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सोयाबीन तेल की भारत में भरमार, Palm Oil का आयात 5 साल के निचले स्तर पर

भारत, जो दुनिया का सबसे बड़ा वनस्पति तेल आयातक है, 2024–25 विपणन वर्ष में सोयाबीन तेल (सोयाऑयल) के आयात में रिकॉर्ड बढ़ोतरी देखने जा रहा है। पाम ऑयल की तुलना में प्रतिस्पर्धी कीमतों के कारण यह बदलाव होगा। डीलरों के अनुमान के अनुसार, इससे पाम ऑयल आयात पिछले पांच वर्षों के निचले स्तर पर पहुंच जाएगा और वैश्विक वनस्पति तेल बाजार पर असर पड़ेगा।

सोयाबीन तेल (सोयाऑयल) आयात – रिकॉर्ड स्तर

  • 2024–25 अनुमान: 55 लाख मीट्रिक टन

  • 2023–24 वास्तविक: 34.4 लाख टन

  • साल-दर-साल वृद्धि: +60%

  • कारण: पाम ऑयल की तुलना में कम कीमत, जिससे रिफाइनरों के लिए अधिक आकर्षक विकल्प।

  • अतिरिक्त स्रोत: नेपाल से आयात, कर लाभ (Tax Benefits) का फायदा।

पाम ऑयल आयात – पांच साल का निचला स्तर

  • 2024–25 अनुमान: 78 लाख टन

  • 2023–24 से बदलाव: –13.5%

  • न्यूनतम स्तर: 2019–20 के बाद से सबसे कम

  • असर: मलेशियाई पाम ऑयल वायदा (Futures) पर दबाव की संभावना।

अन्य खाद्य तेल (Edible Oils)

  • सूरजमुखी तेल आयात: 20% गिरावट होकर 28 लाख टन, तीन वर्षों में सबसे कम।

कुल वनस्पति तेल आयात रुझान

  • 2024–25 कुल आयात: 1.61 करोड़ टन

  • 2023–24 से बदलाव: +1% वृद्धि

बाजार पर प्रभाव

  • सोयाबीन तेल की अधिक मांग – वैश्विक कीमतों को सहारा, जो 2025 में पहले ही 31% बढ़ चुकी हैं।

  • पाम ऑयल की घटती मांग – वैश्विक पाम ऑयल बेंचमार्क पर दबाव।

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