द्वितीय सिमोलू महोत्सव 15 फरवरी 2025 को असम के बारुंगुरी, लाओखोवा स्थित एथनिक ईको-रिज़ॉर्ट “ब्विसांग-ना” में आरंभ हुआ। दो दिवसीय इस महोत्सव का उद्देश्य खिलते हुए बॉम्बैक्स सेइबा (शिमुल) फूलों का उत्सव मनाना और पारिस्थितिक पर्यटन, संरक्षण एवं स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा देना था। इस आयोजन में साइक्लिंग, कैंपिंग, पारंपरिक व्यंजन प्रदर्शन, सांस्कृतिक कार्यक्रम और जागरूकता सत्र जैसी गतिविधियाँ आयोजित की गईं।
काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान एवं टाइगर रिज़र्व की फील्ड डायरेक्टर डॉ. सोनाली घोष ने महोत्सव के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इसे प्रकृति की सुंदरता को अनुभव करने और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने का एक शानदार अवसर बताया।
द्वितीय सिमोलू महोत्सव के मुख्य बिंदु
महोत्सव का उद्देश्य
- शिमोलू वृक्ष (बॉम्बैक्स सेइबा) की खिलती हुई सुंदरता को प्रदर्शित करना।
- सतत (सस्टेनेबल) पर्यटन और संरक्षण प्रयासों को बढ़ावा देना।
- स्थानीय समुदायों और छात्रों को प्रकृति से जुड़ी गतिविधियों में शामिल करना।
- लाओखोवा और डोंडुवा बील की पारिस्थितिकीय और सांस्कृतिक महत्ता को उजागर करना।
महोत्सव का स्थल और प्राकृतिक महत्व
- महोत्सव का आयोजन बारुंगुरी स्थित ब्विसांग-ना एथनिक ईको-रिज़ॉर्ट में किया गया।
- यह क्षेत्र अपनी आर्द्रभूमि, घास के मैदानों और विविध वन्यजीवों के लिए प्रसिद्ध है, जिससे यह एक आदर्श ईको-टूरिज्म स्थल बनता है।
- “सिमोलू” नाम बॉम्बैक्स सेइबा (शिमुल वृक्ष) से लिया गया है, जो इस मौसम में खिलते हैं और क्षेत्र को एक सुंदर लाल आभा प्रदान करते हैं।
मुख्य गतिविधियाँ
1. सिमोलू ट्रैक पर साइक्लिंग
- प्रतिभागियों ने शिमुल के खिले हुए फूलों से सजे रास्तों पर साइक्लिंग का आनंद लिया।
- यह मार्ग आर्द्रभूमि और घास के मैदानों से होकर गुजरता है, जो जैव विविधता से समृद्ध है।
- डॉ. सोनाली घोष ने इसे रोमांच और प्रकृति प्रेम का एक अनूठा मिश्रण बताया।
2. ब्विसांग-ना में कैंपिंग
- महोत्सव में ईको-रिज़ॉर्ट में कैंपिंग का अनुभव प्रदान किया गया।
- आगंतुकों ने पारंपरिक व्यंजनों के प्रदर्शन का आनंद लिया, जिसमें असम के स्थानीय भोजन को प्रस्तुत किया गया।
- लोक नृत्य और संगीत सहित सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ आयोजित की गईं, जो असम की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाती हैं।
3. डोंडुवा बील तक साइक्लोथॉन
- साइकिल चालकों ने डोंडुवा बील तक यात्रा की, जो प्रवासी पक्षियों, जल वनस्पतियों और विविध वन्यजीवों से समृद्ध है।
- इस गतिविधि का उद्देश्य पारिस्थितिक पर्यटन को बढ़ावा देना और प्राकृतिक स्थलों के संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना था।
4. संरक्षण पर डिब्रीफिंग सत्र
- साइक्लिंग के बाद विशेषज्ञों द्वारा क्षेत्र की पारिस्थितिकीय महत्ता पर सत्र आयोजित किया गया।
- चर्चा में जैव विविधता संरक्षण, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव और सतत ईको-टूरिज्म विषय शामिल थे।
5. छात्र प्रकृति भ्रमण एवं प्रमाण पत्र वितरण
- स्थानीय छात्रों ने प्रकृति भ्रमण में भाग लिया, जिसमें उन्होंने क्षेत्र की वनस्पतियों और जीव-जंतुओं का अवलोकन किया।
- समारोह के अंत में छात्रों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए ताकि युवा पीढ़ी को पर्यावरण संरक्षण में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया जा सके।
डॉ. सोनाली घोष ने इस महोत्सव को सामुदायिक भागीदारी, सांस्कृतिक गर्व और पारिस्थितिकीय जागरूकता को बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण साधन बताया।
महोत्सव का महत्व
1. ईको-टूरिज्म को बढ़ावा
- यह पर्यटकों को आकर्षित कर सतत पर्यटन को प्रोत्साहित करता है, जिससे पर्यावरण संरक्षण भी सुनिश्चित होता है।
- लाओखोवा और डोंडुवा बील जैसे कम ज्ञात ईको-टूरिज्म स्थलों की सुंदरता को उजागर करता है।
2. सांस्कृतिक धरोहर और जातीय पहचान
- स्थानीय सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और पारंपरिक व्यंजनों के माध्यम से क्षेत्रीय संस्कृति को बढ़ावा देता है।
- समुदायों की भागीदारी को सशक्त बनाकर क्षेत्रीय धरोहर को संरक्षित करता है।
3. संरक्षण और पर्यावरण जागरूकता
- आर्द्रभूमि पारिस्थितिक तंत्र और जैव विविधता के महत्व को उजागर करता है।
- प्रकृति भ्रमण और चर्चा सत्रों के माध्यम से युवाओं को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करता है।
- बॉम्बैक्स सेइबा वृक्ष और अन्य स्थानीय प्रजातियों के संरक्षण को प्रोत्साहित करता है।
4. सामुदायिक भागीदारी और सतत विकास
- स्थानीय समुदायों, छात्रों और पर्यावरणविदों को संवाद और सहभागिता का मंच प्रदान करता है।
- ईको-टूरिज्म और स्थानीय आजीविका को बढ़ावा देकर ग्रामीण विकास का समर्थन करता है।
सारांश/स्थिर जानकारी | विवरण |
क्यों चर्चा में है? | नागांव में बॉम्बैक्स सेइबा के खिलने के बीच द्वितीय सिमोलू महोत्सव का आयोजन |
स्थान | ब्विसांग-ना, बारुंगुरी, लाओखोवा, असम |
उद्देश्य | बॉम्बैक्स सेइबा के फूलों का उत्सव, ईको-टूरिज्म, संरक्षण और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देना |
आयोजक | ईको-टूरिज्म समूह, संरक्षणवादी, स्थानीय प्रशासन |
मुख्य गतिविधियाँ | साइक्लिंग, कैंपिंग, पारंपरिक व्यंजन, सांस्कृतिक प्रदर्शन, छात्र प्रकृति भ्रमण, संरक्षण वार्ता |
साइक्लोथॉन मार्ग | ब्विसांग-ना से डोंडुवा बील तक, आर्द्रभूमि जैव विविधता को उजागर करना |
संरक्षण पर जोर | आर्द्रभूमि पारिस्थितिकी तंत्र की जागरूकता बढ़ाना, बॉम्बैक्स सेइबा वृक्षों का संरक्षण, सतत ईको-टूरिज्म |
विशेष आकर्षण | छात्रों को प्रमाण पत्र वितरण, संरक्षण पर संवादात्मक डिब्रीफिंग सत्र |