हर साल 26 अगस्त का दिन दुनियाभर में इंटरनेशनल डॉग डे के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मकसद पशु-मानव बंधन को मज़बूत करना है और पशु संरक्षा के महत्व को गुणवत्तापूर्ण रूप से जागृत करना है।
इस दिवस का उद्देश्य
हर साल 26 अगस्त को मनाया जाने वाले इस दिन का उद्देश्य वफादार चार पैर वाले दोस्तों की दुर्दशा की ओर ध्यान आकर्षित करना और उन्हें गोद लेने के लिए प्रोत्साहित करना है।
क्यों मनाया जाता है यह दिवस?
जैसा की हम जानते है जिस किसी भी दिन को हम विशेष रूप से मनाते है, तो इसका खास उद्देश्य और महत्व होता है। इस दिन को मनाने की भी एक खास वजह है। दरसल रेस्क्यू सेंटर में कुत्तों की संख्या के प्रति जागरूक करना और लोगों को इन्हे गोद लेने के प्रोत्साहित करना इस उद्देश्य के साथ अंतरराष्ट्रीय कुत्ता दिवस हर साल मनाया जाता है। कुत्तों का महत्व समझाने के लिए इस दिन को मनाया जाता है।
कुत्तों से जुड़ी कुछ रोचक बातें
- कुत्तों में सूंघने की क्षमता मनुष्यों से 40 गुना ज्यादा होती है। यही वजह है कि कुत्तों का इस्तेमाल ड्रग्स की पहचान, मर्डर केस की जांच आदि में किया जाता है।
- कुत्तों के कानों को नियंत्रित करने वाली 18 मांसपेशियां होती हैं कुत्ते की उम्र 10 से 15 साल होती है लेकिन उसका दिमाग 2 साल के बच्चे जितना होता है।
- कुत्तों के रेटिना के पीछे एक विशेष प्रकार का परावर्तक परत होती है, जिसकी वजह से कुत्ते मनुष्य की तुलना में कम रोशनी में भी अधिक स्पष्ट देख पाते हैं।
- आमतौर पर, छोटी नस्ल के कुत्ते बड़ी नस्ल के कुत्तों की तुलना में अधिक समय तक जीवित रहते हैं।
इंटरनेशनल डॉग डे का इतिहास
इस दिन को पहली बार साल 2004 में मनाया गया था। इसकी शुरुआत पेट लाइफस्टाइल एक्सपर्ट, एनिमल रेस्क्यूर एडवोकेट, डॉग ट्रेनर और लेखक कोलीन पेगे ने की थी। उनकी फैमिली ने 26 अगस्त को ही एक कुत्ते को गोद लिया था, जिसका नाम “शेल्टी” था। इस दिन के जरिए वे कुत्ते को गोद लेने, उनके साथ अच्छा व्यवहार करने और उनके संरक्षण को प्रोत्साहित करना चाहते थे।