पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान और प्रसिद्ध बल्लेबाज कृष्णमाचारी श्रीकांत को VISION 2020 इंडिया के सद्भावना राजदूत के रूप में नियुक्त किया गया है। यह पहल भारत में रोके जा सकने वाले अंधत्व को समाप्त करने के उद्देश्य से चलाई जा रही है। यह घोषणा चेन्नई के शंकर नेत्रालय में एक विशेष कार्यक्रम के दौरान की गई, जो Vision 2020: The Right to Sight-India कार्यक्रम का प्रमुख भागीदार है।
भारत में अंधत्व की गंभीर स्थिति
भारत में अंधत्व एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बनी हुई है। हालिया आंकड़ों के अनुसार:
- 4.8 मिलियन लोग पूर्ण रूप से नेत्रहीन हैं, जो वैश्विक स्तर पर उच्चतम संख्याओं में से एक है।
- 70 मिलियन से अधिक लोग किसी न किसी दृष्टि समस्या से पीड़ित हैं।
- 80% से अधिक मामलों को रोका या सही किया जा सकता है, यदि समय पर पहचान और चिकित्सा सहायता दी जाए।
रोके जा सकने वाले अंधत्व के प्रमुख कारण
- मोतियाबिंद – बुजुर्गों में अंधत्व का सबसे प्रमुख कारण।
- अपवर्तनीय त्रुटियाँ (Uncorrected Refractive Errors) – जिनका सही इलाज नहीं मिलने से लाखों लोग प्रभावित होते हैं।
- ग्लूकोमा (काला मोतिया) – देर से पहचान होने पर यह स्थायी नुकसान पहुंचा सकता है।
- डायबिटिक रेटिनोपैथी – मधुमेह के बढ़ते मामलों के कारण तेजी से बढ़ रही समस्या।
- विटामिन A की कमी – बच्चों में अंधत्व का प्रमुख कारण।
कृष्णमाचारी श्रीकांत की भूमिका
सद्भावना राजदूत के रूप में श्रीकांत निम्नलिखित कार्यों में योगदान देंगे:
- मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से जागरूकता बढ़ाना
- समय पर नेत्र जांच कराने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना
- वंचित समुदायों के लिए निःशुल्क नेत्र चिकित्सा कार्यक्रमों का समर्थन करना
- बच्चों और बुजुर्गों में नेत्र स्वास्थ्य शिक्षा को बढ़ावा देना
VISION 2020 इंडिया और शंकर नेत्रालय की भूमिका
VISION 2020 इंडिया का उद्देश्य:
- गरीब और जरूरतमंदों को निःशुल्क नेत्र जांच और उपचार प्रदान करना।
- मोतियाबिंद सर्जरी और अन्य आवश्यक उपचार उपलब्ध कराना।
- समुदाय में नेत्र स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना।
शंकर नेत्रालय के अध्यक्ष टी. एस. सुरेंद्रन के नेतृत्व में यह संस्थान भारत में नेत्र चिकित्सा और अनुसंधान के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। इस पहल में VISION 2020 इंडिया के अध्यक्ष राजेश सैनी की उपस्थिति ने इस मिशन की महत्ता को और मजबूत किया।
श्रीकांत के जुड़ने से यह अभियान और प्रभावी बनने की उम्मीद है, जिससे भारत में लाखों लोगों की दृष्टि बचाई जा सकेगी।