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लोकसभा ने वित्त विधेयक 2025 पारित किया

लोकसभा ने 25 मार्च 2025 को वित्त विधेयक 2025 को 35 सरकारी संशोधनों के साथ पारित कर दिया। इस विधेयक के एक प्रमुख संशोधन में ऑनलाइन विज्ञापनों पर लगने वाले 6 प्रतिशत डिजिटल कर को समाप्त कर दिया गया है। वित्त विधेयक 2025 के पारित होने के साथ ही निचले सदन में बजट स्वीकृति प्रक्रिया पूरी हो गई है। अब यह विधेयक राज्यसभा में विचार के लिए जाएगा, जिसके बाद वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट प्रक्रिया औपचारिक रूप से संपन्न होगी।

वित्त विधेयक 2025 और बजटीय अवलोकन

केंद्र सरकार ने ₹50.65 लाख करोड़ के कुल व्यय का प्रस्ताव किया है, जो कि वित्त वर्ष 2024-25 की तुलना में 7.4 प्रतिशत अधिक है। पूंजीगत व्यय ₹11.22 लाख करोड़ निर्धारित किया गया है, जबकि प्रभावी पूंजीगत व्यय ₹15.48 लाख करोड़ रहेगा। सरकार का अनुमानित सकल कर राजस्व ₹42.70 लाख करोड़ होगा, और सकल उधारी ₹14.01 लाख करोड़ निर्धारित की गई है।

वित्त विधेयक 2025 की प्रमुख घोषणाएँ

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह विधेयक “विकसित भारत 2047” के दृष्टिकोण के अनुरूप है और कर स्थिरता सुनिश्चित करता है। इसके प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं:

  • कर प्रावधानों का सरलीकरण कर व्यवसाय करने में सुगमता बढ़ाना।

  • व्यक्तिगत और व्यावसायिक करदाताओं के लिए अभूतपूर्व कर राहत उपाय

  • विदेशी संपत्तियों वाले करदाताओं से कर संग्रह बढ़ाने पर विशेष ध्यान।

बजट दस्तावेजों के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 के लिए केंद्र प्रायोजित योजनाओं का आवंटन ₹5,41,850.21 करोड़ किया गया है, जो कि 2024-25 के ₹4,15,356.25 करोड़ की तुलना में अधिक है। इसी तरह, केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं को ₹16.29 लाख करोड़ का आवंटन मिला है, जो पिछले वित्त वर्ष के ₹15.13 लाख करोड़ से अधिक है।

बजट अनुमान (FY 2025-26)

सरकार ने बजट अनुमान को आर्थिक और रणनीतिक कारकों के आधार पर बढ़ाया है:

  • बाजार ऋण, ट्रेजरी बिल, बाहरी ऋण और भविष्य निधि पर ब्याज भुगतान में वृद्धि।

  • सशस्त्र बलों के लिए पूंजीगत व्यय में वृद्धि।

  • रोजगार सृजन योजनाओं के लिए अतिरिक्त प्रावधान।

राज्य आवंटन और राजकोषीय घाटा

वित्त वर्ष 2025-26 में राज्यों को कुल ₹25,01,284 करोड़ का हस्तांतरण किया जाएगा, जिसमें राज्य शेयर कर हस्तांतरण, अनुदान/ऋण और केंद्र प्रायोजित योजनाएँ शामिल हैं। यह वित्त वर्ष 2023-24 की वास्तविक राशि से ₹4,91,668 करोड़ अधिक है।

वित्त वर्ष 2025-26 के लिए राजकोषीय घाटा GDP का 4.4 प्रतिशत अनुमानित है, जो वर्तमान वित्त वर्ष के 4.8 प्रतिशत से कम है। इसके अलावा, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के संशोधित अनुमानों के अनुसार, भारत की GDP वित्त वर्ष 2025-26 में ₹3,56,97,923 करोड़ तक पहुँचने की संभावना है, जो वित्त वर्ष 2024-25 के संशोधित अनुमान ₹3,24,11,406 करोड़ से 10.1 प्रतिशत अधिक है।

श्रेणी विवरण
क्यों चर्चा में? लोकसभा ने 25 मार्च 2025 को 35 संशोधनों के साथ वित्त विधेयक 2025 पारित किया।
मुख्य संशोधन ऑनलाइन विज्ञापनों पर 6% डिजिटल कर समाप्त।
कुल व्यय ₹50.65 लाख करोड़ (FY 2024-25 की तुलना में 7.4% वृद्धि)।
पूंजीगत व्यय ₹11.22 लाख करोड़ (प्रभावी पूंजीगत व्यय: ₹15.48 लाख करोड़)।
सकल कर राजस्व ₹42.70 लाख करोड़।
सकल उधारी ₹14.01 लाख करोड़।
केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए आवंटन ₹5,41,850.21 करोड़ (FY 2024-25 के ₹4,15,356.25 करोड़ से अधिक)।
केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं के लिए आवंटन ₹16.29 लाख करोड़ (FY 2024-25 के ₹15.13 लाख करोड़ से अधिक)।
राज्यों को संसाधन हस्तांतरण ₹25,01,284 करोड़ (FY 2023-24 की तुलना में ₹4,91,668 करोड़ अधिक)।
राजकोषीय घाटा 4.4% (FY 2024-25 के 4.8% से कम)।
FY 2025-26 के लिए GDP अनुमान ₹3,56,97,923 करोड़ (FY 2024-25 की तुलना में 10.1% वृद्धि)।
अगले कदम बजट प्रक्रिया को पूरा करने के लिए राज्यसभा की मंजूरी।
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