हर वर्ष 12 दिसंबर को दुनिया अंतरराष्ट्रीय सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज दिवस (UHC Day) मनाती है — यह याद दिलाने के लिए कि गुणवत्तापूर्ण और किफायती स्वास्थ्य सेवा किसी विशेषाधिकार नहीं, बल्कि हर व्यक्ति का अधिकार है। यह दिवस वैश्विक नेताओं, सरकारों और समुदायों से ऐसे स्वास्थ्य तंत्र बनाने की अपील करता है जो हर जगह, सभी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
UHC Day 2025 का थीम — “Unaffordable health costs? We’re sick of it!” — बढ़ते स्वास्थ्य खर्चों के कारण दुनिया भर में परिवारों पर बढ़ते बोझ को उजागर करता है। यह थीम rising healthcare costs से प्रभावित मानव कहानियों पर ध्यान केंद्रित करती है और सरकारों से मजबूत, न्यायसंगत और अधिक किफायती स्वास्थ्य प्रणालियों में निवेश बढ़ाने का आग्रह करती है।
UHC Day का इतिहास
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12 दिसंबर 2012 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने एक ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें सभी देशों से सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज की दिशा में तेजी से कदम उठाने को कहा गया।
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12 दिसंबर 2017 को UN ने आधिकारिक रूप से इस दिन को अंतरराष्ट्रीय सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज दिवस घोषित किया (UNGA Resolution 72/138)।
तब से UHC Day एक वैश्विक मंच बन गया है, जिसके माध्यम से:
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स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच पर जागरूकता बढ़ाई जाती है
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राजनीतिक प्रतिबद्धता को प्रोत्साहित किया जाता है
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सस्ती स्वास्थ्य सेवाओं में निवेश बढ़ाने की मांग की जाती है
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उन लोगों की कहानियाँ उजागर की जाती हैं जिन्हें अब भी मूल स्वास्थ्य सेवाएँ नहीं मिलतीं
यह दिन क्यों महत्वपूर्ण है?
आज भी दुनिया में लाखों लोग गंभीर स्वास्थ्य असमानताओं का सामना कर रहे हैं:
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दुनिया की आधी से अधिक आबादी को आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएँ नहीं मिलतीं
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हर चार में से एक व्यक्ति को इलाज के लिए आर्थिक कठिनाई झेलनी पड़ती है
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कई लोग दवाइयों और बुनियादी आवश्यकताओं (खाना, शिक्षा, आवास) में से किसी एक को चुनने को मजबूर हैं
इस दिन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि दुनिया भर के नेता और सरकारें मजबूत, लचीली और समावेशी स्वास्थ्य प्रणालियाँ विकसित करें।
2025 की थीम का महत्व
बढ़ती स्वास्थ्य लागत लोगों को:
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आर्थिक रूप से कमजोर बनाती है
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बीमारी बढ़ाती है, क्योंकि कई लोग इलाज टाल देते हैं
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सामाजिक असमानता को बढ़ाती है
यह थीम सरकारों से स्वास्थ्य वित्तीय सुरक्षा (Financial Protection) को प्राथमिकता देने की मांग करती है।
यह वैश्विक अभियान अक्टूबर 2024 से शुरू हुआ और 12 दिसंबर 2025 को अपने चरम पर पहुँचेगा।
COVID-19 के सबक: क्यों जरूरी है UHC?
कोविड-19 महामारी ने स्पष्ट कर दिया कि स्वास्थ्य सुरक्षा और UHC एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। मजबूत स्वास्थ्य प्रणालियाँ:
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संकटों का पता लगाने और तेजी से प्रतिक्रिया देने में सक्षम होती हैं
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आपातकाल के दौरान भी आवश्यक सेवाएँ प्रदान कर सकती हैं
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कमजोर समूहों को गंभीर प्रभावों से बचाती हैं
एक स्वास्थ्य प्रणाली तभी प्रभावी है जब कोई भी व्यक्ति पीछे न छूटे — चाहे उसकी आय, लिंग, आयु या स्थान कोई भी हो।
UHC विशेष रूप से महिलाओं, बच्चों, किशोरों और हाशिये पर रहने वाले समूहों पर केंद्रित होती है।
UHC के तीन प्रमुख आयाम (SDG लक्ष्य 3.8)
1. जनसंख्या कवरेज (Population Coverage)
कौन स्वास्थ्य सेवाएँ प्राप्त कर रहा है?
यह समानता और सबसे कमजोर लोगों तक पहुंच पर केंद्रित है।
2. सेवा कवरेज (Service Coverage)
कौन-सी सेवाएँ उपलब्ध हैं?
UHC में शामिल हैं:
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स्वास्थ्य संवर्धन
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रोकथाम
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उपचार
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पुनर्वास
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उपशामक देखभाल
3. वित्तीय सुरक्षा (Financial Protection)
क्या लोग चिकित्सा खर्चों से आर्थिक संकट में तो नहीं आ रहे?
स्वास्थ्य सेवाओं के कारण किसी परिवार को गरीबी में नहीं धकेला जाना चाहिए।
सरकारें और लोग UHC को कैसे मजबूत कर सकते हैं?
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राष्ट्रीय बजट में स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना
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प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं और स्वास्थ्य कर्मियों में निवेश
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आउट-ऑफ-पॉकेट खर्च कम करना
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बीमा कवरेज और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ाना
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आपदा व स्वास्थ्य आपातकालीन तैयारी को मजबूत करना
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जागरूकता अभियान और सामुदायिक भागीदारी बढ़ाना
इन प्रयासों से दुनिया 2030 तक UHC हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ सकती है।


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