अमेरिकी टैरिफ के बावजूद IMF ने भारत की विकास दर अनुमान को बढ़ाया
Posted byvikash Last updated on October 15th, 2025 11:21 am
भारत की अर्थव्यवस्था पहले के अनुमान से ज़्यादा तेज़ी से बढ़ने की उम्मीद है, भले ही उसे अमेरिका की ओर से नई व्यापार बाधाओं का सामना करना पड़ रहा हो। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारत के 2025-26 के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि अनुमान को 6.4% के अपने पूर्व अनुमान से बढ़ाकर 6.6% कर दिया है। यह वृद्धि पहली तिमाही में अनुमान से ज़्यादा मज़बूत आर्थिक प्रदर्शन को दर्शाती है, जिससे भारतीय आयातों पर उच्च अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव को कम करने में मदद मिली है।
2025 अनुमान बढ़ने के कारण
IMF के अनुसार पहली तिमाही की मजबूत गतिविधि ने वृद्धि का आधार बनाया।
जुलाई 2025 से लागू अमेरिकी आयात शुल्क के नकारात्मक प्रभाव को आंशिक रूप से संतुलित किया।
भारत की घरेलू मांग, विशेषकर उपभोग और सेवा क्षेत्र, मजबूत बनी हुई है।
नीतिगत स्थिरता और इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोत्साहन ने बाहरी व्यापार व्यवधानों के बावजूद अर्थव्यवस्था की गति बनाए रखी।
2026–27 अनुमान घटने के कारण
अमेरिकी आयात शुल्क का पूर्ण प्रभाव बाद में दिख सकता है, खासकर यदि व्यापार मात्रा कमजोर हो।
वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएँ, वित्तीय परिस्थितियों में कड़ाई और संभावित व्यापार तनाव निवेश और निर्यात मांग को सीमित कर सकते हैं।
शुल्क से बचने के लिए किए गए तात्कालिक निर्यात में अगले तिमाहियों में धीमापन (lag effect) का जोखिम।
वैश्विक आर्थिक परिदृश्य
IMF ने वैश्विक वृद्धि 2025 के लिए 3.2% (पहले 3.0%) की, जबकि 2026 में वृद्धि 3.1% रहने का अनुमान।
हाल के व्यापार झटके अपेक्षा से कम गंभीर रहे, लेकिन अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध के नए खतरे वैश्विक मांग, आपूर्ति श्रृंखला और पूंजी प्रवाह को प्रभावित कर सकते हैं।