भारतीय ओवरसीज बैंक (IOB) 10 फरवरी 2025 को अपना 89वां स्थापना दिवस मना रहा है, और इस अवसर पर बैंक ने स्थिरता (सस्टेनेबिलिटी) और उत्तरदायी बैंकिंग को अपनी प्राथमिकताओं में शामिल किया है। अपने पर्यावरणीय प्रतिबद्धताओं को और मजबूत करते हुए, IOB ने “पार्टनरशिप फॉर कार्बन अकाउंटिंग फाइनेंशियल्स” (PCAF) पर हस्ताक्षर किए हैं, जो कि जलवायु-अनुकूल वित्तीय नीतियों को अपनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके माध्यम से बैंक अपने ऋण और निवेश गतिविधियों से जुड़े ग्रीनहाउस गैस (GHG) उत्सर्जन को मापने और पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में काम करेगा।
PCAF क्या है और IOB इससे क्यों जुड़ रहा है?
पार्टनरशिप फॉर कार्बन अकाउंटिंग फाइनेंशियल्स (PCAF) एक वैश्विक मंच है, जिसमें वित्तीय संस्थान GHG उत्सर्जन के मानकीकृत मूल्यांकन पद्धतियों को अपनाते हैं। IOB द्वारा इस पहल में शामिल होना कार्बन लेखांकन (कार्बन अकाउंटिंग) में सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने और पर्यावरणीय प्रभावों को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
IOB का यह कदम भारत के COP26 शिखर सम्मेलन (ग्लासगो, 2021) में 2070 तक नेट-जीरो लक्ष्य की प्रतिबद्धता को समर्थन देने का हिस्सा है। इसके तहत बैंक:
- अपने ऋण और निवेश से जुड़े GHG उत्सर्जन की निगरानी और रिपोर्टिंग करेगा।
- वैश्विक कार्बन लेखांकन पद्धतियों को अपनाकर वित्तीय पारदर्शिता में सुधार करेगा।
- टिकाऊ वित्तपोषण (सस्टेनेबल फाइनेंस) को बढ़ावा देकर जलवायु लक्ष्यों को समर्थन देगा।
IOB का पर्यावरणीय योगदान: प्रमुख पहलें
IOB वर्षों से पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रयास कर रहा है। हाल ही में, 2 अक्टूबर 2024 को, बैंक ने स्वच्छ भारत दिवस पर चेन्नई के बेसेंट नगर बीच पर सफाई अभियान में भाग लिया। इस पहल में बैंक के एमडी एवं सीईओ अजय कुमार श्रीवास्तव, कार्यकारी निदेशक जॉयदीप दत्ता रॉय और धनराज टी. ने नेतृत्व किया।
अन्य हरित पहलों में:
- बैंक ने ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन को दो बैटरी चालित वाहन (BOV) दान किए, ताकि कचरा प्रबंधन में स्वच्छ और पर्यावरण-अनुकूल तरीकों को अपनाया जा सके।
- CSR (कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व) के तहत हरित वित्त और ऊर्जा कुशल परियोजनाओं को समर्थन दिया।
IOB के नेतृत्व का दृष्टिकोण: सतत बैंकिंग की दिशा में प्रतिबद्धता
89वें स्थापना दिवस के अवसर पर एमडी और सीईओ अजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि बैंक हमेशा से उत्तरदायी बैंकिंग और स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि PCAF में शामिल होना बैंक को वैश्विक स्थिरता मानकों के साथ संरेखित करेगा और ग्राहकों को कुशल सेवाएँ प्रदान करने में मदद करेगा।
- IOB पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ESG) सिद्धांतों को अपनाते हुए अपनी बैंकिंग सेवाओं को एक सतत वित्तीय ढांचे में बदलने का प्रयास कर रहा है।
- बैंक का लक्ष्य अर्थव्यवस्था और पर्यावरण दोनों पर सकारात्मक प्रभाव डालना है, जिससे यह दीर्घकालिक विकास रणनीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बन सके।
भारतीय ओवरसीज बैंक के इन प्रयासों से यह स्पष्ट होता है कि बैंक न केवल वित्तीय विकास में योगदान दे रहा है, बल्कि एक हरित और स्थायी भविष्य की दिशा में भी अग्रसर है।
परीक्षा तैयारी के लिए प्रमुख बिंदु | विवरण |
समाचार में क्यों? | भारतीय ओवरसीज बैंक (IOB) 10 फरवरी 2025 को अपना 89वां स्थापना दिवस मना रहा है और ग्रीनहाउस गैस (GHG) उत्सर्जन को मापने एवं रिपोर्ट करने के लिए “पार्टनरशिप फॉर कार्बन अकाउंटिंग फाइनेंशियल्स” (PCAF) से जुड़ा है। |
IOB की स्थापना | 1937 में एम. सीटी. एम. चिदंबरम चेट्टियार द्वारा की गई। |
IOB मुख्यालय | चेन्नई, तमिलनाडु |
IOB एमडी और सीईओ | अजय कुमार श्रीवास्तव |
PCAF (पार्टनरशिप फॉर कार्बन अकाउंटिंग फाइनेंशियल्स) | वित्तीय संस्थानों के लिए GHG उत्सर्जन की रिपोर्टिंग को मानकीकृत करने की एक वैश्विक पहल। |
भारत का नेट-जीरो लक्ष्य | 2070 तक, जैसा कि COP26 शिखर सम्मेलन में घोषित किया गया था। |
हालिया IOB CSR पहल | 2 अक्टूबर 2024 को स्वच्छ भारत दिवस पर बेसेंट नगर बीच, चेन्नई में सफाई अभियान में भाग लिया और कचरा संग्रहण के लिए दो बैटरी चालित वाहन (BOVs) दान किए। |
ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन | IOB द्वारा पर्यावरण-अनुकूल कचरा प्रबंधन सहायता प्राप्त करने वाली संस्था। |
पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ESG) | IOB ने अपनी बैंकिंग सेवाओं में ESG सिद्धांतों को अपनाकर स्थिरता को बढ़ावा दिया है। |