर्ग में एक नया भारतीय महावाणिज्य दूतावास खोला जाएगा। यह विस्तार न केवल बढ़ते प्रवासन का संकेत देता है, बल्कि कार्यबल गतिशीलता में गहरे द्विपक्षीय सहयोग का भी संकेत देता है।

शुरुआती नियुक्तियाँ और भविष्य का श्रम पूर्वानुमान

  • भारतीय मज़दूरों का रूस आगमन 2024 में शुरू हुआ

  • कालिनिनग्राद के “ज़ा रोडिनु” (Za Rodinu) फिश प्रोसेसिंग प्लांट ने शुरुआती भर्तियाँ कीं

  • रूस का श्रम मंत्रालय मानता है कि 2030 तक 31 लाख कामगारों की कमी होगी

इस कमी को पूरा करने के लिए रूस ने योजना बनाई है—

  • 2025 में विदेशी कामगारों के कोटे को 1.5 गुना बढ़ाना

  • 2.3 लाख योग्य विदेशी पेशेवरों को 2025 में प्रवेश की अनुमति देना

इससे भारतीय इंजीनियरों, मैन्युफैक्चरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स और निर्माण क्षेत्र के कामगारों के लिए विदेशी रोज़गार के नए अवसर बनेंगे।

वाणिज्य दूतावास सेवाओं का विस्तार

जैसे-जैसे भारतीय प्रवासियों की संख्या बढ़ेगी, वैसे-वैसे इन सेवाओं की ज़रूरत भी बढ़ेगी—

  • पासपोर्ट नवीनीकरण और विस्तार

  • जन्म पंजीकरण और दस्तावेज़ीकरण

  • खोए हुए पासपोर्ट में मदद और कानूनी सहायता

ये सेवाएँ रूस में बढ़ती भारतीय आबादी की सुरक्षा और कानूनी सहयोग सुनिश्चित करने के लिए बेहद अहम होंगी।

FIDE विश्व कप 2025 का आयोजन गोवा में होगा

भारत वैश्विक शतरंज में अपनी तेज़ी से बढ़ती ताक़त को और मज़बूत करने जा रहा है, क्योंकि गोवा में 30 अक्तूबर से 27 नवंबर 2025 तक फिडे वर्ल्ड कप (FIDE World Cup) 2025 का आयोजन होगा। यह प्रतिष्ठित प्रतियोगिता अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ (FIDE) द्वारा आयोजित की जा रही है, जिसमें 90 से अधिक देशों के 206 शीर्ष खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। विजेताओं के लिए 20 लाख डॉलर (लगभग ₹166 करोड़) की पुरस्कार राशि और 2026 कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में 3 स्थान दांव पर होंगे।

टूर्नामेंट का प्रारूप और संरचना

हाई-स्टेक्स नॉकआउट प्रारूप
फिडे वर्ल्ड कप 2025 आठ राउंड वाले नॉकआउट प्रारूप में खेला जाएगा। हर मुकाबले में शामिल होगा—

  • दो क्लासिकल गेम्स

  • ज़रूरत पड़ने पर रैपिड और ब्लिट्ज टाई-ब्रेकर्स

शीर्ष 50 सीडेड खिलाड़ियों को दूसरे राउंड में बाई (bye) मिलेगी, जिससे उन्हें रणनीतिक बढ़त मिलेगी।

गोवा: रणनीतिक और खूबसूरत मेज़बान

क्यों चुना गया गोवा?
फिडे ने गोवा को केवल उसकी प्राकृतिक सुंदरता और जीवंत संस्कृति के कारण नहीं चुना, बल्कि इसलिए भी कि यह राज्य वैश्विक शतरंज समुदाय में तेजी से उभर रहा है

  • आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर

  • पर्यटन आकर्षण

  • बेहतरीन कनेक्टिविटी

इन्हीं कारणों से यह अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों के लिए एक आदर्श स्थल माना गया है। यह आयोजन हज़ारों प्रशंसकों को आकर्षित करेगा, स्पोर्ट्स टूरिज़्म को बढ़ावा देगा, और भारत की शतरंज क्षमता पर वैश्विक रोशनी डालेगा।

भारत का शतरंज पुनर्जागरण

हाल की उपलब्धियाँ

  • डी. गुकेश : सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन बने

  • भारत की राष्ट्रीय टीमों ने 2024 शतरंज ओलंपियाड (ओपन और महिला वर्ग) दोनों में खिताब जीता

