विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा कि मोल्दोवा अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) का 107वां सदस्य बन गया है। एक्स पर एक पोस्ट में विदेश मंत्रालय ने कहा कि नई दिल्ली में भारत में मोल्दोवा की राजदूत एना तबान के साथ बैठक के दौरान अनुसमर्थन पत्र सौंपा गया। यह घोषणा भारत के विदेश मंत्रालय (एमईए) द्वारा नई दिल्ली में औपचारिक अनुसमर्थन के बाद की गई।
अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन की 2015 में हुई थी शुरुआत
अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन एक वैश्विक पहल है, जिसकी शुरुआत 2015 में भारत और फ्रांस ने पेरिस में सीओपी21 में की थी। इसके 124 सदस्य और हस्ताक्षरकर्ता देश हैं। यह गठबंधन दुनिया भर में ऊर्जा की पहुंच और सुरक्षा में सुधार के लिए सरकारों के साथ मिलकर काम करता है और सौर ऊर्जा को स्वच्छ ऊर्जा के भविष्य की ओर एक स्थायी बदलाव के रूप में बढ़ावा देता है।
सौर ऊर्जा में निवेश को बढ़ावा देना ISA का मिशन
अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन का मिशन सौर ऊर्जा में निवेश को बढ़ावा देना है। इसके अलावा, तकनीक और वित्तपोषण की लागत को भी कम करना है। यह कृषि, स्वास्थ्य सेवा, परिवहन और बिजली उत्पादन क्षेत्रों में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देता है। ISA के सदस्य देश नीतियां और नियम बनाकर, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करके, समान मानकों पर सहमति बनाकर और निवेश जुटाकर बदलाव ला रहे हैं।
आईएसए का बढ़ता प्रभाव
अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) कृषि, स्वास्थ्य, परिवहन और ऊर्जा उत्पादन जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। प्रमुख क्षेत्र इस प्रकार हैं:
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कृषि: सौर ऊर्जा से संचालित सिंचाई प्रणाली और कोल्ड स्टोरेज
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स्वास्थ्य सेवाएं: सोलर क्लिनिक और वैक्सीन भंडारण हेतु सौर-संचालित रेफ्रिजरेशन
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परिवहन: ई-मोबिलिटी समाधान
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ऊर्जा उत्पादन: सौर माइक्रो ग्रिड और पावर जेनरेशन
ISA एक ऐसा मंच है जो नीति सहयोग, सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान, मानकीकरण और निवेश जुटाने को प्रोत्साहित करता है। इसके सदस्य देशों के बीच सौर ऊर्जा को अपनाने में सहयोग को सशक्त बनाता है।


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