हर साल 11 नवंबर को भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती के उपलक्ष्य में इस दिन को मनाया जाता है। इस दिन शिक्षा के बारे में जागरूकता फैलाने और प्रत्येक व्यक्ति को साक्षर बनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम और अभियान आयोजित किए जाते हैं। 11 सितंबर, 2008 को मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) ने हर साल 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया। मौलाना आजाद को मरणोपरांत 1992 में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
थीम क्या है?
2023 में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस की थीम “एक सतत भविष्य के लिए अभिनव शिक्षा” रखी गई है. इस थीम के जरिए शिक्षा के क्षेत्र में नवाचारों को बढ़ावा देने और एक टिकाऊ भविष्य के निर्माण में शिक्षा की भूमिका पर प्रकाश डाला जाएगा.
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2022: महत्व
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस देश में छात्रों के लिए शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने और सुधारने के लिए मनाया जाता है। यह दिन एक स्वतंत्र भारतीय शिक्षा प्रणाली की नींव रखने में आजाद के योगदान को भी याद करता है। आजाद सार्वभौमिक प्राथमिक शिक्षा, लड़कियों की शिक्षा, 14 वर्ष से कम उम्र के सभी बच्चों के लिए मुफ्त अनिवार्य शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण और तकनीकी शिक्षा के भी प्रबल समर्थक थे।
2008 में हुई थी घोषणा
बता दें कि साल 2008 में मिनिस्ट्री ऑफ ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट ने 11 नवंबर को नेशनल एजुकेशन डे के रूप में घोषित कर दिया था। अबुल कलाम आजाद ने उच्च शिक्षा और वैज्ञानिक अध्ययन की नींव रखी और भारत की शिक्षा व्यवस्था को सुधार दिया।