  • दिव्या देशमुख : 2024 महिला वर्ल्ड कप विजेता

  • भारत अब लगातार शीर्ष वैश्विक शतरंज शक्तियों में गिना जा रहा है

इन उपलब्धियों ने भारत को शतरंज की दुनिया में शीर्ष स्थान दिलाया है, और यही कारण है कि भारत इस फिडे फ्लैगशिप इवेंट का मेज़बान बनने के लिए बिल्कुल उपयुक्त है।

भारतीय शतरंज के लिए एक मील का पत्थर

राष्ट्रीय गर्व और वैश्विक मंच
अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (AICF) के अध्यक्ष नितिन नारंग ने वर्ल्ड कप को “भारतीय शतरंज के लिए एक मील का पत्थर” बताया और कहा कि यह आयोजन भारत की शतरंज संस्कृति और उसकी वैश्विक नेतृत्व क्षमता को दर्शाएगा।

इसमें 90 से अधिक देशों की भागीदारी होगी, जो इसे इतिहास के सबसे चर्चित शतरंज आयोजनों में से एक बनाएगी और भारत की नई पीढ़ी के खिलाड़ियों को प्रेरित करेगी।

इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक को 2025 में ₹134 करोड़ का मुनाफा

इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) ने मौजूदा वित्तीय वर्ष में ₹134 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज कर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। बैंक का ग्राहक आधार 12 करोड़ को पार कर चुका है, जबकि वार्षिक राजस्व ₹2,000 करोड़ से अधिक हो गया है। पिछले दो वर्षों में बैंक ने 60–70% की सीएजीआर (CAGR) दर्ज की है, जिससे यह भारत में वित्तीय समावेशन और डिजिटल बैंकिंग सेवाओं का प्रमुख चालक बनता जा रहा है।

डिजिटल विस्तार और अंतिम छोर तक पहुंच

मुख्य प्राथमिकताएँ
समीक्षा बैठक में तीन केंद्रीय स्तंभों पर जोर दिया गया—

  • विश्वास : डाक वित्तीय सेवाओं की नींव

  • लास्ट-माइल डिलीवरी : भारत पोस्ट के विशाल नेटवर्क के माध्यम से

  • डिजिटल सशक्तिकरण : हर नागरिक के लिए सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करना

ये स्तंभ बैंक के उस विज़न का हिस्सा हैं जो अवित्तीय और अर्ध-वित्तीय आबादी तक पहुंच बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

विकास के आँकड़े और प्रदर्शन की झलक

मजबूत वित्तीय परिणाम

  • ताज़ा वित्तीय वर्ष में लाभ: ₹134 करोड़

  • वार्षिक राजस्व: ₹2,000 करोड़ से अधिक

  • वृद्धि दर: 2023–2025 के बीच 60–70% CAGR

ये आँकड़े दिखाते हैं कि आईपीपीबी एक लोक सेवा मंच से स्वावलंबी डिजिटल बैंक में परिवर्तित हो चुका है, जो सेवा और वित्तीय स्थिरता दोनों में संतुलन साध रहा है।

लगातार बढ़ता ग्राहक आधार

12 करोड़ ग्राहकों के साथ, आईपीपीबी का पैमाना भारत के किसी भी पेमेंट्स बैंक से कहीं बड़ा है। इसे विशेष रूप से ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में सफलता मिली है।

मुख्य सेवाएँ जिनमें तेजी आई—

  • छोटी बचत योजनाएँ और पेंशन भुगतान

  • सरकार-से-नागरिक (G2C) लाभ अंतरण

  • ग्रामीण खातों का डिजिटलीकरण

समावेशी डिजिटल बैंकिंग का मॉडल

भारत पोस्ट नेटवर्क का लाभ
IPPB की सबसे बड़ी ताक़त उसका 1.55 लाख डाकघरों का नेटवर्क है, जिनमें से अधिकतर गाँवों और टियर-3 कस्बों में हैं। इस डोरस्टेप सेवा मॉडल से उन लोगों तक भी बैंकिंग पहुँचती है जिनके पास इंटरनेट या स्मार्टफोन नहीं है।

विकास को बढ़ाने वाली प्रमुख सेवाएँ

  • आधार-आधारित भुगतान प्रणाली (AePS)

  • वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के लिए डोरस्टेप बैंकिंग

  • डिजिटल मनी ट्रांसफर और बिल भुगतान समाधान

ये सेवाएँ डिजिटल सुविधा और भौतिक पहुँच को मिलाकर एक फिजिटल (Phygital) इकोसिस्टम तैयार करती हैं।

