देश में भूमि शासन के आधुनिकीकरण, आपदा प्रबंधन की सुदृढ़ता, और नागरिकों को सुरक्षित भूमि अधिकार प्रदान करने के उद्देश्य से दो दिवसीय “भूमि प्रशासन और आपदा प्रबंधन पर राष्ट्रीय सम्मेलन” 3 अक्टूबर 2025 को गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर में आरंभ हुआ। यह आयोजन भूमि संसाधन विभाग (ग्रामीण विकास मंत्रालय) और गुजरात राजस्व विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया है।
मुख्य उद्घाटन और घोषणाएँ
उद्घाटन सत्र में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि भूमि प्रशासन को डिजिटलीकरण और स्वदेशी तकनीक के माध्यम से नागरिक-केंद्रित बनाया जाना चाहिए, ताकि जमीनी स्तर पर सुरक्षित और पारदर्शी भूमि अधिकार सुनिश्चित किए जा सकें। सम्मेलन का उद्देश्य राज्यों के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं और नवाचारों का साझा मंच तैयार करना भी है।
सम्मेलन में प्रमुख लॉन्च और उद्घाटन इस प्रकार रहे:
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नए राजस्व कार्यालयों का उद्घाटन — प्रशासनिक पहुंच और सेवा वितरण को सुदृढ़ करने हेतु।
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रेवेन्यू डायरी और इंटीग्रेटेड लैंड एडमिनिस्ट्रेशन (ILA) सिस्टम का शुभारंभ — भूमि अभिलेख, पंजीयन, राजस्व न्यायालयों के मामलों और पुनर्सर्वेक्षण को एकीकृत डिजिटल मंच पर लाने की पहल।
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घुमंतू जनजातियों को स्वामित्व कार्ड (SVAMITVA कार्ड) का वितरण — भूमि अधिकारों के औपचारिककरण की दिशा में बड़ा कदम।
देशभर के राजस्व अधिकारी, नीति विशेषज्ञ और तकनीकी विशेषज्ञ इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं, जो विभिन्न विषयगत सत्रों और पैनल चर्चाओं में योगदान दे रहे हैं।
मुख्य विषय और फोकस क्षेत्र
सम्मेलन में भूमि प्रशासन और आपदा प्रबंधन से जुड़े कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हो रही है, जिनमें शामिल हैं —
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नए भूमि शासन लक्ष्यों के अनुरूप राजस्व कानूनों का आधुनिकीकरण
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भूमि अभिलेख और पंजीकरण प्रणालियों का उन्नयन तथा पेपरलेस ऑनलाइन कार्यप्रणाली का विस्तार
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शहरी भूमि मानचित्रण और GIS/रिमोट सेंसिंग आधारित पुनर्सर्वेक्षण
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राजस्व न्यायालयों एवं भूमि अधिग्रहण प्रक्रियाओं में सुधार
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आपदा जोखिम प्रबंधन के सर्वोत्तम अभ्यास — भूमि उपयोग नियोजन और जलवायु-लचीले बुनियादी ढांचे पर केंद्रित
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मानव संसाधन और क्षमता निर्माण में नवाचार
यह सम्मेलन केंद्र की प्रमुख योजनाओं जैसे डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड्स मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम (DILRMP) को आगे बढ़ाने और राज्यों के बीच संस्थागत समन्वय को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण मंच साबित होगा।
महत्व और प्रासंगिकता
यह सम्मेलन भारत की भूमि शासन प्रणाली में गहराई से जुड़े कई आयामों को संबोधित करता है —
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भूमि अधिकार सुदृढ़ीकरण: घुमंतू जनजातियों को स्वामित्व कार्ड देकर औपचारिक भूमि स्वामित्व सुनिश्चित करना और विवादों को कम करना।
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डिजिटल प्रशासन की दिशा में कदम: ILA सिस्टम और रेवेन्यू डायरी जैसी पहलों से पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही में वृद्धि।
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आपदा प्रबंधन एकीकरण: भूमि उपयोग नियोजन में जलवायु और आपदा जोखिमों को समाहित करना।
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राज्यों के बीच सहयोग: नवाचारों और सफल नीतिगत मॉडलों का आदान-प्रदान।
मुख्य तथ्य एक नज़र में
| बिंदु | विवरण |
|---|---|
| कार्यक्रम का नाम | भूमि प्रशासन और आपदा प्रबंधन पर राष्ट्रीय सम्मेलन |
| स्थान | महात्मा मंदिर, गांधीनगर |
| अवधि | 3–4 अक्टूबर 2025 |
| आयोजक | भूमि संसाधन विभाग (ग्रामीण विकास मंत्रालय) एवं गुजरात राजस्व विभाग |
| मुख्य लॉन्च | ILA सिस्टम, रेवेन्यू डायरी, स्वामित्व कार्ड वितरण |
| मुख्य उद्देश्य | डिजिटलीकरण, संस्थागत सुधार, और आपदा-लचीला भूमि शासन |


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