उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय द्वारा लिखित आत्मकथा ‘जनता की कहानी – मेरी आत्मकथा’ का विमोचन नई दिल्ली स्थित महाराष्ट्र सदन में एक विशेष समारोह में किया। यह कार्यक्रम 9 मई 2025 को आयोजित हुआ और इसमें भावनात्मक श्रद्धांजलियाँ, राजनीतिक सौहार्द, तथा जन सेवा और सामाजिक कल्याण के प्रति समर्पित जीवन पर चर्चा हुई।
क्यों है यह खबर चर्चा में?
-
आत्मकथा ‘जनता की कहानी – मेरी आत्मकथा’ का विमोचन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा किया गया।
-
यह पुस्तक बंडारू दत्तात्रेय के व्यक्तिगत, राजनीतिक और सामाजिक जीवन यात्रा को दर्शाती है।
-
कार्यक्रम के दौरान जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के शिकारों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की गई।
पुस्तक का उद्देश्य:
-
बंडारू दत्तात्रेय के जीवन संघर्षों और उपलब्धियों की कहानी साझा करना।
-
केंद्रीय मंत्री, सांसद और राज्यपाल के रूप में उनके अनुभवों को सामने लाना।
-
युवाओं को संघर्ष, समर्पण और सादगी से प्रेरित करना।
कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएँ:
-
उपराष्ट्रपति ने पुस्तक की सार्वजनिक जीवन की सच्चाई को उजागर करने वाली प्रस्तुति की सराहना की।
-
दो मिनट का मौन पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों की श्रद्धांजलि में रखा गया।
-
दत्तात्रेय जी ने चरित्र, प्रतिबद्धता और सेवा भावना को जीवन का मूलमंत्र बताया।
-
उन्होंने अपनी मां ईश्वरम्मा जी को समाज सेवा की प्रेरणा बताया।
प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों के वक्तव्य:
-
जगदीप धनखड़ (उपराष्ट्रपति): यह पुस्तक दिखाती है कि भारत ने कैसे चुनौतियों को अवसरों में बदला और विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना।
-
मनोहर लाल (केंद्रीय मंत्री): दत्तात्रेय जी विनम्रता और समाज सेवा के प्रतीक हैं।
-
हरियाणा के मुख्यमंत्री: पुस्तक को “जीवित दस्तावेज” बताया जो सिर्फ साहित्य नहीं, प्रेरणा का स्रोत है।
बंडारू दत्तात्रेय के बारे में:
-
जन्म हैदराबाद में हुआ।
-
पूर्व केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री, सांसद (सिकंदराबाद) और वर्तमान हरियाणा के राज्यपाल।
-
झुग्गी बस्तियों के विकास, आपदा राहत और स्वैच्छिक कार्यों में सक्रिय भागीदारी।