केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री, डॉ जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) ने हाल ही में जम्मू और कश्मीर में कई जिलों की जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (District Development Coordination & Monitoring Committee – DISHA) की बैठकों की अध्यक्षता की। बैठक के दौरान लिया गया एक महत्वपूर्ण निर्णय मोदी सरकार की ‘एक जिला, एक उत्पाद (One District, One Product)’ पहल के तहत लैवेंडर को बढ़ावा देने के लिए लैवेंडर को डोडा ब्रांड उत्पाद के रूप में नामित करना था।
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जम्मू-कश्मीर में डोडा जिला भारत की बैंगनी क्रांति या लैवेंडर की खेती का जन्मस्थान है। हालांकि, जम्मू और कश्मीर के लगभग सभी 20 जिलों में लैवेंडर की खेती की जाती है।
बैंगनी क्रांति क्या है?
- केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अरोमा मिशन के तहत बैंगनी क्रांति (लैवेंडर की खेती) शुरू की गई थी। अरोमा मिशन को वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) द्वारा अपनी जम्मू स्थित प्रयोगशाला, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटिव मेडिसिन (Indian Institute of Integrative Medicines – IIIM) के माध्यम से कार्यान्वित किया जाता है।
- मिशन का उद्देश्य घरेलू किसानों को सशक्त बनाने के लिए घरेलू स्तर पर महत्वपूर्ण औषधीय और सुगंधित पौधों की खेती करना और सुगंधित तेलों के आयात को कम करके और घरेलू किस्मों को बढ़ाकर भारत की सुगंधित फसल-आधारित कृषि-अर्थव्यवस्था का समर्थन करना है। हालांकि लैवेंडर की फसल यूरोप की मूल निवासी है।