भारतीय सेना ने प्रोजेक्ट नमन के पहले चरण की शुरुआत की है। प्रोजेक्ट नमन को डिफेंस पेंशनर्स, वेटरन और उनके परिवारों की मदद के लिए डिजाइन किया गया है। प्रोजेक्ट नमन, स्पर्श (सिस्टम फॉर पेंशन एडमिनिस्ट्रेशन रक्षा), डिजिटल पेंशन प्रणाली के कार्यान्वयन पर केंद्रित है, जो डिफेंस पेंशनर्स के लिए पेंशन संबंधी प्रक्रियाओं को सुगम बनाती है। प्रोजेक्ट नमन की शुरुआत के मौके पर सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन (AWWA) की अध्यक्ष सुनीता द्विवेदी भी मौजूद थे।
सेना की तरफ से जारी विज्ञप्ति के अनुसार प्रोजेक्ट नमन के लॉन्च के अवसर पर बोलते हुए, जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि इस सेवा की शुरुआत से वेटरन और उनके परिवारों को वह देखभाल और मदद मिलेगी, जिसके वे हकदार हैं। उन्होंने सैन्य स्टेशनों और आसपास के इलाकों की पूरी आबादी तक इन आवश्यक सेवाओं को पहुंचाने पर जोर दिया।
त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर
इस परियोजना में रिसेप्शन और सुविधा केंद्रों की स्थापना शामिल है। इसके लिए पिछले साल सितंबर 2023 में इंडियन आर्मी डायरेक्टोरेट ऑफ इंडियन आर्मी वेटरन (एडजुटेंट जनरल की शाखा), कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) ई-गवर्नेंस इंडिया लिमिटेड और एचडीएफसी बैंक लिमिटेड के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुए थे। ये कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) सेना के वेटरन, पेंशनभोगियों, युद्ध विधवाओं और नेक्स्ट ऑफ किन को स्पर्श पेंशन सर्विसेज जैसे गर्वनमेंट टू सिटिजन (G2C) और बिजनेस टू कंज्यूमर सेवाएं प्रदान करते हैं।
आईटी इंफ्रास्टक्चर मुहैया
प्रोजेक्ट नमन के पहले चरण में, नई दिल्ली, जालंधर, लेह, देहरादून, लखनऊ, जोधपुर, बेंगलुरू, गोरखपुर, झांसी, सिकंदराबाद, सागर, गुंटूर, अहमदाबाद और बैंगलोर समेत देशभर में प्रमुख जगहों पर 14 सीएससी बनाए गए हैं। वहीं, अगले 2-3 वर्षों में देश भर में लगभग 200 केंद्र स्थापित करने की योजना है। जबकि एचडीएफसी बैंक ने सीएससी को चालू करने के लिए आवश्यक आईटी इंफ्रास्टक्चर मुहैया कराया है। वहीं, लोकल मिलिट्री स्टेशंस ने इंफ्रास्टक्चर और सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं।
भारतीय सेना की प्रतिबद्धता
प्रोजेक्ट नमन की कल्पना डिफेंस कम्यूनिटी से काफी विचार-विमर्श के बाद क्रियान्वित हुई है, जो सेवारत और सेवानिवृत्त सशस्त्र बलों के कर्मियों के बीच सौहार्द को बढ़ावा देने के लिए भारतीय सेना की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। वहीं, प्रत्येक सीएससी का प्रबंधन एक ग्राम स्तरीय उद्यमी (वीएलई) करता है, जिसे संबंधित स्थानीय सैन्य अधिकारियों (एलएमए) द्वारा वेटरन या एनओके में से चुना जाता है। इन वीएलई को सीएससी ई-गवर्नेंस इंडिया लिमिटेड द्वारा शामिल किया गया है और उन्हें आवश्यक सेवाएं प्रदान करने के लिए व्यापक प्रशिक्षण दिया जाता है। एचडीएफसी बैंक भी वीएलई को पहले 12 महीनों के लिए 20,000 रुपये की मासिक अनुदान प्रदान करता है।
भारतीय सेना की प्रतिबद्धता
प्रोजेक्ट नमन भारतीय सेना के वेटरन और उनके परिवारों के कल्याण के प्रति समर्पण को दर्शाता है। स्पर्श केंद्रित सुविधा, सामान्य रूप से आवश्यक ई-गवर्नेंस सेवाएं और एक ही स्थान पर बैंकिंग सल्यूशंस प्रदान करके, वेटरन और नेक्स्ट ऑफ किन के लिए रोजगार उद्यमशीलता के अवसर भी पैदा करती है।