अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस (International Day Of Older Persons) प्रत्येक वर्ष 01 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस अवसर पर अपने वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान करने एवं उनके सम्बन्ध में चिंतन करना आवश्यक होता है। विश्व में वृद्धों व प्रौढ़ों के साथ होने वाले अन्याय, उपेक्षा और दुर्व्यवहार पर लगाम लगाने के उद्देश्य से इस दिन को चिंहित किया गया है। बचपन से ही हमें घर में शिक्षा दी जाती है कि हमें अपने से बड़ों का सम्मान करना चाहिए। वरिष्ठजन हमारे घर की नींव होते हैं। बुजुर्गों का आशीर्वाद बहुत भाग्य वालों को मिलता है, इसलिए सभी को अपने से बड़ों और वरिष्ठजनों का सम्मान करना चाहिए।
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अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस का महत्व
दुनियाभर में रह रहे वृद्धों और उम्रदराज लोगों के साथ होने वाले भेदभाव, अपमानजनक व्यवहार, उपेक्षा और अन्याय पर रोक लगाने के उद्देश्य से इस दिवस को मनाया जाता है। इस दिन खासतौर पर कई स्वयंसेवा संस्था विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए देशभर में वृद्धजनों के साथ हो रहे अन्याय को सबके सामने रखकर लोगों में उनके प्रति सम्मान को जगाने के जागरुकता अभियान भी चलाती हैं।
अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस की थीम
इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस की थीम ‘बदलती दुनिया में वृद्धजनों का अनुरूपण’ है। इस विषय को बाधाओं पर काबू पाने और उनके समाधान में सकारात्मक योगदान देने में बुज़र्गों की महत्वपूर्ण भूमिका की याद दिलाने के घोतक के रूप में देखा जा सकता है।
अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस का इतिहास
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 14 अक्टूबर 1990 में वृद्धजनों के लिए अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस घोषित किए जाने की बात रखी थी, जिसके बाद से 1 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। इससे पहले दो महत्वपूर्ण घटनाक्रम – वियना अंतर्राष्ट्रीय कार्य योजना और एजिंग पर विश्व सभा थे। इस वृद्ध दिवस के दिन न केवल बुजुर्गों के प्रति उदार होने का संकल्प लेना चाहिए, बल्कि बुजुर्गों की देखभाल की जिम्मेदारी भी समझनी चाहिए। पहली बार 01 अक्टूबर, 1991 को ‘अंतरराष्ट्रीय बुजुर्ग दिवस’ मनाया गया, जिसके बाद से इसे हर साल इसी दिन मनाया जाता है।