भारत और श्रीलंका की सेना का सैन्य अभ्यास ‘मित्र शक्ति 2023’ पुणे में हो रहा है। इस सैन्य अभ्यास में दोनों देशों के सैनिक संयुक्त रूप से शामिल हुए हैं। दोनों देशों की सेनाएं दोनों पक्ष छापे मारने, खोज करने और लक्ष्य को नष्ट करने जैसे मिशनों तथा हेलिकॉप्टर से अंजाम दिये जाने वाले ऑपरेशन आदि का अभ्यास करेंगे।
भारत-श्रीलंका संयुक्त ‘मित्र शक्ति’ अभ्यास पुणे के औंध में शुरू हो गया है। नौवें संस्करण के इस अभ्यास को 16 से 29 नवंबर के बीच पुणे के औंध में आयोजित किया जायेगा। अभ्यास में भारतीय टुकड़ी के120 सैन्यकर्मियों सहित भारत और श्रीलंकाई वायु सेना के क्रमश:15 और 5 कर्मी भी इस अभ्यास में भाग ले रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुरूप है यह अभ्यास
इस अभ्यास को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अध्याय VII के अनुरूप किया जा रहा है, दोनों सेनाएं दुनिया भर के अशांत क्षेत्रों में तैनात संयुक्त राष्ट्र शांति सेना में योगदान देती हैं। इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों की सेनाओं के बीच घनिष्ठ संबंधों को बढ़ावा देना और आतंकवाद विरोधी अभियानों में पारस्परिक सहयोग और सर्वोत्तम तकनीकों को साझा करना है। इसके अंतर्गत दोनों पक्ष छापेमारी,खोज और किसी अप्रिय मिशन को नष्ट करने, हेलिबोर्न ऑपरेशन आदि जैसी सामरिक कार्रवाइयों का संयुक्त अभ्यास करेंगे। इसके अलावा इस अभ्यास में आर्मी मार्शल आर्ट्स रूटीन (एएमएआर), कॉम्बैट रिफ्लेक्स शूटिंग और योग भी अभ्यास का हिस्सा बनेंगे।
मानव रहित हवाई प्रणालियां होंगी शामिल
अभ्यास मित्र शक्ति 2023 में हेलीकॉप्टरों के अलावा ड्रोन और काउंटर मानव रहित हवाई प्रणालियों को शामिल किया जायेगा। आतंकवाद विरोधी अभियानों के दौरान हेलीपैडों को सुरक्षित करने और हताहतों को निकालने का भी अभ्यास दोनों पक्षों द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा।
द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा
दोनों पक्ष युद्ध कौशल के व्यापक प्रथाओं,विचारों और प्रथाओं का आदान-प्रदान करेंगे जो प्रतिभागियों को एक-दूसरे से पारस्परिक रूप से सीखने का अवसर मिलेगा। सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने से भारतीय सेना और श्रीलंकाई सेना के बीच रक्षा सहयोग का स्तर में वृद्धि होगी यह अभ्यास दोनों पड़ोसी देशों के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को भी बढ़ावा देगा।
मित्र शक्ति का पिछला संस्करण
मित्र शक्ति का पिछला संस्करण अक्टूबर 2021 में श्रीलंका में आयोजित किया गया था। भारत और श्रीलंका ने इस वर्ष फरवरी में नई दिल्ली में आयोजित सातवें वार्षिक रक्षा संवाद में दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग गतिविधियों की समीक्षा की थी ।