IMF ने स्पष्ट किया कि यह मजबूत निजी खपत के कारण है, साथ ही मुद्रा विनिमय पहल और राराष्ट्रीय माल और सेवा कर के कार्यान्वयन के लुप्त होते क्षणिक प्रभाव है. IMF के अनुसार , भारत अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी चीन को पीछे छोड़ देगा जो 2018 में 6.6 और 2019 में 6.4% हो जाएगा.
मेटा इंडिया ने अमन जैन को अपना नया हेड ऑफ पब्लिक पॉलिसी नियुक्त करने की…
साल 2025 भारत के संवैधानिक और शासन इतिहास में एक मील का पत्थर साबित हुआ।…
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने परमाणु ऊर्जा विधेयक (Atomic Energy Bill) को मंज़ूरी दे दी है, जो…
देश का विदेशी मुद्रा भंडार पांच दिसंबर को समाप्त सप्ताह में 1.03 अरब डॉलर बढ़कर…
भारत में खुदरा मुद्रास्फीति, जिसे उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) से मापा जाता है, अक्टूबर के…
वित्तीय समावेशन को गहराई देने की दिशा में एक बड़े कदम के तहत डाक विभाग…