मीराबाई चानू ने 2025 राष्ट्रमंडल भारोत्तोलन में स्वर्ण पदक जीता

भारतीय भारोत्तोलन की दिग्गज खिलाड़ी मीराबाई चानू ने अहमदाबाद में आयोजित 2025 राष्ट्रमंडल भारोत्तोलन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी काबिलियत साबित की है। यह जीत प्रतिस्पर्धी भारोत्तोलन में उनकी ज़बरदस्त वापसी का प्रतीक है, और उनके गौरवशाली करियर में एक और शानदार अध्याय जोड़ रही है।

अहमदाबाद में रिकॉर्डतोड़ प्रदर्शन

दमदार प्रदर्शन
महिलाओं की 48 किलोग्राम वर्ग में मीराबाई ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल 193 किलोग्राम भार उठाया और सभी मौजूदा कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप रिकॉर्ड तोड़ दिए।

  • स्नैच: 84 किग्रा

  • क्लीन एंड जर्क: 109 किग्रा

  • कुल भार: 193 किग्रा

इन तीनों ही लिफ्टों ने नया चैंपियनशिप रिकॉर्ड बनाया और मीराबाई की अद्वितीय लय और दबदबे को दर्शाया।

ग्लासगो 2026 में सीधी जगह पक्की

इस स्वर्ण पदक का महत्व केवल रिकॉर्ड और पदक तक सीमित नहीं है। इस जीत के साथ मीराबाई ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2026 (ग्लासगो) के लिए सीधा क्वालिफिकेशन हासिल कर लिया। इससे उन्हें ओलंपिक की तैयारी पर पहले से ध्यान केंद्रित करने का मौका मिलेगा और आने वाली वैश्विक प्रतियोगिताओं के लिए उनकी स्थिति और मजबूत होगी।

शानदार वापसी का संकेत

प्रतिस्पर्धी मंच पर वापसी
संक्षिप्त अंतराल के बाद यह स्वर्ण पदक मीराबाई की प्रतिस्पर्धी वापसी का प्रतीक है। यह जीत साबित करती है कि वे अभी भी भारत की सबसे भरोसेमंद और सशक्त खिलाड़ियों में से एक हैं। उनकी लचीलापन, निरंतरता और समर्पण आज भी नई पीढ़ी के वेटलिफ्टर्स को प्रेरित कर रहे हैं।

उत्कृष्टता की विरासत को आगे बढ़ाते हुए

मीराबाई की यह उपलब्धि उनके लंबे उपलब्धियों की सूची में एक और कीमती रत्न जोड़ती है—

  • टोक्यो ओलंपिक 2020 में रजत पदक

  • कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 और 2022 में स्वर्ण पदक

  • 48 किग्रा और 49 किग्रा वर्ग में कई अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड और खिताब

अहमदाबाद में उनकी यह जीत न केवल भारत की वेटलिफ्टिंग स्थिति को मजबूत करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि मीराबाई चानू अब भी भारतीय खेलों की सबसे चमकदार सितारों में से एक हैं।

तीन दिनी खेल एवं फिटनेस जन आंदोलन के रूप में मनाया जाएगा राष्ट्रीय खेल दिवस 2025

भारत वर्ष 2025 का राष्ट्रीय खेल दिवस 29 अगस्त से 31 अगस्त तक तीन दिवसीय राष्ट्रीय फिटनेस और खेल आंदोलन के रूप में मनाने जा रहा है। यह आयोजन खेल मंत्री मनसुख मांडविया के नेतृत्व में आयोजित होगा। यह अभियान हॉकी के महानायक मेजर ध्यानचंद को समर्पित है और इसका उद्देश्य पूरे देश में फिट इंडिया मिशन के माध्यम से शारीरिक गतिविधि, सामुदायिक सहभागिता और खेल भावना को प्रोत्साहित करना है।

ध्यानचंद को श्रद्धांजलि और भारतीय खेल भावना

एक महानायक का सम्मान
हर वर्ष 29 अगस्त को मनाया जाने वाला राष्ट्रीय खेल दिवस, हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की जयंती पर उनके सम्मान में आयोजित किया जाता है। वर्ष 2012 से यह दिन एक राष्ट्रीय आयोजन बन गया है और 2019 में फिट इंडिया मूवमेंट की शुरुआत भी इसी मंच से हुई थी। इस वर्ष इसे तीन दिनों तक विस्तारित कर इसे और अधिक व्यापक और सहभागी बनाया जा रहा है।

