गीता जयंती समारोह की सफलता के बाद, अंतरराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव 2025 को हरियाणा में भव्य स्तर पर मनाने की तैयारी है। हरियाणा सरस्वती विरासत विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धूमन सिंह किरमच ने प्रेस वार्ता में घोषणा की कि यह महोत्सव 29 जनवरी से 4 फरवरी 2025 तक पिहोवा सरस्वती तीर्थ स्थल में आयोजित किया जाएगा। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी इस महोत्सव का उद्घाटन आदिबद्री से करेंगे।
यह आयोजन हरियाणा की समृद्ध संस्कृति, शिल्पकला और पारंपरिक विरासत का अनूठा संगम होगा, जिसमें राज्य और राष्ट्रीय स्तर के अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। यह महोत्सव पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्थानीय कारीगरों और शिल्पकारों को वैश्विक मंच प्रदान करेगा।
महोत्सव 2025 की प्रमुख विशेषताएँ
- भव्य आयोजन और अवधि
- यह महोत्सव 7 दिनों तक चलेगा (29 जनवरी – 4 फरवरी 2025)।
- गीता जयंती की तर्ज पर इसे बड़े पैमाने पर मनाने की योजना है।
- मुख्य स्थल पिहोवा सरस्वती तीर्थ स्थल होगा, लेकिन कार्यक्रम आदिबद्री से पिहोवा तक आयोजित किए जाएंगे।
- उद्घाटन एवं नेतृत्व
- हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी आदिबद्री से महोत्सव का उद्घाटन करेंगे।
- आयोजन हरियाणा सरस्वती विरासत विकास बोर्ड के मार्गदर्शन में किया जा रहा है।
- सांस्कृतिक एवं पारंपरिक प्रस्तुतियाँ
- हरियाणा की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, परंपराओं और कलाओं को प्रदर्शित किया जाएगा।
- 100 से अधिक शिल्पकार अपनी पारंपरिक कला एवं शिल्पकला का प्रदर्शन करेंगे।
- 25 स्टॉल हरियाणा की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाने के लिए लगाए जाएंगे।
- सरकारी एवं जन भागीदारी
- केंद्र और राज्य सरकार के 15 से अधिक विभागों के स्टॉल लगाए जाएंगे।
- हरियाणा के पारंपरिक व्यंजनों को प्रदर्शित करने के लिए 10 फूड कोर्ट स्टॉल लगाए जाएंगे।
- पर्यटन एवं आर्थिक विकास
- हरियाणा की सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देने और पर्यटन को प्रोत्साहित करने का लक्ष्य।
- स्थानीय कलाकारों और शिल्पकारों को वैश्विक मंच प्रदान किया जाएगा।
- यह महोत्सव हरियाणा की सांस्कृतिक पहचान को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत करेगा।
क्यों चर्चा में? | हरियाणा में अंतरराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव का आयोजन |
आयोजन का नाम | अंतरराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव 2025 |
स्थान | पिहोवा सरस्वती तीर्थ स्थल, हरियाणा |
अवधि | 29 जनवरी – 4 फरवरी 2025 |
उद्घाटन | मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (आदिबद्री से) |
मुख्य आकर्षण | सांस्कृतिक कार्यक्रम, कला एवं शिल्प प्रदर्शनी, विरासत स्टॉल |
कारीगरों की भागीदारी | 100+ शिल्पकार पारंपरिक हस्तकला प्रदर्शित करेंगे |
सरकारी स्टॉल | केंद्र और राज्य सरकार के 15+ स्टॉल |
खाद्य स्टॉल | 10 समर्पित फूड कोर्ट स्टॉल |
कुल स्टॉल | 25 स्टॉल हरियाणा की सांस्कृतिक विरासत प्रदर्शित करेंगे |
उद्देश्य | हरियाणा की विरासत को बढ़ावा देना, पर्यटन को प्रोत्साहित करना, स्थानीय कलाकारों का समर्थन करना |