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National Unity Day 2025: सरदार पटेल की 150वीं जयंती

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के मौके पर गुजरात के दौरे पर हैं। उन्होंने केवडिया में स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पहुंचकर सरदार पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित की। यह कार्यक्रम “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” के संकल्प को समर्पित है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरदार पटेल जनसेवा के लिए पूरी तरह समर्पित थे। वे एकता और अखंडता के प्रतीक थे और भारत की एकता के सूत्रधार कहे जा सकते हैं। सरदार पटेल ने स्वतंत्र भारत की नींव रखी और छोटे-छोटे स्वतंत्र प्रांतों को जोड़कर एक मजबूत राष्ट्र बनाया। उनका यह योगदान आज भी हर भारतीय के लिए प्रेरणा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर देश की एकता, अखंडता और विविधता के प्रतीक एकता दिवस परेड का नेतृत्व किया। इस वर्ष की परेड को गणतंत्र दिवस समारोह की तर्ज पर भव्य रूप दिया गया है। इस अवसर पर देश की एकता और शक्ति का शानदार प्रदर्शन स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के समक्ष देखने को मिला। पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि सरदार पटेल जनसेवा के लिए पूरी तरह समर्पित थे।

अमित शाह ने की थी  प्रेस कॉन्फ्रेंस

इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को बिहार में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि अब से सरदार पटेल की जयंती के अवसर पर हर साल 31 अक्तूबर को एकता नगर में भव्य परेड का आयोजन किया जाएगा। शाह के बयान से इतर सरकार ने बताया कि परेड में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की टुकड़ियां हिस्सा लेंगी।

परेड में 16 टुकड़ियां हिस्सा ले रही

राष्ट्रीय एकता दिवस परेड में बीएसएफ, सीआरपीएफ और विभिन्न राज्य पुलिस बलों के दस्तों ने भाग ले रही है। परेड में शामिल सभी टुकड़ियों का नेतृत्व महिला अफसर कर रही हैं। परेड में बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, सीआरपीएफ और सीमा सुरक्षा बल समेत 16 टुकड़ियां हिस्सा ले रही हैं। कार्यक्रम में सीआरपीएफ और बीएसएफ के उन जवानों को भी सम्मानित किया गया जिन्हें शौर्य चक्र और बहादुरी पदक से नवाजा गया है।

15 दिन चलेगा आयोजन

बता दें कि एकता नगर में 1 से 15 नवंबर तक स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के परिसर में भारत पर्व 2025 का आयोजन किया जाएगा। भारत पर्व के दौरान, भारत की समृद्ध विरासत और विविधता में एकता की भावना को प्रदर्शित करने वाले आयोजन होंगे। डैम व्यू पॉइंट 1 पर हर शाम दो राज्य अपनी सांस्कृतिक विशेषता से जुडे़ कार्यक्रम करेंगे।

राष्ट्रीय एकता दिवस

राष्ट्रीय एकता दिवस, जिसे नेशनल यूनिटी डे के रूप में भी जाना जाता है, प्रतिवर्ष 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के उपलक्ष्य में और भारत में राष्ट्रीय और राजनीतिक एकीकरण और एकता को बढ़ावा देने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के सम्मान में मनाया जाता है। यह दिन राष्ट्र की संप्रभुता, शांति और अखंडता को बनाए रखने के महत्व को रेखांकित करता है, जो नागरिकों को विविधता में एकता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का संकल्प लेने के लिए प्रोत्साहित करता है।

पहली बार 2014 में मनाया गया

राष्ट्र निर्माण में सरदार पटेल के उल्लेखनीय योगदान को सम्मानित करने और इसका उत्सव मनाने के लिए भारत सरकार द्वारा की गई घोषणा के बाद यह दिवस पहली बार 2014 में मनाया गया था। इसके बाद, 31 अक्टूबर, 2015 को आयोजित राष्ट्रीय एकता दिवस के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के बीच बेहतर समझ और आपसी संबंध बनाने के लिए उनके बीच सतत और संरचित संपर्क हेतु ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ पहल की घोषणा की। तब से दस से अधिक केन्द्रीय मंत्रालय, राज्य सरकारें, स्कूल, कॉलेज और युवा संगठन देश के विभिन्न भागों के लोगों के बीच इस प्रकार के संबंध को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से इसे मना रहे हैं।

