भारत के रोज़गार बाज़ार ने अगस्त 2025 में उत्साहजनक संकेत दिखाए हैं। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) द्वारा जारी आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) के अनुसार देश की कुल बेरोज़गारी दर घटकर 5.1% पर आ गई है। यह लगातार दूसरा महीना है जब बेरोज़गारी दर में गिरावट दर्ज की गई है — जून में यह 5.6% और जुलाई में 5.2% थी। यह रुझान शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में रोज़गार की मज़बूती को दर्शाता है।
PLFS के प्रमुख निष्कर्ष
-
कुल बेरोज़गारी दर (15+ आयु वर्ग): अगस्त में 5.1% (पिछले तीन महीनों में सबसे कम)।
-
पुरुष बेरोज़गारी: पाँच महीने के निचले स्तर पर 5.0%।
-
शहरी पुरुष बेरोज़गारी: जुलाई 6.6% → अगस्त 5.9%
-
ग्रामीण पुरुष बेरोज़गारी: 4.5% (पाँच महीने का न्यूनतम स्तर)
-
-
ग्रामीण सुधार: मई के 5.1% से गिरकर अगस्त में 4.3% पर पहुँची।
महिला कार्यबल भागीदारी में वृद्धि
-
वर्कर पॉपुलेशन रेशियो (WPR – महिला):
-
जून 30.2% → अगस्त 32.0%
-
ग्रामीण महिला WPR: 33.6% → 35.9%
-
शहरी महिला WPR: 22.9% → 23.8%
-
-
श्रम बल भागीदारी दर (LFPR – महिला):
-
जून 32% → अगस्त 33.7%
-
ग्रामीण महिला LFPR: 35.2% → 37.4%
-
शहरी महिला LFPR: 25.2% → 26.1%
-
समग्र संकेतक
-
कुल WPR (सभी लिंग): जून 51.2% से बढ़कर अगस्त में 52.2%।
-
कुल LFPR: जून 54.2% से बढ़कर अगस्त में 55%।
सर्वेक्षण का दायरा
PLFS का यह अनुमान एक बड़े नमूने पर आधारित है, जिसमें 5,92,734 व्यक्ति शामिल थे:
-
ग्रामीण क्षेत्र: 3,76,839
-
शहरी क्षेत्र: 2,15,895
यह व्यापक कवरेज अगस्त 2025 के अनुमानों को अधिक भरोसेमंद बनाता है।
बेरोज़गारी में गिरावट का महत्व
-
सुधार के संकेत: लगातार दो महीने बेरोज़गारी में कमी शहरी और ग्रामीण मज़दूर बाज़ार की स्थिरता का संकेत है।
-
ग्रामीण बढ़त: कृषि और ग्रामीण रोज़गार अवसरों में सुधार से बेरोज़गारी दर घटी।
-
महिला भागीदारी: महिलाओं की श्रम शक्ति में बढ़ती भागीदारी से रोज़गार में लैंगिक समावेशन मजबूत हुआ है, जो दीर्घकालिक आर्थिक वृद्धि का महत्वपूर्ण कारक है।


भारत नेशनल अकाउंट्स बेस ईयर को 2022-23 म...
भारत का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक अक्टूबर...
वैश्विक मंच पर भारतीय कॉफी का उदय...

