अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस (IDPD) हर वर्ष 3 दिसंबर को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य दिव्यांग व्यक्तियों के सम्मान, अधिकारों, जागरूकता और समान अवसरों को बढ़ावा देना है। वर्ष 2025 की थीम — “सामाजिक प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए दिव्यांग-सम्मिलित समाजों का निर्माण” — इस मूलभूत संदेश को रेखांकित करती है कि दिव्यांगजन की समावेशिता के बिना कोई भी समाज वास्तविक विकास हासिल नहीं कर सकता। यह थीम वैश्विक नेताओं द्वारा किए गए उन नवीनीकृत संकल्पों पर आधारित है, जिनका उद्देश्य एक न्यायपूर्ण, समान और टिकाऊ विश्व का निर्माण करना है, जहाँ हर व्यक्ति—दिव्यांग जन सहित—सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक जीवन में पूर्ण भागीदारी कर सके।
दिव्यांगजन का समावेशन क्यों महत्वपूर्ण है?
गरीबी के उच्च स्तर
दिव्यांगजन सीमित रोजगार अवसरों, सामाजिक बहिष्कार और अतिरिक्त देखभाल लागतों के कारण अधिक गरीबी का सामना करते हैं।
रोजगार में भेदभाव
दिव्यांगजन अक्सर कार्यस्थलों पर भेदभाव झेलते हैं:
-
कम वेतन
-
असंगठित क्षेत्र में अधिक उपस्थिति
-
कौशल विकास के सीमित अवसर
सामाजिक सुरक्षा कवरेज की कमी
हालाँकि कल्याण योजनाएँ मौजूद हैं, लेकिन कवरेज असमान है।
विशेषकर असंगठित क्षेत्र के लोग इसमें शामिल नहीं हो पाते और कई योजनाएँ दिव्यांगता-संबंधी अतिरिक्त खर्चों को ध्यान में नहीं रखतीं।
गरिमापूर्ण देखभाल का अभाव
अनेक देखभाल प्रणालियाँ दिव्यांगजन को पूर्ण स्वायत्तता, सम्मान और अधिकार नहीं देतीं, जिससे उनकी गरिमा प्रभावित होती है।
सामाजिक विकास के मुख्य स्तंभ
संयुक्त राष्ट्र (UN) सामाजिक विकास के तीन आपस में जुड़े स्तंभों को रेखांकित करता है:
-
गरीबी उन्मूलन
-
सम्मानजनक कार्य और पूर्ण रोजगार
-
सामाजिक एकीकरण
ये लक्ष्य एक-दूसरे को मजबूत करते हैं। दिव्यांगजन का समावेशन इनके बिना संभव नहीं है—और इनके बिना समाज प्रगति की गति खो देता है।
UN Disability Inclusion Strategy (UNDIS): बदलाव की रूपरेखा
साल 2019 में संयुक्त राष्ट्र ने UN Disability Inclusion Strategy (UNDIS) की शुरुआत की, ताकि दुनिया भर में दिव्यांग अधिकारों को बढ़ावा दिया जा सके।
यह रणनीति सुनिश्चित करती है कि:
-
दिव्यांगजन के मानवाधिकार अविभाज्य और अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाएँ
-
हर UN कार्यक्रम, नीति और मिशन दिव्यांग-समावेशी हो
2025 की छठी प्रणालीगत रिपोर्ट ने 2019 से 2024 के बीच की प्रगति की समीक्षा की और भविष्य के लिए सुधार क्षेत्रों को चिन्हित किया।
महासचिव की प्रमुख सिफारिशें:
-
जवाबदेही के उच्च मानक
-
निर्णय-प्रक्रिया में दिव्यांगजन की अधिक भागीदारी
-
वैश्विक कार्यों में दिव्यांग चिंताओं की बेहतर दृश्यता
2025 की थीम: सामाजिक प्रगति के लिए समावेशी समाज
थीम का संदेश है: समावेशन कोई दया नहीं — यह विकास है।
जब समाज दिव्यांगजन को शामिल करता है:
-
श्रम बाजार मजबूत होता है
-
गरीबी कम होती है
-
सामाजिक सौहार्द बढ़ता है
-
सरकारों की विश्वसनीयता बढ़ती है
दिव्यांग समावेशन सभी के लिए लाभकारी है।
स्मरणोत्सव कार्यक्रम — 3 दिसंबर 2025
यह कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय, न्यूयॉर्क से वर्चुअली आयोजित होगा (10:00–11:30 a.m. EST)।
उद्घाटन सत्र (10:00–10:30 a.m.)
चर्चा के बिंदु:
-
कैसे दिव्यांग समावेशन सामाजिक प्रगति को गति देता है
-
दोहा राजनीतिक घोषणा की भूमिका और इसका व्यावहारिक उपयोग
पैनल चर्चा (10:30–11:30 a.m.)
प्रतिभागी चर्चा करेंगे:
-
सफल मॉडल और श्रेष्ठ व्यवहार
-
दोहा घोषणा का उपयोग कर समावेशन को बढ़ाना
-
भविष्य की चुनौतियाँ और नए अवसर
भविष्य की राह
समावेशी समाज के लिए आवश्यक है:
-
सुलभ शिक्षा
-
समावेशी श्रम बाजार
-
प्रभावी सामाजिक सुरक्षा
-
सम्मानजनक देखभाल प्रणालियाँ
-
“दिव्यांगजन के साथ मिलकर”—नीतियाँ बनाना, न कि केवल उनके लिए
2025 का IDPD दुनिया को याद दिलाता है कि दिव्यांगजन विकास के बराबर भागीदार, नेता, योगदानकर्ता और परिवर्तनकारी हैं।


अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस 2025: भारत में च...
भारतीय नौसेना दिवस 2025: समुद्री ताकत और...
अंतर्राष्ट्रीय बैंक दिवस 2025: इतिहास और...

