मॉर्गन स्टेनली ने भारत के FY25 के लिए GDP वृद्धि का अनुमान घटाकर 6.3% कर दिया है, जो पहले 6.7% था। यह संशोधन जुलाई-सितंबर 2024 तिमाही में भारत की GDP वृद्धि 5.4% (मार्च 2023 के बाद सबसे कम) रहने के कारण किया गया है। यह गिरावट मुख्य रूप से निजी खपत और पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) में कमी का परिणाम है, हालांकि सेवा क्षेत्र ने मजबूती दिखाई। इसके बावजूद, मॉर्गन स्टेनली को FY25 की दूसरी छमाही में सुधार की उम्मीद है, जब वृद्धि औसतन 6.6% तक पहुंच सकती है। यह सरकारी खर्च, ग्रामीण मांग में सुधार और वित्तीय परिस्थितियों में राहत से प्रेरित होगी।
मुख्य बिंदु: नवीनतम संशोधन
- Q2 FY25 में गिरावट:
- GDP वृद्धि 5.4% रही, जो पिछले तिमाही के 6.7% से कम है।
- मुख्य कारण: कमजोर निजी खपत और औद्योगिक क्षेत्र की सुस्ती।
- क्षेत्रीय प्रदर्शन:
- निजी खपत: 6% की वृद्धि।
- कैपेक्स: 5.4% की धीमी वृद्धि।
- सेवा क्षेत्र: 7.1% की वृद्धि।
- उद्योग क्षेत्र: 3.9% की वृद्धि, जिसमें विनिर्माण और बिजली उत्पादन में गिरावट शामिल है।
FY25 की दूसरी छमाही में अपेक्षाएं
- सुधार का दृष्टिकोण:
- दूसरी छमाही में GDP वृद्धि औसतन 6.6% रहने का अनुमान।
- त्योहारों और शादी के मौसम से मजबूत मौसमी मांग को बढ़ावा मिलेगा।
- वृद्धि के प्रमुख कारक:
- सरकारी खर्च में वृद्धि।
- ग्रामीण मांग में सुधार।
- वित्तीय परिस्थितियों में राहत।
मौद्रिक नीति और तरलता
- RBI की भूमिका:
- मॉर्गन स्टेनली को उम्मीद है कि RBI अपनी आगामी नीति समीक्षा में ब्याज दरें वर्तमान स्तर पर बनाए रखेगा।
- अगले दो महीनों में मुद्रास्फीति 5-5.5% तक घटने की संभावना है।
- तरलता उपाय:
- बैंकिंग प्रणाली में तरलता की तंगी को देखते हुए, RBI खुले बाजार परिचालन (OMO) जैसे उपाय लागू कर सकता है।
दीर्घकालिक आर्थिक वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण कारक
- सरकारी खर्च:
- राजस्व और पूंजीगत व्यय में प्रवृत्तियों की निगरानी।
- RBI के पास नकद शेष का उपयोग।
- कृषि प्रदर्शन:
- खरीफ उत्पादन और रबी की बुवाई की मजबूती से खाद्य कीमतें और ग्रामीण मांग प्रभावित होंगी।
- घरेलू तरलता:
- आर्थिक गतिविधियों को बनाए रखने के लिए स्थिर वित्तीय वातावरण आवश्यक है।