सरकार ने भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) को 10 साल के भीतर 25 प्रतिशत न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता (MPS) हासिल करने की छूट दी है। पब्लिक शेयर होल्डिंग 25 फीसदी तक लाने के लिए एलआईसी को 10 साल का समय मिल गया है। एलआईसी अब 2032 तक पब्लिक शेयर होल्डिंग को घटाकर 75 फीसदी तक ला सकती है। फिलहाल एलआईसी में पब्लिक शेयर होल्डिंग केवल 2.55 फीसदी है।
एलआईसी ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर दाखिल किए गए रेग्यूलेटरी फाइलिंग में बताया कि वित्त मंत्रालय के अधीन आने वाले आर्थिक मामलों के विभाग ने 20 दिसंबर, 2023 को जनहित में एलआईसी को 25 फीसदी न्यूनतम पब्लिक शेयर होल्डिंग के लक्ष्य को हासिल करने के लिए वन टाइम स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिंग की तारीख के बाद से मई 2023 तक के लिए 10 वर्षों का समय दिया है। दरअसल स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड सभी कंपनियों को पब्लिक शेयरहोल्डिंग को कम से कम 25 फीसदी रखना होता है।
एलआईसी की स्टॉक एक्सचेंज
बड़ी कंपनियों को स्टॉक एक्सचेंज पब्लिक शेयरहोल्डिंग को 25 फीसदी तक लाने के लिए 5 साल तक का समय देती है। लेकिन एलआईसी को सरकार ने आदेश निकालकर 10 सालों तक का समय दे दिया है। 17 मई, 2022 को एलआईसी की स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिंग हुई थी। पहले एलआईसी को 2027 तक फीसदी न्यूनतम पब्लिक शेयर होल्डिंग को 25 फीसदी तक लाना था। पर अब सरकार ने 10 सालों तक का समय दे दिया है।
एलआईसी के शेयर होल्डिंग
सरकार के पास एलआईसी की 96.5 फीसदी हिस्सेदारी है। पब्लिक शेयर होल्डर्स के पास 2.55 फीसदी, विदेशी निवेशकों के पास 0.1 फीसदी, घरेलू संस्थागत निवेशकों के पास 0.84 फीसदी हिस्सेदारी है। अगले 10 सालों में एलआईसी को पब्लिक शेयरहोल्डिंग को 96.5 फीसदी से घटाकर 75 फीसदी तक लाना होगा। सरकार को ऑफर फॉर सेल, एफपीओ के जरिए एलआईसी के शेयर्स अगले 10 सालों में बेच सकती है।