भारत में बाघों की संख्या बढ़कर 3,682 हुई

भारत में वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार, देश में बाघों की संख्या 3,682 तक पहुंच गई है। यह आंकड़ा 2006 में दर्ज की गई 1,411 बाघों की संख्या से लगभग दोगुना है। इस अभूतपूर्व बढ़ोतरी ने भारत को एक बार फिर वैश्विक स्तर पर बाघ संरक्षण के क्षेत्र में अग्रणी बना दिया है।

यह “प्रोजेक्ट टाइगर” और संरक्षण प्रयासों की बड़ी सफलता है। तकनीक, स्थानीय भागीदारी और सख्त निगरानी ने इसे संभव बनाया। भारत, वैश्विक स्तर पर वन्यजीव संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

भारत में बाघों की संख्या से जुड़े मुख्य बिंदु

  • बाघों की संख्या: भारत में बाघों की संख्या 3,682 पहुंची, 2006 में 1,411 थी।
  • प्रोजेक्ट टाइगर: 1973 में शुरू किया गया कार्यक्रम बाघ संरक्षण में सफल रहा।
  • संरक्षित क्षेत्र: देश में 56 बाघ अभयारण्य स्थापित किए गए।
  • तकनीकी उपयोग: कैमरा ट्रैपिंग और जीपीएस से निगरानी।
  • स्थानीय योगदान: समुदायों की भागीदारी से अवैध शिकार में कमी।
  • चुनौतियां: अवैध शिकार और मानव-पशु संघर्ष।
  • वैश्विक महत्व: भारत में विश्व के 75% बाघ निवास करते हैं।
  • भविष्य की योजनाएं: निवास स्थान विस्तार, पर्यावरण शिक्षा, और संघर्ष कम करना।

प्रोजेक्ट टाइगर: संरक्षण का आधार

1973 में शुरू हुए “प्रोजेक्ट टाइगर” ने भारत में बाघ संरक्षण के लिए एक मज़बूत नींव तैयार की। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बाघों और उनके प्राकृतिक निवास स्थानों को संरक्षित करना था। शुरुआती दशकों में, बाघों की संख्या में लगातार गिरावट देखी गई, जो मुख्य रूप से अवैध शिकार, वन कटाई और मानव-पशु संघर्ष के कारण थी। लेकिन, पिछले कुछ वर्षों में सरकार और पर्यावरण संरक्षण संगठनों के ठोस प्रयासों से हालात बदलने लगे।

“प्रोजेक्ट टाइगर” के तहत देशभर में 54 बाघ अभयारण्यों की स्थापना की गई है। इन अभयारण्यों में बाघों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया गया है, जिससे उनकी संख्या बढ़ाने में मदद मिली है। इसके अलावा, सरकार ने बाघों की निगरानी के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का भी इस्तेमाल किया है।

स्थानीय समुदाय और संरक्षण तकनीक

बाघों की संख्या बढ़ाने में स्थानीय समुदायों का योगदान भी बेहद अहम रहा है। सरकार ने वन क्षेत्रों के आसपास रहने वाले लोगों को संरक्षण कार्यक्रमों में शामिल किया। इनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने और उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करने से अवैध शिकार पर रोक लगाई जा सकी।

इसके अलावा, आधुनिक तकनीकों जैसे कैमरा ट्रैपिंग और जीपीएस मॉनिटरिंग ने भी बाघों की निगरानी को आसान और प्रभावी बनाया। इन तकनीकों के ज़रिए बाघों की गतिविधियों और उनकी जनसंख्या पर नज़र रखी जा रही है।

चुनौतियों का सामना और समाधान

हालांकि, यह उपलब्धि महत्वपूर्ण है, लेकिन इसके साथ चुनौतियां भी जुड़ी हुई हैं। अवैध शिकार अभी भी एक बड़ी समस्या है, खासकर अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में बाघ की खाल और अन्य अंगों की भारी मांग के कारण। इसके अलावा, मानव-पशु संघर्ष बढ़ते शहरीकरण और औद्योगिकीकरण के कारण भी चिंता का विषय बना हुआ है।

इन चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार ने कठोर कदम उठाए हैं। वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (WCCB) और अन्य एजेंसियां अवैध शिकार और वन्यजीव तस्करी पर रोक लगाने में सक्रिय हैं। वहीं, बाघों के निवास स्थानों को संरक्षित करने और विस्तार देने के लिए विशेष योजनाएं लागू की जा रही हैं।

वैश्विक स्तर पर भारत की भूमिका

बाघों की इस बढ़ती संख्या ने भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वन्यजीव संरक्षण के लिए एक आदर्श उदाहरण बना दिया है। दुनियाभर में बाघों की कुल जनसंख्या का 75% भारत में है। यह देश की जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र की स्थिरता का प्रतीक है।

प्रधानमंत्री और पर्यावरण मंत्री ने इस उपलब्धि पर देशवासियों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि न केवल भारत की पारिस्थितिकी को संरक्षित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, बल्कि यह भी प्रमाणित करती है कि जब सरकार, समाज और वैज्ञानिक समुदाय एकजुट होकर काम करते हैं, तो बड़े से बड़े लक्ष्यों को हासिल किया जा सकता है।

आगे की राह

भविष्य में बाघ संरक्षण को और मजबूत बनाने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। बाघों के नए निवास स्थान विकसित करना, मानव-पशु संघर्ष को कम करना और पर्यावरण शिक्षा को बढ़ावा देना प्राथमिकता होगी। इसके साथ ही, देश में पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित रखने और अन्य लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण पर भी ध्यान दिया जाएगा।

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

भारतीय नौसेना दिवस 2024: भारत के समुद्री संरक्षकों का सम्मान

भारतीय नौसेना दिवस, जो हर साल 4 दिसंबर को मनाया जाता है, देश की समुद्री…

8 hours ago

चीन ने अंटार्कटिका में पहला वायुमंडलीय निगरानी केंद्र खोला

चीन ने अंटार्कटिका में अपने पहले वायुमंडलीय निगरानी स्टेशन का उद्घाटन किया है, जो महाद्वीप…

8 hours ago

मारिया विक्टोरिया जुआन ने एस्टर गार्डियंस ग्लोबल नर्सिंग अवार्ड 2024 जीता

नर्स मारिया विक्टोरिया जुआन को एस्टर गार्डियंस ग्लोबल नर्सिंग अवार्ड 2024 से सम्मानित किया गया…

9 hours ago

नैनो बबल प्रौद्योगिकी के जरिए पानी होगा साफ, जानें सबकुछ

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने मंगलवार को दिल्ली…

11 hours ago

महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र: महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना

31 अक्टूबर 2024 तक, महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र (MSSC) योजना ने 43 लाख से अधिक…

12 hours ago

आईआईटी रोपड़ के AWADH ने किसान-केंद्रित नवाचारों के साथ अपना चौथा स्थापना दिवस मनाया

आईआईटी रोपड़ के टेक्नोलॉजी और इनोवेशन फाउंडेशन (iHub – AWaDH) ने अपने चौथे स्थापना दिवस…

13 hours ago