भारत में सेना दिवस, देश और इसके नागरिकों की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले बहादुर सैनिकों को सलाम करने के लिए प्रतिवर्ष 15 जनवरी को मनाया जाता है. इस वर्ष में 73वाँ भारतीय सेना दिवस है. हमारे देश के सैनिकों को निस्वार्थ सेवा और भाईचारे की सबसे बड़ी मिसाल कायम करने के लिए, और सबसे बढ़कर, देश के लिए प्यार करने के लिए सभी सेना कमान मुख्यालय में सेना दिवस मनाया जाता है.
भारत में सेना दिवस का इतिहास:
यह दिन उस दिन को याद करने के लिए मनाया जाता है जब जनरल (बाद में फील्ड मार्शल) केएम करियप्पा ने जनरल सर एफआरआर बुचर, 1949 में अंतिम ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ से सेना की कमान संभाली और स्वतंत्रता के बाद भारतीय सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ बने.
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भारतीय सेना के बारे में:
भारतीय सेना विश्व की सबसे शक्तिशाली सेनाओं में से एक है, जो अमेरिका, रूस और चीन जैसे महाशक्तियों के साथ प्रतिस्पर्धा करती है. भारतीय सेना का आदर्श वाक्य ‘स्वयं से पहले सेवा (service before self)’ है और इसका मिशन राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रीय एकता सुनिश्चित करना, बाहरी आक्रमण और आंतरिक खतरों से राष्ट्र की रक्षा करना और अपनी सीमाओं के भीतर शांति और सुरक्षा बनाए रखना है. उन बहादुर सैनिकों को सलाम, जो हमारी रक्षा के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर बलिदान करते हैं. यहां तक कि भारत के प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने 1965 में “जय जवान जय किसान” का नारा दिया था.
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य:
- 28 वें सेनाध्यक्ष: जनरल मनोज मुकुंद नरवाने.