एसएंडपी ग्लोबल के आंकड़ों के अनुसार, भारत का सेवा क्षेत्र अगस्त 2025 में 15 साल के उच्चतम स्तर पर पहुँच गया, और एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज पीएमआई बढ़कर 62.9 हो गया। यह वृद्धि मजबूत घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मांग के कारण हुई। इस वृद्धि ने कीमतों में एक दशक से भी ज़्यादा समय में सबसे तेज़ वृद्धि को भी बढ़ावा दिया, क्योंकि कंपनियों ने बढ़ती इनपुट लागत का बोझ ग्राहकों पर डाल दिया। उत्पादन मूल्य मुद्रास्फीति जुलाई 2012 के बाद अपने उच्चतम स्तर पर पहुँच गई, जबकि निर्यात ऑर्डर में 14 महीनों में सबसे तेज़ वृद्धि देखी गई। इसके बावजूद, रोज़गार वृद्धि मामूली रही।
PMI डेटा की मुख्य बातें (अगस्त 2025)
PMI डेटा के मुख्य बिंदु
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इंडिया सर्विसेज PMI: जुलाई के 60.5 से बढ़कर अगस्त में 62.9।
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15 साल का रिकॉर्ड: 2010 के बाद सबसे तेज़ वृद्धि।
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कंपोज़िट PMI: 63.2 पर, 17 वर्षों का उच्चतम स्तर, सेवाओं और विनिर्माण दोनों में मज़बूत वृद्धि का संकेत।
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निर्यात ऑर्डर: 14 महीनों में सबसे तेज़ बढ़त।
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महंगाई (Inflation):
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आउटपुट प्राइस जुलाई 2012 के बाद सबसे अधिक स्तर पर।
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इनपुट लागत 9 महीनों में सबसे तेज़ दर से बढ़ी।
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वृद्धि के पीछे कारण
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मज़बूत घरेलू मांग: व्यवसायों को नए ऑर्डरों में तेज़ उछाल मिला।
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अंतरराष्ट्रीय मांग: निर्यात-आधारित सेवाओं को गति मिली।
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व्यापार विश्वास: विज्ञापन योजनाओं और सकारात्मक मांग पूर्वानुमान से भरोसा मज़बूत हुआ।
महंगाई का दबाव
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कंपनियों ने बढ़ी हुई इनपुट लागत का बोझ ग्राहकों तक पहुँचाया।
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आउटपुट प्राइस महंगाई 13 साल के उच्चतम स्तर पर पहुँची।
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अर्थशास्त्रियों का मानना है कि जुलाई में महंगाई 1.55% (8 वर्षों का न्यूनतम स्तर) तक गिरने के बाद अब फिर से बढ़ सकती है।
रोज़गार और व्यापार दृष्टिकोण
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रोज़गार वृद्धि: माँग तेज़ होने के बावजूद सीमित रही।
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व्यापार विश्वास: आगामी वर्ष को लेकर सकारात्मक दृष्टिकोण, विज्ञापन अभियानों और बेहतर बाज़ार परिस्थितियों पर आधारित।
व्यापक आर्थिक परिप्रेक्ष्य
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भारत की GDP पिछली तिमाही में 7.8% बढ़ी, जो उम्मीदों से अधिक रही।
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जोखिम: अमेरिका द्वारा भारतीय आयात पर 50% टैरिफ भविष्य की गति को प्रभावित कर सकता है।
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फिर भी, PMI डेटा सेवाओं और विनिर्माण दोनों में व्यापक आर्थिक मजबूती दर्शाता है।
परीक्षा हेतु मुख्य बिंदु (PMI)
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PMI (Purchasing Managers’ Index):
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यह विनिर्माण और सेवाओं दोनों क्षेत्रों में व्यावसायिक गतिविधि का संकेतक है।
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यह सर्वे-आधारित मापदंड है, जो ख़रीद प्रबंधकों की राय और धारणा को दर्शाता है।
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PMI > 50 → व्यापार गतिविधि में वृद्धि (Expansion)।
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PMI < 50 → व्यापार गतिविधि में गिरावट (Contraction)।
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