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भारत ने ड्रोन हमलों से निपटने हेतु स्वदेशी प्रणाली भार्गवस्त्र का सफल परीक्षण किया

भारत ने ‘भार्गवास्त्र’ का सफल परीक्षण किया है, जो एक स्वदेशी विकसित उन्नत हथियार प्रणाली है, जिसे आधुनिक युद्ध में बढ़ते ड्रोन स्वार्म खतरों से निपटने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसे सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड (SDAL) ने विकसित किया है। भार्गवास्त्र में हार्ड-किल और सॉफ्ट-किल तकनीकों का संयोजन है, जिससे यह शत्रु ड्रोन झुंडों को सटीकता से पहचानकर निष्क्रिय करने में सक्षम है। यह बहु-स्तरीय प्रणाली भारत की रक्षा क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण बढ़ोतरी का प्रतीक है।

क्यों है ख़बरों में?

भार्गवास्त्र का परीक्षण ऐसे समय में हुआ है जब ड्रोन स्वार्म युद्ध रणनीतियों में एक प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। हाल के महीनों में पाकिस्तान द्वारा संचालित ड्रोन घुसपैठ की घटनाएँ बढ़ी हैं, जिससे यह परीक्षण और अधिक प्रासंगिक हो गया है। यह भारत की तकनीकी श्रेष्ठता और राष्ट्रीय सुरक्षा को मज़बूत करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

उद्देश्य और लक्ष्य

  • स्वदेशी रूप से ऐसी प्रणाली का विकास करना जो दुश्मन के ड्रोन झुंडों को पहचान, ट्रैक और नष्ट कर सके।

  • हार्ड-किल सॉफ्ट-किल तकनीकों का एकीकृत उपयोग।

  • ऐसी प्रणाली प्रदान करना जो मोबाइल, अनुकूलनीय और उच्च ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात की जा सके।

  • नेटवर्क-केंद्रित युद्ध क्षमताओं को सुदृढ़ करना जिससे एक साथ कई लक्ष्यों को निशाना बनाया जा सके।

पृष्ठभूमि

  • ड्रोन स्वार्म एक साथ संचालित कई ड्रोनों का समूह होता है, जो अक्सर AI का प्रयोग करते हैं।

  • ये एक साथ कई दिशाओं से हमला करते हैं, साथ ही डिकॉय (छलावा) ड्रोन का उपयोग कर रक्षात्मक प्रणाली को भ्रमित करते हैं।

  • पाकिस्तान ने हाल ही में तुर्की-निर्मित कामिकाज़े ड्रोन भारतीय सैन्य ठिकानों पर प्रयोग किए हैं, जिससे भारत में उन्नत प्रतिरोधी प्रणालियों की आवश्यकता महसूस हुई।

प्रमुख विशेषताएँ

  • हार्ड-किल मोड:

    • अनगाइडेड माइक्रो रॉकेट्स का प्रयोग करता है।

    • मारक दायरा: 20 मीटर

    • प्रभावी रेंज: 2.5 किलोमीटर तक

  • गाइडेड माइक्रो मिसाइलें:

    • ड्रोन झुंड के उच्च-मूल्य वाले लक्ष्यों पर सटीक प्रहार

  • सॉफ्ट-किल तकनीक:

    • जैमिंग और स्पूफिंग से दुश्मन के ड्रोन को भ्रमित करना

  • डिटेक्शन सिस्टम:

    • रडार रेंज: 6 से 10 किमी

    • EO/IR सेंसरकम रडार क्रॉस-सेक्शन वाले ड्रोनों की पहचान हेतु

  • गतिशीलता:

    • मॉड्यूलर कॉन्फ़िगरेशनकिसी भी इलाके, विशेषकर उच्च पर्वतीय क्षेत्रों के लिए अनुकूल

    • मौजूदा नेटवर्क-केंद्रित प्रणालियों से पूर्णतः संगत

महत्त्व

  • भारत की आत्मनिर्भर रक्षा तकनीक में बड़ी छलांग

  • रणनीतिक सैन्य परिसंपत्तियों और ढांचे की रक्षा को सुदृढ़ करता है

  • युद्ध क्षेत्र में स्थितिजन्य जागरूकता और तेज़ प्रतिक्रिया क्षमताओं में सुधार

  • उभरती ड्रोन आधारित युद्ध तकनीकों के युग में भारत की मज़बूत उपस्थिति

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