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पंजाब के नमितबीर सिंह वालिया ने प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय मास्टर खिताब जीता

पंजाब के लिए यह गर्व का क्षण है — जलंधर के नमितबीर सिंह वालिया ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शानदार प्रदर्शन करते हुए इंटरनेशनल मास्टर (IM) का प्रतिष्ठित खिताब हासिल किया है। वे पंजाब के दूसरे इंटरनेशनल मास्टर बने हैं, उनसे पहले दुष्यंत शर्मा (भी जलंधर से) ने यह उपलब्धि 2022 में हासिल की थी।

ऐतिहासिक उपलब्धि 

नमितबीर ने फ्रांस के 3rd Annemasse International Masters Tournament में शानदार प्रदर्शन करते हुए अपना अंतिम IM नॉर्म हासिल किया और समग्र रूप से चौथे स्थान पर रहे।
उनकी यह सफलता पंजाब की शतरंज समुदाय के लिए एक नया मील का पत्थर है, जो राज्य की बढ़ती प्रतिभा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योगदान को दर्शाती है।

परिवार और शैक्षणिक पृष्ठभूमि 

नमितबीर का परिवार जलंधर के छोटी बरादरी क्षेत्र का है। उनके पिता अर्विंदर पाल सिंह और माता सतविंदर कौर वालिया, साथ ही उनके बड़े भाई — सभी चार्टर्ड अकाउंटेंट (CAs) हैं।

वर्तमान में नमितबीर दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (SRCC) से बी.कॉम (B.Com) की पढ़ाई कर रहे हैं, जो भारत के सबसे प्रतिष्ठित कॉलेजों में से एक है।

अपनी व्यस्त प्रतियोगी दिनचर्या के बावजूद वे शिक्षा और शतरंज दोनों में संतुलन बनाए हुए हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा कैम्ब्रिज इंटरनेशनल को-एड स्कूल, जलंधर से पूरी की।

शतरंज में आरंभिक रुचि और यात्रा 

उनके पिता के अनुसार, नमितबीर को बचपन से ही शतरंज में गहरी रुचि थी। उन्होंने खेल की शुरुआत घर पर पिता के साथ खेलते हुए की।
बहुत कम उम्र में ही उनकी प्रतिभा झलकने लगी — वे पंजाब अंडर-7 शतरंज चैम्पियन बने और आगे चलकर अंडर-17 तक कई खिताब जीते।

दक्षिण भारत के खिलाड़ियों से प्रारंभिक कड़ी प्रतिस्पर्धा के बावजूद, निरंतर अभ्यास और पेशेवर प्रशिक्षण ने उन्हें शीर्ष स्तर तक पहुंचाया।

कोचिंग और मार्गदर्शन 

नमितबीर की शतरंज यात्रा की शुरुआत उनके पहले कोच कंवरजीत सिंह के मार्गदर्शन में हुई, जिन्होंने उन्हें सात वर्ष की आयु से प्रशिक्षित करना शुरू किया।
स्कूल की पढ़ाई पूरी करने तक उन्होंने अपने कोच के स्तर को पार कर लिया, जिसके बाद उन्होंने यूक्रेन के कोच अलेक्ज़ेंडर और असम के स्वयम मिश्रा जैसे अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षकों से प्रशिक्षण लिया।

यह मिश्रण — स्थानीय प्रतिभा और वैश्विक मार्गदर्शन — नमितबीर को इंटरनेशनल मास्टर बनने की दिशा में निर्णायक साबित हुआ।

नमितबीर सिंह वालिया की प्रमुख उपलब्धियाँ 

  • 65वीं ओडिशा सीनियर स्टेट FIDE रेटिंग ओपन शतरंज चैंपियनशिप (2025) में विजेता

  • FIDE क्लासिकल रेटिंग में लगभग 2408 का उच्चतम स्तर (Peak Rating) हासिल किया

  • कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ओपन टूर्नामेंटों में लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन

इन उपलब्धियों ने उनके अगले लक्ष्य — ग्रैंडमास्टर (GM) खिताब की दिशा में मजबूत नींव रखी है।

पंजाब की शतरंज परंपरा 

नमितबीर की सफलता, फरवरी 2022 में दुष्यंत शर्मा द्वारा प्राप्त पहले IM खिताब के चार साल बाद आई है, जब उन्होंने रूसी खिलाड़ी IM आर्तेम सादोव्स्की को हराकर 2400 रेटिंग पार की थी।

अब जलंधर से दोनों इंटरनेशनल मास्टर्स होने के कारण यह शहर पंजाब का शतरंज केंद्र (Chess Powerhouse) बनकर उभर रहा है — और राज्य के युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है।

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