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भारत ने हीमोफीलिया के लिए जीन थेरेपी में सफलता हासिल की

भारत ने चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। BRIC-inStem और CMC वेल्लोर के सहयोग से हीमोफिलिया के लिए भारत के पहले मानव-जीन चिकित्सा परीक्षण (First-in-Human Gene Therapy Trial) का सफलतापूर्वक संचालन किया गया है। हाल ही में इस परियोजना की समीक्षा यात्रा के दौरान केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जैव प्रौद्योगिकी (Biotechnology) केवल एक विज्ञान का क्षेत्र नहीं है, बल्कि भारत के भविष्य की आर्थिक वृद्धि और स्वास्थ्य सेवा सुधार का एक रणनीतिक स्तंभ है। मंत्री ने भारत के तेजी से बढ़ते बायोटेक सेक्टर को रेखांकित करते हुए BRIC-inStem जैसी संस्थाओं की सराहना की, जो प्रयोगशाला से वास्तविक जीवन की स्वास्थ्य देखभाल समाधानों तक अनुसंधान को सफलतापूर्वक पहुंचा रही हैं।

मुख्य बिंदु

जीन थेरेपी में मील का पत्थर

  • भारत में हीमोफीलिया के लिए पहला मानव जीन थेरेपी परीक्षण सफलतापूर्वक जारी।

  • BRIC-inStem और CMC वेल्लोर के सहयोग से आयोजित।

  • मंत्री ने इसे भारत की वैज्ञानिक यात्रा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताया।

डॉ. जितेंद्र सिंह की रणनीतिक यात्रा

  • बेंगलुरु में BRIC-inStem की सुविधाओं का निरीक्षण किया।

  • चल रहे नैदानिक परीक्षणों और अनुसंधान कार्यों की समीक्षा की।

राष्ट्र निर्माण में जैव प्रौद्योगिकी

  • मंत्री ने जैव प्रौद्योगिकी को सिर्फ विज्ञान नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बताया।

  • जैव प्रौद्योगिकी को भारत की आर्थिक और सार्वजनिक स्वास्थ्य रणनीति में जोड़ने का आह्वान किया।

बायोटेक सेक्टर का विकास

  • पिछले एक दशक में जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र 16 गुना बढ़कर 2024 में $165.7 बिलियन तक पहुंचा।

  • लक्ष्य: 2030 तक $300 बिलियन तक पहुँचना।

  • BIO-E3 नीति (अर्थव्यवस्था, रोजगार, पर्यावरण) जैसी नीतियों द्वारा प्रोत्साहित।

स्टार्टअप और नवाचार

  • 10 साल पहले 50 स्टार्टअप थे, अब 10,000 से अधिक बायोटेक स्टार्टअप्स।

  • BRIC के नवाचारों में शामिल:

    • COVID-19 काल में रोगाणुनाशक एंटी-वायरल मास्क।

    • किसान कवच – किसानों को न्यूरोटॉक्सिक कीटनाशकों से बचाने के लिए।

संस्थागत सुधार

  • बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च एंड इनोवेशन काउंसिल (BRIC) का गठन।

  • 14 स्वायत्त अनुसंधान संस्थानों को एक छत के नीचे लाया गया।

इन्फ्रास्ट्रक्चर और सुविधाएं

  • बायोसेफ्टी लेवल III प्रयोगशाला: वन हेल्थ मिशन और महामारी तैयारी के लिए महत्वपूर्ण।

  • CReATE सेंटर: भ्रूण विज्ञान, बांझपन और जन्म दोष अनुसंधान पर केंद्रित।

  • भारत में 3–4% नवजात शिशुओं में जन्म दोष की समस्या के समाधान के लिए महत्वपूर्ण।

भविष्य के लिए मंत्री द्वारा सुझाए गए दिशानिर्देश

  • नैदानिक और वैज्ञानिक सहयोग को मजबूत करने के लिए MD-PhD कार्यक्रम शुरू करना।

  • अनुसंधान की संचार रणनीति को बेहतर बनाना।

  • BRIC-inStem द्वारा किए जा रहे कार्यों की राष्ट्रीय स्तर पर दृश्यता बढ़ाने की आवश्यकता पर बल।

डॉ. जितेंद्र सिंह का उद्धरण

  • “जैव प्रौद्योगिकी अब केवल एक विज्ञान नहीं रही—यह हमारी राष्ट्रीय रणनीति का एक स्तंभ है।”

  • “जैसा कि मार्क ट्वेन ने कहा था, अर्थव्यवस्था बहुत गंभीर विषय है कि उसे केवल अर्थशास्त्रियों पर न छोड़ा जाए।”

सारांश/स्थैतिक विवरण
खबर में क्यों? हीमोफीलिया के लिए जीन थेरेपी में भारत की ऐतिहासिक उपलब्धि
दौरा किया गया संस्थान BRIC-inStem, बेंगलुरु
समीक्षा किया गया प्रमुख परीक्षण हीमोफीलिया के लिए जीन थेरेपी परीक्षण (CMC वेल्लोर के साथ)
मंत्री का दृष्टिकोण जैव प्रौद्योगिकी को राष्ट्र निर्माण और भविष्य की आर्थिक वृद्धि का आधार बनाना
जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र की वृद्धि 2024 में $165.7 बिलियन, 2030 तक $300 बिलियन का लक्ष्य
स्टार्टअप उछाल 10,000+ बायोटेक स्टार्टअप (10 साल पहले केवल 50 थे)
प्रमुख नवाचार एंटी-वायरल मास्क, किसान कवच (कीटनाशक सुरक्षा कवच)
नई प्रमुख सुविधाएं बायोसेफ्टी लेवल III लैब, भ्रूण विज्ञान व नवजात अनुसंधान हेतु CReATE केंद्र
नीति समर्थन BIO-E3 नीति (अर्थव्यवस्था, रोजगार, पर्यावरण को बढ़ावा)
संस्थागत एकीकरण 14 अनुसंधान संस्थानों को मिलाकर BRIC का गठन
मंत्री के सुझाव MD-PhD कार्यक्रम शुरू करना, संचार को सशक्त बनाना, नैदानिक सहयोग को बढ़ाना
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