झारखंड विधानसभा ने मॉब वायलेंस एंड मॉब लिंचिंग बिल (Mob Violence and Mob Lynching Bill), 2021 को पारित किया है, जिसका उद्देश्य राज्य में संवैधानिक अधिकारों की “प्रभावी सुरक्षा (effective protection)” प्रदान करना और भीड़ की हिंसा को रोकना है। एक संशोधन को शामिल करने के बाद, विधेयक पारित किया गया और राज्यपाल को उनकी सहमति के लिए भेजा गया। एक बार अधिसूचित होने के बाद, झारखंड पश्चिम बंगाल, राजस्थान और मणिपुर के बाद ऐसा कानून लाने वाला चौथा राज्य बन जाएगा।
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बिल के बारे में:
- यह बिल मॉब लिंचिंग में शामिल लोगों को “चोट या मौत” के लिए तीन साल की जेल की सजा और रु 25 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान करता है।
- बिल लिंचिंग को “धर्म, वर्ग, जाति, लिंग, जन्म स्थान, भाषा, आहार प्रथाओं, यौन अभिविन्यास, राजनीतिक संबद्धता, जातीयता या किसी अन्य आधार पर” के आधार पर भीड़ द्वारा हिंसा या मौत या सहायता, हिंसा या मौत के किसी भी कार्य या प्रयास के किसी भी कार्य या श्रृंखला के रूप में परिभाषित करता है, चाहे वह सहज या नियोजित हो।
- लिंचिंग की घटना में पीड़ित को चोट लगने की स्थिति में, दोषियों को 3 साल तक की कैद और रु 1 लाख से रु 3 लाख के बीच के जुर्माने की सजा दी जाएगी।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे:
- झारखंड के मुख्यमंत्री: हेमंत सोरेन; राज्यपाल: रमेश बैस।