अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि अमेरिका ने इजराइल और लेबनान के बीच “ऐतिहासिक समझौता” कराया है, जिससे दोनों देशों के बीच साझा समुद्री सीमा को लेकर चला आ रहा विवाद खत्म हो जाएगा। साथ ही दुश्मन माने जाने वाले इन दोनों देशों के बीच प्राकृतिक गैस उत्पादन का रास्ता साफ होगा और युद्ध का खतरा कम हो जाएगा।
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अमेरिका की मध्यस्थता में महीनों चली वार्ता के बाद हुए इस समझौते को इजराइल और लेबनान के बीच संबंधों के लिहाज से बड़ी सफलता माना जा रहा है। साल 1948 में इजराइल की स्थापना के बाद से दोनों देशों के बीच औपचारिक रूप से युद्ध की स्थिति है। हालांकि इस समझौते को इजराइल में कई बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है, जिनमें कानूनी और राजनीतिक चुनौतियां शामिल हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने क्या कहा?
वाशिंगटन में, बाइडन ने कहा कि इजराइल और लेबनान ने अपने समुद्री विवाद को “औपचारिक रूप से खत्म” करने पर सहमति जताई है। बाइडन ने कहा कि उन्होंने दोनों देशों के नेताओं से बात की थी और उन्हें बताया गया कि वे आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं। बाइडन ने कहा कि समझौते के तहत ऊर्जा क्षेत्र का विकास किया जाएगा, जिससे दोनों देशों को लाभ होगा। साथ ही इससे क्षेत्र में और अधिक स्थिरता व समृद्धि लाने का मंच तैयार होगा।
पृष्ठभूमि
लेबनान और इजराइल भूमध्यसागर के 860 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर अपना-अपना दावा जताते हैं। दोनों देश समुद्र के भीतर प्राकृतिक गैस भंडार खोजने के अधिकार को लेकर आमने-सामने रहे हैं। लेबनान को उम्मीद है कि गैस की खोज देश को बढ़ते आर्थिक संकट से बाहर निकालने में मदद करेगी। इजराइल भी लेबनान के साथ तनाव को कम करते हुए गैस भंडारों का लाभ उठाने की उम्मीद कर रहा है। समझौते के तहत, विवादित जलक्षेत्र को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण “काना” प्राकृतिक गैस क्षेत्र के निकट एक रेखा के साथ विभाजित किया जाएगा।