भारत के सबसे पहले रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (Regional Rapid Transit System – RRTS) का पहला ट्रेन सेट गुजरात के सावली में बनकर तैयार हो गया। एल्सटॉम के प्रबंध निदेशक द्वारा पहली आरआरटीएस ट्रेन सेट की चाबियां राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (National Capital Region Transport Corporation – NCRTC) के अध्यक्ष मनोज जोशी और एमडी विनय कुमार सिंह को सौंपी गई।
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प्रमुख बिंदु (KEY POINTS):
- आरआरटीएस ट्रेन सेट ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत निर्मित होते हैं और ये ट्रेन को 180 किलोमीटर प्रति घंटे की शीर्ष गति तक पहुंच प्रदान करते हैं। ट्रेन को उत्तर प्रदेश के दुहाई डिपो ले जाया जाएगा, जहां इसकी मरम्मत और संचालन किया जाएगा।
- ट्रेन के लगभग 18 पर्सेंट पार्ट्स जो विदेश से मंगाए जा रहे हैं, उन्हें भी यहीं असमेंबल किया जाता है। इन 30 आरआरटीएस अल्ट्रा मॉडर्न ट्रेनों को हैदराबाद में डिज़ाइन किया गया और सभी ट्रेन सेट गुजरात के सावली में बनाए जा रहे हैं।
- पूरी तरह से वातानुकूलित ट्रेन की आधुनिक कम्यूटर-केंद्रित विशेषताओं में कुशन वाली सीटिंग, लैपटॉप-मोबाइल चार्जिंग, लगेज रैक और डायनेमिक रूट-मैप शामिल हैं।
- दिल्ली और मेरठ के बीच भारत के पहले आरआरटीएस कॉरिडोर को क्रियान्वित करने का प्रभारी एनसीआरटीसी है। 82 किलोमीटर लंबा मार्ग अभी निर्माणाधीन है।
- साहिबाबाद और दुहाई के बीच 17 किलोमीटर के प्राथमिकता वाले खंड के वर्ष 2023 तक चालू होने की उम्मीद है, पूरा कॉरिडोर वर्ष 2025 तक पूरा हो जाएगा।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे:
- सचिव, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय: श्री मनोज जोशी
- आवास और शहरी मामलों के मंत्री: श्री हरदीप सिंह पुरी