भारत के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में जुलाई 2025 में साल-दर-साल आधार पर 3.5% की वृद्धि दर्ज की गई। यह जून 2025 के 1.5% की तुलना में उल्लेखनीय सुधार है। इस वृद्धि का मुख्य कारण मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में 5.4% की तेजी रही, हालांकि खनन क्षेत्र में तेज गिरावट देखी गई। IIP विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों के प्रदर्शन को मापने का एक प्रमुख संकेतक है, जो औद्योगिक स्वास्थ्य की झलक पेश करता है।
क्षेत्रवार प्रदर्शन: मैन्युफैक्चरिंग ने संभाली कमान
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जुलाई 2025 का IIP स्तर: 155.0, जो जुलाई 2024 के 149.8 से अधिक है।
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मैन्युफैक्चरिंग: 5.4% की वृद्धि, सबसे बड़ा योगदानकर्ता।
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बिजली: मामूली 0.6% की वृद्धि।
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खनन: -7.2% की तेज गिरावट।
मैन्युफैक्चरिंग के भीतर 23 में से 14 उद्योग समूहों में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई। प्रमुख योगदानकर्ता रहे:
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मूल धातुओं का उत्पादन: 12.7% वृद्धि
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विद्युत उपकरण निर्माण: 15.9% वृद्धि
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गैर-धातु खनिज उत्पाद: 9.5% वृद्धि
इनमें वृद्धि का कारण MS स्लैब, HR कॉइल, इलेक्ट्रिक हीटर, ट्रांसफॉर्मर, सीमेंट और संगमरमर स्लैब के उत्पादन में बढ़ोतरी रहा।
कार्यप्रणाली और संशोधन
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IIP विभिन्न एजेंसियों और उत्पादन इकाइयों से प्राप्त आँकड़ों पर आधारित होता है।
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जुलाई 2025 के त्वरित अनुमान 89.5% प्रतिक्रिया दर पर आधारित रहे।
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जून 2025 के अंतिम अनुमान 93.1% प्रतिक्रिया दर के साथ संशोधित किए गए।
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आगे से IIP डेटा हर महीने की 28 तारीख को जारी किया जाएगा।
उपयोग-आधारित वर्गीकरण से संकेत
IIP को वस्तुओं के उपयोग पैटर्न के आधार पर भी वर्गीकृत किया जाता है, जिससे अर्थव्यवस्था की गतिविधियों की गहराई से जानकारी मिलती है:
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प्राथमिक वस्तुएँ: -1.7% की गिरावट
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पूंजीगत वस्तुएँ: 5.0% की वृद्धि
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मध्यवर्ती वस्तुएँ: 5.8% की वृद्धि
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बुनियादी ढांचा/निर्माण वस्तुएँ: 11.9% की छलांग
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उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएँ: 7.7% की वृद्धि
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उपभोक्ता गैर-टिकाऊ वस्तुएँ: 0.5% की हल्की वृद्धि
कुल IIP वृद्धि के शीर्ष तीन योगदानकर्ता रहे:
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बुनियादी ढांचा/निर्माण वस्तुएँ
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मध्यवर्ती वस्तुएँ
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उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएँ
यह आँकड़े बताते हैं कि भारत के औद्योगिक क्षेत्र में निवेश-आधारित और उपभोक्ता-चालित दोनों मोर्चों पर मज़बूत गति बनी हुई है।


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