जुलाई 2023 में बी. नीरज प्रभाकर को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की अनुसंधान सलाहकार समिति (आरएसी) के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। आरएसी अध्यक्ष के रूप में सुश्री प्रभाकर की नियुक्ति 13 जून से प्रभावी माना गाया है। सुश्री प्रभाकर इस पद पर तीन वर्षों के लिए दस सदस्यों की समिति का नेतृत्व करेंगी।
मुख्य बिंदु
- सुश्री प्रभाकर श्री कोंडा लक्ष्मण तेलंगाना राज्य बागवानी विश्वविद्यालय के कुलपति हैं, इन्हें आंध्रप्रदेश के पेडावेगी में आईसीएआर-भारतीय तेल पाम अनुसंधान संस्थान (आईआईओपीआर) के लिए अनुसंधान सलाहकार समिति (आरएसी) के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया है।
- साथ ही सुश्री प्रभाकर तेलंगाना ऑयल पाम सलाहकार समिति के सदस्य के रूप में भी कार्य की है, जो राज्य सरकार को ऑयल पाम की खेती और इसके संवर्धन के लिए विभिन्न विषयों पर सलाह देती है।
- तेलंगाना, भारत के सभी राज्यों में उत्पादित तेल पाम गुच्छों से सर्वाधिक तेल निकासी का दावा करता है।
- पेडावेगी (आंध्रप्रदेश) स्थित आईसीएआर-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ऑयल पाम रिसर्च (आईआईओपीआर) भारत का एकमात्र समर्पित संस्थान है जो ऑयल पाम पर शोध करने और सभी तेल पाम उगाने वाले राज्यों हेतु लागू प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिए समर्पित है।
भारत में ऑयल पाम अनुसंधान
भारत में ऑयल पाम की खेती को इसके आर्थिक और पोषण मूल्य के कारण हाल के वर्षों में महत्वपूर्ण महत्व मिला है। विशेष रूप से, तेल पाम गिरी से तेल निकालने के मामले में तेलंगाना एक अग्रणी राज्य के रूप में उभरा है। तेलंगाना ऑयल पाम सलाहकार समिति में सुश्री प्रभाकर की भागीदारी के साथ, आरएसी अध्यक्ष के रूप में उनकी नियुक्ति क्षेत्र के सामने आने वाली विशिष्ट चुनौतियों और अवसरों की अतिरिक्त विशेषज्ञता और समझ लाती है। राज्य का लक्ष्य निकट भविष्य में ऑयल पाम की खेती को 20 लाख एकड़ तक विस्तारित करना है और अगले चार वर्षों में इसे कम से कम 10 लाख एकड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य है।
प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मुख्य बातें
- भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) महानिदेशक: हिमांशु पाठक
- देश में ऑयल पाम का शीर्ष उत्पादक: आंध्र प्रदेश