गुजरात के कच्छ जिले के पांच गांवों में देश की पहली ‘बालिका पंचायत’ शुरू की गई है। इस पहल का उद्देश्य लड़कियों के सामाजिक और राजनीतिक विकास को बढ़ावा देना और राजनीति में उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना है। कच्छ जिले के कुनारिया, मस्का, मोटागुआ और वडसर गांवों में पंचायत शुरू की गई है. यह पहल गुजरात सरकार के महिला एवं बाल विकास कल्याण विभाग द्वारा ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत की गई है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भी देशभर में बालिका पंचायत शुरू करने की योजना बना रहा है।
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“बालिका पंचायत” के बारे में:
“बालिका पंचायत” का प्रबंधन 11-21 आयु वर्ग के लोगों द्वारा किया जाता है और इसका मुख्य उद्देश्य बालिकाओं के सामाजिक और राजनीतिक विकास को बढ़ावा देना और समाज से बाल विवाह और दहेज प्रथा जैसी कुरीतियों को दूर करना है। पंचायत का मुख्य उद्देश्य है कि लड़कियां राजनीति में आगे बढ़ें। बालिका पंचायत में सदस्य को ग्राम पंचायत की तरह ही मनोनीत किया जाता है।
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