भारत की थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित मुद्रास्फीति अगस्त 2025 में सकारात्मक हो गई और वर्ष-दर-वर्ष आधार पर 0.52% तक पहुँच गई। यह पिछले वर्ष के इसी महीने (अगस्त 2024) में दर्ज -0.58% से एक उल्लेखनीय सुधार है। वाणिज्य मंत्रालय के आँकड़ों के अनुसार, इस वृद्धि का मुख्य कारण खाद्य उत्पादों, खनिज तेलों, कच्चे पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस और विनिर्मित धातुओं की कीमतों में बढ़ोतरी है।
डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति की प्रवृत्ति
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वर्तमान दर (अगस्त 2025): 0.52%
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पिछला वर्ष (अगस्त 2024): -0.58%
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बाज़ार अनुमान: रॉयटर्स सर्वेक्षण में 0.30% का अनुमान था।
यह सकारात्मक दर कई महीनों की सुस्त या नकारात्मक मुद्रास्फीति के बाद थोक कीमतों में ऊपर की ओर गति का संकेत देती है।
वृद्धि में योगदान देने वाले कारक
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खाद्य उत्पाद: खाद्य मुद्रास्फीति जुलाई के -2.15% से बढ़कर अगस्त में 0.21% हो गई।
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खनिज तेल एवं कच्चा पेट्रोलियम: कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस में थोक मुद्रास्फीति -9.87% रही, जबकि पिछले वर्ष अगस्त 2024 में यह 1.77% थी।
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विनिर्मित उत्पाद: कीमतें 2.55% बढ़ीं, जबकि पिछले महीने (जुलाई) में इनमें 2.05% की गिरावट आई थी।
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अन्य श्रेणियाँ: गैर-खाद्य लेख, गैर-धात्विक खनिज उत्पाद और परिवहन उपकरणों ने भी सकारात्मक योगदान दिया।
प्रमुख क्षेत्रों का प्रदर्शन
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प्राथमिक लेख (Primary Articles): मुद्रास्फीति जुलाई के -4.95% से सुधरकर अगस्त में -2.10% रही।
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ईंधन और ऊर्जा (Fuel & Power): अगस्त में कीमतें -3.17% गिरीं, जबकि जुलाई में -2.43% की गिरावट दर्ज हुई थी।
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खुदरा मुद्रास्फीति (Retail Inflation): जुलाई के 1.55% से बढ़कर अगस्त में 2.07% रही।


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