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शिक्षा मंत्रालय ने वर्ष 2021-22 के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए प्रदर्शन ग्रेडिंग इंडेक्स 2.0 पर रिपोर्ट जारी की

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शिक्षा मंत्रालय के साक्षरता विभाग ने स्कूली शिक्षा और राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के लिए प्रदर्शन ग्रेडिंग इंडेक्स (पीजीआई) तैयार किया है जो व्यापक विश्लेषण के लिए एक सूचकांक बनाकर राज्य/केंद्र शासित क्षेत्र स्तर पर स्कूल शिक्षा प्रणाली के प्रदर्शन का आकलन करता है। केंद्र शासित प्रदेशों को पहली बार वर्ष 2017-18 के लिए जारी किया गया था और अब वर्ष 2020-21 तक का जारी किया गया है। भारतीय शिक्षा प्रणाली विश्‍व की सबसे बड़ी शिक्षा प्रणालियों में से है। इस प्रणाली में लगभग 14.9 लाख विद्यालय, 95 लाख शिक्षक और विभिन्न सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के लगभग 26.5 करोड़ छात्र हैं।

इस अवधि के दौरान, प्रदर्शन ग्रेडिंग इंडेक्स-राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में कई संकेतक समाप्त और निरर्थक हो गए हैं। इसके अतिरिक्‍त प्रदर्शन ग्रेडिंग इंडेक्स – राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की संरचना गुणवत्ता संकेतकों के बजाय शासन प्रक्रियाओं से संबंधित संकेतकों की ओर काफी झुका हुआ है। इसलिए, गुणवत्ता संकेतकों के साथ अधिक अद्यतन आधार रखने के लिए, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की नई पहल शुरू की गई। सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के लक्ष्य 4 से संबंधित संकेतकों की निगरानी करने और वर्तमान में संकेतकों को बदलने के लिए, जिन्होंने इष्टतम लक्ष्य प्राप्त किया है, 2021-22 के लिए प्रदर्शन ग्रेडिंग इंडेक्स – राज्य संरचना को संशोधित किया गया है और इसका नाम बदलकर पीजीआई 2.0 कर दिया गया है। प्रदर्शन ग्रेडिंग इंडेक्स 2.0 में, कई संकेतकों के लिए डेटा स्रोत यूडीआईएसई + से डेटा रहा है और ग्रेड को एकरूपता एवं बेहतर तुलनात्मकता के लिए पीजीआई – जिले के साथ संयोजित किया गया है।

 

डिजिटल पहल और शिक्षक शिक्षा को शामिल

 

नए पीजीआई ढांचे में 73 संकेतक शामिल हैं, जो डिजिटल पहल और शिक्षक शिक्षा को शामिल करने के अलावा गुणात्मक मूल्यांकन पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं। पीजीआई के पिछले संस्करण में राज्यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों द्वारा प्राप्त ग्रेड/स्तर इस प्रकार इस नए संस्करण में राज्यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों द्वारा प्राप्त ग्रेड/स्तरों के साथ तुलनीय नहीं हैं।

 

पीजीआई 2.0 की संरचना

 

प्रदर्शन ग्रेडिंग इंडेक्स 2.0 संरचना में 73 संकेतकों में 1000 अंक शामिल हैं, जिन्हें 2 श्रेणियों में बांटा गया है, अर्थात, परिणाम, शासन प्रबंधन (जीएम)। इन श्रेणियों को 6 डोमेन में विभाजित किया गया है, अर्थात्, लर्निंग आउटकम (एलओ), एक्सेस (ए), इंफ्रास्ट्रक्चर एंड फैसिलिटीज (आईएफ), इक्विटी (ई), गवर्नेंस प्रोसेस (जीपी) और टीचर्स एजुकेशन एंड ट्रेनिंग (टीई एंड टी)।

 

ग्रेडिंग प्रणाली

 

वर्ष 2021-22 के लिए प्रदर्शन ग्रेडिंग इंडेक्स 2.0 ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को दस श्रेणियों में वर्गीकृत किया है, अर्थात, उच्चतम ग्रेड दक्ष है, जो कुल 1000 अंकों में से 940 से अधिक अंक प्राप्त करने वाले राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के लिए है। सबसे कम ग्रेड आकांशी-3 है जो 460 तक के स्कोर के लिए है।

 

पीजीआई 2.0 के उद्देश्य

 

प्रदर्शन ग्रेडिंग इंडेक्स 2.0 का अंतिम उद्देश्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को बहु-आयामी युक्तियों की दिशा में प्रेरित करना है जो सभी आयामों को कवर करते हुए बहुत वांछित इष्टतम शिक्षा परिणाम लाएगा। प्रदर्शन ग्रेडिंग इंडेक्स 2.0 के संकेतकों को प्रगति पर उचित नज़र रखने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के कार्यान्वयन के बाद शुरू की गई नीतिगत पहलों और युक्तियों के साथ जोड़ा गया है। प्रदर्शन ग्रेडिंग इंडेक्स 2.0 से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अंतराल को इंगित करने और तदनुसार युक्ति के लिए क्षेत्रों को प्राथमिकता देने में मदद मिलने की उम्मीद है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि स्कूल शिक्षा प्रणाली हर स्तर पर मजबूत है।

 

पीजीआई 2.0 की प्रभावकारिता

 

वर्ष 2021-22 में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा प्राप्त पीजीआई 2.0 स्कोर और ग्रेड पीजीआई प्रणाली की प्रभावोत्‍पादकता का प्रमाण हैं। संकेतक-वार पीजीआई 2.0 स्कोर उन क्षेत्रों को दर्शाता है जहां एक राज्य/केंद्र शासित प्रदेश को सुधार करने की आवश्यकता है।

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FAQs

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की स्थापना कब हुई?

1985