थीम: “एक घंटा, खेल के मैदान में”

2025 के अभियान का केंद्रीय संदेश है — “एक घंटा, खेल के मैदान में”, जिसके तहत नागरिकों से प्रतिदिन कम से कम 60 मिनट किसी न किसी शारीरिक गतिविधि में शामिल होने का आह्वान किया गया है। इसका उद्देश्य जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों पर नियंत्रण, मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना और स्वस्थ दिनचर्या विकसित करना है।

राष्ट्रव्यापी सहभागिता और कार्यक्रम की मुख्य झलकियाँ

विस्तृत भागीदारी
अभियान में 35 करोड़ से अधिक प्रतिभागियों के शामिल होने की उम्मीद है। इसमें छात्र, युवा क्लब, पंचायतें, कॉरपोरेट जगत, और खेल संगठन जैसे भारतीय ओलंपिक संघ, भारतीय पैरालंपिक समिति और भारतीय खेल प्राधिकरण सम्मिलित होंगे। कार्यक्रम स्कूलों, बस्तियों, पार्कों और सार्वजनिक स्थलों पर “हर गली, हर मैदान, खेले सारा हिंदुस्तान” के नारे के साथ आयोजित किए जाएंगे।

खिलाड़ियों की भागीदारी
प्रमुख खिलाड़ी जैसे प्रणव सूर्मा, सुमित अंतिल, भवानी देवी, श्रेयसी सिंह और विष्णु सरवाणन अपने-अपने गृह नगरों और प्रशिक्षण स्थलों से स्थानीय समुदायों को प्रेरित करेंगे। वहीं अभिनव बिंद्रा, सुनील छेत्री, पी.वी. सिंधु, मीराबाई चानू, मणिका बत्रा और मुरली श्रीशंकर जैसे सितारे भी लोगों से सक्रिय भागीदारी का आह्वान कर रहे हैं।

तीन दिवसीय कार्यक्रम की संरचना

29 अगस्त (पहला दिन)
मेजर ध्यानचंद को श्रद्धांजलि, उसके बाद फिट इंडिया संकल्प और सभी स्थलों पर एक घंटे के खेल आयोजन।

30 अगस्त (दूसरा दिन)
वाद-विवाद, कार्यशालाएँ और प्रतियोगिताएँ, जिनमें पारंपरिक खेल (खो-खो, कबड्डी) और आधुनिक खेल (वॉलीबॉल, बोरी दौड़, रस्साकशी) शामिल होंगे।

31 अगस्त (तीसरा दिन)
फिट इंडिया संडे ऑन साइकिल — साइकिलिंग को दैनिक आदत बनाने के लिए, जिससे कम-कार्बन और स्वस्थ परिवहन को बढ़ावा मिले।

समावेशी और सभी आयु वर्गों के लिए गतिविधियाँ

  • बच्चे: पारंपरिक और टीम खेलों में भाग लेंगे।

  • युवा: इंटर-स्कूल और इंटर-कॉलेज खेल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेंगे।

  • वरिष्ठ नागरिक: योग, फिटनेस वॉक और सामुदायिक खेलों से जुड़ेंगे।

  • साइकिल रैलियाँ और वेलनेस ड्राइव्स: पर्यावरण हितैषी व्यायाम पद्धतियों को प्रोत्साहन।

शैक्षणिक संस्थानों को फिट इंडिया मोबाइल ऐप का उपयोग कर प्रतिभागियों की सहभागिता का वास्तविक समय पर आँकड़ा रखने के लिए प्रोत्साहित किया गया है।

नवाचार और आर्थिक प्रोत्साहन

खेल निर्माण पर राष्ट्रीय सम्मेलन
आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने हेतु खेल निर्माण पर राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, जिसमें खेल क्षेत्र में स्थानीय नवाचार और उद्यमिता को प्रोत्साहित किया जाएगा।

कार्बन बचत प्रोत्साहन
फिट इंडिया ऐप में नया कार्बन सेविंग्स फीचर जोड़ा गया है, जो साइकिलिंग और पैदल चलने जैसी सतत आदतों को अपनाने वाले नागरिकों को प्रोत्साहन देगा, जिससे व्यक्तिगत स्वास्थ्य और पर्यावरणीय जिम्मेदारी को एक साथ जोड़ा जा सकेगा।

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