24वीं राष्ट्रीय पैरा-तैराकी चैंपियनशिप का समापन हुआ, जिसमें कर्नाटक ने कुल 392 अंकों के साथ ओवरऑल चैंपियन बनकर शीर्ष स्थान हासिल किया। इस प्रतियोगिता में शीर्ष स्थानों के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा देखी गई, जिसमें महाराष्ट्र ने 378 अंकों के साथ दूसरा स्थान हासिल किया, जबकि राजस्थान 248 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर रहा।
इवेंट का अवलोकन
- स्थान: 24वीं राष्ट्रीय पैरा-तैराकी चैंपियनशिप का आयोजन पणजी, गोवा में हुआ।
- कुल चैंपियन: कर्नाटक ने 392 अंकों के साथ ओवरऑल चैंपियनशिप जीती।
- दूसरा स्थान: महाराष्ट्र ने 378 अंकों के साथ दूसरा स्थान प्राप्त किया।
- तीसरा स्थान: राजस्थान ने 248 अंकों के साथ तीसरा स्थान हासिल किया।
- आयोजन: इस इवेंट का आयोजन पैरालंपिक कमेटी ऑफ इंडिया (PCI) और गोवा पैरालंपिक एसोसिएशन द्वारा किया गया।
प्रतिभागिता की जानकारी
- कुल प्रतिभागी: इस चैंपियनशिप में 518 तैराकों ने हिस्सा लिया, जिनमें 360 पुरुष और 158 महिला तैराक शामिल थे।
- पहली बार प्रतिस्पर्धा करने वाले: कुल 231 तैराक पहली बार प्रतियोगिता में भाग ले रहे थे, जो भारत में पैरा-तैराकी की बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है।
- प्रतिभागी राज्य: 28 राज्यों के तैराकों ने हिस्सा लिया, और 21 राज्यों ने पदक जीते, जो देश भर में प्रतिस्पर्धा की भावना और प्रतिभा को दर्शाता है।
शीर्ष टीमें
- कर्नाटक: कर्नाटक ने 392 अंकों के साथ ओवरऑल चैंपियनशिप जीती, जिसमें इसके खिलाड़ियों का उत्कृष्ट प्रदर्शन प्रमुख रहा।
- महाराष्ट्र: महाराष्ट्र 378 अंकों के साथ कड़ी प्रतिस्पर्धा में दूसरे स्थान पर रहा।
- राजस्थान: राजस्थान ने 248 अंकों के साथ तीसरा स्थान प्राप्त किया।
व्यक्तिगत चैंपियनशिप हाइलाइट्स
- पुरुष सीनियर चैंपियन: मोहम्मद आसिम (केरल)।
- पुरुष जूनियर चैंपियन: रवि कार्तिक (आंध्र प्रदेश)।
- पुरुष सब-जूनियर चैंपियन: रेवंश (हरियाणा)।
- महिला सीनियर चैंपियन: शरण्या (कर्नाटक)।
- महिला जूनियर चैंपियन: साई पुजैर (महाराष्ट्र)।
- महिला सब-जूनियर चैंपियन: आभा गणेश (महाराष्ट्र)।
चैंपियनशिप का महत्व
- इस चैंपियनशिप ने भारत में पैरा-खेलों की समावेशिता और बढ़ती पहुंच को उजागर किया।
- पहली बार प्रतिस्पर्धा करने वाले तैराकों की भागीदारी ने पूरे देश में पैरा-खिलाड़ियों के लिए बढ़ते अवसरों को रेखांकित किया।
- यह आयोजन पैरा-खिलाड़ियों के लिए अपनी प्रतिभा दिखाने का एक मंच बना और दूसरों को प्रतिस्पर्धात्मक खेलों में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।
भविष्य की संभावनाएं
- आयोजक आशान्वित हैं कि भविष्य के संस्करणों में और भी अधिक भागीदारी देखने को मिलेगी।
- इस इवेंट की सफलता एथलीटों, आयोजकों, और समर्थकों की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो भारत में पैरा-खेलों के विकास और समावेशी खेल संस्कृति की ओर बढ़ने में मदद कर रही है।