कर्नाटक में हाथियों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है। नवीनतम सर्वेक्षण के अनुसार, राज्य में हाथियों की संख्या 6,049 से बढ़कर 6,395 हो गई है। कर्नाटक के वन मंत्री ईश्वर खंड्रे ने यह जानकारी दी। वन मंत्री ईश्वर खंड्रे ने मई में हुई हाथी की गणना की रिपोर्ट जारी की। उन्होंने कहा कि यह साल 2017 में हुई अंतिम गणना की तुलना में 346 हाथियों की संख्या बढ़ी है। मंत्री ने बताया कि हाथियों की गणना हर पांच साल में की जाती है और पिछली गणना 2017 में हुई थी। बता दें, इस संकटग्रस्त प्रजाति की रक्षा करने के लिए 12 अगस्त को विश्व हाथी दिवस मनाया जाता है ताकि इनके निवास स्थल के संरक्षण को लेकर जागरूकता फैलायी जा सके और ये आराम से रह सके।
सहयोगात्मक जनगणना प्रयास
हाथियों की गणना इस साल 17 मई से 19 मई तक कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में एक साथ आयोजित की गई थी। इसी अवधि में आंध्र प्रदेश में भी इसी तरह की गणना हुई है। यह पहली बार है, जब इतने बड़े क्षेत्र का सर्वेक्षण किया गया है, यह सर्वेक्षण और रिपोर्ट बेहद सटीक और विश्वसनीय है। इस जनगणना का उद्देश्य पूरे क्षेत्र में हाथियों की आबादी और उनके वितरण की व्यापक समझ हासिल करना था।
उतार-चढ़ाव का इतिहास
Year | Elephant Population |
---|---|
2010 | 5,740 |
2012 | 6,072 |
2017 | 6,049 |
2023 | 6,395 (+346) |
Cumulative Rise since 2010 | +655 |
हाथियों की गणना कैसे आयोजित की गई?
जानकारी के मुताबिक, इस गणना को कर्नाटक वन विभाग द्वारा प्रोफेसर आर सुकुमार की अध्यक्षता में भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) की तकनीकी सहायता से की गई थी।इसके तहत गणना का प्रारूप तैयार करना, फील्ड स्टाफ को प्रशिक्षण देना, गणना परिणामों के विश्लेषण और रिपोर्ट बनाना शामिल किया गया था। मंत्री ने बताया कि कर्नाटक के 32 प्रभागों के 3,400 से अधिक कर्मियों ने इस गणना में भाग लिया।
प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मुख्य बिंदु
कर्नाटक के वन, पारिस्थितिकी और पर्यावरण मंत्री: ईश्वर खंड्रे