भारत के प्रथम उप-प्रधानमंत्री एवं गृह मंत्री

भारत के प्रथम उप-प्रधानमंत्री एवं गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने 1947 में स्वतंत्रता के बाद राष्ट्रीय एकीकरण प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्हें 560 से अधिक रियासतों को एकीकृत करने का कार्य सौंपा गया था – जो भारत के क्षेत्रफल और जनसंख्या का लगभग 40 प्रतिशत था और उन्हें भारत संघ में शामिल करने का कार्य सौंपा गया था। उनके प्रयासों ने संभावित विभाजन को टाल दिया और एक संयुक्त लोकतांत्रिक गणतंत्र की नींव रखी। यह ‘लौह पुरुष’ सरदार वल्लभभाई पटेल का निर्णायक नेतृत्व ही था जिसने देश के विभाजन के उथल-पुथल भरे दौर में आंतरिक स्थिरता सुनिश्चित की। उन्होंने अखिल भारतीय सेवाओं को ‘स्टील फ्रेम’ के रूप में सृजित किया जो देश की एकता और अखंडता की रक्षा करना आगे भी जारी रखेगा।

एक भारत श्रेष्ठ भारत: सरदार पटेल की विरासत को आगे बढ़ाना

सरदार वल्लभभाई पटेल की 140वीं जयंती के अवसर पर 31 अक्टूबर 2015 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित “एक भारत श्रेष्ठ भारत” (ईबीएसबी) पहल, सरदार पटेल के अखंड भारत के दृष्टिकोण को मूर्त रूप देती है। यह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान और आपसी समझ को बढ़ावा देता है तथा परस्पर संपर्क और पारस्परिकता के माध्यम से भारत की विविधता का उत्सव मनाता है।

इसके मुख्य उद्देश्य हैं:

  • नागरिकों के बीच भावनात्मक बंधन को मजबूत करना,
  • सहायक अंतरराज्यीय सहभागिता के माध्यम से राष्ट्रीय एकीकरण को बढ़ावा देना,
  • भारत की विविध संस्कृतियों का प्रदर्शन और उनका सम्मान करना,
  • स्थायी जुड़ाव बनाना, और
  • विभिन्न क्षेत्रों में परस्पर सीखने और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने को प्रोत्साहित करना।

एक भारत श्रेष्ठ भारत (ईबीएसबी) पहल भाषाई, सांस्कृतिक और शैक्षिक आदान-प्रदान के माध्यम से भावनात्मक बंधनों को मजबूत करने के लिए विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जोड़कर “विविधता में एकता” के विचार को बढ़ावा देता है। ये गतिविधियाँ राष्ट्रीय एकता दिवस के संदेश को एक दिन से आगे तक विस्तारित करती हैं और इसे राष्ट्रीय एकीकरण के लिए एक निरंतर चलने वाले आंदोलन में बदल देती हैं।

निष्कर्ष

राष्ट्रीय एकता दिवस विविध रियासतों से एकजुट भारत के निर्माण में सरदार पटेल के दूरदर्शी नेतृत्व की एक कालातीत याद है, एक ऐसी नींव जो राष्ट्र की प्रगति को रेखांकित करती है। शपथ, मार्च और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से ऐतिहासिक श्रद्धा को समकालीन संलग्नता के साथ सम्मिश्रित करके यह उत्सव न केवल अतीत की विजयों का स्मरण कराता है, बल्कि नई विभाजनकारी ताकतों का सक्रिय रूप से मुकाबला करता है तथा “एक भारतश्रेष्ठ भारत” के लोकाचार को सुदृढ़ करता है। राष्ट्रीय एकता दिवस देश की एकता का एक प्रतीकात्मक दिन है, एक भारत श्रेष्ठ भारत राष्ट्रीय भाषा समारोहसांस्कृतिक शोकेस और युवा परिवर्तन कार्यक्रमों जैसी संरचित गतिविधियों के माध्यम से पूरे वर्ष उस मिशन का विस्तार करता है। ये सतत पहल यह सुनिश्चित करने में मदद करती हैं कि विविधता में एकता की भावना वार्षिक उत्सव से आगे भी जारी रहे।

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