वैश्विक शांति और सतत विकास लाने में शिक्षा की भूमिका का जश्न मनाने के लिए हर साल 24 जनवरी को अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (International Day of Education) मनाया जाता है। किसी भी देश के विकास का स्तर उस देश के शैक्षिक एवं बौद्धिक स्तर से मापा जा सकता है। विश्व शिक्षा दिवस की महत्ता को देखते हुए इस दिन को विभिन्न देशों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। इस अवसर पर तरह-तरह के वैश्विक ग्लोबल इवेंट्स आयोजित किये जाते हैं।
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क्या है उद्देश्य?
आज के दिन को अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनिया में शिक्षा के महत्व के प्रति जागरूकता लाना है। मनुष्य के जीवन में शांति और विकास सबसे जरूरी चीजें हैं और इसे हासिल करने का एकमात्र तरीका शिक्षा ही हो सकती है। हर व्यक्ति और बच्चों तक मुफ्त और बुनियादी शिक्षा की पहुंच जल्द से जल्द हो, इस दिन को मनाने का यही उद्देश्य है।
अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस का महत्व
दुनियाभर में शिक्षा को घर-घर तक पहुंचाने का लक्ष्य अब भी दूर दिखाई पड़ता है। करोड़ों बच्चों तक अब भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंच नहीं पाई है। ऑनलाइन माध्यम ने इस क्षेत्र में कुछ हद तक मदद तो की है, लेकिन अब भी कई ऐसे स्थान हैं जहां इंटरनेट की पहुंच नहीं हो पाई है। विभिन्न आंकड़ों के अनुसार अब भी दुनियाभर के करोड़ों बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं। करोड़ों बच्चे ऐसे हैं जो स्कूल तो पहुंचते हैं, लेकिन वहां गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बेहद कमी है। वहीं, बड़ी संख्या में बच्चो की शिक्षा आधे में ही छूट जाती है। इन सभी समस्याओं से निपटने के लिए समाधान के हल को खोजना ही अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस के आयोजन का मुख्य मकसद है।
International Day of Education:इतिहास
3 दिसंबर, 2018 को, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने शांति और विकास के लिए शिक्षा की भूमिका को बढ़ावा देने के लिए 24 जनवरी के दिन को हर वर्ष अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया। नाइजीरिया और 58 अन्य सदस्य राष्ट्रों द्वारा ‘इंटरनेशनल डे ऑफ एजुकेशन’ को अपनाया गया। इसके बाद से, हर बच्चे की मुफ्त और बुनियादी शिक्षा तक पहुंच हो, इस उद्देश्य के साथ यह दिन हर वर्ष मनाया जाने लगा।