भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने बताया कि हेड क्वाटर ऑफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (HQ IDS) का हाइपरसोनिक के साथ परीक्षण सफल रहा। इसरो ने बयान जारी कर कहा कि संयुक्त हाइपरसोनिक वाहन (Joint Test Run of Hypersonic Vehicles) के अपने पूर्व निर्धारित लक्ष्यों को सफलता पूर्वक हासिल कर लिया। इसरो ने ट्वीट कर बताया कि “ISRO और जेएसआईआईसी ने संयुक्त रुप से हाइपरसोनिक वाहन परीक्षण किए हैं। परीक्षण के सभी आवश्यक पैरामीटर हासिल कर लिए गए हैं, हाइपरसोनिक वाहनों ने अपनी पूरी क्षमता से प्रदर्शन किया है।”
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हाइपरसोनिक वाहन क्या है?
हाइपरसोनिक वाहन (Hypersonic Vehicles) एक हवाई जहाज, मिसाइल या अंतरिक्ष विमान की तरह होता है, जो ध्वनि की रफ्तार से पांच गुना तेज या मैक 5 से अधिक गति से चलने की क्षमता रखता है। इसे लेटेस्ट तकनीक माना जाता है। भारत, चीन, रुस और अमेरिका अपने हाइपरसोनिक हथियारों की क्षमता को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। इसरो रूस के साथ मिलकर हाइपरसोनिक मिसाइल बना रहा है। भारतीय वैज्ञानिक हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल प्रोग्राम के तहत डबल कैपेबलटी का हाइपरसोनिक क्रजू मिसाइस पर भी काम कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार भारतीय स्वदेशी मिसाइलों में पांरंपरिक हथियारों के साथ परमाणु हथियारों को दागने की क्षमता होगी।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे:
- इसरो अध्यक्ष: एस सोमनाथ;
- इसरो की स्थापना तिथि: 15 अगस्त, 1969;
- इसरो के संस्थापक: डॉ. विक्रम साराभाई।